Electricity PYQ
Shiksha247 – Science Government Exam Questions, Previous Year Question Papers & Preparation
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– UPSC Previous Year Question
– SSC Old Question Papers
– Railway Exam Memory-Based Questions
– CTET, RPSC, Patwar, REET, Police Old Questions
– TET (Teacher Eligibility Test) Questions
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विद्युत
1. विद्युत शक्ति का SI मात्रक है-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-29.11.2015 (Non-TSP & TSP)]
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-14.07.2018 (II)]
[P.S.I. Exam, 1998](1) वॉट
(2) एम्पीयर
(3) वॉल्ट
(4) सोम
Ans. (1)
व्याख्या-
विद्युत शक्ति (Electric Power) – किसी विद्युत परिपथ में ऊर्जा के क्षय होने की दर को ‘शक्ति’ कहते हैं। इसका मात्रक वॉट होता हैं। किलोवॉट-घंटा मात्रक अथवा ‘यूनिट’-1 किलोवॉट-घंटा मात्रक अथवा 1 यूनिट, विद्युत ऊर्जा की वह मात्रा है जो कि किसी परिपथ में 1 घंटे में व्यय होती है, जबकि परिपथ में 1 किलोवॉट की शक्ति हो, अतः मात्रक किलोवॉट घंटा = वोल्ट × एम्पियर घंटा 100
2. निम्न में से विद्युत शक्ति का मात्रक नहीं है-
[ACF & FRO Exam – 18.02.2021](1) जूल/सेकण्ड
(2) वॉट
(3) किलो वॉट घण्टा
(4) अश्वशक्ति (हॉर्स पॉवर)
Ans. (3)
3. इलेक्ट्रिक आवेश के प्रवाह की दर का मात्रक है-
[LDC-09.09.2018](1) ओम
(2) वोल्ट
(3) म्हो
(4) एम्पीयर
Ans. (4)
व्याख्या –
विद्युत मात्रा या विद्युत की इकाई S.I. पद्धति में एम्पीयर (Ampere) होती है। ओम, विद्युत प्रतिरोध का मात्रक होता है। वोल्ट, विद्युत विभव का मापक तथा कूलॉम, विद्युत आवेश का मात्रक होता है।
4. इनमें से विद्युत धारा की SI इकाई कौन सी है-
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.08.2015][स्टेनोग्राफर परीक्षा, 21.03.2021](1) ओह्म
(2) एम्पीयर
(3) वोल्ट
(4) फैराड
Ans. (2)
5. विद्युत प्रतिरोध की इकाई होती है- [PSI-14.09.2021][R.A.S. Pre Exam. (Cancelled 1999](1) एम्पीयर
(2) वोल्ट
(3) कूलॉम्ब
(4) ओम
Ans. (4)
6. विद्युत ऊर्जा की व्यावसायिक इकाई है-
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.10.2016](1) वाट
(2) वाट-घंटे
(3) किलोवाट-घंटे
(4) किलो-जूल
Ans. (3)
7. विद्युत की मात्रा की अंतर्राष्ट्रीय मानक इकाई क्या है?
[PSI-07.10.2018](1) एम्पीयर
(2) वोल्ट
(3) कूलम्ब
(4) ओह्म
Ans. (3)
व्याख्या –
विद्युत आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं। आवेश दो प्रकार के होते हैं। धनात्मक आवेश (+ve) व ऋणात्मक आवेश (-ve) होते है। विद्युत आवेश का SI मात्रक कूलॉम/कूलम्ब (Coulomb) है।
8. चुम्बकीय फ्लक्स का S.I. मात्रक है-
[LDC-23.10.2016]
[Industry Inspector 24.06.2018][राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-15.07.2018(I)](1) टेस्ला
(2) वेबर
(3) गाउस
(4) एम्पीयर
Ans. (2)
व्याख्या –
एक समान चुंबकीय क्षेत्र में किसी सतह से गुजरने वाली बल रेखाओं की कुल संख्या को उस सतह से सम्बन्ध चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं। इसे से प्रदर्शित करते हैं। इसका SI मात्रक वेबर या टेस्ला/मी होता है।
9. निम्न में से कौन-सा समीकरण ओम के नियम को सही तौर पर निरुपित नहीं करता है। निम्नलिखित समीकरणों में –
V = विभवांतर, I = विद्युत धारा, R = नियतांक
[महिला पर्यवेक्षक – 20.12.2015 (TSP)](1) I = V/R
(2) V/R = नियतांक (R)
(3) V = IR
(4) R = I/V
Ans. (4)
व्याख्या –
ओम का नियम (Ohm’s Law)-किसी चालक प्रवाहित विद्युत धारा का मान उसके सिरों पर लगे हुए विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होता है (जबकि ताप स्थिर रहे)। अतः V=IR
10. निम्नलिखित में से किसके लिए ओम नियम लागू नहीं होता?
[Headmaster Exam – 02.09.2018](1) AC परिपथ
(2) चालक
(3) अर्धचालक
(4) चालकों के लिए जब तापमान में परिवर्तन होता है
Ans. (4)
11. ओम का नियम व्याख्या करता है?
[PSI Exam. 2007](1) किसी माध्यम से ध्वनि के पारित होने की
(2) अवकाश से प्रकाश के पारित होने की
(3) किसी तार से धारा के प्रवाहित होने की
(4) किसी धातु से ऊष्मा के प्रवाहित होने की
Ans. (3)
12. किसी धातु के तार में प्रवाहित विद्युत धारा एवं उसके सिरों के बीच विभवांतर में परस्पर संबंध का पता सर्वप्रथम लगाया था?
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-29.11.2015 (Non-TSP)](1) ओहम ने
(2) एम्पीयर ने
(3) वोल्टा ने
(4) फैराडे ने
Ans. (1)
13. ‘वॉट’ को प्रकट कर सकते हैं-
(1) वोल्ट में
(2) कैलोरी में
(3) जूल प्रति सेकण्ड में
(4) किग्रा. मीटर में
Ans. (3)
व्याख्या –
•वॉट शक्ति का मात्रक है। कार्य करने की क्षमता शक्ति कहलाती हैं इसका मात्रक जूल प्रति सेकण्ड भी होता है। 1 वॉट (W) = 1 जूल/सेकण्ड
•शक्ति का व्यावहारिक मात्रक अश्वशक्ति (Horse Power) है जो 746 W के बराबर होता है।
14. एक 100 वॉट का बिजली का बल्ब 10 घण्टे जलता है, तो 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से विद्युत खर्च होगा-
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) 5 रुपये
(2) 10 रुपये
(3) 25 रुपये
(4) 50 रुपये
Ans. (1)
15. यदि 100 वॉट वाले 10 बल्ब प्रतिदिन 1 घंटा जलते हैं, तो प्रतिदिन विद्युत ऊर्जा के उपभोग का मान होगा-
(1) 1 यूनिट
(2) 100 kWh
(3) 10 यूनिट
(4) 10 kWh
Ans. (1)
16. यदि 100 वॉट का बल्ब 10 घंटे काम में लिया जाता है, तो बिजली की मात्रा की खपत होगी-
[LDC-12.08.2018](1) 100 वॉट
(2) 1KWh (= 1 इकाई विद्युत)
(3) 1000 वॉट (1KW)
(4) 100 वॉट प्रति घंटा
Ans. (2)
17. 100 W का एक विद्युत बल्ब 6 घंटे (h) प्रतिदिन काम लिया जाता है। बल्ब द्वारा एक दिन में व्ययित ऊर्जा kWh में है
[स्कूल व्याख्याता -09.01.2020](1) 0.36
(2) 0.60
(3) 0.50
(4) 0.30
Ans. (2)
18. यदि 100 W का एक बल्ब प्रतिदिन 5 घंटे जलाया जाए, तो 30 दिन में 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से कितना खर्च लगेगा?
(1) 10.50 रुपये
(2) 8.50 रुपये
(3) 7.50 रुपये
(4) 9.50 रुपये
Ans. (3)
19. प्रतिदिन 8 घंटे जलाने पर 100 वॉट के 10 लैम्पों की मासिक खपत होगी-
(1) 240 मात्रक
(2) 250 मात्रक
(3) 480 मात्रक
(4) 500 मात्रक
Ans. (1)
20. यदि 60 वॉट का बल्ब प्रतिदिन 5 घण्टे प्रयोग किया जाये, तो 30 दिन में कितने यूनिट बिजली खर्च होगी?
[R.A.S. Pre Exam, 2003](1) 12
(2) 9
(3) 6
(4) 3
Ans. (2)
21. 2000 वॉट के हीटर को आधे घण्टे काम में लेने पर व्यय हुई विद्युत ऊर्जा होगी-
[Police Constable Exam-2006-07](1) आधा यूनिट
(2) दो यूनिट
(3) एक यूनिट
(4) चार यूनिट
Ans. (3)
22. 2A की धारा एक युक्ति द्वारा 5 मिनट के लिए ली जाती है। परिपथ में बहने वाले विद्युत आवेश की मात्रा है-
[RPSC LDC-23.10.2016](1) 600 कूलॉम
(2) 100 कूलॉम
(3) 10 कूलॉम
(4) 1 कूलॉम
Ans. (1)
व्याख्या –
1 एम्पियर = 1 कूलॉम /1 सेकण्ड
23. विद्युत चालकता की यूनिट क्या है?
(1) ओम (Ohm)
(2) ओम-क्यू (Ohm-cu)
(3) म्हो (mho)
(4) म्हो-क्यू’-¹(mho-cu-¹)
Ans. (3)
व्याख्या-
पदार्थों द्वारा विद्युत धारा संचालित करने की क्षमता की माप को विद्युत चालकता कहते हैं। इसका मात्रक ‘म्हो’ (Mho) होता है।
24. 200 वोल्ट के एक वोल्टता जनित्र को 40 वॉट के बल्ब से जोड़ा गया है। बल्ब में प्रवाहित धारा का मान होगा
[RPSC LDC-11.01.2014](1) 2 एम्पीयर
(2) 5 एम्पीयर
(3) 0.2 एम्पीयर
(4) 0.5 एम्पीयर
Ans. (3)
व्याख्या – वॉट = वॉल्ट x एम्पीयर
25. 5 वोल्ट विभवान्तर के दो बिन्दुओं के बीच 2 कूलाम आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है?
[LDC Exam-16.09.2018](1) 0.4 जूल
(2) 2.5 जूल
(3) 10 जूल
(4) 20 जूल
Ans. (3)
व्याख्या –
कार्य = आवेश × विभान्तर
अतः कार्य = 2 × 5 = 10 जूल
26. कथन (A) : लाईट ऐमिटिंग डायोड (एल.ई.डी.) लेम्प, कॉम्पेक्ट फ्लोरीसेन्ट लेम्प (सी.एफ.एल.) की तुलना में अधिक लम्बी सेवा अवधि प्रदान करते हैं।
कारण (R) : लाईट ऐमिटिंग डायोड (एल.ई.डी.) लेम्प, कॉम्पेक्ट फ्लोरीसेन्ट लेम्प (सी.एफ.एल.) की तुलना में अधिक ऊर्जा दक्ष होते हैं।
सही उत्तर का चयन कीजिए – [R.A.S.-26.10.2013](1) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सत्य हैं तथा कारण (R) कथन (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(2) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सत्य हैं लेकिन कारण (R) कथन (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(3) कथन (A) सत्य है परन्तु कारण (R) असत्य है।
(4) कथन (A) असत्य है परन्तु कारण (R) सत्य है।
Ans. (1)
व्याख्या –
उपर्युक्त कथन और कारण दोनों सत्य है। LEDs (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) अनेक रंगों जैसे लाल, हरे, पीले, नीले, सफेद में उपलब्ध हैं तथा अनेक अनुप्रयोगों में इनका उपयोग बढ़ता जा रहा है जैसे ट्रैफिक सिग्नल लाइट में प्रकाश के लिए LEDs का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। श्वेत LEDs का एक गुच्छा एक साथ लगाने पर LED का एक प्रकाश स्त्रोत बनता है। LED प्रकाश स्त्रोत ऊर्जा की कम खपत करते हैं। ये प्रकाश बल्ब तथा प्रतिदीप्त नलिकाओं (ट्यूब लाइट) से अधिक अवधि तक कार्य करते हैं। लेकिन LED प्रकाश स्त्रोत महँगे हैं। इसलिए आजकल CFL (संहत प्रतिदीप्त लैम्प) को सबसे अधिक पसन्द किया जाता है। तथापि, CFL में पारा होता है जो मनुष्यों के लिए हानिकारक है।
[स्त्रोत : N.C.E.R.T. Class VIII पृष्ठ संख्या 183]
27. LED का पूरा नाम होता है?
[REET (L-II) -24.07.2022](1) प्रकाश उत्सर्जक डोल
(2) प्रकाश उत्सर्जक डायनमो
(3) प्रकाश उत्सर्जक ड्रम
(4) प्रकाश उत्सर्जक डायोड
Ans. (4)
28. LED प्रकाश उत्सर्जित करता है?
[REET-23.07.2022](1) केवल हरा रंग
(2) केवल लाल रंग
(3) केवल पीला रंग
(4) ये सभी
Ans. (4)
29. घरेलू विद्युत उपकरणों पर आजकल सितारे (5 सितारों तक) अंकित किये जाते हैं। इन उपकरणों पर अंकित सितारे व्यक्त करते हैं कि – सितारों की संख्या जितनी अधिक होती है-
[R.A.S-19.11.2013](1) उस उपकरण की उपयोग अवधि अधिक होती है।
(2) उस उपकरण की ऊर्जा दक्षता उच्चतर होती है।
(3) उस उपकरण की कार्य क्षमता बेहतर होती है।
कूट:
(1) केवल (i) सत्य है।
(2) केवल (ii) सत्य है।
(3) (i) एवं (ii) दोनों
(4) (ⅰ) एवं (iii) दोनों
Ans. (2)
व्याख्या –
घरेलू विद्युत उपकरण जैसे AC, फ्रिज, गीजर, वाशिंग मशीन आदि पर स्टार लगे हुए होते हैं। इन स्टार की संख्या 1 से 5 तक होती है। स्टार लेबल बड़े और छोटे आइटम के हिसाब से होते हैं। इन स्टार का मतलब बिजली की सेविंग से होता हैं यानी जितने ज्यादा स्टार उतनी ज्यादा सेविंग। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) इन स्टार रेटिंग को जारी करता है।
30. माइक्रोवेव ऑवन में जिस माइक्रोवेव ट्यूब का उपयोग होता है, वह है-
[RAS (Pre). 14 June, 2012](1) क्लिस्ट्रॉन एवं मेग्नाट्रॉन ट्यूब्स
(2) क्लिस्ट्रॉन ट्यूब
(3) मेग्नाट्रॉन ट्यूब
(4) ट्रेवलिंग वेव ट्यूब
Ans. (3)
व्याख्या –
मैग्नाट्रॉन अधिक शक्ति की सूक्ष्म तरंगें पैदा करने वाली एक निर्वात नलिका (वैक्युम ट्यूब) हैं इसमें इलेक्ट्रॉनों की धारा पर चुम्बकीय क्षेत्र की संक्रिया से सूक्ष्मतरंगें उत्पन्न की जाती है। इनका उपयोग माइक्रोवेव ओवन एवं राडार के विभिन्न रूपों में प्रयुक्त होता है।
31. निम्नलिखित में कौनसा विद्युत का अच्छा सुचालक है?
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) एल्युमिनियम
(2) ताँबा
(3) चाँदी
(4) सोना
Ans. (3)
व्याख्या –
जिन पदार्थों से होकर विद्युत आवेश सरलता से प्रवाहित होता है, उन्हें सुचालक कहते हैं। जैसे- लगभग सभी धातुयें, अम्ल, क्षार लवणों के जलीय विलयन, मानव शरीर आदि विद्युत चालक पदार्थों के उदाहरण है। चाँदी (सबसे अच्छा सुचालक), ताँबा, एल्युमिनियम आदि चालकता में अग्रणी है।
32. जलते हुए विद्युत बल्ब के तन्तु का ताप सामान्यतः होता है?
[RAS Pre. Exam. 2007](1) 100°C से 500°C
(2) 1000°C से 1500°C
(3) 2000°C से 2500°C
(4) 3000°C से 3500°C
Ans. (3)
व्याख्या –
विद्युत बल्ब का आविष्कार थॉमस एल्वा एडीसन द्वारा किया गया था। यह तापदीप्ति (गरम होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन, ताप दीप्ति कहलाता है।) के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने वाला एक उपकरण है। इसमें एक काँच के बल्ब के अंदर टंगस्टन धातु का एक पतला पिलामेंट या तंतु (तार) लगा होता है, जिसमें होकर जब विद्युत धारा बहती है तब यह गर्म होकर प्रकाश देने लगता है। टंगस्टन के तंतु के ऑक्सीकरण को रोकने के लिये बल्ब के अंदर निर्वात कर दिया जाता है। कभी-कभी पूर्णतः निर्वात न करके उसके अंदर नाइट्रोजन या ऑर्गन गैस भर दी जाती है, ताकि उच्च ताप पर टंगस्टन का वाष्पीकरण न हो। विद्युत बल्ब में तंतु (फिलामेंट) के लिये टंगस्टन धातु के प्रयोग किये जाने का मुख्य कारण टंगस्टन धातु का उच्च गलनांक (3500°C) है। धारा प्रवाहित किये जाने पर तंतु का ताप 1500°C से 2500°C तक हो जाता है।
33. परमशून्य तापमान पर अर्धचालकों में विद्युत प्रतिरोध हो जाता है-
[RAS Pre. Exam. 1992](1) अनन्त
(2) अल्प
(3) उच्च
(4) शून्य
Ans. (1)
व्याख्या –
•अर्ध-चालक (Semi-conductor) – वैद्युत चालन की क्षमता के आधार पर अर्ध-चालक वे पदार्थ होते हैं जिनकी प्रतिरोधकता चालकों एवं कुचालकों के मध्य होती है। जर्मेनियम (Ge) व सिलिकॉन (Si), सेलिनियम तथा मिश्रधातु गेलियम-आर्सनाइड (GaAs) इत्यादि अर्ध-चालक पदार्थ हैं। अर्ध-चालकों की विशेषता है कि ताप बढ़ने से इनकी प्रतिरोधकता घटती है अर्थात् चालकता बढ़ती है।
•परम शून्य ताप (OK) के निकट अर्ध-चालक पूर्णतः कुचालक होते हैं अर्थात् उनकी चालकता शून्य व प्रतिरोधकता अनन्त होती है। परमशून्य ताप पर एक अर्ध-चालक एक कुचालक की भांति व्यवहार करता है।
34. अर्धचालक की चालकता 0K (शून्य डिग्री केल्विन) ताप पर होती है-
[R.A.S. Pre. (Cancelled 1999](1) 105 ओम-1
(2) 10 ओम-1
(3) 10-5 ओम-1
(4) शून्य
Ans. (4)
35. डेजर्ट कूलर द्वारा शीतलन किस पर आधारित है?
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) उष्ण वायु प्रतिस्थापन
(2) वायु निर्जलीकरण
(3) वाष्पन शीतलन
(4) वायु पुनर्जलीकरण
Ans. (3)
व्याख्या –
कूलर द्वारा ठण्डी हवा प्रदान करना वाष्पन – शीतलन पर आधारित है। दरअसल जब कूलरों में बाहर की गर्म हवा, पानी के ऊपर से गुजरती है तो पानी बाहर की हवा से ऊष्मा लेकर वाष्पित हो जाता है। इस प्रकार ऊष्मा के विनिमय के कारण हवा का तापमान कम हो जाता है और हमें शीतल हवा प्राप्त होती है।
36. वैद्युत परिपथ हेतु किरचॉफ का प्रथम नियम आधारित है-
[Dy. Commandant Exam- 23.08.2020](1) द्रव्यमान संरक्षण पर
(2) आवेश संरक्षण पर
(3) ऊर्जा संरक्षण पर
(4) भारत संरक्षण पर
Ans. (2)
व्याख्या –
सन् 1845 में गुस्ताव किरचॉफ ने विद्युत परिपथों में वोल्टता एवं धारा सम्बन्धी दो नियम प्रतिपादित किये। ये दोनो नियम संयुक्त रूप से किरचॉफ के परिपथ के नियम कहलाते हैं। किरचॉफ का प्रथम नियम आवेश के संरक्षण पर आधारित है तथा इसे धारा नियम भी कहते हैं। और कहीं-कहीं इसे संधि नियम भी कहते हैं।
37. भारत में ए. सी. मुख्य विद्युत धारा की आवृत्ति होती है?
[P.S.I. Exam, 2002, 2007](1) 50 साइकिल प्रति सेकण्ड
(2) 60 साइकिल प्रति सेकण्ड
(3) 30 साइकिल प्रति सेकण्ड
(4) 100 साइकिल प्रति सेकण्ड
Ans. (1)
व्याख्या:
हमारे घरों में जो विद्युत सप्लाई की जाती है वह 220 V पर प्रत्यावर्ती धारा होती है। इसकी आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है। घरों में घरेलू सप्लाई 5A तथा पॉवर लाइन 15A तक की होती है।
38. एक 4 हैनरी की कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल 16 वोल्ट है। धारा के परिवर्तन की दर होगी-
[Patwar Exam 13.02.2016](1) 64 A/S
(2) 32 A/S
(3) 16 A/S
(4) 4 A/S
Ans. (4)
39. जब n प्रतिरोध, प्रत्येक का मान r है, को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है तब परिणामी प्रतिरोध का मान x है। जब यही n प्रतिरोधों को श्रेणी क्रम में जोड़ा जाये तो कुल प्रतिरोध होगा।
[Patwar-13.2.2016](1) nx.
(2) rnx
(3) x/n
(4) n²x
Ans. (4)
40. एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में घूर्णन करती कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल अधिकतम होगा जब-
[Patwar Exam 13.02.2016](1) कुण्डली से जुड़ा फ्लक्स अधिकतम हो
(2) कुण्डली से जुड़े फ्लक्स में परिवर्तन की दर न्यूनतम हो।
(3) कुण्डली से जुड़े फ्लक्स में परिवर्तन की दर अधिकतम हो
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (3)
41. किसी विद्युत धारावाही सीधी लम्बी परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र –
[Patwar Exam 13.02.2016][वनपाल- (S-II)- 06.11.2022](1) शून्य, होता है।
(2) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(3) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(4) सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
Ans. (4)
व्याख्या-
परिनालिका का एक सिरा चुम्बकीय उत्तर ध्रुव तथा दूसरा सिरा दक्षिण ध्रुव की भांति व्यवहार करता है। परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं समांतर सरल रेखाओं की भांति होती हैं। यह दर्शाता है कि किसी परिनालिका के भीतर सभी बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र समान होता है। अर्थात परिनालिका के भीतर एक समान चुम्बकीय क्षेत्र होता है।
42. निम्नांकित में से विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव पर आधारित युक्ति है?
[REET (L-II, S-1)-24.7.2022 ](1) विद्युत बल्ब
(2) विद्युत फ्यूज
(3) विद्युत घंटी
(4) विद्युत इस्त्री
Ans. (3)
43. कथन – 1 : विद्युत परिपथ में फ्यूज तार सदैव फैज तार में जुड़ी होनी चाहिए।
कथन-2 : फ्यूज तार ऐसे पदार्थ की बनी होनी चाहिए जिसका गलनांक कम हो।
[Stenographer-30.5.2013](1) दोनों कथन गलत है।
(2) दोनों कथन सही है।
(3) कथन 1 सही है तथा कथन 2 गलत है।
(4) कथन 1 गलत है तथा कथन 2 सही है।
Ans. (2)
व्याख्या:
फ्यूज तार ऐसे पदार्थ का बना होता है जिसका प्रतिरोध अधिक तथा गलनांक कम होता है जिससे परिपथ में अत्यधिक धारा का प्रवाह होने पर यह गर्म होकर पिघल जाता है तथा परिपथ को असंबद्ध कर देता है। इस प्रकार फ्यूज तार विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव को दर्शाता है। फ्यूज तार इस प्रकार का होना चाहिए कि वह केवल उतनी ही विद्युत धारा को अपने में से होकर गुजरने दे जितनी घरेलू उपकरणों के परिचालन हेतु आवश्यक है। आवश्यक स्तर से अधिक धारा के प्रवाहित होने पर फ्यूज तार गर्म होकर पिघल जाता है। फ्यूज तांबा, टिन व शीशे की मिश्र धातु से बना होता है और इसका गलनांक कम होता है। यह परिपथ के साथ श्रेणीक्रम से जोड़ा जाता है। 15A तक बिजली की आपूर्ति करने वाले घरेलू बिजली के कनेक्शन के लिए फ्यूज तार 37% सीसा तथा 63% टिन से बना होता है।
44. फ्यूज तार बना होता है-
[Police Constable-2006-07](1) प्लैटिनम एवं ताँबे की मिश्रित धातु का
(2) एल्यूमीनियम का
(3) ताँबे का
(4) टिन एवं शीशे की मिश्रित धातु का
Ans. (4)
45. एक विद्युत – फ्यूज तार की क्या विशेषताएँ होनी चाहिए-
[PSI- 15.9.2021]
[स्टेनोग्राफर-21.3.2021][Firemen Exam-29.1.2022](1) निम्न गलनांक, निम्न विशिष्ट प्रतिरोध
(2) उच्च गलनांक, निम्न विशिष्ट प्रतिरोध
(3) निम्न गलनांक, उच्च विशिष्ट प्रतिरोध
(4) उच्च गलनांक, उच्च विशिष्ट प्रतिरोध
Ans. (3)
46. फ्यूज तार जिस आधार पर कार्य करता है, वह है-
[III Grade (L-II)-25.2.2023][REET L-II, 26.09.2021](1) धारा का चुम्बकीय प्रभाव
(2) धारा का रासायनिक प्रभाव
(3) धारा का उष्मीय प्रभाव
(4) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण
Ans. (3)
47. घरों में अधिकतम 15A धारा के लिए विद्युत वितरण परिपथ में फ्यूज तार बना होता है-
[LDC – 19.08.2018](1) 37 प्रतिशत सीसा व 63 टिन का
(2) 100 प्रतिशत ताँबे का
(3) 63 प्रतिशत सीसा व 37 प्रतिशत टिन का
(4) 50 प्रतिशत सीसा व 50 प्रतिशत टिन का
Ans. (1)
48. निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण फ्यूज वायर के लिए उपयुक्त नहीं हैं?
[RPSC LDC-23.10.2016](1) अन्य तारों से अधिक प्रतिरोध
(2) निम्न गलनांक
(3) पतला एवं छोटा
(4) स्थूल एवं छोटा
Ans. (4)
व्याख्या –
विद्युत उपकरणों में उन पर अंकित निर्धारित धारा से अधिक धारा प्रवाहित होने से रोकने हेतु प्रयुक्त युक्ति को विद्युत फ्यूज कहते हैं। फ्यूज तार का प्रतिरोध उच्च तथा गलनांक निम्न होता है। फ्यूज का तार मोटा व छोटा नहीं होना चाहिए।
49. प्रतिरोधकता की इकाई है-
[LDC-19.08.2018](1) ओम
(2) ओम/मीटर²
(3) ओम-मीटर
(4) ओम/मीटर
Ans. (3)
व्याख्या –
प्रतिरोधकता की इकाई ओम (Ω⋅m) मीटर है।
50. किसी दिए गए धातु की तार की वैद्युत प्रतिरोधकता निर्भर करती है-
[LDC-23.10.2016][वनरक्षक- (S-II)-11.12.2022](1) उसकी लम्बाई पर
(2) उसके अनुप्रस्थ काट क्षेत्र पर
(3) उसकी आकृति पर
(4) उसके पदार्थ की प्रकृति पर
Ans. (4)
व्याख्या –
विद्युत प्रतिरोध किसी पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण वह पदार्थ अपने अंदर होने वाले धारा के प्रवाह का विरोध करता है। प्रतिरोध का SI मात्रक ओम (२) होता है। यह एक अदिश राशि है, धातु की प्रतिरोधकता धातु में मुक्त इलेक्ट्रॉनों के घनत्व अर्थात् धातु की प्रकृति पर तथा ताप निर्भर करती है।
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Note: इन Questions को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।
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