राजस्थान की प्राचीन / मध्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था Previous Year Questions

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 राजस्थान की प्राचीन / मध्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था MCQs

1.मध्यकालीन ‘पट्टा रेख’ से आप क्या समझते हैं? 
[Forest Guard 11 Dec 2022 Shift-II]
(A) लाग-बाग
(B) पट्टा में लिखा हुआ निर्धारित कर
(C) आयात कर
(D) निर्यात कर

उत्तर- (B) पट्टा रेख- मध्यकालीन पट्टा में उल्लेखित निर्धारित कर भरतु रेख- जागीरदार द्वारा पट्टा रेख के आधार पर राज्य खजाने में जमा रकम।

2. “जागीर” शब्द किस भाषा से लिया गया है?
[Forest Guard 11 Dec 2022 Shift-ll]
(A) हिन्दी
(B) मारवाड़ी
(C) संस्कृत
(D) फारसी

उत्तर- (D) जागीर शब्द फारसी भाषा का शब्द है जागीरदार वे मनसबदार होते थे जिन्हें नकद के बदले जमादानी (अनुमानित आय) के आधार पर कुछ राजस्व क्षेत्र दिये जाते थे। इन्हें जागीर कहा जाता था । वतन जागीर (पैतृक जागीर) अलतमगा जागीर जहाँगीर के समय यह एक सरकारी अनुदान जो विशेष कृपा पात्र लोगों को बादशाह द्वारा दी। जाती थी।

3. मारवाड़ राज्य में किस प्रकार के सामंतों को रेख, हुक्मनामा और चाकरी से 3 पीढ़ियों के लिए मुक्त किया जाता था ?
[Forest Guard-11 Dec. 2022 Shift-1]
(A) राजवी
(B) कुम्पावत
(C) सरदार
(D) राणावत

उत्तर- (A) राजवी- मारवाड़ में निकट संबंधी को जीवन निर्वाह हेतु जागीर दी जाती थी। उन्हें रेख, चाकरी, हुक्मनामा करा से 3 पीढ़ी तक मुक्त रखा जाता था। उसके बाद यह सामान्य जागीरदारों की श्रेणी में आ जाते थे।।

4. ‘दस्तूर कौमवार’ में किस राज्य से सम्बन्धित वर्णन मिलता है? 
[Forester 06 Nov. 2022, Shift-1]
(A) बीकानेर
(B) जयपुर
(c) उदयपुर
(D) कोटा

उत्तर- (B) दस्तुर कौमावार जयपुर में जाति के अनुसार प्रथाओं की जानकारी कारखाने जात रेकार्ड जिसमें गुणीजनखाना, सुरतखाना, रंगखाना, छापाखाना, इमारतखाना आदि के कागज तथा रोजनामचा बहियां सम्मिलित की जाती है।

5. राजस्थान के इतिहास में ‘पट्टा रेख’ से क्या अभिप्राय है?
[RAS Pre 28 Aug, 2016]
(A) आकलित राजस्व
(B) सैन्य कर
(C) आयात-निर्यात कर
(D) बेगार

उत्तर- (A) रेख- सामंतो की जागीर की वार्षिक उपज की अनुमान।पट्टा रेख- राजा द्वारा प्रदत्त जागीर के पट्टे में उल्लेखित आय (आकलित राजस्व) वार्षिक

6.राजस्थान राज्य में प्रचलित ‘सागड़ी
[Grade-III, 11 Sept. 2022]
(A) बंधुआ मजदूरी प्रणाली
(B) शादी की परंपरा
(C) राजस्व संग्रह का प्रकार
(D) एक विशेष प्रकार का कर

उत्तर- (A) सागड़ी प्रथा/बंधुआ मजदूर प्रथा/हाली प्रथा-पूंजीपति/उच्च कुलीन लोगों से ब्याज पर पैसे लेने पर जब तक इसे चुकाया न जाए। तब तक उनके घर बंधुआ मजदूरी करनी पड़ती थी। सागड़ी प्रथा निवारण अधिनियम 1961 पारित किया गया।

7.’बालद’ क्या थे?
[JEN (Civil) Diploma (TSP) – 16 Oct 2016]
(A) सार्थवाह
(B) बख्शी
(C) सैनिक
(D) कृषक

उत्तर- (A) बंजारी द्वारा माल ढोने के बैलों का समूह मौर्य काल में व्यापारिक काफिले को ‘सार्थवाह’ कहा जाता था। गाड़ियों पर अपने माल लाद कर पूरे सार्थ (काफिले के साथ तक व्यापार करते थे।

8.बालद क्या है?
[RTET 2012]
(A) मांड गायन की परम्परा
(B) ओल्यू का पर्यायवाची
(C) अकाल पड़ने पर मवेशियों को चारे पानी की खोज में अन्य भू-भागो में ले जाने की घटना
(D) बिणजारों का वह बैल समूह, जिसकी पीठ पर माल लादकर विक्रय हेतु ले जाया जाता है।

उत्तर- (D) बंजारों का समूह, जो बैलों पर माल लेकर एक जगह से दूसरी जगह बैचने के लिए (वि) ले जाते थे।

9. राजस्थान में एक राजा का दूसरे राजा के साथ होने वाले पत्र व्यवहार को कहा जाता था
[Jail Prahari Paper 1 12 Sep. 2017]
(A) सनद
(B) खरीता
(C) अर्जदाश्त
(D) परवाना

उत्तर- (B) खरीता- राजस्थान में एक राजा का दूसरे राजा साथ होने वाला पत्र व्यवहार। सनद किसी स्थल पर उपस्थित होने या उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र परवाना शासक जो अपने अधीनस्थ कर्मचारियो को भेजते अर्जदाश्त अर्जी, प्रार्थना पत्र

10. सोलहवीं सत्रहवीं शताब्दी राजस्थान में नील का कारोबार अत्यन्त विकसित था और नील हमारी सांस्कृतिक विरासत रही है और विरासत का गवाह रहा है:
[III Grade 2010]
(A)बयाना (भरतपुर)
(B) करौली (करौली)
(C) धोलपुर (धोलपुर)
(D) अलवर (अलवर)

उत्तर- (A) 16वीं-17वीं (मुगलकाल मध्यकाल) बयाना आगरा नील की खेती के प्रसिद्ध इब्नबतूता बयाना नील की खेती का उल्लेख किया


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11. 8 वीं से 12 वीं सदी कारी ‘अक्षपटलिक’ संबंध किस था?
[Patwari 2017]
(A) कृषि कार्य रखने अधिकारी
(B) राज्य आय का ब्योरा रखने
(C) राज कोष और आभूषणों को रखने अधिकारी
(D) विदेश नीति से संबंधित अधिकारी

उत्तर- (B) अक्षपटलिक- राज्य के आय-व्यय का ब्यौरा रखना (मुख्य लेखाधिकारी)। मेवाड़ में यह पद वंश-परम्परागत (वंशानुगत) बन गया।

12. मारवाड़ में वीरता, साहित्य, सेवा के लिए “”सिरोपाव” देने की परम्परा रही थी, सर्वोच्च सिरोपाव था-
[Patwari Main – 6 Jan, 2017]
(A) पालकी सिरोपाव
(B) हाथी सिरोपाव
(C) घोड़ा सिरोपाव
(D) कड़ा दुशाला सिरोपाव

उत्तर- (B) मारवाड़ में वीरता / साहित्य/सेवा देने पर “सिरोपाव” दिया जाता था। हाथी सिरोपाव- कपड़े मिलाकर 780 रूपये दिए जाते थे। सर्वोच्च सिरोपाव था। विवाह अवसर पर 849 तथा नजदीकी भाई-बंध ओं को विशेष कृपा में 1000 रूपये दिये जाते थे। विशेषाधिकार जो सामंती श्रेणीनुसार देय था।

13. “तिवारा कर” वसूला जाता था
[SI Platoon Commander 13 Sep., 2021] (A) औद्योगिक उत्पादों पर
(B) दूसरो राज्यों से व्यापार पर
(C) दिवाली और होली जैसे पर्वो पर
(D) कृषि उत्पादों पर

उत्तर- (C) तिवारा कर- दिवाली होली जैसे बड़े पर्वो पर वसूला जाता था। स्थानीय भाषा में ‘तिवारी’ कहा जाता है।

14. मटक, विछायत, चू-सराई क्या थे?
[JEN Civil (Diploma) 21 Aug, 2016]
(A) राजस्थान में स्थानीय करों के नाम
(B) राजस्थान में देशी कपड़ों के स्थानीय नाम
(C) कृषि यंत्रों नाम
(D) सिंचाई के साधनों के स्थानीय नाम

उत्तर- (A) 8 वीं 12 वीं शताब्दी में लगने वाले स्थानीय कर-आभाव्य, कन्धक, वेणी, कोश्य, खलभिक्षा। मध्यकालीन स्थानीय कर- राहदारी, बाब, पेशकश, गमीन बराड़, मटक, विछायत, चू-सराई। अन्य स्थानीय कर थे।

15. ‘डाबी’ और ‘जीवणी’ सामन्तों की श्रेणी राजस्थान में कहाँ प्रचलित थी?
[JEN Civil Degree (Non-TSP) 21 Aug.,2022]
(A) जैसलमेर
(B) उदयपुर
(C) मारवाड़
(D) कोटा

उत्तर- (A) सामंतों श्रेणी जैसलमेर- भाटी रावल हरराज के समय से डाबी (बायीं), जीवणी (दायी)। मेवाड़- 16 (प्रथम) 32 (द्वितीय श्रेणी), गोल (तृतीय श्रेणी)। मारवाड़- राजवी/ राजवीस (राजपरिवार सामंत), सरदार, मुत्सदी (अधिकारी), गनायत (अपनी शाखा से बाहर)। जयपुर- 12 कोटड़ी (पृथ्वीसिंह के समय ) ।

Join us on Telegram16. मध्यकालीन राजस्थान में नील की खेती के लिए निम्न में से कौनसा स्थान प्रसिद्ध था ?
[Lect. (ayurveda) Shalya-12 Nov 2021]
(A) नागौर
(B) सांभर
(C) बयाना
(D) सांगानेर

उत्तर- (C) मुगलकाल (मध्यकालीन) राजस्थान में बयाना (भरतपुर) (नील) की खेती के लिए प्रसिद्ध था। आइने ए अकबरी (अबुल फजल) अनुसार बयाना में सर्वश्रेष्ठ किस्म की नील होती थी। जो इराक होते हुए इटली तक भेजी जाती थी। बयाना, आगरा, सरखेज (गुजरात) प्रसिद्ध थे। बयाना, मुगलकालीन नील मंडी हेतु प्रसिद्ध ।

17. मुगल सम्राट की आज्ञानुसार राजपूताना में शाही पदाधिकारियों द्वारा जारी किये जाने वाले कागजात कहलाते थे:-
[JEN (Mechanical) DEGREE (TSP) 16 Oct., 2016]
(A) खरीता
(B) मन्सूर
(C) फरमान
(D) हस्बुल हुक्म

उत्तर- (D) हस्बुल हुक्म :- शाही परिवार के सदस्य/ सरदार द्वारा किसी व्यक्ति प्रेषित आदेश, जिसमें सम्राट की सहमति होती थी। &खरीताः- एक बड़ा लिफाफा किसी बड़े अधिकारी की ओर से मातहत के नाम आज्ञापत्र मन्सूर:- कानूनी घोषणा पत्र फरमान:- शासको (मुगल) द्वारा मनसबदारो के नाम शाही आदेश

18. राजस्थान की प्राचीन रियासत के संदर्भ में कांसा परोसा क्या था?
[Patwari 24 Oct. 21 Shift-1]
(A) सिंचाई की एक किस्म
(B) इनमें से कोई नही
(C) एक प्रकार की लाग (कर)
(D) भूमि का एक प्रकार

उत्तर- (C) राजस्थान में प्रचलित अन्य लागें (कर) = चंवरी लाग, तलवार बधाई, हुक्मनामा, कांसा परोसा, पेशकशी, कैद-खालसा, नजराना आदि।

19. लॉर्ड लेक ने होल्कर, सिन्धिया, अमीर खाँ की सम्मिलित सेना को कहाँ परास्त किया था?
[Investigator-2016, Code – 07]
(A) बैर
(B) हनुमानगढ़
(C) टोंक
(D) जोधपुर

उत्तर- (A) बैर (भरतपुर) का युद्ध 1805 लार्ड लेक ने होल्कर, सिंधिया, अमीर खाँ की सम्मिलित सेना को हराया।

20. राजस्थान की एकमात्र कौनसी रियायत थी जहाँ उत्तराधिकारी शुल्क नहीं लिया जाता था ?
[LSA 21 August 2016]
(A) जयपुर
(B) जोधपुर
(C) जैसलमेर
(D) उदयपुर

उत्तर- (C) उत्तराधिकारी शुल्क- मारवाड़ पेशकशी/ हुक्मनामा मेवाड- नजराना आमेर जयपुर- नजराना जैसलमेर एकमात्र रियायत जहाँ उत्तराधिकारी शुल्क नहीं लिया जाता था बिजौलिया में से पृथ्वीराज ने तलवार बंधाई कर लगाया कैद खालसा अन्य कर था।

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