राजस्थान के पुरातात्विक स्रोत Previous Year Questions
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राजस्थान के पुरातात्विक स्रोत MCQs
1.आलमशाही मुगलिया सिक्का राजस्थान में कहाँ प्रचलित था?
[Forest Guard 11 Dec, 2022 Shift-II]
(A) जयपुर
(B) बीकानेर
(C) अलवर
(D) भरतपुर
उत्तर- (B)
2. निम्न में से किस प्रशस्ति के रचयिता अत्री और महेश थे?
[Forest Guard-11 Dec. 2022 Shift-1]
(A) बिजौलिया अभिलेख
(B) रणकपुर प्रशस्ति
(C) कुम्भलगढ़ प्रशस्ति
(D) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
उत्तर- (D) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति (1460 ई.) रचयिता- अत्रि एवं महेश भट्ट डीडवाना नमक की खान से कर लेने का उल्लेख। माण्डव्यपुर (मंडोर) से हनुमान मूर्ति लाने का उल्लेख।
3. मानमोरी शिलालेख राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बंधित है?
[Forester 06 Nov. 2022, Shift-1]
(A) मण्डोर
(B) माऊँट आबू
(C) चित्तौड़
(D) पाली
उत्तर- (C) मानमोरी शिलालेख (713 ई.) पुठोली (चितौड़गढ़) में स्थित था। कर्नल जेम्स टॉड ने समुन्द्र में फेंक दिया। लेखक – नागभट्ट पुत्र पुष्य, उत्कीर्ण करूग का पौत्र शिवादित्य था।
4. निम्नलिखित में से कौनसा जोड़ा (सिक्के प्रचलन का क्षेत्र) सुमेलित नहीं है?
[Junior Instructor (Workshop)-10 Sept. 2022]
(A) स्वरूपशाही मेवा
(B) मदनशाही-बीकानेर
(C) विजयशाही-जोधपुर
(D) झाड़शाही-जयपुर
उत्तर- (B)
5.बिजौलिया अभिलेख है-
[Junior Instructor 2010]
(A) 1676 ई.
(B)1170ई.
(C) 953 ई.
(D) 1273ई.
उत्तर- (B) बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.) बिजौलिया के पाशव नाथ मंदिर (भीलवाड़ा) में स्थित है।
6. बरली स्टोन – एपिग्राफ (शिलालेख ) चिन्हित किया गया है-
[JEN Agri Exam-2022, 10 Sep. 2022]
(A) संस्कृत पांडुलिपि में
(B) ब्राह्मी पांडुलिपि में
(C) प्राकृत पांडुलिपि में
(D) खराठी पांडुलिपि में
उत्तर- (B) बड़ली शिलालेख बड़ली गांव (अजमेर) में भिलोत माता मंदिर स्तम्भ से प्राप्त राजर का सबसे प्राचीन शिलालेख जिसे 1912 ई. में डॉ. जी.एच. ओझा खोजा गया ब्राह्मी लिपि में लिखित शिलालेख वर्तमान अजमेर हालय में रखा हुआ है।
7.निम्नलिखित में से कौनसा सही सुमेलित नहीं है?
[JEN Agri Exam-2022, 10 Sep. 2022]
(A) धौलपुर के सिक्के-तमंचाशाही
(B) करौली के सिक्के-माणकशाही
(C) प्रतापगढ़ के सिक्के सालिमशाही
(D) भरतपुर के सिक्के-मदनशाही
उत्तर- (D)
8.चिरवा शिलालेख किस राजवंश के शासकों का उल्लेख करता है?
[JEN Agri Exam-2022, 10 Sep. 2022]
(A) मारवाड़ के राठौड़ शासकों का
(B) मेवाड़ के गुहिल शासकों का
(C) आमेर के कछवाहा शासको का
(D) अजमेर के चौहान शासकों का
उत्तर- (B) चिरवा शिलालेख 1273 ई. इसमें मेवाड के गुहिल शासक पद्यसिंह, जैत्रसिंह, तेजसिंह, समरसिंह की उपलब्धियों की वर्णन है।
9. बड़वा ग्राम से प्राप्त यूप स्तम्भ अभिलेख किस वंश / गण से संबंधित है?
[JEN Agri Exam-2022, 10 Sep. 2022]
(A) मौखरी वंश
(B) प्रतिहार वंश
(C) यौधेय गण
(D) अर्जुनायन गण
उत्तर- (A) बड़वा गांव (कोटा) से 3 यूप स्तम्भ अभिलेख मौखरी वंश से संबंधित है।
10. नाथ प्रशस्ति राजस्थान की किस रियासत से संबंधित है?
[Forester-06 Nov. 2022, Shift-2]
(A) मारवाड़
(B) जयपुर
(C) मेवाड़
(D) जैसलमेर
उत्तर- (C ) नाथ प्रशस्ति-एकलिंगजी (971 ई.) वि.सं. 1028 का शिलालेख है। भाषा संस्कृत, लिपि देवनागरी, रचयिता- आम्र कवि निर्माणक श्रीमार्तण्ड, लैलुक, श्री सद्योराशि, श्री विनिश्चित राशि नरवाहन के समय का महत्वपूर्ण लेख है। बापा, गुहिल, नरवाहन का वर्णन। अवस्थिति एकलिंग मंदिर (लकुलीश) उदयपुर, वर्णन नागदा शहर, स्त्री आभूषण, योगी जो भस्म, जटाजूट तथा बत्कन वस्त्र धारण करते है। वेदांग मुनि, कुशिक योगी का वर्णन है।
11. ‘पदराडा’ अभिलेख किस शासक से संबंधित है?
[ARO (Entomology) 30 Aug. 2022]
(A) कुमारपाल सोलंकी
(B) महारावल अजब सिंह
(C) महाराणा कुम्भा
(D) महाराणा जगत सिंह
उत्तर- (C) पदराड़ा अभिलेख (1433 ई.) यह कुंभाकालीन सबसे प्रथम लेख के रूप में प्रकाश में आया है। लेख में कुल 8 पक्तियाँ है इसमें भाषा संस्कृत गद्य है। “पदराड़ा” को “पाटकेपद्र” से सम्बोधित किया गया है। इस लेख का महत्व “कुंभा ने राज्य प्राप्ति के बाद विद्रोहियों को दबाया न कि रणमल ने ” उल्लेखित है।
12. निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख महाराणा कुम्भा के लेखन पर प्रकाश डालता है?
[Forest Guard 12 Nov, 2022 Shift i]
(A) कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति
(B) जगन्नाथ राय प्रशस्ति
(C) राज प्रशस्ति
(D) राय सिंह प्रशस्ति
उत्तर- (A) कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति (1460 ई.)। कुम्भा के द्वारा विरचित ग्रंथों चण्डीशतक, गीत गोविन्द टीका, संगीतराज का उल्लेख मिलता है।
13. प्राचीनतम ‘पंचमार्क’ सिक्को का समय क्या है?
[ARO (Horticulture) 29 Aug. 2022]
(A) 800 ई. पू. से 500 ई.पू.
(B) 200 ई. पू. से 50 ई. पू.
(C) 400 ई. पू. से 100 ई. पू.
(D) 600 ई. पू. से 200 ई. पू.
उत्तर- (A) प्राचीनतम पंचमार्क सिक्कों का समय 800 ई. पू. से 500 ई. पू. माना गया है। राजस्थान में पंचमार्क सिक्के रैढ़ (टोंक), बैराठ (जयपुर), रंग महल (हनुमानगढ़), सांभर (जयपुर) से प्राप्त हुए है।
14. राजस्थान इतिहास का जनक किसे कहा जाता है?
[Computer Exam 05 June 2018]
(A) जी. एन. शर्मा
(B) श्यामलदास
(C) जी. एच. ओझा
(D) कर्नल टॉड
उत्तर- (D)कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान इतिहास लेखन का पिता। कहा जाता है 1818 से 1822 तक पश्चिम राजपूताने के पोलिटिकल एजेंट रहे बिजोलिया शिलालेख की खोज की घोड़े वाले बाबा एनल्स एंड एंटीक्यूटी ऑफ राजस्थान 1829 । खंड, 1934 लंदन से खंड (सेंट्रल वेस्टर्न राजपूत स्टेट ऑफ इंडिया ) में “राजस्थान” शब्द का प्रयोग किया जैनगुरू यति ज्ञानचंद्र को समर्पित की गिरीधर शुक्ल 2012 में पुर्नप्रकाशित बोरासवाड़ा (टाडगढ़) दुर्ग बनवाया 14 जनवरी 1823 मुबई से ट्रेवल्स इन वेस्टर्न इण्डिया प्रकाशित।
15. राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण कार्य सर्वप्रथम (1871 ई) प्रारम्भ करने का श्रेय किसे जाता है?
[LSA 21 August, 2016]
(A) ए.सी.एल. कार्याइल
(B) एच.डी. सांकलिया
(C) बी.बी. लाल
(D) ए. कनिंघम
उत्तर- (A) भारतीय पुरातत्व के जनक अलेक्जेंडर कनिंघम 1861 ASI की स्थापना 1902 ई. में जॉन मार्शल ने पुनः शुरू किया नगर फोर्ट खेड़ा सभ्यता की खोज रिपोर्ट ऑफ ए टूर इन इस्टर्न राजपूताना (1871-72ई.) खेड़ा सभ्यता को मालव जनपद की टकसाल कहा। है।
16. विरासत के संरक्षण हेतु स्मारक, पुराशेष स्थान एवं प्राचीन वस्तु अधिनियम राजस्थान में कब लागू हुआ ?
[RTET 2012]
(A) 1971
(B) 1952
(C) 1961
(D) 1947
उत्तर- (C) प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीन स्थल, अवशेष अधिनियम 1958-24 अगस्त 1958 विरासत संरक्षण हेतु स्मारक, पुराशेष स्थान एव प्राचीन वस्तु अधिनियम – 1961 में लागू पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 19725 सित 1972 को लागू राजस्थान विरासत संरक्षण और संवर्धन प्राधिकरण का गठन 2006 में गठित पुरातत्व संग्रहालय विभाग, जयपुर 1950 में स्थापित । राजस्थान
17. हिन्दु-यूनानी शासको के बारे में जानकारी का मुख्य स्त्रोत क्या है।
[RTET 2011]
(A) यात्रियों का वृतान्त
(B) सिक्के
(C) बौद्ध साहित्य
(D) जैन साहित्य
उत्तर- (B) भारत में इंडो-ग्रीक शासको की जानकारी का मुख्य सिक्के है भारत के प्राचीनतम प्राप्त सिक्के आहत (पंचमार्क) है। राज. में आहड़ (उदयपुर), रेड नगर (टोंक), नोह (भरतपुर) स्त्रोत इस्माइलपुर (जयपुर) से प्राप्त बैराठ सभ्यता से 36 मुद्राएँ मिली इनम से 8 चांदी की पंचमार्क, 28 इंडो ग्रीक (16 राजा मिनेण्डर) की रैढ़ उत्खनन से 3075 पंचमार्क मुद्राएँ प्राप्त।
18. किस मुगल शासक ने चित्तौड़ विजय के उपरान्त मेवाड़ में सिक्का एलची जारी किया?
[J.E.N. (Mechanical) Degree 13 Dec., 2020]
(A) बाबर
(B) अकबर
(C) जहांगीर
(D) शाहजहां
उत्तर- (B) मेवाड़ के प्रचलित प्रमुख सिक्कें स्वरुपशाही, चांदोड़ी, चित्तौड़ी, भिलाड़ी, शाहआलमी, ढींगला, एलची, उदयपुरी अकबर, जहांगीर के सिक्के “सिक्का एलची” ।
19. अकबर की चित्तौड़ विजय के उपरांत मेवाड़ में मुगल शासकों के द्वारा चलाए गए सिक्के कौन से थे?
[Junior Instructor (Wireman) 24 Dec. 2019]
[Junior Instructor (Electirician) 24 March 2019]
(A) रुपक
(B) दीनार
(C) सिक्का एलची
(D) द्रम्म
उत्तर- (C) सिक्का अकबर द्वारा 25 फरवरी 1568 ई. को चित्तौड़ अधिकार के बाद मेवाड़ में जो सिक्का चलाया गया उसे सिक्का एलची कहा जाता है जहांगीर के काल में भी चित्तौड़ टकसाल से ढाले गए सिक्के एलची कहलाते है चित्तौड़ रियासत के अन्य सिक्के- चांदोड़ी (भीमसिंह) ढींगला (तांबा सिक्का), भिलाड़ी, त्रिशूलियां, भींडरिया, नाथ द्वारिका, स्वरुपशाही (स्वरुपसिंह), फतेहशाही (फतेहसिंह), शाहआलमी, भोपाल शाही (भोपालसिंह ) ।
20. ढींगला, भीड़रिया, नाथद्वारिया है-
[JEN Civil (Diploma) 21 Aug, 2016]
(A) मेवाड़ में प्रचलित तांबे के सिक्के
(B) मेवाड़ की दरी पट्टियों के नाम
(C) मेवाड़ की ओढ़नियों के नाम
(D) मेवाड़ के राजस्व करों के नाम
उत्तर- (A) मेवाड़ रियासत के सिक्के चाँदी के सिक्के द्रम्म/रूपक, ताँबे कार्षापण ढीगला, भिलाड़ी, त्रिशुलिया, भीडरिया, नाथद्वारिया, गधिया । मुगल सम्पर्क- एलची, चित्तौड़ी उदयपुरी स्वरूपादीनाटोदी शाहआलमी।
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