कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र Previous Year Questions
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Agriculture and allied sectors MCQs
1. लघु और सीमांत किसानों को पेंशन के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना” कब प्रारंभ की गई?
R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021
(a) 15 अगस्त, 2020
(b) 12 सितंबर, 2019
(c) 26 जनवरी, 2020
(d) 25 अगस्त, 2019
उत्तर-(b)
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना छोटे और सीमांत किसानों की वृद्धावस्था एवं सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसकी शुरुआत 12 सितंबर, 2019 को हुई थी। 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले सभी छोटे और सीमांत किसान इस योजना हेतु पात्र होंगे।
2. भारत में खाद्य प्रबंधन का निम्न में से कौन-सा एक उद्देश्य नहीं है ?
66th B.P.S.C. Pre. 2020
(a) खाद्यान्नों का वितरण
(b) खाद्यान्नों की खरीद
(c) खाद्यान्नों के बफर स्टॉक का रख-रखाव
(d) खाद्यान्नों का निर्यात
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
उत्तर- (d)
आर्थिक समीक्षा 2016-17 वॉल्यूम- 2 के पेज 182 के अनुसार, खाद्य प्रबंधन में खाद्यान्नों की खरीद, उसका वितरण और बफर स्टॉक तथा मूल्य स्थिरता के लिए उसका भंडारण शामिल है। अतः स्पष्ट है कि खाद्यान्नों का निर्यात, खाद्य प्रबंधन का भाग नहीं है।
3. किसी निजी क्षेत्र के बैंक ने किसानों के लिए ‘ई-किसान धन’ ऐप चालू किया है ?
66th B.P.S.C. Pre. 2020
(a) ऐक्सिस बैंक
(b) एच.डी.एफ.सी. बैंक
(c) आई.डी.बी.आई. बैंक
(d) कोटक महिंद्रा बैंक
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
उत्तर-(b)
निजी क्षेत्र के एच.डी.एफ.सी. (HDFC) बैंक ने जून, 2020 में ई. किसान धन मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया। इस एप्लीकेशन से किसान फसलों के भाव, वेरायटी, मौसम की जानकारी आदि कृषि सूचना के साथ बैंकिंग सेवा का लाभ ले सकेंगे।
4. भारत के ‘कृषि उत्पाद, व्यापार व वाणिज्य बिल 2020 में से निम्न में किसका उल्लेख नहीं हैं –
U.P.R.O. /A.R.O. (Pre) 2021
(a) आवश्यक वस्तुएं
(b) संविदा कृषि
(c) न्यूनतम समर्थन मूल्य
(d) कृषि उत्पाद विपणन समितियां
उत्तर – (*)
- कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक, 2020 जो सितंबर, 2020 में पारित तथा दिसंबर, 2021 को निरस्त कर दिया गया, के निम्नलिखित प्रावधान हैं-
- किसानों को उनकी उपज के विक्रय की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए ऐसी व्यवस्था का निर्माण करना जहां किसान एवं व्यापारी कृषि उपज मंडी के बाहर भी अन्य माध्यम से भी उत्पादों को सरलतापूर्वक व्यापार कर सकें।
- यह विधेयक राज्यों की अधिसूचित मंडियों के अतिरिक्त राज्य के भीतर एवं बाहर देश के किसी भी स्थान पर किसानों को अपनी उपज निर्बाध रूप से बेचने के लिए अवसर एवं व्यवस्थाएं प्रदान करेगा।
- किसानों को अपने उत्पाद के लिए कोई उपकर नहीं देना होगा और उन्हें माल ढुलाई का खर्च भी वहन नहीं करना होगा।
- विधेयक किसानों को ई-ट्रेडिंग मंच उपलब्ध कराएगा जिससे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निर्बाध व्यापार सुनिश्चित किया जा सके।
- मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फॉर्मगेट, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, प्रसंस्करण यूनिटों पर भी व्यापार की स्वतंत्रता होगी।
- किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे जिससे बिचलौलियों को मिलने वाले लाभ के बजाए किसानों को उनके उत्पाद की पूरी कीमत मिल सके।
5. हाल के बीते दिनों में निम्नलिखित में से कौन-से कारक कौन-सी नीतियां भारत में चावल के मूल्य को प्रभावित कर रही थीं
I.A.S. (Pre) 2020
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य
2. सरकार द्वारा व्यापार करना
3. सरकार द्वारा भंडारण करना
4. उपभोक्ता सहायिकियां (Subsidies)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर- (d)
न्यूनतम समर्थन मूल्य कीमतों को नीचे जाने से रोकती है। किसान अपना उत्पाद समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचता है। कीमतें तभी बढ़ेगी जब उत्पादन कम होगा, परंतु यदि उत्पादन बढ़ेगा तो कीमतें उस स्तर पर नहीं बढ़ पाएगी। यदि व्यापार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की मांग बढ़ती है, तो इसका प्रभाव चावल की कीमतों पर पड़ेगा। सरकार द्वारा भंडारण करना भी चावल की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। उपभोक्ता सहायिकियां कीमतों को घटा देती है।
6. भारत में निम्नलिखित में से किन्हें कृषि में सार्वजनिक निवेश माना जा सकता है ?
I.A.S. (Pre) 2020
1. सभी फसलों के कृषि उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना
2. प्राथमिक कृषि साख समितियों का कंप्यूटरीकरण
3. सामाजिक पूंजी विकास
4. कृषकों को निःशुल्क बिजली की आपूर्ति
5. बैंकिंग प्रणाली द्वारा कृषि ऋण की माफी
6. सरकारों द्वारा शीतागार सुविधाओं को स्थापित करना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 5
(c) केवल 2, 3 और 6
(b) केवल 1, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6
उत्तर-(c)
– हरित क्रांति के दौरान और हरित क्रांति के बाद की अवधि में कृषि में सार्वजनिक और निजी पूंजी निर्माण ने फार्म सेक्टर की प्रगति के लिए उल्लेखनीय योगदान किया।
– प्रारंभ में कृषि विकास मुख्यतः निम्न कार्यों में सार्वजनिक निवेश द्वारा संचालित होता था : (i) कृषि आधारभूत संरचना (जैसे विद्युत, सड़कें, सिंचाई और अनुसंधान तथा विकास); (ii) विस्तार सेवाएं ; और (iii) बाजार और भंडारण सुविधाएं आदि का विकास।
– बाद में ऐसे निवेशों द्वारा आधारभूत संरचना में सुधारों के कारण भूमि विकास, भौमजल सिंचाई, फार्म मशीनीकरण, आदि में किसान स्वयं भी निजी निवेश करने के लिए प्रेरित हुए।
– निजी कंपनियों ने भी कृषि अनुसंधान तथा विकास विस्तार, विपणन, संविदा कृषि और कृषि संबंधी अन्य सेवाओं में प्रवेश किया है। इन निवेशों ने कृषि में सार्वजनिक निवेश को काफी अनुपूरित किया है।
– सिंचाई, सड़कों और विद्युत परियोजनाओं में सरकार के निवेश से कृषि में निजी निवेश प्रेरित हुआ है। दूसरे शब्दों में यदि सरकार द्वारा बुनियादी आधारभूत संरचना निर्मित की जाती है, किसान, ट्रैक्टर और पम्प सेट खरीदने तथा नहर के कमांड क्षेत्रों में नलकूप लगाने के लिए अपनी निजी पूंजी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
– दूसरी ओर, सार्वजनिक निवेश को कृषि में निजी निवेश के प्रतिस्थायी के रूप में भी माना जा सकता है। साधारणतया किसान अचल और कार्यशील पूंजी में निवेश करते हैं (जहां वे पूर्णतः निजी अधिकार क्षेत्र में होते हैं), जबकि सार्वजनिक निवेश उस प्रकार की परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए किया जाता है, जो अधिकांशतः सार्वजनिक अधिकार क्षेत्र में होते हैं।
– सार्वजनिक निवेश द्वारा निर्मित परिसंपत्तियां उपभोक्ता प्रभार चुका कर या उसके बिना भी किसान समुदाय द्वारा प्रयुक्त हो सकती हैं।
7. भारत में पिछले पांच वर्षों में खरीफ की फसलों की खेती के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
U.P.S.C. (Pre), 2019
1. धान की खेती के अंतर्गत क्षेत्र अधिकतम है।
2. ज्वार की खेती के अंतर्गत क्षेत्र, तिलहनों की खेती के अंतर्गत क्षेत्र की तुलना में अधिक है।
3. कपास की खेती का क्षेत्र, गन्ने की खेती के क्षेत्र की अधिक है। तुलना में
4. गन्ने की खेती के अंतर्गत क्षेत्र निरंतर घटा है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं ?
(a) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर – (a)
फसल क्षेत्र संबंधी नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों (स्रोत- आर्थिक समीक्षा 2021-22) के अनुसार, विगत 5 वर्षों में खरीफ की फसलों की खेती के संदर्भ में-
- धान की खेती के अंतर्गत 2020-21 ( चतुर्थ अग्रिम अनुमान) में कुल क्षेत्र 45.1 (खरीफ 400 एवं रबी-5.1 ) मिलियन हेक्टेयर रहा है, जो कि किसी भी अन्य कृषि फसल की तुलना में अधिक है।
- 2020-21 (चतुर्थ अग्रिम अनुमान) में ज्वार की खेती के तहत कुल क्षेत्र 4.2 ( खरीफ 1.5 एवं रबी-2.7) मिलियन हेक्टेयर ही है, जबकि तिलहनों की खेती के अंतर्गत कुल क्षेत्र 28.8 (खरीफ-20.9 एवं रबी-7.9) मिलियन हेक्टेयर है।
- कपास की खेती के अंतर्गत इसी आकलन में कुल क्षेत्र 13.0 मिलियन हेक्टेयर है, जबकि गन्ने के अंतर्गत क्षेत्र 4.9 मिलियन हेक्टेयर ही है। उपर्युक्त तीनों कथनों के संदर्भ में विगत 5 वर्षों (2016-17 से 2020- 21 ) में कमोबेश यही प्रवृत्ति रही है।
- गन्ने की खेती के अंतर्गत क्षेत्र वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमश: 4.4 मिलियन हेक्टेयर एवं 4.7 मिलियन हेक्टेयर रहा। जबकि, 2018- 19 में 5.1 मिलियन हेक्टेयर तथा 2019-20 एवं 2020-21 (च.अ.अ.) में क्रमश: 4.6 और 4.9 मिलियन हेक्टेयर रहा है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रश्नकाल तथा आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार भी प्रश्नगत कथनों में केवल कथन 1 एवं 3 ही सही हैं।
8. ‘राष्ट्रीय कृषि बाजार’ (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) स्कीम को क्रियान्वित करने का / के क्या लाभ है / हैं ?
U.P.S.C. (Pre) 2017
1. यह कृषि वस्तुओं के लिए सर्व भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है।
2. यह कृषकों के लिए राष्ट्रव्यापी बाजार सुलभ कराता है, जिसमें उनके उत्पाद की गुणता के अनुरूप कीमत मिलती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर-(c)
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने तथा कृषि जिंसों के पारदर्शी व्यापार को सुनिश्चित करने हेतु बनाई गई है। इसके इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल (e-NAM) का शुभारंभ 14 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो निवर्तमान कृषि उपज विपणन समितियों (APMCs) को एकीकृत कर कृषि जिंसों हेतु एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का सृजन करता है। इलेक्ट्रॉनिक व्यापार होने के कारण किसानों को उनके उपज की गुणवत्ता के अनुरूप प्रतिस्पर्धी ( बेहतर) मूल्य प्राप्त होता है।
9. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- राष्ट्रव्यापी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम’ (सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम) का उद्देश्य है-
U.P.S.C. (Pre) 2017
1. सिंचित कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना।
2. मृदा गुणवत्ता के आधार पर किसानों को दिए जाने वाले ऋण की मात्रा के आकलन में बैंकों को समर्थ बनाना।
3. कृषि भूमि में उर्वरकों के अति उपयोग को रोकना।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(b) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर-(b)
राष्ट्रीय ‘ मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ (SHCS) का शुभारंभ 19 फरवरी, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान के सूरतगढ़ से “स्वस्थ धरा, खेत हरा” नारे के साथ किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी भूमि की गुणवत्ता के विषय में जागरूक कर उन्हें उर्वरकों के अति प्रयोग (अनावश्यक प्रयोग) से रोकना तथा कृषि को अधिक उत्पादक, धारणीय तथा पर्यावरण के प्रति लोचशील बनाना है। शेष विकल्पों से इसका प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
10. निम्नलिखित में से कौन-सा / से भारत में 1991 में आर्थिक नीतियों के उदारीकरण के बाद घटित हुआ / हुए हैं / हैं ?
U.P.S.C. (Pre) 2017
1. GDP में कृषि का अंश बृहत रूप से बढ़ गया।
2. विश्व व्यापार में भारत के निर्यात का अंश बढ़ गया।
3. FDI का अंतर्वाह (इनफ्लो ) बढ़ गया।
4. भारत का विदेशी विनिमय भंडार बृहत रूप से बढ़ गया।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर-(b)
विश्व विकास संकेतक के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि का अंश वर्ष 2000 में 23 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2015 में यह घटकर 17 प्रतिशत रह गया। आर्थिक समीक्षा 2015-16 के अनुसार, वर्ष 2014 में विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 1.7 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 1990 और 2000 में यह क्रमश: 0.5 एवं 0.7 प्रतिशत ही थी। अतः कथन (2) सत्य है। आर्थिक समीक्षा 2015-16 के अनुसार, भारत का निवल FDI वर्ष 2014-15 (प्रारंभिक आंकड़े) में 31251 मिलियन डॉलर था, जबकि वर्ष 2000-01 में यह मात्र 3272 मिलियन डॉलर था। अतः कथन (3) सत्य है। भारत का विदेशी विनिमय भंडार वर्ष 1991-92 में 9220 मिलियन डॉलर था, जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 320649 मिलियन डॉलर हो गया। अतः कथन (4) भी सत्य है। वर्तमान परिदृश्य में भी विकल्प (b) ही सत्य है।
11. भारत ने किस देश के साथ नीली अर्थव्यवस्था (समुद्री संसाधन) पर सतत् विकास हेतु साझेदारी के लिए टास्क फोर्स का निर्माण किया है?
M.P.P.C.S. (Pre) 2020
(a) स्विट्जरलैंड
(c) स्वीडन
(b) नॉर्वे
(d) फ्रांस
उत्तर-(b)
18 फरवरी, 2020 को भारत के तत्कालीन भू-विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और नॉर्वे के तत्कालीन जलवायु एवं पर्यावरण मंत्री स्वेइनंग रोटवैठन ने सतत विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत- नॉर्वे कार्यबल (Taskforce) की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच संयुक्त पहल के तहत समुद्री कचरे के निपटान हेतु कई परियोजनाएं पहले से ही चल रही थीं। ध्यातव्य है कि सतत विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत- नॉर्वे कार्यबल को जनवरी, 2019 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से लांच किया था।
12. सूरज धारा योजना संबंधित है-
Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016
(a) ऋण संबंधी
(b) बीज अदला-बदली
(c) टीकाकरण
(d) बीमा संबंधी
(e) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(b)
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘सूरज धारा योजना’ बीज अदला-बदली से संबंधित है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों को एक हेक्टेयर के लिए दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बीज अदला-बदली हेतु अनुदान दिया जाता है।
13. निम्नांकित में से कौन भारत में सहकारी कृषि के विचार का समर्थक नहीं था ?
U.P.P.C.S. (Pre) 1996
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) लाल बहादुर शास्त्री
(c) चरण सिंह
(d) अबुल कलाम आजाद
उत्तर-(c)
चौधरी चरण सिंह ने नेहरू के सोवियत शैली से आर्थिक विकास का विरोध किया। चौधरी चरण सिंह का विचार था कि सहकारी फार्म भारत में सफल नहीं हो सकते हैं। अतः चरण सिंह को भारत में सहकारी कृषि का समर्थक नहीं माना जाता है।
14. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में भूमि सुधार का हिस्सा नहीं है ?
U.P. P. C. S. (Pre) ( Re – Exam ) 2015
(a) जमींदारी प्रथा का उन्मूलन
(b) भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण
(c) काश्तकारी सुधार
(d) बहुफसलीय योजना
उत्तर- (d)
भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी, जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था। अतः देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।
15. निम्नांकित में से कौन-सा उपाय कृषि संरचना को कृषि विकास के लिए प्रेरक बनाने हेतु अपनाया गया है ?
U.P. P.C.S. (mains) 2017
(a) मध्यस्थों की समाप्ति
(b) भू-धृति सुधार
(c) जोतों की हदबन्दी
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर- (d)
भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी, जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था। अतः देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।
16. भारत में पट्टेदारी सुधार के उपायों के संदर्भ में, कौन-सा कथन सही है/हैं ?
U.P.P.C.S. (Pre), 2019
1. लगान का विनियमन
2. अवधि की सुरक्षा
3. पट्टेदारी पर स्वामित्व की घोषणा
नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर- (d)
सामान्य रूप से भूमि सुधारों (Land Reforms) तथा विशेष रूप से पट्टेदारी सुधारों (Tenancy Reforms) का उद्देश्य सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से पट्टों या जोतों के स्वामित्व का पुनर्वितरण तथा भूमि के अनुकूलतम उपयोग की दृष्टि से प्रचालनात्मक जोतों को पुनर्संगठित करना है। भूमि सुधारों के तहत मध्यवर्तियों का उन्मूलन और पट्टेदारी सुधार जिसके तहत लगान का विनियमन, पट्टेदारों हेतु पट्टा अवधि की सुरक्षा तथा उन्हें पट्टेदारी का स्वामित्व प्रदान करना शामिल हैं। इस पूरी अवधारणा का उद्देश्य वास्तविक कृषकों को अधिकार प्रदान कर उन्हें राज्य के प्रत्यक्ष संपर्क में लाना है। पट्टेदारी की सुरक्षा और लगान के विनियमन के साथ वास्तविक कृषकों को पट्टेदारी पर स्वामित्व प्रदान करना कृषकों को उनके श्रम का समुचित प्रतिफल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है।
17. भारत में सीमांत जोत का आकार है-
Uttrakhand P.C.S. (Pre) 2016
(a) 5 हेक्टेयर से अधिक
(b) 2 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर
(c) 1 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर
(d) 1 हेक्टेयर से कम
उत्तर- (d)
कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal | land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है। अर्द्ध जोतों का आकार 1- 2 हेक्टेयर, अर्द्ध- मध्यम जोतों का आकार 2-4 हेक्टेयर, मध्यम | जोतों का आकार 4-10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है। भारत में सकल जोतों में 68.45 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.62 प्रतिशत लघु जोतें, 9.56 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.57%) बृहद जोतें हैं।
18. एक किसान, जिसके पास 1 से 2 हेक्टेयर तक जोत है, जाना जाता है-
U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021
(a) सीमान्त कृषक
(b) बड़ा कृषक
(c) मध्यम कृषक
(d) लघु कृषक
उत्तर – (d)
कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal | land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है। अर्द्ध जोतों का आकार 1- 2 हेक्टेयर, अर्द्ध- मध्यम जोतों का आकार 2-4 हेक्टेयर, मध्यम | जोतों का आकार 4-10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है। भारत में सकल जोतों में 68.45 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.62 प्रतिशत लघु जोतें, 9.56 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.57%) बृहद जोतें हैं।
19. भारत में सीमांत कृषि भूमि जोत का आकार है-
63rd B.P.S.C. (Pre) Exam 2017
(a) 5 हेक्टेयर से ज्यादा
(b) 2 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर
(c) 1 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर
(d) 1 हेक्टेयर से कम
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
उत्तर- (d)
कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal | land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है। अर्द्ध जोतों का आकार 1- 2 हेक्टेयर, अर्द्ध- मध्यम जोतों का आकार 2-4 हेक्टेयर, मध्यम | जोतों का आकार 4-10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है। भारत में सकल जोतों में 68.45 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.62 प्रतिशत लघु जोतें, 9.56 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.57%) बृहद जोतें हैं।
20. निम्न राज्यों में से कौन ट्यूब-वैल सिंचाई के क्षेत्र में सर्वोच्च है ?
U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021
(a) उत्तर प्रदेश
(c) पंजाब
(b) बिहार
(d) हरियाणा
उत्तर – (a)
विकल्पगत राज्यों में ट्यूबवैल से सिंचाई के संदर्भ में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक क्षेत्र है।
21.गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था है-
U.P.P.C.S. (Pre) 2005
(a) ताज निकलने की अवस्था
(b) किल्ले निकलने की अवस्था
(c) बूट अवस्था
(d) संधि की अवस्था
उत्तर – (a)
ताज निकलने की अवस्था गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था होती है। यदि किसी किसान को एक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो उसे इसी अवस्था में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। विकल्प में दी गई अन्य अवस्थाएं भी सिंचाई की क्रांतिक अवस्था से संबंधित हैं, परंतु इन सबका संबंध एक से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर है।
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