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– Railway Exam Memory-Based Questions
– CTET, RPSC, Patwar, REET, Police Old Questions
– TET (Teacher Eligibility Test) Questions
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पारिस्थितिकीय तंत्र
1. विज्ञान की किस शाखा के अन्तर्गत पर्यावरण का अध्ययन किया जाता है?
[LDC-12.08.2018](1) वर्गिकी
(2) आकारिकी
(3) आनुवंशिकी
(4) पारिस्थितिकी
Ans. (4)
व्याख्या –
किसी समुदाय के निर्जीव वातावरण तथा उसमें पाए जाने वाले जीवधारियों को सामूहिक रूप से ‘पारितंत्र’ कहते हैं एवं इसके अध्ययन को ‘पारिस्थितिकी’ (Ecology) कहते हैं। इकोलॉजी अर्थात पारिस्थितिकी शब्द का प्रथम प्रयोग सर्वप्रथम रिटर ने किया लेकिन इसको पूर्ण रूप से परिभाषित (जर्मन-Oekologie) 1866 में जर्मन जीववैज्ञानिक अर्नेस्ट हैकल ने अपनी पुस्तक ‘जनरेल मोर्पोलॉजी देर ऑर्गेनिज्मेन’ में किया था। ‘पारिस्थितिकी तंत्र’ (Ecosystem) शब्द का प्रयोग- सर्वप्रथम ए.जी. टेन्सले ने अपनी पुस्तक ‘Ecology’ (1935) में किया। उल्लेखनीय है कि प्रो. रामदेव मिश्रा ने भारत में पारिस्थितिकी और पर्यावरण विज्ञान की नींव रखी थी, अतः उन्हें भारतीय पारिस्थितिकी का जनक माना जाता है।
2. शब्द पारिस्थितिकी तन्त्र को सर्वप्रथम दिया है-
[CET-11.2.2023 (S-II)](1) ओड्म
(2) आर. मिश्रा
(3) क्लीमेन्ट
(4) ए. जी. टेन्सले
Ans. (4)
3. ‘भारतीय परिस्थितिकी के जनक’ कौन हैं?
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.10.2016](1) रमन सुकुमार
(2) रामदेव मिश्रा
(3) एम. सरथ कुमार
(4) माधव गाडगिल
Ans. (2)
4. शब्द पारिस्थितिकी को सर्वप्रथम दिया है-
[CET-5.2.2023 (S-1)](1) ब्राउन
(2) अरस्तु
(3) रीटर
(4) खुराना
Ans. (3)
5. प्रकृति की क्रियाशील इकाई कहलाती है-
[RPSC LDC-23.10.2016](1) वायुमण्डल
(2) जैवमण्डल
(3) पारितंत्र
(4) पर्यावरण
Ans. (3)
व्याख्या-
पारितंत्र को प्रकृति की क्रियाशील इकाई के रूप में देखा जाता है जहाँ पर जीवधारी आपस में तथा आसपास के भौतिक पर्यावरण के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
6. पारिस्थितिक तंत्र में क्या शामिल होता है?
(1) क्षेत्र विशेष में उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटनकर्ता
(2) किसी क्षेत्र के सभी पौधे और पशु
(3) कोई विद्यमान समुदाय और उसका परिवेश
(4) किसी क्षेत्र के मांसभक्षी और शाकभक्षी
Ans. (3)
व्याख्या-
पारिस्थितिक तंत्र एक कार्यशील क्षेत्रीय इकाई होता है जो क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारियों (पौधों तथा जंतु) एवं उनके भौतिक पर्यावरण के सकल योग का प्रतिनिधित्व करता है। पारिस्थितिक तंत्र समुदायों एवं परिवेश (पर्यावरण) के मध्य अंतःसंबंध का परिणाम होता है। पारिस्थितिक तंत्र के दो प्रमुख घटक – जैविक व अजैविक हैं। जैविक घटक वे सजीव हैं, जो अपने लिए भोजन निर्माण स्वयं करते हैं या उपभोक्ता वर्ग में आते हैं। अजैविक घटक में कार्बनिक (जैसे-पर्णहरित), अकार्बनिक व जलवायवीय कारक होते हैं। पर्यावरण के अजैव अवयव में तापमान, प्रकाश, आर्द्रता, वायु, पवन, जल, मिट्टी आदि आते हैं।
7. पारिस्थितिक तंत्र के निम्नलिखित कौनसे दो घटक है?
[CET-11.2.2023][Headmaster – 02.09.2018](1) पादप तथा जंतु
(2) पेड़ तथा खरपतवार
(3) जैविक तथा अजैविक
(4) भूमि और जल
Ans. (3)
8. कौनसा पर्यावरण के अजैविक घटक के अंतर्गत आते हैं?
[REET (Level-1, S-I) -23.07.2022](1) पादप
(2) वायु
(3) जन्तु
(4) जीवाणु
Ans. (2)
9. पारिस्थितिकी तंत्र का अजैविक घटक निम्नलिखित में से है-
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.08.2015](1) शैवाल
(2) वन के वृक्ष
(3) पर्णहरित
(4) कैक्टस
Ans. (3)
10. पारिस्थितिकी तंत्र का कौन एक जीवीय संघटक नहीं है?
[R.A.S.-31.10.2015][Nurse-03.02.2024](1) जानवर
(2) वायु
(3) वनस्पति
(4) जीवाणु
Ans. (2)
11. एक पारिस्थितिकी तंत्र में सर्वाधिक संख्या में पाये जाते हैं-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) मांसाहारी (Carnivores)
(2) शाकाहारी (Herbivores)
(3) उत्पादक (Producers)
(4) प्राथमिक उपभोक्ता (Primary Consumer)
Ans. (3)
व्याख्या –
•जैविक घटक | Biotic Componants] – इस घटक में सभी जीवधारियों (जीव व पादप समुदाय) को सम्मिलित किया जाता है। ये सभी परस्पर सम्बन्धित होते हैं। इसे सुविधा की दृष्टि से तीन भागों में बांटा जा सकता है-
• उत्पादक या स्वपोषी : ये जीवधारी प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा स्वयं को जीवित रखने के लिए भोजन का निर्माण करते हैं। जैसे- पेड़-पौधे। ये क्लोरोफिल युक्त पादप हैं जिनमें शैवाल, घास एवं पेड़ आते हैं। ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा सूर्य ऊर्जा (Solar Energy) को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। यह अधिकतर प्राणियों के लिए भोजन का स्रोत है। हरे पादप को स्वपोषी भी कहते हैं क्योंकि वे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
•उपभोक्ता : ये जीवधारी भोजन के लिए पादप व अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं। जैसे-गाय, भैंस, बकरी, हिरण पेड़ पौधों पर, शेर, चीता, बाज अन्य जीवों पर व मनुष्य सभी प्रकार के जैविक घटकों पर निर्भर रहते हैं। वे प्राणी जो स्वयं का भोजन नहीं बना सकते हैं एवं किसी अन्य पर जीवित रहते हैं, उन्हें उपभोक्ता अथवा विषमपोषी (Heterotrophs) कहते हैं। ये ज्यादातर जन्तु होते हैं। वे जन्तु जो सीधे पादपों पर निर्भर रहते हैं, उन्हें शाकभक्षी कहते हैं। जैसे-टिड्डा, बकरी, भेड़ एवं खरगोश।
• अपघटक : गैर हरे जीव जैसे कवक और कुछ बैक्टीरिया जो आहार बनाने में अक्षम होते हैं मृत तथा सड़ते-गलते पादप अथवा प्राणी शरीरों पर मृतजीवी (Saprophytic) तौर पर रहते हैं और उनका सरलतर पदार्थों में विघटन करते हैं। ये पदार्थ फिर वापिस पर्यावरण में पहुँच जाते हैं और नया प्रोटोप्लाज्म बनाने की दिशा में एक बार पुनः हरे पौधों को उपलब्ध हो जाते हैं। इन जीवों को अपघटक कहते हैं।
12. पर्यावरण के जैविक घटक हैं-
[REET L-1, 26.09.2021](1) पौधे
(2) पहाड़
(3) मैदान
(4) नदियाँ
Ans. (1)
13. खाद्य श्रृंखला के अनुसार, मनुष्य होता है-
[CET-5.2.2023 (S-II)](1) उत्पादक एवं अपघटक
(2) उपभोक्ता
(3) उत्पादक
(4) उत्पादक एवं उपभोक्ता दोनों
Ans. (2)
14. एक खाद्य श्रृंखला में निम्नलिखित में सर्वाधिक संख्या किसकी होती है?
[CET-11.2.2023 (S-I)](1) उत्पादक
(2) प्राथमिक उपभोक्ता
(3) द्वितीयक उपभोक्ता
(4) अपघटक
Ans. (4)
15. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र है-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-29.11.2015 (Non-TSP)](1) झील
(2) खेत
(3) वन
(4) तालाब
Ans. (2)
व्याख्या –
वन, तालाब, झील प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र हैं जबकि खेत कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र है।
16. खाद्य-श्रृंखला में सबसे निचला स्तर है-
(1) उपभोक्ता
(2) दूसरा उपभोक्ता
(3) उत्पादक
(4) कोई नहीं
Ans. (3)
व्याख्या-
खाद्य श्रृंखला (Food Chain) निम्नलिखित क्रम में होती है (नीचे से ऊपर स्तर)
उत्पादक→ शाकभक्षी→ मांसभक्षी
(प्रथम उपभोक्ता) (द्वितीय उपभोक्ता)
उदाहरणार्थ-
(i) घास (निचला स्तर) →हिरण →शेर
(ii) घास (निचला स्तर) →टिड्डा→ मेंढ़क→ सर्प →बाज
17. कौन प्राथमिक उपभोक्ता है?
[Stenographer -30.05.2013](1) मांसाहारी
(2) शाकाहारी
(3) उत्पादक
(4) कोई नहीं
Ans. (2)
18. निम्न में से कौन-सा जोड़ा सही है?
(1) प्राथमिक उपभोक्ता-तेंदुआ
(2) द्वितीयक उपभोक्ता-घास
(3) अपघटक-बैक्टीरिया
(4) उत्पादक- हिरण
Ans. (3)
व्याख्या-
अपघटक वे परपोषी जीव है जो मृत कार्बनिक पदार्थों या ‘अपरदों’ (Detritus) पर जीवित रहते हैं। इन्हें ‘मृतोपजीवी’ भी कहते हैं। जैसे-कवक, जीवाणु।
19. एक उत्पादक, एक शाकाहारी और एक माँसाहारी को दर्शाने वाली एक उपयुक्त आहार श्रृंखला निम्न में से कौन-सी है?
(1) घास-कीट-हाथी
(2) पादप-खरगोश-बाघ
(3) मछली-कीट-हेल
(4) बाघ-खरगोश-उल्लू
Ans. (2)
व्याख्या –
पादप (उत्पादक)-खरगोश (शाकाहारी) – बाघ (मांसाहारी)। एक आहार श्रृंखला में सर्वप्रथम उत्पादक जो कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन बनाते हैं फिर शाकाहारी जन्तु उन्हें खाते हैं। और शाकाहारी जन्तुओं को मांसाहारी अपने आहार के रूप में खाते हैं।
20. किसी आहार श्रृंखला में प्रत्येक स्तर पर उपलब्ध कार्बनिक पदार्थों की औसत मात्रा जो कि उपभोक्ता का अगले स्तर तक पहुँचाती है-
[LDC – 19.08.2018][महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-20.12.2015 (TSP)][I Grade School Lecturer 06.01.2020](1) 40%
(2) 30%
(3) 20%
(4) 10%
Ans. (4)
व्याख्या –
खाद्य श्रृंखला में एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर तक हमेशा ऊर्जा का स्थानांतरण होता रहता है। प्रत्येक पोषण स्तर पर स्थानान्तरण के समय ऊर्जा की हानि होती है। एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर में केवल 10% ऊर्जा का स्थानांतरण होता है, जबकि 90% ऊर्जा वर्तमान पोषी स्तर में जैव क्रियाओं में उपयोग होती है, इसे ही ऊर्जा प्रवाह का 10% नियम कहते हैं। लिंडेमान के 10% के नियम के अनुसार एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में मात्र 10% ऊर्जा ही स्थानांतरित होती है। इसी कारण ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता
21. एक पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का स्रोत है-
[Patwar – 13.02.2016]
[Stenographer -30.05.2013](1) एटीपी
(2) सूरज की रोशनी
(3) डी.एन.ए.
(4) आरएनएन
Ans. (2)
व्याख्या-
पारिस्थितिक तंत्र प्रकृति की एक क्रियात्मक इकाई है। पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य (Sun) है।
22. किसके द्वारा अधिकतम सूर्य ऊर्जा ग्रहण की जाती है?
[LDC-12.08.2018](1) घास
(2) जन्तु
(3) शैवाल
(4) वृक्ष
Ans. (3)
23. पत्तियों पर पड़ने वाले सूर्यप्रकाश की ऊर्जा का कितना प्रतिशत पादपों द्वारा खाद्य ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है-
[स्टेनोग्राफर परीक्षा, 21.03.2021](1) दस
(2) एक
(3) पच्चीस
(4) पचास
Ans. (2)
व्याख्या –
एक स्थलीय पारितंत्र में हरे पौधे की पत्तियों द्वारा प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा का लगभग 1% भाग खाद्य ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
24. एक खाद्य श्रृंखला सर्वदा प्रारम्भ होती है-
[LDC-12.08.2018](1) उत्सर्जन से
(2) श्वसन से
(3) प्रकाश संश्लेषण से
(4) अवशोषण से
Ans. (3)
व्याख्या –
प्रत्येक खाद्य श्रृंखला सूर्य से ऊर्जा के साथ शुरू होती है। हरे पौधे स्वपोषी होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे प्रकाश संश्लेषण नामक रासायनिक प्रतिक्रिया का उपयोग करके अपना भोजन बनाते हैं।
25. निम्न में से कौन सा किसी पारिस्थितिक तंत्र में एकदिशीय प्रवाह दर्शाता हैं?
(1) प्रकाश
(2) ऊर्जा
(3) जल
(4) जैवमात्रा (बायोमास)
Ans. (2)
व्याख्या-
पारिस्थितिक तंत्र में सौर्थिक (सूर्य) ऊर्जा का निवेश होता है तथा पुनः उसके संघटकों द्वारा ऊर्जा का विभिन्न विधियों से निर्गम होता है। पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह या गमन पोषण स्तरों से होकर होता है। ऊर्जा के जिस भाग का विसरण होता है वह ऊष्मा के रूप में होता है तथा यह वायुमण्डल में वापस चली जाती है। ऊर्जा का पारिस्थितिक तंत्र में प्रवाह एकदिशी होता है।
26. विश्व में सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र कौन-सा है?
[LDC-09.09.2018](1) वानिकी पारिस्थितिकी
(2) मरुस्थलीय पारिस्थितिकी
(3) घासभूमि पारिस्थितिकी
(4) सागर पारिस्थितिकी
Ans. (4)
27. ऊर्जा का पिरामिड होता है-
[LDC-09.09.2018][Stenographer: 30.5.2013].
(1) हमेशा उल्टा
(2) हमेशा सीधा
(3) उल्टा तथा सीधा दोनों
(4) कोई नहीं
Ans. (2)
व्याख्या –
किसी पारितंत्र के विभिन्न पोषण स्तरों की कार्यात्मक भूमिका की तुलना करने के लिये ऊर्जा पिरामिड ही सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन होता है क्योंकि इसमें व्यष्टियों के आकार और जैव संहति (बायोमास) की भिन्नताओं पर ज़रूरत से ज्यादा महत्त्व देकर उसे विकृत नहीं किया जाता है। ऊर्जा पिरामिड ऊष्मागतिकी के नियमों का पालन करता है, इसमें एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर पर स्थानांतरित होने वाली ऊर्जा को भी दिखाया जाता है। अतः ऊर्जा पिरामिड सदैव सीधा होता है। यह एकमात्र ऐसा पिरामिड है, जो हमेशा सीधा खड़ी अवस्था ही होता है, क्योंकि ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है और प्रत्येक पोषण स्तर पर ऊर्जा का कुछ-न-कुछ क्षय अवश्य होता है।
28. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह सदैव होता है-
[Head Master-11.10.2021](1) बहुदिशीय
(2) कोई विशेष दिशा नहीं
(3) द्विदिशीय
(4) एकदिशीय
Ans. (4)
29. कथन A : खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा प्रवाह एक दिशा में होता है।
कथन B : खाद्य श्रृंखलाओं की लम्बाई सामान्यतया 3 या 4 पोषी स्तरों तक सीमित रहती है।
[कनिष्ठ लेखाकार- 26.2.2012](1) दोनों कथन गलत हैं
(2) कथन A सही तथा कथन B गलत है
(3) दोनों कथन सही हैं
(4) कथन A गलत तथा कथन B सही है।
Ans. (3)
30. कौन सा कथन सत्य है?
[RPSC LDC – 11.01.2014](1) समुद्र में जैवमात्रा के पिरैमिड प्रायः सीधे होते हैं।
(2) घास के मैदान का पिरैमिड प्रायः उल्टा होता हैं।
(3) ऊर्जा पिरैमिड सदैव खड़ी अवस्था में होते हैं।
(4) ऊर्जा पिरैमिड सदैव उल्टा होता हैं।
Ans. (3)
31. ऊर्जा के प्रत्येक हस्तांतरण पर, एक स्तर से दूसरे तक, लगातार ऊर्जा में-
[LDC Exam-16.09.2018](1) वृद्धि होती है
(2) समान रहती है
(3) कमी होती है
(4) उतार चढ़ाव रहता है
Ans. (3)
व्याख्या –
ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित हो जाती है। आहार श्रृंखला में किसी पोषण रीति से अगली पोषण रीति तक ऊर्जा के स्थानांतरण से ऊर्जा में लगातार कमी आती रहती है। कुछ ऊर्जा पोषण रीति के प्रत्येक स्तर पर जीव अपनी वृद्धि के लिए उपयोग करते हैं तथा कुछ ऊष्मा के रूप में मुक्त हो जाती है।
32. जैव-आवर्धन का अर्थ किसमें निहित है?
(1) विषाक्त पदार्थ आवर्धित होते हैं
(2) सजीव प्राणी आवर्धित होते हैं
(3) प्रकाश आवर्धित होते हैं
(4) भोजन आवर्धित होता है
Ans. (1)
व्याख्या-
जैव आवर्धन पारिस्थितिक तंत्र में बनाई गई एक मानव निर्मित प्रक्रिया है जिसके द्वारा खाद्य श्रृंखला में करणीय प्रदूषकों का ढेर एक अनिष्टकर सांद्रित स्तर तक पहुंच जाता है।
33. उत्तरोत्तर पोषक स्तरों में आविषाक्त की सान्द्रता में वृद्धि कहलाती है-
[ACF & FRO Exam – 18.02.2021](1) जैव – संचयन
(2) जैव – आवर्धन
(3) जैव उत्पादकता
(4) जैव – संश्लेषण
Ans. (2)
34. पर-भक्षण की निम्नोक्त परिस्थितियों में से किसमें शिकार के ऊपर परभक्षी का अधिक नियंत्रण होगा?
(1) सिंह और हिरण
(2) सर्प और मेंढ़क
(3) छिपकली और कीट
(4) उल्लू और चूहा
Ans. (1)
व्याख्या –
पर-भक्षण की प्रक्रिया में पर-भक्षी अपने शिकार को विभिन्न प्रकार से मारता है तथा खाता है। कुछ पर भक्षी अपने शिकार को बिना मारे जिन्दा ही खाता है। उदाहरण सर्प द्वारा मेंढक को निगलना, छिपकली द्वारा कीट का शिकार, शेर द्वारा हिरण का शिकार, उल्लू द्वारा चूहे का शिकार इत्यादि। पर-भक्षण की उपर्युक्त परिस्थितियों में शेर का अपने शिकार (हिरण) पर अधिक नियंत्रण होगा।
(प्रथम उपभोक्ता) (मांसाहारी) (मांसाहारी)
उत्पादक →शाकाहारी→ द्वितीय उपभोक्ता→ तृतीय उपभोक्ता
35. निम्न तीन ‘R’ में से किन को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है?
[LDC-09.09.2018](1) Reduce (कम करें), Rebuild (फिर बनाएं), Restrict (सीमित करें)
(2) Random (यादृच्छिक), Reduce (कम करें), Re-call (वापस बुलाएं)
(3) Read (पढ़ें), Resister (रजिस्टर), Recall (वापस बुलाएं)
(4) Reduce (कम करें), Reuse (पुनः प्रयोग करें), Recycle (पुनःचक्रित करें)
Ans. (4)
व्याख्या-
पर्यावरण संरक्षण हेतु ‘5 आर’ (Five R) व्यवस्था यथा Reduce (पर्यावरण के लिए हानिकारक चीजों का इस्तेमाल कम करें), Reuse (चीजों को एक बार की बजाए कई बार इस्तेमाल करें), Recycle (पुनः चक्रित करें) Refuse (इनकार), Repurpose (पुनःप्रयोजन) को बढ़ावा दिया जा रहा है।
36. निम्नलिखित में से कौनसा पर्यावरण की रक्षा के लिए उल्लेखित पाँच ‘R’ में से एक है?
[I Grade Teacher – 17.10.2022](1) रिफाइन
(2) रिफ्यूज
(3) रिपे
(4) रिचार्ज
Ans. (2)
37. सबसे स्थायी पारिस्थितिक तंत्र है?
[RAS Pre. 2009](1) वन
(2) घास के मैदान
(3) रेगिस्तान
(4) समुद्र
Ans. (4)
38. ताल पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता निर्भर करती है-
(1) सूक्ष्मजीवों और मछलियों पर
(2) सूक्ष्मजीवो और प्राणिप्लवकों पर
(3) मछलियों और सरीसृपों पर
(4) उत्पादकों और उपभोक्ताओं पर
Ans. (4)
व्याख्या-
सभी प्रकार के पारिस्थितिक तंत्र स्थिरता के – लिए तीन आधारभूत प्रकार का पारस्परिक पोषण व्यवहार आवश्यक होता है। इन पारस्परिक घोषण व्यवहार में उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक शामिल होते है।
39. एक मोर साँप खाता है, जो पादपों पर पनप रहे कीटों का भक्षण करता हैं। मोर है-
[I Grade School Lecturer 2016](1) खाद्य स्तूप का शीर्ष
(2) अंतिम अपघटक
(3) प्राथमिक अपघटक
(4) प्राथमिक उपभोक्ता
Ans. (1)
40. निम्नलिखित में से कौनसी खाद्य श्रृंखला ठीक से लिखी हुई नहीं है?
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.08.2015](1) हरे पौधे→ मृग →बाघ
(2) घास →चूहा→ बाज→ साँप
(3) सतुद्री शैवाल →छोटी मछली →बड़ी मछली→ शार्क
(4) बीज →गिलहरी →उल्लू
Ans. (2)
व्याख्या-
•पारिस्थितिकी तंत्र में अन्योन्याश्रित जीवों की एक श्रृंखला को जिसमें खाने व खाये जाने की पुनरावृत्ति द्वारा ऊर्जा का प्रवाह होता है, खाद्य श्रृंखला कहलाती है। घास-चूहा-साँप-बाज
•उक्त सही खाद्य श्रृंखला क्रम है जिसमें घास उत्पादक, चूहा प्राथमिक उपभोक्ता, साँप द्वितीयक उपभोक्ता व बाज तृतीयक उपभोक्ता है।
41. वृक्ष प्रमुख पारितंत्र का संख्या का पिरैमिड……… प्रकार का होता है।
[CET-11.2.2023 (S-II)](1) क्षैतिज
(2) झुका
(3) उल्टा
(4) सीधा
Ans. (3)
व्याख्या –
पारितंत्र में दो प्रकार के पिरामिड होते हैं-
• सीधा – प्रत्येक पोषी स्तर में जैसे-जैसे हम उत्पादकों से अपघटक की ओर बढ़ते हैं जीवों की संख्या घटती जाती है। उदाहरण घास के मैदान का पारितंत्र।
• उल्टा – प्रत्येक पोषी स्तर में जैसे-जैसे हम उत्पादकों से अपघटक की ओर बढ़ते हैं जीवों की संख्या बढ़ती जाती है। उदाहरण वृक्ष पारितंत्र
42. बायोमास का एक उल्टा पिरामिड किस पारिस्थितिकी तंत्र में पाया जाता है-
[PSI-7.10.2018]
[R.A.S.-27.10.2021](1) घास के मैदान
(2) समुद्री
(3) वन
(4) टुंड्रा
Ans. (2)
व्याख्या –
जलीय पारिस्थितिक तंत्र में बायोमास का पिरामिड उल्टा हो सकता है क्योंकि जलीय पारितंत्र के उत्पादक सूक्ष्म पादपप्लवक होते हैं जो तीव्र गति से वृद्धि करते हुए जनन करते हैं। इसमें बायोमास के पिरामिड का आधार छोटा होता है और किसी भी समय उपभोक्ता का बायोमास प्राथमिक उत्पादक के बायोमास से अधिक होगा। बायोमास पिरामिड में प्रत्येक पोषण स्तर पर जीवों की संख्या की बजाय उनके सकल भार (total weight) को मापा जाता है।
43. तालाब पारिस्थितिकी तन्त्र में, खाद्य श्रृंखला प्रारम्भहोती है-
[CET-4.2.2023 (S-1)](1) पादपप्लवक से
(2) जंतुप्लवक से
(3) जलीय कीट से
(4) छोटी मछली से
Ans. (1)
44. किसी वन के शीर्ष ऊर्ध्वाधर संस्तर या परत में होते हैं-
[RPSC LDC-23.10.2016](1) झाड़ियाँ
(2) वृक्ष
(3) बूटियाँ (शाक)
(4) घास
Ans. (2)
व्याख्या-
जैविक व अजैविक घटकों की परस्पर क्रियाओं के फलस्वरूप एक भौतिक संरचना विकसित होती है जो प्रत्येक प्रकार के पारितंत्र की विशिष्टता है। विभिन्न स्तरों पर विभिन्न प्रजातियों के ऊर्ध्वाधर वितरण को स्तर विन्यास कहते हैं। उदाहरणार्थ एक जंगल में वृक्ष सर्वोपरि उर्ध्वाधर स्तर, झाड़ियाँ परत विन्यास या द्वितीय स्तर पर, जड़ी बूटियाँ एवं घास धरातलीय स्तर पर होती है।
45. सम्पूर्ण सौर ऊर्जा जो उत्पादकों के माध्यम से सजीव तंत्र में प्रवेश करती है, अंततः वायुमण्डल में पुनः चली जाती है-
[RPSC LDC-23.10.2016](1) स्थितिज ऊर्जा के रूप में
(2) प्रकाश के रूप में
(3) ऊष्मा के रूप में
(4) कार्बनिक पदार्थों के रूप में
Ans. (3)
व्याख्या –
पृथ्वी तक पहुँचने वाली कुल सूर्य ऊर्जा का लगभग 1% पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में उपभोग किया जाता है। पौधे अन्तगृहीत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल देते हैं जो कार्बोहाइड्रेट के रूप में भण्डारित हो जाती है। शाकाहारी जीवों द्वारा पौधों के भक्षण से इस ऊर्जा का स्थानान्तरण जन्तुओं में हो जाता है। जन्तु इस ऊर्जा का उपयोग उपापचयी क्रियाओं, वृद्धि तथा श्वसन में करते हैं। अप्रयुक्त ऊर्जा के ऊष्मा के रूप में मुक्त कर दिया जाता है।
46. जलीय पारिस्थितिक तंत्र में अपघटक के उदाहरण हैं-
[RPSC LDC-11.01.2014](1) शैवाल व कवक
(2) शैवाल व जीवाणु
(3) जीवाणु व कवक
(4) प्लवक व जीवाणु
Ans. (3)
व्याख्या-
अपघटक या मृतजीवी (Decomposers or Saprophyts) – इसके अंतर्गत समुद्र में पाए जाने वाले जीवाणु एवं कवक आते हैं जो कि मृत जीव – जन्तुओं एवं पेड़- पौधों के कार्बनिक पदार्थों का अपघटन करते हैं।
47. एक समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में किस क्षेत्र में प्रकाश मंद होता है ?
[RPSC LDC-11.01.2014](1) यूफोटिक (Euphotic)
(2) नेरिटिक (Neritic)
(3) एफोटिक (Aphotic)
(4) इन्टरटाइडल (Intertidal)
Ans. (3)
व्याख्या-
एफोटिक जोन महासागर का हिस्सा है जहाँ बहुत कम या कोई धूप नहीं होती है। इसे औपचारिक रूप से गहराई के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके आगे 1 प्रतिशत से भी कम सूर्य का प्रकाश प्रवेश करता है। एफोटिक जोन के ऊपर फोटिक जोन है, जिसमें यूफोटिक जोन और डिस्फोटिक जोन शामिल हैं। यूफोटिक जोन पानी की परत है जिसमें शुद्ध प्रकाश संश्लेषण होने के लिए पर्याप्त प्रकाश होता है। डिस्फोटिक जोन, जिसे गोधूलि क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, पानी की परत है जिसमें शिकारियों को देखने के लिए पर्याप्त प्रकाश होता है लेकिन प्रकाश संश्लेषण की दर श्वसन की दर से अधिक होने के लिए पर्याप्त नहीं होती है।
48. एक जलीय पारितंत्र है, उत्पादकता का सीमा कारक ……….है-
[CET-4.2.2023 (S-II)](1) प्रकाश
(2) जल
(3) वायु
(4) मृदा
Ans. (1)
49. पारिस्थितिकी तंत्र के समुच्चय को कहा जाता है एक-
[स्टेनोग्राफर परीक्षा, 21.03.2021](1) जीवोम
(2) जलवायु
(3) उप-प्रणाली
(4) संरचना
Ans. (1)
व्याख्या –
बायोम (जीवोम) स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र का ही एक प्रमुख भाग है। इसके अंतर्गत वनस्पति एवं जीवों के समस्त क्रियाशील समूह शामिल किये जाते हैं। किसी प्रदेश विशेष की जलवायु, मिट्टी आदि कारकों से सामंजस्य स्थापित कर जो जटिल जैव-समुदाय विकसित होता है उसे ही ‘बायोम’ कहते हैं।
50. जैव – विविधता (बायोडाइवर्सिटी) शब्द किसने दिया था-
[REET L-1, 26.09.2021](1) ए. जी. टेन्सले
(2) ई. हीकल
(3) आर. ए. ह्वीटेकर
(4) डब्ल्यू. जी. रोजन
Ans. (4)
व्याख्या-
जैव विविधता शब्द का प्रयोग वाल्टर जी. रोजन द्वारा 1985 में किया गया। जीव जन्तुओं की जातियों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएँ या उनकी विशेषताएँ ही जैव विविधता कहलाती है। इसमें जीव, जन्तु, पक्षी, पादप या दूसरे जानवर यह सभी जैव विविधता में आते हैं।
51. जैव-विविधता का सम्बन्ध है
[R.A.S. Pre, 1996](1) वन्य जीवों के विविध रूपों में
(2) वनों में पाये जाने वाले पेड़ पौधों के विविध रूपों से
(3) प्रकृति में मिलने वाले सभी प्रकार के प्राणियों और पेड़-पौधों से
(4) पृथ्वी पर मिलने वाले सभी प्रकार के पेड़-पौधों से
Ans. (3)
52. जैव-विविधता निम्नलिखित में से किन माध्यमों द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी हुई है-
[PSI-15.09.2021](1) मृदा निर्माण
(2) मृदा अपरदन की रोकथाम
(3) अपशिष्ट का पुनःचद्रण
(4) फसलों का परागण
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए-
(1) केवल 2, 3 व 4
(2) केवल 1 व 4
(3) 1, 2, 3, 4
(4) 1, 2 व 3
Ans. (3)
व्याख्या –
जैव-विविधता के विभिन्न लाभ-
• जैव-विविधता भोजन, कपड़ा, लकड़ी, ईंधन तथा चारा की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।
• जैव-विविधता कृषि पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ रोगरोधी तथा कीटरोधी फसलों की किस्मों के विकास में सहायक होती हैं।
• वानस्पतिक जैव-विविधता औषधीय आवश्यकताओं की पूर्ति भी करती है।
• जैव-विविधता पर्यावरण प्रदूषण के निस्तारण में सहायक होती है। जैव-विविधता में संपन्न वन पारितंत्र कार्बन डाइऑक्साइड के प्रमुख अवशोषक होते हैं।
• जैव-विविधता मृदा संरचना को सुधारती है, जल-धारण क्षमता एवं पोषक तत्त्वों की मात्रा को बढ़ाती है।
• जैव-विविधता पोषक चक्र को गतिमान रखने में सहायक होती है। वह पोषक तत्त्वों की मुख्य अवशोषक तथा स्रोत होती है। जैव-विविधता पारितंत्र को स्थिरता प्रदान कर पारिस्थितिक संतुलन को बरकरार रखती है।
53. निम्नलिखित में से कौन किसी भौगोलिक क्षेत्र की जैव-विविधता के लिए संकट हो सकते हैं-
(1) वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग)
(2) प्राकृतिक वास का विखंडन
(3) विदेशी प्रजातियों का आक्रमण
(4) शाकाहार को प्रोत्साहन
नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करके सही उत्तर दें-
[PSI-15.09.2021](1) केवल 2 और 3
(2) 1, 2, 3 और 4
(3) केवल 1, 2 और 3
(4) केवल 1 और 2
Ans. (3)
व्याख्या –
जैव विविधता विलोपन के निम्न कारण हैं:
(i) वन्य-जीव आवास स्थलों का विनाश
(ii) प्राकृतिक आवास का विखण्डन
(iii) कृषि एवं वानिकी की परिवर्तित प्रवृत्ति
(iii) नवीन/विदेशी प्रजातियों का प्रभाव
(iv) व्यापारिक उपयोग हेतु अति शोषण
(v) मृदा, जल और वायु प्रदूषण
(vi) वैश्विक जलवायु परिवर्तन
(vii) प्राकृतिक आपदाएँ
54. भारत में जैवविविधता के ‘ताप स्थल’ (हॉट स्पॉट) है?
[RAS Pre. Exam. 2009](1) पश्चिमी हिमालय व पूर्वी घाट
(2) पश्चिमी हिमालय व सुन्दरवन
(3) पूर्वी हिमालय व पश्चिमी घाट
(4) पूर्वी हिमालय व शान्त घाटी
Ans. (3)
व्याख्या-
भारत के दो जैव-विविधता प्रखर-स्थल (Biodiversity Hotspots) पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र से केरल तक समुद्रीय तट क्षेत्र) एवं पूर्वी हिमालय (असम, सिक्किम, मणिपुर) हैं जहाँ चाय, औषधीय, मसाले (Spices) प्रायः उगाए जाते हैं, ये दो जैव-विविधता क्षेत्र विश्व के प्रमुख जैव-विविधता (Biodiversity) क्षेत्रों में से हैं।
55. सर्वाधिक जैव-विविधता पाई जाती है-
(1) शान्त घाटी (केरल)
(2) कश्मीर घाटी
(3) सूरमा घाटी
(4) फूलों की घाटी
Ans. (1)
56. जो जातियों की ‘रेड डेटा बुक’ प्रकाशित करता है, वह संगठन है-
[REET L-I, 26.09.2021](1) आई सी एफ आर ई
(2) डब्ल्यू डब्ल्यू एफ
(3) आई यू सी एन
(4) यू एन ई पी
Ans. (3)
व्याख्या-
इन्टरनेशनल यूनियन फॉर द कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस (International Union for the Conservation of Nature and Natural Resources or IUCN) – 1948 में स्थापित यह पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय मोर्गस (स्विट्जरलैण्ड) में है। यह संस्थान रैड डाटा बुक (Red Data Book ) का प्रकाशन करता है, जिसमें संकटापन्न प्राणी व पौधों की जातियों के विषय में जानकारी प्रकाशित की जाती है।
लाल आँकड़ों की पुस्तक
(Red Data Book)
रेड डाटा पुस्तक वह पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रखा जाता है। पौधों, जन्तुओं और अन्य स्पीशीज़ के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं। इस पुस्तक के प्रथम संस्करण का प्रकाशन 1 जनवरी, 1972 को हुआ। इस पुस्तक में अलग-अलग प्रकार के रंगीन पृष्ठों के माध्यम से जानकारी प्रदान की जाती है।
•लाल रंग के पृष्ठों पर मुद्रित : विलुप्त प्रायः या लुप्त हो रही जातियां, जिनके बचाव का समग्र ध्यान आवश्यक।
•सफेद रंग के पृष्ठों पर मुद्रित: ऐसी दुर्लभ जातियाँ, जो कुछ निश्चित स्थानों पर कम संख्या में पाई जाती है।
•पीले रंग के पृष्ठों पर मुद्रित : लुप्त हो रही ऐसी जातियाँ जो तेजी के साथ कम होती जा रही है।
•भूरे रंग के पृष्ठों पर मुद्रित : ऐसी जातियाँ जिनका समग्र विवरण उपलब्ध नहीं, किन्तु उनकी संख्या कम हो रही है।
•हरे रंग के पृष्ठों पर मुद्रित : ऐसी जातियाँ जिन्हें बचा लिया गया है और जिनकी संख्या बढ़ रही है।
57. आई.यू.सी.एन. द्वारा प्रमुख संकटाग्रस्त जीवों को कितने वर्गों में वर्गीकृत किया गया है?
(1) सात वर्गों में
(2) पाँच वर्गों में
(3) छ: वर्गों में
(4) चार वर्गों में
Ans. (3)
व्याख्या-
I.U.C.N. (International Union for Con-servation of Nature) द्वारा प्रमुख संकटाग्रस्त जीवों को छः वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।
58. जैव विविधता मापने के गणितीय सूचकांकों में से कौन सा एक स्थानीय स्तर पर किसी समुदाय/आवासीय क्षेत्र में माध्य प्रजाति विविधता को दर्शाता है?
[RAS-05.08.2018](1) अल्फा सूचकांक
(2) बीटा सूचकांक
(3) गामा सूचकांक
(4) इनमें से कोई नहीं
Ans. (1)
व्याख्या-
जैव विविधता के निम्न मापन होते हैं-
•अल्फा सूचकांक – किसी एक आवास या क्षेत्र विशेष में पायी जाने वाली प्रजातियों की कुल संख्या उस क्षेत्र की अल्फा विविधता कहलाती है। इससे यह पता चलता है कि किन्हीं दो आवासों के मध्य प्रजातियों की संख्या बढ़ रही है या नहीं।
•बीटा सूचकांक – किन्हीं दो आवासों या क्षेत्रों के मध्य पायी जाने वाली जैव विविधता बीटा विविधता या बीटा सूचकांक कहलाती है। इसके द्वारा प्रजातियों के पलायन को मापा जाता है।
•गामा सूचकांक – गामा विविधता को बड़े भौगोलिक मापक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक निश्चित क्षेत्र में पायी जाने वाली समग्र पारिस्थितिक विविधता का माप है।
59. गैर वन क्षेत्र में विकसित किए गए निम्नलिखित में से कौन से पादप को भारतीय वन (संशोधन) अधिनियम, 2017 में, वृक्षों की परिभाषा से विलोपित किया गया है?
[RAS-05.08.2018](1) पॉम
(2) सरकंडा
(3) बांस
(4) केला
Ans. (3)
व्याख्या –
वर्गीकरण विज्ञान (Taxonomy) के तहत बांस को घास के रूप में वर्गीकृत किया गया है लेकिन भारतीय वन अधिनियम, 1927 के खंड 2(7) में बांस को वृक्ष (पेड़) की श्रेणी में रखा गया था। अतः भारतीय संसद ने भारतीय वन अधिनियम 1927 में संशोधन करते हुए भारतीय वन (संशोधन) अधिनियम 2017 लागू किया, जिसके तहत गैर-वन क्षेत्रों में उगाए जाने वाले बांस को वृक्ष की परिभाषा के दायरे से बाहर कर दिया। इस संशोधन के तहत गैर-वन क्षेत्रों में बांस की कटाई और परिवहन (पारगमन) के लिये अब किसी भी परमिट की आवश्यकता नहीं होगी और न ही पारगमन शुल्क देय होगा। बांस को ‘आदिवासियों का हरा सोना’ भी कहा जाता है।
61. ‘अम्ल वर्षा’ के लिए निम्नलिखित में से कौन से पर्यावरण प्रदूषक उत्तरदायी हैं?
[RAS-05.08.2018][HM-02.09.2018][PSI-14.9.2021][Stenographer: 30.5.2013](1) कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन
(2) कार्बन-मोनोक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड
(3) नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड
(4) ओजोन व कार्बन डाइऑक्साइड
Ans. (3)
62. निम्न में से किसके वर्षा के पानी में घुलने से वर्षा का पानी अम्लीय (अम्ल वर्षा) हो जाता है-
[REET (L-II, S-II) -24.07.2022][R.A.S. – 1997][P.S.I.-2011](1) सल्फर के ऑक्साइड
(2) बोरॉन के ऑक्साइड
(3) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(4) नाइट्रिक अम्ल
Ans. (1)
63. किसका सम्बन्ध अम्लीय वर्षा से है?
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा- 06.01.2019](1) वर्षा जल की pH 5.6 से कम,
(2) वर्षा जल की pH 5.7 से 6.8 के मध्य
(3) वर्षा जल की pH 7
(4) वर्षा जल की pH 7 से अधिक
Ans. (1)
64. प्रकाश-रासायनिक धूम का कारण है-
[Dy. Commandant Exam-23.08.2020](1) पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में NO, तथा अदग्ध हाइड्रोकार्बन
(2) CO₂ तथा SO₂
(3) अम्ल धूम तथा SO₂
(4) NO₂ तथा जलवाष्प
Ans. (1)
65. संगमरमर के मलिनीकरण की घटना किसके कारण है?
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) अम्ल वर्षा
(2) सीएफसी
(3) स्मॉग
(4) कोई नहीं
Ans. (1)
66. CFCs रासायनिक रूप से अधिक स्थायी होते हैं, क्योंकि इनमें नहीं होता है-
[LDC-12.08.2018](1) Η
(2) Br
(3) CI
(4) ये सभी
Ans. (2)
67. पिछली सदी में वैश्विक औसत तापमान में कितनी वृद्धि हुई है-
[R.A.S. Pre Exam, 27.10.2021](1) 2.4°F
(2) 3.4°F
(3) 3.0°F
(4) 1.8°F
Ans. (4)
68. निम्नलिखित में हरित गृह गैस हैं-
[HM Exam. 2012][REET (L-II, S-II) -23.07.2022](1) CO₂, N₂O, CFC
(2) SO2, CO, NO2
(3) ईथेन, मीथेन, ब्युटेन
(4) निऑन, आर्गन, क्रिप्टोन
Ans. (1)
व्याख्या –
•सामान्यतया कार्बन डाईऑक्साइड ( C*O_{2} सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर पहुँचने देती है तथा पृथ्वी से ऊष्मा को बाहर भी निकलने देती है लेकिन यह गैस अधिक मात्रा में होने पर एक मोटा आवरण बना देती है तथा पृथ्वी से वापस लौटने वाली ऊष्मा को रोकने लगती है इसलिए पृथ्वी के इस क्षेत्र का तापमान बढ़ जाता है इसे हरित गृह प्रभाव (Green house ef-fect) कहते हैं। वायुमण्डल में कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से भू-मण्डल का तापमान बढ़ रहा है इसे भूमण्डलीय तापन (Global Warming) कहते हैं। वैश्विक तापन के कारण जलवायु में परिवर्तन को रेडियोएक्टिव फॉरसिंग से नापते है। यह अवधारणा ब्रिटिश वैज्ञानिक वालेस ब्रोएकर (1970) ने दी।
•ग्रीन हाउस गैस में प्रमुख रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रिक ऑक्साइड तथा जल वाष्प होती है। जिसमें CO, 60%, मेथेन 20%, नाइट्रस ऑक्साइड 6%, क्लोरोफ्लोरोकार्बन 14% होता है।
69. निम्नलिखित में से कौन सी हरित गृह गैस हैं?
[REET (Level-II), 11.02.2018](1) नाइट्रोजन
(2) हाइड्रोजन
(3) ऑक्सीजन
(4) नाइट्रस ऑक्साइड
Ans. (4)
70. निम्न गैसों में से कौनसी गैस ‘हरित गृह प्रभाव’ में योगदान नहीं देती-
[PSI-15.09.2021][RAS – 1993][Nurse-03.02.2024]
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) नाइट्रोजन
(2) कार्बन-डाई-ऑक्साइड
(3) मीथेन
(4) क्लोरो-फ्लोरो कार्बन
Ans. (1)
71. कौनसी ग्रीन हाउस गैस नहीं है-
[ACF & FRO-18.02.2021](1) कार्बन डाईऑक्साइड
(2) कार्बन मोनोआक्साइड
(3) मीथेन
(4) नाइट्रस ऑक्साइड
Ans. (2)
72. ग्रीन हाउस प्रभाव किस गैस की वायु में सांद्रता बढ़ने पर होता है?
[P. Constable Exam-2006-07](1) नाइट्रोजन
(2) अमोनिया
(3) कार्बन डाईऑक्साइड
(4) ओजोन
Ans. (3)
73. निम्नलिखित में से कौन-सी वायुमण्डलीय गैसें हरित गृह प्रभाव हेतु उत्तरदायी हैं?
[R.A.S.-19.11.2013](1) कार्बन डाईऑक्साइड
(2) मीथेन
(3) ऑक्सीजन
(4) नाइट्रोजन
कूट:
(1) (i) एवं (ii)
(2) (ii) एवं (iii)
(3) (i) एवं (iii)
(4) (ii) एवं (iv)
Ans. (1)
74. पृथ्वी का तापमान बढ़ाने में उत्तरदायी गैस निम्न है-
[P.S.I. Exam, 1996](1) फ्रीऑन – 12
(2) अमोनिया
(3) कार्बन डाई ऑक्साइड
(4) ओजोन
Ans. (3)
75. कौनसा ग्लोबल वॉर्मिंग (भूमण्डलीय तापन) का प्रमुख कारण है?
[CET-8.1.2023 (S-II)](1) यू.वी. किरणों का O_{2} व N_{2} द्वारा पुनः विकिरण
(2) आई.आर. किरणों का O_{2} व N_{2} द्वारा पुनः विकिरण
(3) यू.वी. किरणों का C*O_{2} और H_{2}*O द्वारा पुनः विकिरण
(4) आई.आर. किरणों का C*O_{2} और H_{2}*O द्वारा पुनः विकिरण
Ans. (4)
76. विश्वव्यापी उष्णता में मीथेन का योगदान है-
[कनिष्ठ लेखाकार- 26.2.2012](1) 60%
(2) 40%
(3) 5%
(4) 20%
Ans. (4)
77. मीथेन के अतिरिक्त कौनसी ग्रीन हाउस गैस कृषि क्षेत्रों द्वारा उत्पन्न की जाती है।
[कनिष्ठ लेखाकार-4.10.2016](1) अमोनिया
(2) नाइट्रस ऑक्साइड
(3) सल्फर डाई-ऑक्साइड
(4) क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन
Ans. (2)
78. मानव गतिविधियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष आलंबन प्रदान करने में उत्पन्न ग्रीन हाउस गैसों की कुल मात्रा को कहते हैं-
[RAS-05.08.2018](1) कार्बन डाईऑक्साइड सूचकांक
(2) कार्बन पदचिह्न
(3) कार्बन पृथक्करण
(4) कार्बन अवशोषण
Ans. (2)
व्याख्या –
किसी एक संस्था, व्यक्ति या उत्पाद द्वारा किये गये कुल कार्बन उत्सर्जन को कार्बन पदचिह्न (कार्बन फुटप्रिंट) कहते हैं। यह उत्सर्जन कार्बनडाईऑक्साइड या ग्रीन हाउस गैसों के रूप में होता है।
79. यदि पृथ्वी पर पाई जाने वाली वनस्पतियाँ (पेड़-पौधे) समाप्त हो जाए तो किस गैस की कमी होगी?
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) CO₂
(2) नाइट्रोजन
(3) जल-वाष्प
(4) ऑक्सीजन
Ans. (4)
व्याख्या-
पेड़-पौधे ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। यदि पृथ्वी पर पाई जाने वाली वनस्पतियाँ समाप्त हो जाएं तो ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी।
80. निम्न कथनों में सही कथन है-
[R.A.S.-26.10.2013](i) क्योटो प्रोटोकोल सन् 2005 से प्रभावी हुआ।
(ii) क्योटो प्रोटोकोल मुख्य रूप से ग्रीन हाउस गैसों के निकास को कम करने से सम्बन्धित है।
(iii) मीथेन की तुलना में कार्बन डाईऑक्साइड ग्रीन हाउस गैस के रूप में पाँच गुना अधिक प्रभावी होती है।
कूट:
(1) (i) व (ii)
(2) (ii) व (iii)
(3) केवल (i)
(4) केवल (iii)
Ans. (1)
व्याख्या –
क्योटो सम्मेलन – 1 से 11 दिसम्बर, 1997 क्योटो जापान में आयोजित किया गया। जिसे विश्व पर्यावरण सम्मेलन, ग्रीन हाऊस सम्मेलन तथा क्योटो प्रोटोकोल भी कहते हैं। इसमें 159 देशों ने हिस्सा लिया था। भारत ने 2002 में हस्ताक्षर किए थे व अनुमोदन किया कि पृथ्वी के ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से बचाने हेतु इसके लिए उत्तरदायी 6 ग्रीन हाउस गैसों (कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, हाइड्रोक्लोरो कार्बन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन एवं सल्फर हेक्सा क्लोराइड) के प्रभाव से 2008 से 2012 तक की अवधि में 1990 के उत्सर्जन स्तर में औसतन 5 प्रतिशत की कमी लाई जायेगी। समझौते के अनुसार यूरोपीय संघ 8%, अमेरिका 7%, जापान 6%, की कटौती करेगा।
81. क्योटो प्रोटोकोल जो कि एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, संबंधित है-
[PSI-13.09.2021](1) यू.एन.एफ.सी.सी. से
(2) डब्ल्यू.टी.ओ. से
(3) डब्ल्यू.एच.ओ.से
(4) यू.जी.सी. से
Ans. (1)
82. CFC का एक अणु श्रृंखला क्रिया के द्वारा कितने ओजोन अणुओं को नष्ट कर सकता है?
[Head Master Exam 2012](1) केवल एक
(2) करीब एक लाख
(3) करीब दस लाख
(4) करीब एक करोड़
Ans. (2)
व्याख्या-
मात्र एक क्लोरीन परमाणु 100000 ओजोन अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करने में सक्षम है तथा एकमात्र क्लोरीन परमाणु दो साल तक ओजोन को लगातार नष्ट कर सकता है।
83. निम्नांकित में से किसे “डाइनोसोर्स का कब्रिस्तान” कहा जाता है?
[RAS Pre. Exam. 2010](1) चीन
(2) मोन्टाना
(3) अर्जेन्टीना
(4) ब्राजील
Ans. (2)
व्याख्या –
मोंटाना में डायनोसोर की अस्थियाँ बहुत अधिक मात्रा में मिली, जिस कारण इसे ‘डायनासोर का कब्रिस्तान’ कहा जाता है। मोन्टाना संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित राज्य है। मोंटाना की तीन कनाडाई प्रांतों ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और सस्केचेवान के साथ 545 मील की सीमा है।
84. कथनों में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं ?
[1 Grade School Lecturer 2014](i) जैवविविधता समृद्ध क्षेत्रों का दिन का तापक्रम 15° C से 28° C के बीच तथा वार्षिक वर्षा 120 सेंटीमीटर से कम होती है।
(ii) जैवविविधता समृद्ध क्षेत्रों का दिन का तापक्रम 18°C से 32°C के बीच तथा वार्षिक वर्षा 150 सेन्टीमीटर से अधिक होती है।
(iii) अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों की जैवविविधता कम होती है।
कूट:
(1) (i)
(2) (ii)
(3) (i) व (iii)
(4) (ii) व (iii)
Ans. (4)
85. ओजोन के सन्दर्भ में गलत कथन है-
[School Lecturer (Sans.): 04-08-2020](1) क्षोभमण्डल में खराब ओजोन उपस्थित होती है।
(2) समताप मण्डल में ओजोन हरितगृह प्रभाव के लिए उत्तरदायी होती है।
(3) वायुमण्डल में ओजोन क्लोरोफ्लोरोकार्बन द्वारा नष्ट होती है।
(4) ओजोन पृथ्वी की सतह को सूर्य के हानिकारक UV- विकिरणों से रक्षित करती है।
Ans. (2)
86. ओजोन क्षीणता का प्रत्यक्ष प्रभाव है-
[R.A.S. Pre 1997, 2010, ][HM-2.9.2018](1) चर्म-कैंसर
(2) पौधों द्वारा उत्त्पादन में कमी
(3) पराबैंगनी सौर-विकिरण में वृद्धि
(4) जलवायु में परिवर्तन
Ans. (3)
व्याख्या-
ओजोन परत का ह्रास/ओजोन रिक्तता (Deple-tion of Ozone Layer) – समुद्र तल से 30 से 80 किमी. ऊँचाई के वायुमण्डलीय भाग को ओजोन मण्डल कहते हैं। इस मण्डल में ओजोन गैस पाई जाती है। समतापमण्डल में लगभग 50 किमी. तक ओजोन गैस पायी जाती है। यह गैस वस्तुतः एक रक्षा कवच के रूप में कार्य करती है और उच्च ऊर्जा युक्त पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। ओजोन परत में ओजोन गैस की सान्द्रता में कमी के कारण विशालकाय क्षेत्र में ओजोन रहित छोटे-छोटे क्षेत्र को ओजोन छिद्र कहा जाता है।
ओजोन परत का ह्रास करने वाला मुख्य कारक रसायन-क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC) है, जिसका उपयोग दैनिक जीवन में एयर कंडीशनर, फ्रिज, प्लास्टिक, फोम, रंग तथा विभिन्न प्रकार के एरोसोल में किया जाता है। अन्तरिक्ष यानों द्वारा जला ईंधन भी नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्पन्न करता है जो ओजोन को नष्ट करता है। सर्वप्रथम ओजोन छेद 1985 में फारमन ने Nimbus-7 उपग्रह द्वारा अन्टार्कटिका में देखा। इसी वर्ष वियना में प्रथम ओजोन सम्मेलन का आयोजन किया। ओजोन अवक्षय से त्वचा कैंसर (मेलोनोमा) बढ़ा है। ओजोन परत की मोटाई को डॉबसन इकाई में नापा जाता है।
87. ओजोन परत पृथ्वी को किससे बचाता है?
[RAS Pre. Exam. 2010](1) उल्का पिंड
(2) अंतरिक्षीय एवं अन्य विकिरण
(3) हानिकारक वायु
(4) अंतरिक्ष मलबा
Ans. (2)
88. निम्नलिखित में से कौनसा पदार्थ ओजोन परत के अपक्षय का मुख्य कारण है?
[P.S.I. Exam, 2002](1) नाइट्रोजन के ऑक्साइड
(2) कार्बन डाईऑक्साइड
(3) क्लोरोफ्लोरोकार्बन
(4) सल्फर डाइऑक्साइड
Ans. (3)
89. ओजोन के बारे में निम्न में से कौनसा कथन सत्य है?
[CET-7.1.2023 (S-II)](1) ओजोन से ऑक्सीजन का निर्माण एक ऊष्माशोषी प्रक्रिया है।
(2) ओजोन एक त्रिपरमाण्विक रेखीय अणु है।
(3) ओजोन में दो द्विबन्ध होते हैं।
(4) ओजोन का निम्न स्तर (मात्रा) (या क्षोभमण्डलीय ओजोन) वायुमण्डलीय प्रदूषक है।
Ans. (4)
90. निम्न में से कौन समतापमंडलीय ओजोन के हास के लिए उत्तरदायी है/हैं?
[CET-7.1.2023 (S-1)]1. मीथेन
2. नाइट्रस ऑक्साइड
3. हेलोन्स
(1) 1 और 2
(2) 1,2 और 3
(3) केवल 3
(4) केवल 1
Ans. (2)
91. पृथ्वी के वातावरण में ओजोन (0,) की उपस्थिति-
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) फायदेमंद है क्योंकि यह जेट में यात्रा करने वाले लोगों के लिए O, की आपूर्ति करता है।
(2) हाल के वर्षों में औसत वैश्विक तापमान बढ़ाने के लिए जिम्मेदार रहा है।
(3) पृथ्वी पर पराबैंगनी किरणों के प्रवेश के नियंत्रण में मदद करता है।
(4) प्रकाश-संश्लेषण की उच्च दर में बाधा डालता है।
Ans. (3)
92. निम्न में से मेलोनोमा (त्वचा कैंसर) का कारण है?
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) अम्ल वर्षा
(2) ओजोन अवक्षय
(3) एलजेंस
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (2)
93. वायुमण्डल की किस परत में 90% ओजोन पायी जाती है?
[कनिष्ठ लेखाकार-26.2.2012, 11.02.2024](1) क्षोभमण्डल
(2) समतापमण्डल
(3) आयन मंडल
(4) मध्यमंडल
Ans. (2)
94. निम्नलिखित में से एक खरपतवार नाशक (weedicide) है-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) 2, 4-D
(2) DDT
(3) BHC
(4) एल्ड्रिन
Ans. (1)
व्याख्या –
2, 4-D एक खरपतवार नाशक है जो प्रभावी रूप से कृषकों द्वारा काम में लिया जाता है।
95. 2-4D होता है, एक-
[कनिष्ठ लेखाकार- 26.2.2012](1) शाकनाशी
(2) कीटनाशी
(3) टीका
(4) मलेरिया औषधी
Ans. (1)
96. विश्व वन्य जीव कोष का प्रतीक है?
[RAS Pre 2009][RPSC LDC17.02.2012](1) ध्रुवीय भालू
(2) सफेद भालू
(3) लालपाण्डा
(4) चीता
Ans. (3)
व्याख्या –
विश्व वन्य जीव कोष (The World Wild Life Fund or WWF)- 1962 में स्थापित यह IUCN की सहायक संस्था है जिसका मुख्यालय गलेण्डू (स्विट्जरलैण्ड) में है जिसका प्रतीक चिह्न लाल पांडा (Red Panda) जो एक वर्तमान में संकटग्रस्त प्रजाति है जो ची-ची (Chi-Chi) नामक बृहद् पाण्डा लंदन के ‘जू’ (ZOO) में 1961 में रहता था। Fire Cat नाम से प्रसिद्ध इस जन्तु को सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क में संरक्षित किया गया है। विश्व वन्य जीव कोष की भारतीय इकाई की स्थापना मुम्बई में 1969 में हुई थी। WWF के सहयोग से 1972 में “बाघ संरक्षण परियोजना” प्रारम्भ की गयी थी।
97. मानस जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र जिस राज्य में स्थित है, वह है-
[RPSC LDC-23.10.2016](1) प. बंगाल
(2) असम
(3) अरुणाचल प्रदेश
(4) तमिलनाडु
Ans. (2)
व्याख्या –
असम राज्य में मानस नदी पर स्थित मानस राष्ट्रीय पार्क (मानस वन्यजीव संरक्षण) को 6 दर्जे प्राप्त है-1. राष्ट्रीय पार्क, 2. यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल, 3. टाइगर अभयारण्य, 4. हाथी रिजर्व, 5. जैव मंडल रिजर्व, 6. मुख्य पक्षी क्षेत्र।
98. भारत की प्रमुख पारिस्थितिकीय समस्याओं में से एक ‘भू-निम्नीकरण’ से अभिप्राय हैः
[RPSC LDC-11.01.2014](1) अवैधानिक एवं अनियंत्रित खनन
(2) भूमि का तीव्र गति से अपरदन
(3) भूमि की उत्पादकता में कमी
(4) भूस्खलन
Ans. (3)
व्याख्या –
पेड़ पौधों तथा फसलों के वृद्धि के लिए आवश्यक प्राकृतिक पोषक तत्त्वों की कमी होना भूमि निम्नीकरण कहलाता है।
99. नीचे दिए गए कथनों को कार्बन चक्र के संदर्भ में सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए, जिसमें आरंभिक स्रोत गैसीय हो।
[कनिष्ठ लेखाकार-11.02.2024]1. पौधों में जैव कार्बन
2. मृदा में अजैव कार्बन
3. वायुमण्डल में CO2
4. पशुओं में जैव कार्बन
5. जैव पदार्थों का जीवाणुओं द्वारा विघटन
कूट:
(1) 1, 3, 4, 5, 2
(2) 3, 4, 1, 5, 2
(1) 3, 1, 4, 5, 2
(4) 3, 4, 1, 2, 5
Ans. (3)
100. लंदन धूम-कुहा किस वर्ष में देखा गया था-
[PSI-07.10.2018](1) 1750
(2) 1952
(3) 1972
(4) 2000
Ans. (2)
व्याख्या –
लंदन में सन् 1952 में 5 से 9 दिसंबर तक आसमान पर धुंध की छटा छाई हुई थी। उस समय धुंध और जहरीली धुएं के मेल से बने धुंध की मोटी परत लंदन के आसमान पर जम गई थी। इस जहरीली धुंध को ‘ग्रेट स्मॉग ऑफ लंदन’ नाम दिया गया था। लंदन के इन पाँच दिनों में पूरा शहर जबरदस्त वायु प्रदूषण की चपेट में था।
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