राजस्थान की लोकदेवियाँ
राजस्थान की लोकदेवियाँ MCQ Quiz और Test Series: राजस्थान के प्रसिद्ध किलों जैसे चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, जैसलमेर, मेहरानगढ़, रणथम्भौर, आमेर आदि से संबंधित 100+ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए हैं। यह MCQ RPSC, RSMSSB, REET, Patwar, Police, LDC, Teacher और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। हर सवाल के साथ सही उत्तर और explanation दिया गया है, ताकि परीक्षा की तैयारी को मजबूत किया जा सके। राजस्थान के किलों के इतिहास, वास्तुकला, निर्माणकर्ता, और महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित ये प्रश्न आपके GK को बेहतर बनाएंगे।
Subject | राजस्थान की कला एवं संस्कृति |
Topic | ‘राजस्थान की लोकदेवियाँ’ |
Mode | Multiple Choice Questions (MCQ) |
Questions | 100 |
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राजस्थान की लोकदेवियाँ MCQ
- शीतला माता का मुख्य मन्दिर कहां अवस्थित है?
A. आमेर
B. चाकसू
C. सांगानेर
D. विराट नगर
उत्तर: B
व्याख्या: शीतला माता का मंदिर चाकसू (जयपुर) में स्थित है। यहीं पर शीतलाष्टमी का प्रसिद्ध मेला भरता है। यह मंदिर शील डूंगरी नामक पहाड़ीपर बना हुआ है। इसका निर्माण सवाई माधोसिंह प्रथम ने करवाया था। - राजस्थान की कौनसी विख्यात लोकदेवी का संबंध चूहों से है?
A. शीला माता
B. करणी माता
C. नागणेचीया माता
D. शीतला माता
उत्तर: B
व्याख्या: करणी माता को “चूहों की देवी” कहा जाता है। यह मंदिर देशनोक (बीकानेर) में स्थित है। करणी माता बीकानेर की आराध्य देवी और चारण जाति की कुलदेवी मानी जाती हैं। यहाँ हजारों चूहे मंदिर में रहते हैं, जिन्हें काबा कहा जाता है। इस मंदिर में चांदी के किवाड़ अलवर महाराजा बख्तावर सिंह ने बनवाए थे। - राजस्थान में तीर्थयात्रा पर जाते समय पूजा की जाती है?
A. दुर्गा माता की
B. देवरा की
C. पथवारी देवी की
D. सांझी की
उत्तर: C
व्याख्या: राजस्थान में जब भी तीर्थयात्रा पर जाते हैं, तो सबसे पहले पथवारी माता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पथवारी देवी मार्ग की रक्षकहोती हैं और यात्रा सुरक्षित बनाती हैं। - मेहरानगढ़ दुखान्तिका के जांच आयोग के अध्यक्ष हैं:
A. एन. एन. माथुर
B. जसराज चौपड़ा
C. इन्द्र सेन इसरानी
D. पी. के. तिवाड़ी
उत्तर: B
व्याख्या: मेहरानगढ़ (जोधपुर) की चामुंडा माता पड़िहारों की कुलदेवी हैं जिन्हें राव जोधा ने मंडोर से लाकर स्थापित किया था। 30 सितम्बर 2008 को मेहरानगढ़ दुखान्तिका में 216 लोग मारे गए थे। इस घटना की जांच के लिए गठित आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जसराज चौपड़ा बने। - गुप्तकालीन ‘भ्रमर माता का मंदिर’ कहाँ पर स्थित है?
A. सोजत
B. छोटी सादड़ी
C. पेरवा
D. ऐरणपुरा
उत्तर: B
व्याख्या: भ्रमर माता का मंदिर छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़) में स्थित है। यह मंदिर गुप्तकालीन है और राजलगढ़ राजपरिवार की कुलदेवी माना जाता है। इसका निर्माण राजा यशगुप्त की गौरी द्वारा कराया गया था। यहाँ से वि.स. 547 का शिलालेख भी प्राप्त हुआ है। - “बाण-माता” किस राजपरिवार की कुलदेवी थी?
A. मेवाड़
B. बीकानेर
C. जोधपुर
D. जयपुर
उत्तर: A
व्याख्या: बाण माता मेवाड़ के सूर्यवंशी गहलोत/सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी मानी जाती हैं। यह चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित हैं। वर्तमान में मंदिर की पूजा और देखभाल पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा की जाती है। बाण माता मण्डोवरा राजपूतों की भी कुलदेवी हैं। उदयपुर और कुंभलगढ़ में भी इनके मंदिर स्थित हैं। - तनोट देवी का मंदिर किस जिले में स्थित है?
A. जयपुर
B. डुंगरपुर
C. जैसलमेर
D. जालौर
उत्तर: C
व्याख्या: तनोट माता का मंदिर जैसलमेर जिले में स्थित है। इन्हें थार की वैष्णों देवी और सेना की देवी कहा जाता है। 1965 के भारत-पाक युद्ध में इस मंदिर से जुड़ी कई गौरव गाथाएँ प्रसिद्ध हैं। मंदिर की पूजा और देखभाल BSF के जवानों द्वारा की जाती है। - निम्न में से किस लोक देवी को “थार की वैष्णों देवी” कहा जाता है?
A. जीण माता
B. चामुण्डा
C. ज्वाला माता
D. तनोट माता
उत्तर: D
व्याख्या: तनोट माता को “थार की वैष्णों देवी” कहा जाता है। यह मंदिर जैसलमेर जिले के तनोट नगर में स्थित है, जिसे भाटी शासक रानी तनुराव ने बसाया था। इन्हें देवी हिंगलाज का पुनर्जन्म भी माना जाता है। यह मंदिर BSF के जवानों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। - त्रिपुरा सुंदरी देवी का मंदिर कहां स्थित है?
A. बांसवाड़ा
B. उदयपुर
C. डूंगरपुर
D. चित्तौड़
उत्तर: A
व्याख्या: त्रिपुरा सुंदरी देवी का मंदिर बांसवाड़ा के तलवाड़ा में स्थित है। यह प्राचीन तांत्रिक शक्तिपीठ है। देवी की प्रतिमा काले पत्थर की अठारह भुजाओं वाली है जो सिंह पर सवार है। इन्हें तुरताई माता भी कहा जाता है। यह मंदिर पांचाल जाति की कुलदेवी मानी जाती हैं। - अलवर क्षेत्र की लोकदेवी के रूप में किसे मान्यता प्राप्त है?
A. सुगाली माता
B. सच्चिया माता
C. लटियाला माता
D. जिलाणी माता
उत्तर: D
व्याख्या: जिलाणी माता को अलवर क्षेत्र की लोकदेवी माना जाता है। यह मंदिर बहरोड़ (अलवर) में स्थित है, जिसे लगभग 500 वर्ष पूर्व सिसोदिया वंश ने बनवाया था। यहाँ वर्ष में दो बार मेला भरता है – चैत्र और आश्विन नवरात्रा में।
- लटियाल माता का मन्दिर राजस्थान में किस स्थान पर अवस्थित है?
A. घाणेराव में
B. फलोदी में
C. जसोल में
D. हडवेचा में
उत्तर: B
व्याख्या: लटियाला माता का मंदिर फलोदी (जोधपुर) में स्थित है। इनके अन्य मंदिर नया शहर (बीकानेर) और लोद्रवा (जैसलमेर) में भी हैं। खेजड़ी के पेड़ के आगे मंदिर होने के कारण इन्हें खेजड़ बेरी राय भवानी भी कहा जाता है। यह कल्ला ब्राह्मणों की कुलदेवी हैं। - दधीमती माता का मन्दिर स्थित है-
A. कंसुआ (कोटा)
B. ओसियां (जोधपुर)
C. गोठ मांगलोद (नागौर)
D. पीपलूद (बाड़मेर)
उत्तर: C
व्याख्या: दधीमती माता का मंदिर नागौर जिले के गोठ मांगलोद में स्थित है। यह दाधिच ब्राह्मणों की कुलदेवी हैं। मंदिर का निर्माण प्रतिहार शासक भोजदेव प्रथम ने 836 ई. में करवाया था। इसकी वास्तुकला प्रतिहारकालीन महामारु और नागर शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। - राणी भटियाणी माता का मूल नाम क्या था?
A. रिद्धी बाई
B. करमेती बाई
C. बोजा बाई
D. फूला बाई
उत्तर: B
व्याख्या: रानी भटियाणी माता का मूल नाम करमेती बाई था। इन्हें भुआ-सा के नाम से भी जाना जाता है। इनका मंदिर जसोल (बालोतरा, बाड़मेर) में स्थित है। यह विशेष रूप से ढोली जाति की आस्था का प्रमुख केंद्र है और पश्चिमी राजस्थान व सिंध (पाकिस्तान) में इनकी पूजा होती है। - महाराणा कुम्भा ने महमूद खिलजी प्रथम को हराने के बाद किस देवी के मंदिर का निर्माण करवाया था?
A. बाण माता
B. कुशाला माता
C. बिरवड़ी माता
D. इडाणा माता
उत्तर: B
व्याख्या: महाराणा कुम्भा ने 1457 ई. में बैराठगढ़ (बदनौर) के युद्ध में महमूद खिलजी प्रथम को हराने के बाद कुशाला माता का मंदिर बनवाया था। यह घटना मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। - कौनसी देवी 1857 की क्रांति की देवी कही जाती है?
A. मरकंडी माता
B. शाकंभरी माता
C. सुगाली माता
D. त्रिपुरा सुंदरी
उत्तर: C
व्याख्या: सुगाली माता को 1857 की क्रांति की देवी कहा जाता है। माना जाता है कि 1857 के स्वाधीनता संग्राम में क्रांतिकारियों ने इन्हें प्रेरणास्त्रोत देवी के रूप में पूजा था। इसी कारण इनका संबंध स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़कर देखा जाता है। - कौनसी देवी ‘उल्लास की देवी’ भी कहलाती है?
A. महोदरी माता
B. शाकंभरी माता
C. ज्वाला माता
D. हर्षद् माता
उत्तर: D
व्याख्या: हर्षद माता को ‘उल्लास की देवी’ कहा जाता है। इनका मंदिर 8वीं शताब्दी में राजा चाँद द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर प्रतिहार कालीन वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। - पांचाल जाति की कुल देवी हैं?
A. त्रिपुरा सुंदरी
B. सुन्धा माता
C. चौथ माता
D. विरात्रा माता
उत्तर: A
व्याख्या: त्रिपुरा सुंदरी देवी को पांचाल जाति की कुलदेवी माना जाता है। बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा में स्थित इस मंदिर में देवी की अठारह भुजाओं वाली प्रतिमा सिंह पर विराजमान है। - जिलाणी माता का मंदिर स्थित है?
A. बहरोड़ (कोटपूतली-बहरोड़)
B. बहतु कलां (अलवर)
C. नीमराना (कोटपूतली-बहरोड़)
D. भिवाड़ी (खैरथल-तिजारा)
उत्तर: A
व्याख्या: जिलाणी माता का मंदिर बहरोड़ (अलवर) में स्थित है। यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पूर्व सिसोदिया वंश द्वारा बनवाया गया था। यहाँ वर्ष में दो बार चैत्र और आश्विन नवरात्रा में मेला लगता है। - मरकंडी माता (मगरमंडी माता) का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. अर्थना (बाँसवाड़ा)
B. शाहबाद (बारां)
C. निमाज (व्यावर)
D. चितलवाना (सांचौर)
उत्तर: C
व्याख्या: मरकंडी माता का मंदिर व्यावर (निमाज) में स्थित है। इन्हें मगरमंडी माता भी कहा जाता है। यह क्षेत्रीय लोकदेवी स्थानीय समाज की आराध्य शक्ति के रूप में पूजनीय है।
20. तुलजा भवानी मंदिर किस किले में स्थित है?
A. चितौड़गढ़
B. शाहबाद (बारां)
C. रणथम्भौर (सवाईमाधोपुर)
D. तारागढ़ (बूंदी)
उत्तर: A
व्याख्या: तुलजा भवानी मंदिर चित्तौड़गढ़ किले में स्थित है। यह रामपोल प्रवेश द्वार के पास है। मंदिर का निर्माण बनवीर ने तुलादान से प्राप्त धन से करवाया था। यह मंदिर शक्ति उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है
- धौलागढ़ देवी का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. बानसूर (कोटपूतली-बहरोड़)
B. बहतु कलां (अलवर)
C. मांढण (कोटपूतली-बहरोड़)
D. हरसौली (खैरथल तिजारा)
उत्तर: B
व्याख्या: धौलागढ़ देवी का मंदिर अलवर जिले के बहतु कलां गाँव में स्थित है। यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र माना जाता है। नवरात्रा और विशेष अवसरों पर यहाँ मेला भरता है। - डाढ़ देवी का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. बाँसवाड़ा
B. बारां
C. कोटा
D. बूंदी
उत्तर: C
व्याख्या: डाढ़ देवी का मंदिर कोटा जिले में स्थित है। यह मंदिर आसपास के लोगों की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। - कौनसी लोकदेवी ‘अग्नि स्नान करने वाली देवी’ के नाम से भी जानी जाती है?
A. दिवाक माता
B. कुशाला माता
C. बिरवड़ी माता
D. इडाणा माता
उत्तर: D
व्याख्या: इडाणा माता का मंदिर सलूम्बर (उदयपुर) के बम्बोरा में स्थित है। इन्हें ‘मेवल की महारानी’ भी कहा जाता है। विशेष बात यह है कि इनके मंदिर की कोई छत नहीं है और यहाँ प्रतिमा के पास समय-समय पर स्वतः अग्नि प्रकट होती है, जिससे माता का श्रृंगार और चुनरी जलकर स्वाहा हो जाते हैं। - चारभुजा देवी का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. गढ़बोर (राजसमंद)
B. मंडफिया (चितौड़गढ़)
C. सोजत (पाली)
D. खमनोर (राजसमंद)
उत्तर: A
व्याख्या: चारभुजा जी का मंदिर राजसमंद जिले के गढ़बोर में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यहाँ की प्रतिमा के चार भुजाएँ हैं, इसलिए इसे चारभुजा कहा जाता है। यह मंदिर वैष्णव श्रद्धालुओं का प्रमुख तीर्थ है। - कौनसी देवी ‘शिशु रक्षक देवी’ कहलाती है?
A. खोडियार माता
B. कैला माता
C. कोडिया देवी
D. महामाया/मावली
उत्तर: D
व्याख्या: महामाया (मावली माता) को ‘शिशु रक्षक देवी’ कहा जाता है। मान्यता है कि इनके आशीर्वाद से बच्चों को सुरक्षा और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस कारण माता को राजस्थान के कई क्षेत्रों में विशेष भक्ति से पूजा जाता है। - कौनसी लोकदेवी के मंदिर में लोग अपने परिजनों को जेल छुड़वाने के लिए हथकड़ी व बेड़ियाँ चढ़ाते हैं?
A. दिवाक माता
B. कुशाला माता
C. बिरवड़ी माता
D. इडाणा माता
उत्तर: A
व्याख्या: दिवाक माता का मंदिर प्रतापगढ़ जिले के जोलर में स्थित है। यहाँ श्रद्धालु मान्यता अनुसार अपने बंदी परिजनों की रिहाई की प्रार्थना करते हैं और हथकड़ी व बेड़ियाँ चढ़ाते हैं। - राणी सती का मन्दिर स्थित है?
A. झुंझुनूं
B. सीकर
C. चुरू
D. अजमेर
उत्तर: A
व्याख्या: रानी सती का मंदिर झुंझुनूं में स्थित है। यह मंदिर अग्रवाल समाज की कुलदेवी को समर्पित है और संगमरमर से निर्मित है। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद अमावस्या को विशाल मेला भरता है। - जालौर के सोनगरा चौहानों की कुल देवी है?
A. महोदरी माता
B. शाकंभरी माता
C. ज्वाला माता
D. आमजा माता
उत्तर: A
व्याख्या: महोदरी माता को जालौर के सोनगरा चौहानों की कुलदेवी माना जाता है। यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए गौरव और आस्था का प्रतीक है। - मेहरानगढ़ में चामुण्डा माता का मंदिर किस शासक ने बनवाया?
A. राव धूहड़
B. राव चूडा
C. राव जोधा
D. राव बीका
उत्तर: C
व्याख्या: चामुंडा माता का मंदिर जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में स्थित है। इसे राव जोधा ने बनवाया था और यह राठौड़ वंश की आराध्य देवी मानी जाती हैं।
30. निम्न में से कौनसा नाम तनोट माता के लिए नहीं कहा जाता?
A. थार की वैष्णों देवी
B. रूमाल वाला मंदिर
C. सेना की देवी
D. भाटी राजवंश की कुलदेवी
उत्तर: D
व्याख्या: तनोट माता को ‘थार की वैष्णों देवी’, ‘सेना की देवी’ और ‘रूमाल वाली माता’ कहा जाता है। परंतु भाटी राजवंश की कुलदेवी स्वांगीय माता मानी जाती हैं, न कि तनोट माता।
- करणी माता के बारे में निम्न में से कौनसा कथन असत्य है?
A. करणी माता का जन्म साठीका गाँव में हुआ था।
B. इन्होंने मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव रखी थी।
C. देशनोक मंदिर का निर्माण चांदमल ढड्डा ने करवाया।
D. इनका बचपन का नाम रिद्धि बाई था।
उत्तर: A
व्याख्या: करणी माता का जन्म सुआप गाँव (फलौदी) में हुआ था। इनका विवाह साठीका गाँव (बीकानेर) के देपाजी बीतू के साथ हुआ था। अतः विकल्प (A) असत्य है। - उदयपुर के सिसोदिया वंश की कुलदेवी है?
A. कालिका माता
B. बाणमाता
C. आमजा देवी
D. बड़ली माता
उत्तर: B
व्याख्या: उदयपुर के सिसोदिया वंश की कुलदेवी बाण माता हैं। इनका प्रमुख मंदिर चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित है और यह मेवाड़ की शक्ति उपासना का प्रतीक है। - त्रिपुरा सुन्दरी का मन्दिर कहाँ पर स्थित है?
A. तलवाड़ा (बाँसवाड़ा)
B. शाहबाद (बारां)
C. लवाण (दौसा)
D. गंगधार (झालावाड़)
उत्तर: A
व्याख्या: त्रिपुरा सुंदरी देवी का मंदिर बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा में स्थित है। यह प्राचीन तांत्रिक शक्तिपीठ है और पाँचाल जाति की कुलदेवी मानी जाती हैं। - निम्न में से कौनसा मंदिर जैसलमेर में नहीं है?
A. स्वांगिया माता
B. भादरिया राय
C. सच्चियाय माता
D. घटियाली माता
उत्तर: C
व्याख्या: सच्चियाय माता का मंदिर जैसलमेर में नहीं बल्कि औसियां (जोधपुर) में स्थित है। इसलिए विकल्प (C) सही उत्तर है। - कौनसी देवी ‘बच्चों की संरक्षिका’ कहलाती है?
A. शीतला माता
B. जीण माता
C. करणी माता
D. शीला देव
उत्तर: A
व्याख्या: शीतला माता को ‘बच्चों की संरक्षिका देवी’ कहा जाता है। मान्यता है कि इनके आशीर्वाद से बच्चों को रोग और विपत्ति से सुरक्षा मिलती है। - राठौड़ वंश की कुल देवी है?
A. नागणेची माता
B. जीण माता
C. करणी माता
D. हिंगलाज देवी
उत्तर: A
व्याख्या: नागणेची माता को राठौड़ वंश की कुलदेवी माना जाता है। वहीं करणी माता बीकानेर के राठौड़ राजघराने की आराध्य देवी हैं। - असंगत छांटिये –
A. तुलजा भवानी – चितौड़गढ़
B. नकटी माता – उदयपुर
C. महामाया – उदयपुर
D. छींछ माता – बाँसवाड़ा
उत्तर: B
व्याख्या: नकटी माता का मंदिर जयपुर जिले के जयभवानीपुरा में स्थित है, न कि उदयपुर में। इसलिए विकल्प (B) असंगत है। - असंगत छांटिये –
A. भोपा जाति की कुल देवी – विरात्रा माता
B. ओसवालों की कुल देवी – सच्चियाय माता
C. सिरवी जाति की कुल देवी – आई माता
D. कन्जर जाति की कुल देवी – आमजा माता
उत्तर: D
व्याख्या: कन्जर जाति की कुलदेवी चौथ माता (सawai माधोपुर, चौथ का बरवाड़ा) हैं। जबकि आमजा माता भील समुदाय की कुलदेवी हैं। इसलिए विकल्प (D) असंगत है। - रियासतों की कुलदेवियों का – असंगत युग्म छांटिये
A. जयपुर – शीला देवी
B. कोटा – भदाणा माता
C. भरतपुर – राजेश्वरी माता
D. उदयपुर – बाण माता
उत्तर: A
व्याख्या: जयपुर रियासत की कुलदेवी जमुवाय माता हैं, न कि शीला देवी। इसलिए विकल्प (A) असंगत है।
40. किस देवी की पीठ की पूजा, पीठ का श्रृंगार व पीठ के दर्शन किये जाते हैं?
A. अंबिका माता
B. जीण माता
C. ब्रह्माणी माता
D. सुंधा माता
उत्तर: C
व्याख्या: ब्रह्माणी माता का मंदिर सौरसेन (बारां) में स्थित है। यहाँ पर विशेष रूप से पीठ की पूजा और पीठ का श्रृंगार किया जाता है। माघ शुक्ल सप्तमी को यहाँ मेला लगता है और इसी दिन गधों का मेला भी भरता है।
- जीण माता का मन्दिर कहाँ पर है?
A. जयपुर
B. सीकर
C. डूंगरपुर
D. जालौर
उत्तर: B
व्याख्या: जीण माता का मंदिर सीकर जिले में स्थित है। यह शेखावाटी क्षेत्र की प्रमुख शक्ति उपासना स्थली है। यहाँ नवरात्रा में विशेष मेला भरता है और राजस्थान भर से श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं। - किसकी आराधना में लांगुरिया गीत गाये जाते हैं?
A. शीतला माता
B. चामुण्डा माता
C. करणी माता
D. कैला देवी
उत्तर: D
व्याख्या: कैला देवी की आराधना में लांगुरिया गीत गाए जाते हैं। करौली जिले में स्थित कैला देवी का मंदिर भक्तों का प्रमुख तीर्थ है। नवरात्रा के समय यहाँ विशाल मेला भरता है। - राजस्थान के सभी भागों में पूजी जाने वाली देवी है?
A. शीला देवी
B. जमूवाय माता
C. शीतला माता
D. आई माता
उत्तर: C
व्याख्या: शीतला माता राजस्थान के सभी भागों में पूजी जाती हैं। जहाँ मंदिर उपलब्ध नहीं होते वहाँ खेजड़ी वृक्ष के नीचे पूजा की जाती है। विशेष रूप से शीतलाष्टमी पर इनकी पूजा का महत्व अधिक होता है। - सुंधा माता का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. भीनमाल (जालौर)
B. पोकरण (जैसलमेर)
C. ओसियां (जोधपुर)
D. नाडोल (पाली)
उत्तर: A
व्याख्या: सुंधा माता का मंदिर जालौर जिले के भीनमाल में स्थित है। यह अरावली की पहाड़ियों पर लगभग 1220 मीटर की ऊँचाई पर है। यहाँ की प्राकृतिक छटा अद्भुत है और मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है। - खण्डित प्रतिमा के रूप में किस देवी की पूजा की जाती है?
A. जीण माता (सीकर)
B. तनोट माता (जैसलमेर)
C. सुंधा माता (जालौर)
D. शीतला माता (चाकसू)
उत्तर: D
व्याख्या: शीतला माता चाकसू (जयपुर) में खण्डित प्रतिमा के रूप में पूजी जाती हैं। मान्यता है कि खण्डित प्रतिमा होने पर भी माता भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। - करौली रियासत की कुल देवी हैं?
A. चौथ माता
B. कैला देवी
C. आशापुरा माता
D. ज्वाला माता
उत्तर: B
व्याख्या: कैला देवी करौली रियासत की कुलदेवी मानी जाती हैं। यह मंदिर चंबल नदी के किनारे स्थित है और राजस्थान के प्रमुख शक्ति पीठों में गिना जाता है। - बहरोड़ क्षेत्र की लोकदेवी के रूप में किसे मान्यता प्राप्त है?
A. जिलाणी माता
B. हर्षद माता
C. राणी सती माता
D. सकराय माता
उत्तर: A
व्याख्या: जिलाणी माता को बहरोड़ (अलवर) क्षेत्र की लोकदेवी के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र और आश्विन नवरात्रा में मेला भरता है। - जैसलमेर की किस लोकदेवी ने तीन चुल्लू आचमन से हाकड़ा समुद्र को सोख लिया था, जिससे आसपास की भूमि रेगिस्तान में तब्दील हो गई?
A. स्वांगिया माता
B. भादरिया राय
C. तेमड़ेराय
D. सच्चियाय माता
उत्तर: C
व्याख्या: तेमड़ेराय भाटी वंश की इष्ट देवी हैं। मान्यता है कि उन्होंने तीन चुल्लू आचमन से हाकड़ा समुद्र को सोख लिया, जिससे आसपास की भूमि रेगिस्तान में बदल गई। इन्हें ‘तेमडाताई’ भी कहा जाता है। - थार की वैष्णो देवी किसे कहा जाता है?
A. हिंगलाज देवी
B. नागणेची माता
C. स्वांगीया माता
D. तनोट माता
उत्तर: D
व्याख्या: तनोट माता को ‘थार की वैष्णो देवी’ कहा जाता है। जैसलमेर स्थित यह मंदिर 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध की वीरगाथाओं से जुड़ा हुआ है। यहाँ की सेवा और देखरेख BSF जवानों द्वारा की जाती है।
50. लटियाली माता किस जाति की कुलदेवी हैं?
A. कल्ला जाति
B. विस्सा जाति
C. नाई जाति
D. पांचाल जाति
उत्तर: A
व्याख्या: लटियाली माता कल्ला ब्राह्मणों की कुलदेवी मानी जाती हैं। इनका प्रमुख मंदिर फलोदी (जोधपुर) में है। इन्हें खेजड़ बेरी राय भवानी भी कहा जाता है।
- भदाणा माता मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. बूंदी
B. कोटा
C. बारां
D. झालावाड़
उत्तर: B
व्याख्या: भदाणा माता का मंदिर कोटा में स्थित है। भदाणा माता को कोटा शासकों की कुलदेवी माना जाता है। यहाँ विशेष रूप से मूठ (हड्डी की पीड़ा) से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज करने की परंपरा है। - कौनसी देवी का मंदिर प्रतिहारकालीन है, उसके पास ही प्रसिद्ध चाँद बावड़ी स्थित है?
A. त्रिपुरा सुन्दरी
B. दधिमति माता
C. हर्षद् माता
D. कालका माता
उत्तर: C
व्याख्या: हर्षद माता का मंदिर दौसा जिले के आभानेरी में स्थित है। यह मंदिर प्रतिहारकालीन है। इसके पास ही विश्व प्रसिद्ध चाँद बावड़ी स्थित है, जो अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण है। - किस देवी का मंदिर ‘मेवाड़ का खजुराहो’ कहलाता है?
A. घेवर माता मंदिर, राजसमंद
B. अम्बिका मंदिर, जगत (उदयपुर)
C. कालिकामाता मंदिर, चित्तौड़गढ़
D. बाण माता मंदिर, चित्तौड़गढ़
उत्तर: B
व्याख्या: अम्बिका माता का मंदिर जगत (उदयपुर) में स्थित है। इसे इसकी शिल्पकला और मूर्तिकला की उत्कृष्टता के कारण ‘मेवाड़ का खजुराहो’ कहा जाता है। - कौनसी देवी भीनमाल की आदि देवी कहलाती हैं?
A. क्षेमकरी माता
B. अम्बा माता
C. अधर देवी
D. आशापुरी माता
उत्तर: A
व्याख्या: क्षेमकरी माता को भीनमाल की आदि देवी कहा जाता है। यह स्थानीय समाज की आस्था और परंपरा का केंद्र है। - राजस्थान की किस देवी को उत्तर भारत में सेढ़ल माता या महामाई के नाम से जाना जाता है?
A. कैला देवी
B. करणी माता
C. चामुण्डा माता
D. शीतला माता
उत्तर: D
व्याख्या: शीतला माता को उत्तर भारत में सेढ़ल माता या महामाई के नाम से भी जाना जाता है। इनकी पूजा विशेष रूप से शीतलाष्टमी के दिन की जाती है। - कौनसी लोकदेवी के मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा चाँदी का दीपक रखा गया है?
A. शीतला माता
B. जीण माता
C. शीला देवी
D. करणी माता
उत्तर: D
व्याख्या: करणी माता के देशनोक (बीकानेर) स्थित मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा चाँदी का दीपक रखा गया है। यह मंदिर ‘चूहों का मंदिर’ नाम से भी प्रसिद्ध है। - निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (रियासत–कुलदेवी) सुमेलित नहीं है?
A. सीकर – शाकम्भरी माता
B. जोधपुर – नागणेची माता
C. उदयपुर – बाण माता
D. बीकानेर – करणी माता
उत्तर: A
व्याख्या: सीकर रियासत की कुलदेवी जीण माता हैं, न कि शाकम्भरी माता। अतः विकल्प (A) असंगत है। - लांगुरिया गीत व जोगनिया नृत्य किस मेले का मुख्य आकर्षण है?
A. कैला देवी मेला
B. नारायणी माता मेला
C. सालासर बालाजी मेला
D. चौथ माता मेला
उत्तर: A
व्याख्या: कैला देवी मेले का मुख्य आकर्षण लांगुरिया गीत और जोगनिया नृत्य हैं। यह मेला चैत्र नवरात्रा में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। - 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय मारवाड़ में निम्नलिखित में से किस ‘कुलदेवी’ की मूर्ति प्रेरणास्त्रोत थी?
A. चामुण्डा माता
B. नागणेची माता
C. सुगाली माता
D. ज्वाला माता
उत्तर: C
व्याख्या: सुगाली माता की मूर्ति 1857 के स्वाधीनता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों की प्रेरणास्त्रोत रही। इसी कारण इन्हें ‘1857 की क्रांति की देवी’ भी कहा जाता है।
60. राजस्थान का कौनसा मंदिर ‘चूहों का मंदिर’ कहलाता है?
A. जीण माता
B. करणी माता मंदिर
C. शीतला माता
D. सच्चियाय माता
उत्तर: B
व्याख्या: करणी माता का मंदिर देशनोक (बीकानेर) ‘चूहों का मंदिर’ कहलाता है। यहाँ हजारों चूहे रहते हैं जिन्हें ‘काबा’ कहा जाता है और भक्त इन्हें प्रसाद के रूप में खिलाते हैं।
- निम्नलिखित में से गलत युग्म को चिन्हित कीजिए-
A. ज्वाला माता – जोबनेर (जयपुर)
B. अघर देवी – आबू पर्वत (सिरोही)
C. छींछ माता – भवानीपुरा (जयपुर)
D. नारायणी माता – बरवां डूंगरी (अलवर)
उत्तर: C
व्याख्या: छींछ माता का मंदिर बाँसवाड़ा जिले में स्थित है, न कि जयपुर में। इसलिए विकल्प (C) गलत युग्म है। - निम्नलिखित में से गलत युग्म को चिन्हित कीजिए-
A. सकराय माता – झुंझुनूं
B. सच्चियाय माता – ओसियां
C. करणी माता – देशनोक
D. शीला देवी – आमेर
उत्तर: A
व्याख्या: सकराय माता का मंदिर सीकर जिले में है, न कि झुंझुनूं में। इसलिए विकल्प (A) गलत युग्म है। - पिपला माता का मंदिर स्थित है?
A. जोलर (प्रतापगढ़)
B. उनवास (राजसमंद)
C. सांभर (जयपुर)
D. इन्द्रगढ़ (बूँदी)
उत्तर: B
व्याख्या: पिपला माता का मंदिर उनवास (राजसमंद) में स्थित है। यह स्थानीय लोगों की आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है। - निम्नलिखित में से कौनसा युग्म सही सुमेलित नहीं है (लोकदेवी-मंदिर)?
A. बड़ली माता – आकोला (चितौड़गढ़)
B. ऊँटाला माता – वल्लभनगर (उदयपुर)
C. जावर माता – जावर खान (उदयपुर)
D. कैवाय माता – परबतसर (नागौर)
उत्तर: D
व्याख्या: कैवाय माता का मंदिर किणसरिया (परबतसर, डीडवाना-कुचामन) में स्थित है। यह दहिया राजवंश की कुलदेवी है। इसलिए विकल्प (D) गलत युग्म है। - निम्न में से कौन राजस्थान में लोकदेवी के रूप में पूज्य नहीं है?
A. बाण माता
B. भदाणा माता
C. मीरां बाई
D. शीतला माता
उत्तर: C
व्याख्या: मीरां बाई संत कवयित्री थीं, न कि लोकदेवी। बाकी तीनों (बाण माता, भदाणा माता, शीतला माता) राजस्थान में लोकदेवी के रूप में पूज्य हैं। - सेन (नाई) समाज की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध लोक-देवी कौन है?
A. नारायणी माता
B. चौथ माता
C. धौलागढ़ देवी
D. आईजी माता
उत्तर: A
व्याख्या: नारायणी माता को सेन (नाई) समाज की कुलदेवी माना जाता है। इनका प्रमुख मंदिर अलवर जिले के त्रिवेणी घाट पर स्थित है। - ‘सुगन चिड़ी’ को किस लोकमाता का स्वरूप माना जाता है?
A. तनोट माता
B. हिंगलाज माता
C. वीरात्रा माता
D. स्वांगीया माता
उत्तर: B
व्याख्या: ‘सुगन चिड़ी’ को हिंगलाज माता का स्वरूप माना जाता है। लोककथाओं में इसे शक्ति और आस्था का प्रतीक बताया गया है। - लटियाली देवी का मंदिर स्थित है-
A. पोकरण (जैसलमेर)
B. आऊवा (पाली)
C. लोद्रवा (जैसलमेर)
D. निमाज (ब्यावर)
उत्तर: C
व्याख्या: लटियाली माता का मंदिर लोद्रवा (जैसलमेर) में स्थित है। इनके अन्य मंदिर फलोदी (जोधपुर) और नया शहर (बीकानेर) में भी हैं। - आवरी माता का मंदिर है?
A. निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़)
B. मातृकुण्डिया (चित्तौड़गढ़)
C. कपासन (चित्तौड़गढ़)
D. निकुम्भ (चित्तौड़गढ़)
उत्तर: B
व्याख्या: आवरी माता का मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले के मातृकुण्डिया में स्थित है। यहाँ लकवाग्रस्त, लूले और लंगड़े व्यक्तियों को लाभ मिलने की मान्यता है।
70. अन्नपूर्णा देवी किस राजपरिवार की आराध्य देवी हैं?
A. ढूँढाड़ के कछवाहा राजवंश की
B. यादव राजवंश की
C. भाटी राजवंश की
D. जाट राजवंश की
उत्तर: A
व्याख्या: अन्नपूर्णा देवी ढूँढाड़ के कछवाहा राजवंश की आराध्य देवी हैं। जयपुर राजघराने में इनकी पूजा विशेष आस्था और श्रद्धा से की जाती है।
- झुंझुनूं में रानी सती माता का मेला कब भरता है?
A. कार्तिक अमावस्या
B. भाद्रपद अमावस्या
C. आश्विन अमावस्या
D. श्रावण अमावस्या
उत्तर: B
व्याख्या: रानी सती माता का प्रसिद्ध मेला झुंझुनूं में भाद्रपद अमावस्या को भरता है। यह मेला देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और अग्रवाल समाज की आस्था का प्रमुख केंद्र है। - नाई जाति की कुल देवी ‘नारायणी माता’ का मूल नाम था-
A. करमेती
B. जयंती बाई
C. नारायणी बाई
D. कौशल्या बाई
उत्तर: B
व्याख्या: नारायणी माता का मूल नाम जयंती बाई था। इनका मंदिर बरवा डूंगरी (अलवर) में प्रतिहार शैली में निर्मित है। यहाँ प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ल एकादशी को विशाल मेला भरता है। - ब्राह्मणी माता का मेला सौरसेन (बारा) में कब आयोजित किया जाता है?
A. माघ शुक्ल पंचमी
B. आश्विन शुक्ल पंचमी
C. आश्विन शुक्ल सप्तमी
D. माघ शुक्ल सप्तमी
उत्तर: D
व्याख्या: ब्राह्मणी माता का मेला बारां जिले के सौरसेन में माघ शुक्ल सप्तमी को भरता है। यहाँ पर विशेष रूप से पीठ की पूजा और श्रृंगार किया जाता है और इस दिन गधों का मेला भी लगता है। - चाकसु (जयपुर) में शीतला माता का मेला कब भरता है?
A. चैत्र कृष्ण अष्टमी
B. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
C. श्रावण कृष्ण अष्टमी
D. आश्विन कृष्ण अष्टमी
उत्तर: A
व्याख्या: शीतला माता का प्रसिद्ध मेला चाकसु (जयपुर) में चैत्र कृष्ण अष्टमी को भरता है। इस मेले में हजारों श्रद्धालु शीतला माता की पूजा-अर्चना करने आते हैं। - औसियां स्थित सच्चियाय माता के मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A. महारावल जवाहर सिंह
B. वत्सराज प्रतिहार
C. राव सीहा
D. परमार उपलदेव
उत्तर: D
व्याख्या: सच्चियाय माता का मंदिर औसियां (जोधपुर) में स्थित है। इसका निर्माण परमार उपलदेव द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर औसवाल समाज (श्वेताम्बर जैन) की कुलदेवी का मंदिर है और इसकी वास्तुकला मारू-गुर्जर शैली की है। - भीनमाल में सुंधा माता मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A. कीर्तिपाल
B. चाचिगदेव
C. समरसिंह
D. कान्हड़देव
उत्तर: B
व्याख्या: सुंधा माता का मंदिर जालौर जिले के भीनमाल में स्थित है। इसका निर्माण चाचिगदेव द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है और शक्ति उपासना का प्रमुख स्थल है। - खीमल माता मंदिर स्थित है?
A. भीनमाल (जालौर)
B. निमाज (व्यावर)
C. लोद्रवा (जैसलमेर)
D. बसन्तगढ़ (सिरोही)
उत्तर: D
व्याख्या: खीमल माता का मंदिर बसन्तगढ़ (सिरोही) में स्थित है। इसका निर्माण चावड़ा वंश के शासक वर्मलात के समय 625 ई. में हुआ था। - 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने किस देवी की प्रतिमा को खंडित कर दिया था?
A. सुगाली माता
B. खीमल माता
C. हिंगलाज माता
D. करणी माता
उत्तर: B
व्याख्या: अंग्रेजों ने आऊवा पर अधिकार करने के बाद खीमल माता की प्रतिमा को खंडित कर दिया था और इसे आबू ले गए। 1908 में यह प्रतिमा राजपूताना म्यूजियम (अजमेर) में रखी गई, और वर्तमान में यह बांगड़ संग्रहालय (पाली) में सुरक्षित है। - निम्न में से कौनसी देवी ‘राजस्थान की वैष्णो देवी’ कहलाती है?
A. तनोट माता
B. चामुण्डा माता
C. शीला देवी
D. अर्बुदा देवी
उत्तर: A
व्याख्या: तनोट माता को ‘राजस्थान की वैष्णो देवी’ कहा जाता है। जैसलमेर में स्थित यह मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है और 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध से जुड़ी वीरगाथाओं के कारण प्रसिद्ध है। - राणी भटियाणी माता का मंदिर कहाँ पर स्थित है?
A. जसोल (बालोतरा)
B. चौहटन (बाड़मेर)
C. नगाणा (बालोतरा)
D. पचपदरा (बालोतरा)
उत्तर: A
व्याख्या: राणी भटियाणी माता का मंदिर जसोल (बालोतरा, बाड़मेर) में स्थित है। इनका मूल नाम करमेती बाई था। इन्हें ‘भुआ-सा’ के नाम से भी जाना जाता है और यह ढोली समाज की आराध्य देवी हैं।
- आशापुरी माता किस वंश की कुलदेवी है?
A. बीकानेर के राठौड़ों की
B. जालौर सोनगरा चौहानों की
C. आमेर के कछवाहों की
D. गुर्जर प्रतिहार की
उत्तर: B
व्याख्या: आशापुरी माता जालौर के सोनगरा चौहानों की कुलदेवी हैं। इनका मुख्य मंदिर मोदरां (जालौर) में है। इन्हें महोदरी माता या बड़े उदर वाली देवी भी कहा जाता है। - कैलादेवी के मेले में आने वाले श्रद्धालु यहाँ स्थित किस नदी में स्नान करना पवित्र मानते हैं?
A. कालीसिल नदी
B. कालीसिन्ध नदी
C. काकनी नदी
D. कान्तली नदी
उत्तर: C
व्याख्या: कैलादेवी मेले में श्रद्धालु काकनी नदी में स्नान को पवित्र मानते हैं। यह नदी कैलादेवी मंदिर परिसर से होकर बहती है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। - देगराय माता का मंदिर स्थित है?
A. भादरिया (जैसलमेर)
B. तेमड़ा (जैसलमेर)
C. आईता गाँव (जैसलमेर)
D. रासला (जैसलमेर)
उत्तर: C
व्याख्या: देगराय माता का मंदिर जैसलमेर जिले के आईता गाँव में स्थित है। यह स्थानीय समाज की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। - कौनसी देवी ‘चारणों की कुल देवी’ है?
A. करणी माता
B. नागणेची माता
C. तनोट माता
D. चामुंडा माता
उत्तर: A
व्याख्या: करणी माता को चारण जाति की कुलदेवी माना जाता है। इनका मंदिर देशनोक (बीकानेर) में स्थित है, जिसे ‘चूहों का मंदिर’ भी कहा जाता है। - निम्न में से कौनसी लोकदेवी का मंदिर भीनमाल (जालौर) में स्थित है?
A. अघर देवी
B. पीपला माता
C. खीमल माता
D. क्षेमकरी माता
उत्तर: D
व्याख्या: क्षेमकरी माता का मंदिर भीनमाल (जालौर) में स्थित है। इन्हें भीनमाल की आदि देवी भी कहा जाता है। - किस देवी के मंदिर में लकवाग्रस्त, लूले व लंगड़े लोगों को देवी की कृपा से लाभ होता है?
A. ज्वाला माता (जोबनेर)
B. घेवर माता (राजसमंद)
C. आवरी माता (निकुम्भ)
D. हिचकी माता (उदयपुर)
उत्तर: C
व्याख्या: आवरी माता का मंदिर निकुम्भ (चित्तौड़गढ़) में स्थित है। यहाँ लकवाग्रस्त, लूले और लंगड़े व्यक्तियों को देवी की कृपा से लाभ मिलने की मान्यता है। - निम्न में से कौनसी लोकदेवी ‘मेवल की महारानी’ के नाम से जानी जाती है?
A. जावर माता
B. मावली माता
C. इडाणा माता
D. बाण माता
उत्तर: C
व्याख्या: इडाणा माता को ‘मेवल की महारानी’ कहा जाता है। इनका मंदिर बम्बोरा (सलूम्बर, उदयपुर) में स्थित है। यहाँ प्रतिमा खुले चौक में विराजमान है और विशेष अवसरों पर अग्नि प्रकट होती है। - ऊँटाला माता का मंदिर किस स्थान पर स्थित है?
A. वल्लभ नगर (उदयपुर)
B. सनवाड़ (उदयपुर)
C. निकुम्भ (चित्तौड़)
D. आकोला (चित्तौड़)
उत्तर: A
व्याख्या: ऊँटाला माता का मंदिर वल्लभनगर (उदयपुर) में स्थित है। यह शक्ति उपासना का प्रमुख स्थल है और स्थानीय समाज की कुलदेवी भी मानी जाती हैं। - किस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लोहे का त्रिशूल चढ़ाने की परम्परा है?
A. आवरी माता
B. बड़ली माता
C. घेवर माता
D. मावली माता
उत्तर: B
व्याख्या: बड़ली माता का मंदिर आकोला (चित्तौड़गढ़) में स्थित है। यहाँ बेड़च नदी के किनारे मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु लोहे का त्रिशूल चढ़ाते हैं। एक मान्यता के अनुसार मंदिर की तिबारी से बच्चे को निकालने से रोग का निदान होता है।
90. घेवर माता का मंदिर स्थित है?
A. चित्तौड़गढ़
B. उदयपुर
C. प्रतापगढ़
D. राजसमंद
उत्तर: D
व्याख्या: घेवर माता का मंदिर राजसमंद जिले में स्थित है। यह मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख स्थल है और विशेष अवसरों पर यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ एकत्र होती है।
- आमजा देवी/आमज माता का मंदिर स्थित है?
A. रिछेड़ (राजसमंद)
B. निकुम्भ (चित्तौड़गढ़)
C. जगत (उदयपुर)
D. जावर (उदयपुर)
उत्तर: A
व्याख्या: आमजा माता का मंदिर राजसमंद जिले के रिछेड़ में स्थित है। यह स्थानीय समाज की आराध्य देवी मानी जाती हैं और यहाँ मेले के समय विशेष श्रद्धा से पूजा होती है। - निम्न में से भीलों की देवी है?
A. नारायणी देवी
B. आमजा देवी
C. चारभुजा देवी
D. आवरी माता
उत्तर: B
व्याख्या: आमजा देवी को भील समुदाय की देवी माना जाता है। इनकी पूजा श्रीनाथजी मंदिर की पद्धति से की जाती है। यहाँ एक भील भोपा और एक ब्राह्मण पुजारी होते हैं। मेले के बाद भील भोपा मौसम, वर्षा व अकाल की भविष्यवाणी करता है। - छींक माता का मंदिर स्थित है?
A. अलवर
B. भरतपुर
C. जयपुर
D. दौसा
उत्तर: C
व्याख्या: छींक माता का मंदिर जयपुर में गोपाल जी के रास्ते पर स्थित है। यहाँ माघ शुक्ल सप्तमी को मेला भरता है और स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहाँ पहुँचते हैं। - निम्न में से किस लोकदेवी ने ‘नरकासुर राक्षस’ का वध किया था?
A. शीला देवी
B. भद्रकाली माता
C. ज्वाला माता
D. कैला देवी
उत्तर: B
व्याख्या: भद्रकाली माता ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। - सहरिया जनजाति की कुलदेवी है?
A. दिवाक माता
B. कोडिया देवी
C. भदाणा माता
D. चौथ माता
उत्तर: B
व्याख्या: कोडिया देवी सहरिया जनजाति की कुलदेवी मानी जाती हैं। इस देवी की पूजा विशेष रूप से बीमारियों से बचाव और परिवार की रक्षा के लिए की जाती है। - निम्नलिखित में से कौनसा युग्म सुमेलित है?
(a) दधिमाता – गोठ मंगलौद (नागौर)
(b) नारायणी माता – बरवा डूंगरी (अलवर)
(c) आईजी माता – बिलाड़ा (जोधपुर)
(d) सच्चियाय माता – औसियां (जोधपुर)
A. विकल्प a और d
B. विकल्प b और c
C. केवल d
D. उपरोक्त सभी
उत्तर: D
व्याख्या: सभी युग्म सही सुमेलित हैं – दधिमाता (नागौर), नारायणी माता (अलवर), आईजी माता (बिलाड़ा, जोधपुर), और सच्चियाय माता (औसियां, जोधपुर)। - ढूंढाड़ के कछवाहों की कुलदेवी है?
A. जमुवाय माता
B. शाकम्भरी माता
C. ज्वाला माता
D. चामुण्डा माता
उत्तर: A
व्याख्या: जमुवाय माता ढूंढाड़ के कछवाहा राजवंश की कुलदेवी हैं। इस मंदिर का निर्माण दुलहराय (तेजकरण) ने करवाया था। यहाँ माता की प्रतिमा गाय व बछड़े के साथ स्थापित है। - खंगारोत वंश की कुल देवी है?
A. जमुवाय माता
B. शाकम्भरी माता
C. ज्वाला माता
D. चामुण्डा माता
उत्तर: B
व्याख्या: शाकम्भरी माता को खंगारोत वंश की कुलदेवी माना जाता है। शाकम्भरी माता का प्रमुख मंदिर सीकर जिले में स्थित है। - किस लोकदेवी को चेचक और कोड़ की देवी के रूप में पूजा जाता है?
A. शीला देवी
B. शीतला माता
C. ज्वाला माता
D. जमुवाय माता
उत्तर: B
व्याख्या: शीतला माता को चेचक और कोड़ की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से बच्चों को स्मॉलपॉक्स और अन्य रोगों से रक्षा होने की मान्यता है।
100. कुशाला माता का मंदिर स्थित है?
A. बदनौर (ब्यावर)
B. मंडोर (जोधपुर)
C. बहरोड़ (कोटपूतली-बहरोड़)
D. रैवासा (सीकर)
उत्तर: A
व्याख्या: कुशाला माता का मंदिर बदनौर (ब्यावर) में स्थित है। यह मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और स्थानीय समाज की आस्था का केंद्र है।
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