Civil Disobedience Movement Previous Year Questions
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सविनय अवज्ञा आंदोलन
1. किस कांग्रेस सत्र में कार्यकारी कमेटी को सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का अधिकार दिया गया था?
[I.A.S. (Pre) 2005]
(a) बंबई सत्र
(b) लाहौर सत्र
(c) लखनऊ सत्र
(d) त्रिपुरी सत्र
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उत्तर – (b) लाहौर सत्र
1929 में लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित हुआ और इसी सत्र में कांग्रेस कार्यकारिणी को सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का अधिकार दिया गया। इसके बाद फरवरी 1930 में साबरमती आश्रम में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें महात्मा गांधी को इस आंदोलन के नेतृत्व के लिए अधिकृत किया गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
बंबई सत्र (1942) – भारत छोड़ो आंदोलन की भूमिका
लखनऊ सत्र (1916) – कांग्रेस-मुस्लिम लीग समझौता
त्रिपुरी सत्र (1939) – सुभाष चंद्र बोस और गांधीवादियों के बीच टकराव
2. दांडी यात्रा के साथ निम्नलिखित में से क्या प्रारंभ हुआ?
[U.P.P.C.S (Pre) 2000]
(a) होमरूल आंदोलन
(b) असहयोग आंदोलन
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
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उत्तर – (c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से 78 सत्याग्रहियों के साथ दांडी मार्च शुरू किया, जो 6 अप्रैल को नमक कानून तोड़कर समाप्त हुआ। इसी के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन का औपचारिक आरंभ हुआ। यह आंदोलन ब्रिटिश कानूनों की अहिंसक अवज्ञा पर आधारित था और पूरे देश में फैल गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
होमरूल आंदोलन (1916) – बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट द्वारा
असहयोग आंदोलन (1920) – गांधीजी के नेतृत्व में
भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुआ
3. दांडी यात्रा की गई–
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
(a) 1932 में
(b) 1931 में
(c) 1929 में
(d) 1930 में
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उत्तर – (d) 1930 में
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा की शुरुआत की थी, जो 6 अप्रैल 1930 को दांडी तट पर नमक कानून तोड़ने के साथ समाप्त हुई। यह यात्रा सविनय अवज्ञा आंदोलन की औपचारिक शुरुआत थी, जिसमें नमक कानून का उल्लंघन कर ब्रिटिश हुकूमत को सीधी चुनौती दी गई।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ था
1931 में गांधी-इरविन समझौता हुआ
1932 में पूना समझौता प्रमुख था
4. सविनय अवज्ञा आंदोलन के रूप में गांधीजी ने ‘दांडी मार्च’ प्रारंभ किया था–
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005, Mains 2006]
(a) 31 दिसंबर, 1929 को
(b) 26 जनवरी, 1930 को
(c) 12 मार्च, 1930 को
(d) 6 अप्रैल, 1930 को
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उत्तर – (c) 12 मार्च, 1930 को
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरू की थी, जो 24 दिन की यात्रा के बाद 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट पर नमक उठाकर समाप्त हुई। इसी प्रतीकात्मक कार्य के माध्यम से उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की, जो पूरे भारत में ब्रिटिश कानूनों के अहिंसक उल्लंघन के रूप में फैल गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
31 दिसंबर 1929 को लाहौर में तिरंगा फहराया गया था
26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया गया
6 अप्रैल 1930 को दांडी में नमक कानून तोड़ा गया
5. गांधीजी ने दांडी यात्रा प्रारंभ की थी–
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002, U.P. P.C.S. (Pre) 1999]
(a) चंपारन से
(b) साबरमती से
(c) बारदोली से
(d) दांडी से
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उत्तर – (b) साबरमती से
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) से दांडी यात्रा की शुरुआत की। उनके साथ 78 सत्याग्रही थे। उन्होंने लगभग 240 मील की पदयात्रा कर 6 अप्रैल को दांडी पहुंचकर नमक कानून तोड़ा। यह यात्रा सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभिक चरण थी और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक प्रत्यक्ष, अहिंसक प्रतिरोध थी।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
चंपारन – गांधीजी का पहला सत्याग्रह आंदोलन (1917)
बारदोली – 1928 में सरदार पटेल के नेतृत्व में किसान आंदोलन
दांडी – यात्रा का अंतिम पड़ाव था, शुरुआत नहीं
6. महात्मा गांधी ने “दाण्डी यात्रा” किस आश्रम से प्रारंभ की थी?
[M.P.P.C.S. (Pre) 2021]
(a) साबरमती
(b) पवनार
(c) सेवाग्राम
(d) रामानंदिया
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उत्तर – (a) साबरमती
दांडी यात्रा का आरंभ साबरमती आश्रम से हुआ था, जो अहमदाबाद के पास स्थित है। गांधीजी ने नमक कानून तोड़ने और अंग्रेजी शासन की नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए इसे केंद्र चुना। दांडी यात्रा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक मानी जाती है।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
पवनार और सेवाग्राम – गांधीजी के बाद के आवास स्थान
रामानंदिया – ऐतिहासिक संदर्भ में अप्रासंगिक
7. 1930 में महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन कहां से प्रारंभ किया था?
[65th B.P.S.C. (Pre) 2019]
(a) वर्धा
(b) दांडी
(c) सेवाग्राम
(d) साबरमती
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर – (b) दांडी
सविनय अवज्ञा आंदोलन की औपचारिक शुरुआत 6 अप्रैल 1930 को दांडी के समुद्र तट पर हुई, जब महात्मा गांधी ने नमक कानून तोड़ा। हालांकि उन्होंने 12 मार्च को आंदोलन की शुरुआत साबरमती आश्रम से दांडी कूच द्वारा की थी, लेकिन भारत सरकार की आधिकारिक व्याख्या के अनुसार, आंदोलन का प्रारंभ स्थल दांडी माना गया, जहां नमक कानून का उल्लंघन हुआ।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
साबरमती से यात्रा शुरू हुई थी
सेवाग्राम और वर्धा गांधीजी के बाद के आवास स्थल रहे
8. निम्नलिखित प्रांतों में से किस प्रांत के सत्याग्रहियों की संख्या महात्मा गांधी के दांडी कूच में सर्वाधिक थी?
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
(a) बिहार
(b) गुजरात
(c) महाराष्ट्र
(d) बंगाल
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उत्तर – (b) गुजरात
दांडी यात्रा में शामिल कुल 78 सत्याग्रहियों में सबसे अधिक संख्या गुजरात के लोगों की थी – कुल 32। दांडी यात्रा गुजरात के साबरमती से प्रारंभ होकर दांडी समुद्र तट तक गई थी, इसलिए स्थानीय लोगों की भागीदारी स्वाभाविक रूप से अधिक रही।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
महाराष्ट्र – 13 सत्याग्रही
बिहार और बंगाल – केवल 1-1 सत्याग्रही
9. गांधीजी के नमक सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था?
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
(a) नमक कानून को निरस्त करना
(b) सरकार के सत्ता की कटौती
(c) आम लोगों के लिए आर्थिक राहत
(d) भारत के लिए ‘पूर्ण स्वराज’
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर – (e) उपर्युक्त में से एक से अधिक
गांधीजी के नमक सत्याग्रह के कई उद्देश्य थे:
ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार का विरोध
सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत के रूप में पूर्ण स्वराज की मांग
आम जनता को आर्थिक रूप से राहत देना, क्योंकि नमक एक आवश्यक वस्तु थी
इसलिए यह आंदोलन न केवल एक कानून के विरुद्ध था, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत भी थी।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
केवल एक उद्देश्य चुनना सत्याग्रह की व्यापकता को सीमित कर देता
10. निम्नलिखित में से किसने गांधीजी के नमक आंदोलन में भाग लिया?
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]
(a) सरोजिनी नायडू
(b) राजकुमारी अमृत कौर
(c) कमलादेवी चट्टोपाध्याय
(d) उपर्युक्त में से सभी
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उत्तर – (d) उपर्युक्त में से सभी
गांधीजी के नेतृत्व में चले नमक सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन में महिलाओं की सक्रिय भूमिका रही।
सरोजिनी नायडू – गांधीजी की गिरफ्तारी के बाद प्रमुख भूमिका निभाई
राजकुमारी अमृत कौर – कांग्रेस की प्रमुख कार्यकर्ता और आंदोलन में सक्रिय
कमलादेवी चट्टोपाध्याय – सार्वजनिक रूप से नमक बनाकर गिरफ्तारी दी
इन महिलाओं की भागीदारी ने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को ऐतिहासिक रूप से मजबूत किया।
11. निम्नलिखित में से किस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक मानी जाती है?
[U.P.P.C.S (Mains) 2016]
(a) असहयोग आंदोलन
(b) नमक सत्याग्रह
(c) बारदोली कूच
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
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उत्तर – (b) नमक सत्याग्रह
नमक सत्याग्रह (1930) वह आंदोलन था जिसमें महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से सर्वाधिक रही।
उन्होंने घर-घर जाकर नमक बनाया
विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया
जेल भरने तक का साहस दिखाया
सरोजिनी नायडू, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, राजकुमारी अमृत कौर जैसी महिलाओं ने इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। यह आंदोलन महिलाओं के लिए राजनीतिक क्षेत्र में जागरूकता और भागीदारी का प्रतीक बन गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
असहयोग आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी सीमित थी
बारदोली कूच मुख्यतः किसानों का आंदोलन था
भारत छोड़ो आंदोलन में भी महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही, परंतु संख्या और नेतृत्व के लिहाज से नमक सत्याग्रह अग्रणी रहा
12. महात्मा गांधी ने 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ किया था–
[I.A.S. (Pre) 1995]
(a) सेवाग्राम से
(b) दांडी से
(c) साबरमती से
(d) वर्षा से
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उत्तर – (b) दांडी से
गांधीजी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी के लिए कूच की, पर सविनय अवज्ञा आंदोलन की औपचारिक शुरुआत 6 अप्रैल 1930 को दांडी में नमक कानून तोड़ने से हुई। इसलिए दांडी को आंदोलन का आरंभिक स्थल माना गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
साबरमती – यात्रा का प्रारंभिक स्थल
सेवाग्राम और वर्षा – गांधीजी के बाद के निवास स्थान
13. सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ–
[U.P. P.S.C. (GIC) 2010]
(a) होमरूल की घोषणा के बाद
(b) बंगाल के विभाजन के बाद
(c) दांडी मार्च के बाद
(d) कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वराज की घोषणा के बाद
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उत्तर – (c) दांडी मार्च के बाद
सविनय अवज्ञा आंदोलन की औपचारिक शुरुआत 6 अप्रैल 1930 को तब हुई जब महात्मा गांधी ने दांडी में नमक कानून तोड़ा।
12 मार्च 1930 को गांधीजी ने साबरमती से दांडी यात्रा प्रारंभ की।
यह आंदोलन ब्रिटिश कानूनों के अहिंसक उल्लंघन पर आधारित था, जिसका प्रथम प्रतीकात्मक कार्य नमक कानून का उल्लंघन था।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
होमरूल आंदोलन (1916), बंगाल विभाजन (1905) – अलग आंदोलन से जुड़े
पूर्ण स्वराज की घोषणा (1929) – प्रेरणा स्रोत था, पर सीधे आंदोलन की शुरुआत नहीं
14. दांडी मार्च शुरू किया गया था–
[U.P. P.C.S. (Pre) 1993]
(a) नमक कानून के समर्थन हेतु
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
(c) रौलेट एक्ट के समर्थन हेतु
(d) रौलेट एक्ट के विरोध में
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उत्तर – (b) नमक कानून तोड़ने हेतु
दांडी मार्च महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश नमक कानून के विरोध में किया गया एक ऐतिहासिक सत्याग्रह था।
12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक गांधीजी और 78 सत्याग्रही पैदल दांडी पहुंचे।
वहां उन्होंने नमक बनाकर कानून का उल्लंघन किया, जो सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत बनी।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
यह कानून सरकारी एकाधिकार और गरीबों के शोषण का प्रतीक था
रौलेट एक्ट के विरोध में आंदोलन 1919 में हुआ था, यह उससे असंबंधित है
15. ऐतिहासिक ‘दांडी मार्च’ का संबंध है–
[U.P. P.C.S. (Mains) 2004]
(a) निर्वाचन के बहिष्कार से
(b) नमक कानून को तोड़ने से
(c) हिंदू-मुस्लिम एकता से
(d) छुआछूत को दूर करने से
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उत्तर – (b) नमक कानून को तोड़ने से
दांडी मार्च महात्मा गांधी द्वारा 12 मार्च 1930 को प्रारंभ किया गया आंदोलन था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश नमक कानून को तोड़ना था।
यह कानून ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाया गया एक आर्थिक बोझ था।
गांधीजी ने नमक को चुनकर यह दिखाया कि ब्रिटिश शासन का विरोध कैसे सरल और आम जनता के लिए प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
6 अप्रैल 1930 को उन्होंने दांडी समुद्र तट पर नमक उठाकर इस कानून का उल्लंघन किया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
निर्वाचन का बहिष्कार असहयोग आंदोलन से जुड़ा था
हिंदू-मुस्लिम एकता एक व्यापक उद्देश्य रहा, लेकिन दांडी मार्च का मुख्य उद्देश्य नमक कानून का विरोध था
छुआछूत हटाना गांधीजी का सामाजिक उद्देश्य था, यह इस आंदोलन का प्रत्यक्ष लक्ष्य नहीं था
16. दांडी यात्रा कितने दिन चली थी?
[66th B.P.S.C (Pre) 2020]
(a) 10 दिन
(b) 20 दिन
(c) 24 दिन
(d) 30 दिन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर – (c) 24 दिन
महात्मा गांधी की दांडी यात्रा 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से प्रारंभ हुई और 6 अप्रैल 1930 को दांडी में समाप्त हुई।
यह यात्रा लगभग 240 मील (390 किमी) लंबी थी
इसमें गांधीजी के साथ 78 सत्याग्रही थे
यात्रा के अंत में नमक कानून का उल्लंघन कर सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की गई
अन्य विकल्पों की जानकारी:
यह यात्रा 24 दिन चली, जो सटीक ऐतिहासिक तथ्य है
अन्य सभी विकल्प कालानुक्रमिक रूप से गलत हैं
17. सबसे पहले कौन-सी घटना घटी?
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
(a) दांडी मार्च
(b) भारत छोड़ो आंदोलन
(c) साइमन कमीशन का आगमन
(d) गांधी-इर्विन समझौता
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उत्तर – (c) साइमन कमीशन का आगमन
साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया था, जिसे भारत में विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि इसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था।
उसके बाद की घटनाएँ:
दांडी मार्च – 12 मार्च 1930
गांधी-इरविन समझौता – 5 मार्च 1931
भारत छोड़ो आंदोलन – 9 अगस्त 1942
इस प्रकार, इन चारों घटनाओं में सबसे पहले साइमन कमीशन भारत आया था, जिसने बाद के आंदोलनों की पृष्ठभूमि तैयार की।
18. भारतीय इतिहास में 6 अप्रैल, 1930 की तिथि जानी जाती है–
[U.P. P.C.S. (Pre) 2002, Mains 2012]
(a) महात्मा गांधी द्वारा दांडी मार्च हेतु
(b) प्रथम गोलमेज सम्मेलन हेतु
(c) गांधी-इरविन समझौता हेतु
(d) जलियांवाला बाग हत्याकांड हेतु
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उत्तर – (a) महात्मा गांधी द्वारा दांडी मार्च हेतु
6 अप्रैल 1930 को महात्मा गांधी ने दांडी समुद्र तट पर पहुंचकर एक मुट्ठी नमक उठाकर अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़ा।
यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की औपचारिक शुरुआत हुई।
यह प्रतीकात्मक कार्य ब्रिटिश सत्ता की वैधता को चुनौती देने का जनांदोलन बन गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
प्रथम गोलमेज सम्मेलन – नवंबर 1930
गांधी-इरविन समझौता – 5 मार्च 1931
जलियांवाला बाग हत्याकांड – 13 अप्रैल 1919
19. उपर्युक्त वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
कथन (A): महात्मा गांधी द्वारा नमक आंदोलन वर्ष 1930 में चलाया गया था।
कारण (R): महात्मा गांधी का उद्देश्य था कि गरीबों को नमक मुफ्त उपलब्ध हो।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P. P.C.S. (Pre) 2003]
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
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उत्तर – (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
महात्मा गांधी ने 1930 में नमक कानून के विरोध में दांडी यात्रा के माध्यम से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था। इसका उद्देश्य था ब्रिटिश शासन के अन्यायपूर्ण कानूनों को चुनौती देना, विशेष रूप से नमक कानून जो एक सामान्य व्यक्ति पर अत्यधिक कर का प्रतीक बन चुका था।
लेकिन गांधीजी का उद्देश्य गरीबों को मुफ्त नमक देना नहीं था, बल्कि यह विरोध का एक प्रतीक था। उन्होंने वायसराय को जो 11 मांगें भेजी थीं, उनमें नमक कर को समाप्त करने की बात थी, मुफ्त वितरण की नहीं।
20. सविनय अवज्ञा आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/ हैं?
महात्मा गांधी को नमक कानून तोड़ने के विरोध में सजा नहीं दी गई थी।
मदन मोहन मालवीय, देवदास गांधी और के.एम. मुंशी को नमक कानून तोड़ने पर सजा दी गई थी।
[U.P. R.O./ A.R.O. (Mains) 2016]
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
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उत्तर – (b) केवल 2
महात्मा गांधी को 1930 में नमक कानून तोड़ने के बाद गिरफ्तार किया गया और उन्हें पुणे की यरवदा जेल में भेजा गया। अतः कथन 1 गलत है।
कथन 2 सही है:
मदन मोहन मालवीय
देवदास गांधी
के.एम. मुंशी
जैसे प्रमुख नेताओं को भी नमक कानून के उल्लंघन पर गिरफ्तार किया गया था।
इस आंदोलन में नेताओं की गिरफ्तारी ने ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीति को उजागर कर दिया और आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर बल मिला।
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