Governor PYQ
Shiksha247 – Political Government Exam Questions, Previous Year Question Papers & Preparation
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राज्यपाल
1. राजस्थान में राज्यपाल का पद राजप्रमुख का उत्तरवर्ती है। 30 मार्च 1949 को जब वृहत् राजस्थान राज्य का गठन किया गया, तब राजप्रमुख किसे बनाया गया?
[Patwar Exam-23.10.2021 (Shift-1)](1) सवाई जयसिंह
(2) सवाई मानसिंह
(3) महाराव भीमसिंह
(4) महाराणा भूपालसिंह
(2)
व्याख्या : राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1 नवम्बर 1956 को 7वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 के तहत राजप्रमुख का पद समाप्त कर दिया गया और राजप्रमुख के स्थान पर प्रथम राज्यपाल के रूप में गुरूमुख निहालसिंह को नियुक्त किया गया।
• राजस्थान के प्रथम और एकमात्र राजप्रमुख ‘सवाई मानसिंह’ थे। (30 मार्च 1949 से)
• गुरूमुख निहालसिंह की नियुक्ति का वारन्ट 25 अक्टूबर 1956 को राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया।
• गुरूमुख निहालसिंह 1 नवम्बर 1956 को राजस्थान के प्रथम राज्यपाल के रूप में पदभार संभालते हैं।
2. किस सांविधानिक संशोधन द्वारा राजस्थान में राजप्रमुख संस्था समाप्त कर दी गई?
[RPSC Assistant Professor Exam-2021][RPSC 2nd Grade Re-Exam-30.07.2023](1) 5वाँ सांविधानिक संशोधन अधिनियम, 1954
(2) 6ठा सांविधानिक संशोधन अधिनियम, 1955
(3) 7वाँ सांविधानिक संशोधन अधिनियम, 1956
(4) 8वाँ सांविधानिक संशोधन अधिनियम, 1956
(3)
3. राजस्थान में राजप्रमुख का ओहदा/पद कब समाप्त हुआ?
[Patwar Exam-23.10.2021 (Shift-II)](1) 18 अप्रैल, 1948 को
(2) 1 नवम्बर, 1956 को
(3) 26 जनवरी, 1950 को
(4) 15 मई, 1949 को
(2)
4. राजस्थान में राज्यपाल का पद किस सन् में सर्वप्रथम गठित हुआ?
[जेल प्रहरी परीक्षा – 07.09.2017](1) 1 नवम्बर, 1956
(2) 26 जनवरी, 1950
(3) 1 अप्रैल, 1955
(4) 15 अगस्त, 1951
(1)
5. निम्न में से किसकी सिफारिश पर राजस्थान में राजप्रमुख के पद को समाप्त कर राज्यपाल की व्यवस्था की गई?
[RAS Pre Exam-01.10.2023](1) राज्य विधान सभा
(2) संविधान सभा
(3) राज्य पुनर्गठन आयोग
(4) राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग
(5) अनुत्तरित प्रश्न
(3)
6. गुरूमुख निहालसिंह को राजस्थान का प्रथम राज्यपाल नियुक्त किया गया था?
[RAS Pre Exam-2021](1) 2 नवम्बर 1956 को
(2) 26 अक्टूबर 1956 को
(3) 1 नवम्बर 1956 को
(4) 25 अक्टूबर 1956 को
(4)
व्याख्या : गुरूमुख निहालसिंह राजस्थान के प्रथम राज्यपाल थे। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने राज्यपाल की नियुक्ति 25 अक्टूबर 1956 मानी है, जबकि 25 अक्टूबर राष्ट्रपति के द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति के वारन्ट जारी करने की तिथि है। ये 31 अक्टूबर 1956 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री थे। राजस्थान में इन्होंने पदभार 1 नवम्बर 1956 को संभाला था।
7. निम्नांकित में से कौनसा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
[Physical Education It Grade G.K. Exam-21.10.2022](1) अनुच्छेद 155 – राज्यपाल की नियुक्ति
(2) अनुच्छेद 156 – राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं
(3) अनुच्छेद 158 – राज्यपाल के पद के लिए शर्ते
(4) अनुच्छेद 159 – राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
(2)
व्याख्या :
• अनुच्छेद – 153 : राज्यों के राज्यपाल प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा,
• अनुच्छेद-154 : राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी।
• अनुच्छेद-155 : राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा
• अनुच्छेद-156 : राज्यपाला की पदावधि
• अनुच्छेद-157 : राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं
• अनुच्छेद-158 : राज्यपाल पद के लिए शर्ते
• अनुच्छेद-159 : राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद-160 : कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
• अनुच्छेद-161 : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलम्बन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति ।
8. निम्नांकित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है?
[RPSC Assistant Professor Exam-22.09.2021](1) अनुच्छेद 153 – राज्यपाल का पद
(2) अनुच्छेद 156 – राज्यपाल की पदावधि
(3) अनुच्छेद 154 राज्य की कार्यपालिका शक्ति
(4) अनुच्छेद 155 – राज्यपाल को पद से हटाया जाना।
(4)
9. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
[Gram Sevak, Hostel Warden III Exam-18.12.2016](1) अनुच्छेद 154 – राज्य की कार्यपालक शक्ति
(2) अनुच्छेद 155 – राज्यपाल की नियुक्ति
(3) अनुच्छेद 156 – राज्यपाल की नियुक्ति हेतु योग्ताएँ
(4) अनुच्छेद 163 – राज्य मंत्री परिषद
(3)
10. भारत के संविधान के किस अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि प्रत्येक भारतीय राज्य में एक राज्यपाल होगा?
[College Lecturer Exam-24.04.2016][SSC CGL Exam-12.06.2019][CET(10+2) Level Exam-24.10.2024 (Shift-II)](1) अनुच्छेद 152
(2) अनुच्छेद 153
(3) अनुच्छेद 154
(4) अनुच्छेद 151
(2)
व्याख्या : अनुच्छेद-153 – राज्यों के राज्यपाल : प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा, परन्तु एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल या संघ राज्यों, क्षेत्रों का उप- राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। (यह प्रावधान 7 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा जोड़ा गया।)
11. किस संविधान संशोधन द्वारा एक ही व्यक्ति को एक या एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल या संघ राज्य क्षेत्रों का उप- राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है?
[UGC NET Paper-2 Exam-21.12.2018][RPSC 2nd Grade Re-Exam-30.07.2023](1) चौथा संविधान संशोधन अधिनियम, 1955
(2) पांचवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1955
(3) छठा संविधान संशोधन अधिनियम, 1956
(4) सातवां संविधान संशोधन अधिनियम, 1956
(4)
12. सातवे संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 की किस धारा के अनुसार एक व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है?
[REET Mains L-2 (सिंधि) Exam 01.03.2023](1) धारा-2
(2) धारा-4
(3) धारा-3
(4) धारा-6
(4)
व्याख्या : सातवें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 की धारा- 6 (खण्ड-6) के अनुसार अनुच्छेद 153 में संशोधन कर एक व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त करने का प्रावधान किया गया।
13. राज्य की कार्यकारी शक्ति भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा राज्यपाल को दी जाती है?
[WBCS Pre Exam-2019](1) अनुच्छेद 156
(2) अनुच्छेद 155
(3) अनुच्छेद 154
(4) अनुच्छेद 153
(3)
व्याख्या : अनुच्छेद-154 के तहत राज्य की कार्यपालिका/ कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और उसका प्रयोग वह इस संविधान के अनुसार सीधे या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
14. वर्तमान में राजस्थान की कार्यपालिका के प्रमुख कौन है?
[High Court LDC Exam-19.03.2023](1) अशोक गहलोत
(2) श्रीमती ऊषा शर्मा
(3) कलराज मिश्र
(4) कुलदीप रांका
(C)
व्याख्या : राज्यपाल राज्य सरकार की कार्यपालिका का प्रमुख होता है। राज्य की सभी कार्यकारी कार्यवाहियों का प्रयोग राज्यपाल करता है। ध्यान रहे कि वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल ‘हरिभाऊ किसनराव बागड़े’ है।
15. राजस्थान में राज्य प्रशासन के विधितः प्रमुख है?
[RPSC 2nd Grade Exam-01.05.2017](1) राज्य के महाधिवक्ता
(2) राज्य के राज्यपाल
(3) सम्भागीय आयुक्त
(4) राज्य के मुख्यमंत्री
(2)
व्याख्या : राज्यपाल राज्य का विधितः प्रमुख होता है, जबकि वास्तविक कार्यकारी अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है।
16. किसी राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद में-
[UPPCS (Pre) G.S. Exam-2015](1) 153
(2) 154
(3) 155
(4) 156
(3)
व्याख्या :
अनुच्छेद 155 के तहत राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा की जाती है।
• राष्ट्रपति उसी व्यक्ति को राज्यपाल नियुक्त करेगा, जिसके नाम की सिफारिस केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है।
• यद्यपि राज्यपाल की नियुक्ति केन्द्र सरकार की सिफारिश पर की जाती है, परन्तु राज्यपाल का पद केन्द्र सरकार के अधीन नियुक्त पद नहीं है। राज्यपाल का पद एक स्वतंत्र संवैधानिक पद है।
17. राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति करते हैं?
[UPPCS (Pre) G.S. Exam-2012](1) भारत के प्रधान न्यायाधीश
(2) राष्ट्रपति
(3) राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(4) राज्यसभा के सभापति
(2)
18. राज्य के राज्यपालो की केन्द्र द्वारा नियुक्ति के प्रावधान को लिया गया है-
[VDO Exam-27.12.2021](1) संयुक्त राज्य अमेरिका से
(2) कनाडा से
(3) स्वीटजरलैण्ड से
(4) आयरलैण्ड से
(2)
व्याख्या : कनाडा में राज्यपाल की नियुक्ति जिस प्रकार गर्वनर जनरल द्वारा की जाती है, उसी प्रकार भारत में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
19. संविधान के अनुच्छेद 156 में उपबन्ध है कि राज्यपाल अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा। इससे निम्नलिखित में से कौनसा निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
[IAS (Pre) G.S.-1995](i) किसी राज्यपाल को उसकी पदावधि पूरी होने से पूर्व पद से नहीं हटाया जा सकता।
(ii) कोई राज्यपाल पाँच वर्ष की अवधि के बाद अपने पद पर बना नहीं रह सकता ।
नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए –
(1) केवल (i)
(2) केवल (ii)
(3) (i) व (ii) दोनों
(4) दोनों ही नहीं
(4)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 156 : “राज्यपाल की पदावधि”
• अनुच्छेद 156 (1): राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा।
• अनुच्छेद 156(2): राज्यपाल, राष्ट्रपति को संबोधित हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकता है।
• अनुच्छेद 156(3): राज्यपाल अपने पदग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा, परन्तु राज्यपाल अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी, तब तक धारण करता रहेगा, जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
20. भारतीय संविधान का निम्नलिखित में से कौनसा अनुच्छेद राज्यपाल के कार्यकाल से सम्बन्धित है?
[Patwar Exam-23.10.2021, (Shift-II)](1) अनुच्छेद 171
(2) अनुच्छेद 158
(3) अनुच्छेद 156
(4) अनुच्छेद 163
(3)
21. भारतीय राज्य के राज्यपाल के बारे में निम्नांकित में से कौनसा कथन सत्य नहीं है?
[RPSC 2nd Grade Re-Exam-30.07.2023](1) उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
(2) वह एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
(3) वह पाँच साल की अवधि के लिए पद पर रहता है।
(4) यदि सम्बन्धित राज्य की विधानमण्डल उसे हटाने के लिए प्रस्ताव पारित करती है, तो उसे पहले ही हटाया जा सकता है।
(4)
व्याख्या :
राज्यपाल को पद से हटाने के कारणों का उल्लेख भारतीय संविधान में नहीं है। राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल को पद से हटाया जा सकता है या राज्यपाल राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे सकता है अर्थात राज्य की विधानमंडल के पास राज्यपाल को हटाने से संबंधित कोई शक्ति नहीं है।
22. राज्य के राज्यपाल को कौन हटा सकता है? (निम्नलिखित में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनेंः )
[CET(10+2) Level Exam-22.10.2024 (Shift-I)](1) मुख्यमंत्री
(2) राष्ट्रपति
(3) प्रधानमंत्री
(4) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(2)
23. राज्यपाल की पदावधि के सम्बन्ध में कौनसा कथन त्रुटीपूर्ण है?
[RPSC 2nd Grade (SST) Exam-2011](1) उसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
(2) वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपने पद पर बना रहता है।
(3) अपने उत्तराधिकारी के पदधारण तक वह अपने पद पर बना रहता है।
(4) उसे महाभियोग द्वारा पदच्युत किया जा सकता है।
(4)
24. राज्यपाल अपना त्यागपत्र संबोधित करता है-
[RPSC 2nd Grade Exam-21.02.2014](1) राष्ट्रपति को
(2) प्रधानमंत्री को
(3) संघ के गृह मंत्री को
(4) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति को
(1)
25. नीचे दिए हुए दो वक्तव्यों पर विचार कीजिए –
[Gram Sevak, Hostel Warden III Exam- 18.12.2016]कथन (A) : राज्य का राज्यपाल अपने पद पर राष्ट्रपति की इच्छापर्यन्त ही रहता है।
कारण (R) : राज्यपाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा होती है। ऊपर के दोनों वक्तव्यों के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौनसा सही है?
(1) A और R दोनों सही है, A की सही व्याख्या R करता है।
(2) A और R दोनों सही है, पर A की सही व्याख्या R नहीं करता है।
(3) A सही है, परन्तु R गलत है।
(4) A गलत है, परन्तु R सही है।
(3)
26. राज्यपाल के संवैधानिक प्रावधानों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
[PTI 2nd Grade-30.04.2023]I. अनुच्छेद 153 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा।
II. परन्तु अनुच्छेद 153 की कोई बात एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किए जाने से निवारित नहीं करेगी।
III. अनुच्छेद 156 (2) के अनुसार राज्यपाल, राष्ट्रपति को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग करेगा।
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए –
(1) I तथा III दोनों सत्य है।
(2) केवल III सत्य है।
(3) I, II व III सभी सत्य है।
(4) केवल I सत्य है।
(3)
व्याख्या :
अनुच्छेद 153 : राज्यों के राज्यपाल – प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा परन्तु इस अनुच्छेद की कोई बात एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किए जाने से निवारित नहीं करेगी।
27. किसी भारतीय राज्य के राज्यपाल से सम्बन्धित निम्नलिखित कथनों में कौन-सा कथन सही नहीं है?
[U.P. Lower (Pre) G.S.-2004](1) वह भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है।
(2) वह एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
(3) वह पाँच वर्ष तक पद पर रहता है।
(4) यदि सम्बन्धित राज्य की व्यवस्थापिका उसे पद से हटाए जाने का प्रस्ताव स्वीकार करती है, तो वह पदावधि के पूर्व भी पद-मुक्त किया जा सकता है।্যায় (4)
व्याख्या : राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त पद पर रहता है। उसे राज्य की व्यवस्थापिका नहीं हटा सकती है।
28. निम्न विवरणों पर विचार कीजिए –
[PTI Exam-30.09.2018](i) अनुच्छेद 157 राज्यपाल के पद के लिए दो योग्यता निर्धारित करता है।
(ii) राज्यपाल राज्य व्यवस्थापिका का सदस्य होना चाहिए।
(iii) नियुक्ति से पूर्व राज्यपाल को 40 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेनी चाहिए।
कूट :
(1) केवल (1)
(2) केवल (ii) और (iii)
(3) केवल (i) और (iii)
(4) (i), (ii) व (iii)
(1)
व्याख्या : अनुच्छेद 157 में राज्यपाल नियुक्त होने के लिए दो ही योग्यताएं दे रखी है –
(i) वह भारत का नागरिक हो।
(ii) उन्होंने 35 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो।
ध्यान रहे कि राज्यपाल राज्य व्यवस्थापिका अर्थात् राज्य विधानमण्डल का हिस्सा नहीं होता है।
29. राज्यपाल पद के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) 35 साल
(2) 40 साल
(3) 25 वर्ष
(4) 45 साल
(1)
30. एक राज्य के राज्यपाल के सन्दर्भ में निम्न में से कौनसा कथन सही नहीं है?
[Patwar Exam-25.05.2016](A) राज्य की कार्यपालिका शक्तियाँ इनमें निहित है।
(B) इनकी उम्र 35 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए।
(C) वह अपने पद पर राष्ट्रपति की मर्जी पर ही बने रहते हैं।
(D) इनकी बर्खास्तगी के कारण संविधान में उल्लेखित है।
नीचे दिए गए कूट के आधार पर सही उत्तर चुनिए –
(1) (A), (B) व (C) सही है।
(2) (A), (B) व (C) सही है।
(3) (A), (C) व (D) सही है।
(4) (A), (B), (C) व (D) सही है।
(2)
व्याख्या :
अनुच्छेद 157 के अनुसार (राज्यपाल पद हेतु अहर्ताए/ योग्यताएं) – वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चूका हो।
अनुच्छेद 156 (राज्यपाल की पदावधि) के अनुसार राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा।
राज्यपाल की बर्खास्तगी के कारण संविधान में उल्लेखित नहीं है।
31. राजस्थान के राज्यपाल के सम्बन्ध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए ?
[Patwar Exam-23.10.2021](A) वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
(B) उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
(C) उसमें लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होनी चाहिए।
(D) वह एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
कुट :
(1) (A), (B) व (C) सही है।
(2) (B) व (C) सही है।
(3) (C) व (D) सही है।
(4) (A), (B) व (D) सही है।
(4)
32. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है?
[SSC MTS Exam-26.10.2021](1) राज्यपाल अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को सौंपता है।
(2) राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए न्युनतम आयु की आवश्यकता 30 वर्ष है।
(3) राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
(4) राज्यपाल मुख्यमंत्री की प्रसादी के दौरान पद धारण करता
(3)
33. निम्नांकित में से कौनसी राज्यपाल के पद के लिए शर्तें है?
[SI Platoon Commandar Exam-14.09.2021](i) वह भारत का नागरिक हो।
(ii) वह संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमण्डल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा।
(iii) वह अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
(iv) वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
सही विकल्प का चयन कीजिए –
(1) केवल (i) व (iv)
(2) केवल (ii) व (iii)
(3) केवल (i), (ii) व (iii)
(4) (i), (ii), (iii) व (iv)
(2)
व्याख्या :
अनुच्छेद 157 के अनुसार – “राज्यपाल की नियुक्ति के लिए योग्यताएं” है, जो कि उस अनुच्छेद के तहत दो योग्यताएँ है-
(i) वह भारत का नागरिक हो
(ii) वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
अनुच्छेद 158 – “राज्यपाल पद के लिए शर्ते “
• अनुच्छेद 158(1) राज्यपाल संसद या किसी विधानमण्डल का सदस्य नहीं होगा। यदि संसद या विधानमण्डल का कोई सदस्य राज्यपाल नियुक्त हो जाता है, तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राज्यपाल के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
• अनुच्छेद 158(2) – राज्यपाल अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
• अनुच्छेद 158(3)- राज्यपाल बिना किराया दिए अपने शासकीय निवासों का उपयोग करेगा, इनके वेतन-भत्तों का निर्धारण संसद विधि द्वारा अवधारित करेगा।
• अनुच्छेद 158 (3क) किसी व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, वहां राज्यपाल को संदेय वेतन-भत्तों को राज्यों के बीच किसी अनुपात में राष्ट्रपति विभाजित करेगा।
• अनुच्छेद 158(4)- राज्यपाल की उपलब्धियाँ व भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जाऐंगे।
34. जब एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो उस राज्यपाल को संदेय उपलब्धियाँ और भत्ते होंगे –
[UPPCS (Mains) G.S. IInd Paper-2016](1) राज्यपाल की इच्छानुसार
(2) राष्ट्रपति के निर्णयानुसार
(3) गृह मंत्रालय के निर्णयानुसार
(4) इसे उन राज्यों के बीच ऐसे अनुपात में आवंटित किया जाएगा, जैसा राष्ट्रपति आदेश द्वारा अवधारित करे।
(4)
35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[UPSC IAS (Pre.) 2018](A) किसी राज्य के राज्यपाल के विरूद्ध उसकी पदावधि के दौरान किसी न्यायालय में कोई दांडिक कार्यवाही संस्थित नहीं की जाएगी।
(B) किसी राज्य के राज्यपाल की परिलब्धियाँ और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जाएंगे।
उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(1) केवल (A)
(2) केवल (B)
(3) (A) व (B) दोनों
(4) न तो (A) न ही (B)
(3)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 361 के तहत “राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण”
• अनुच्छेद 361 (1) राष्ट्रपति या राज्यपाल या राजप्रमुख अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्त्तव्यों के प्रयोग तथा प्रदर्शन के लिए या अभ्यास में उनके द्वारा किए गए या किए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेही नहीं होगें।
• अनुच्छेद 361(2)- राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यालय के दौरान किसी भी अदालत में कोई भी आपराधिक मामला न तो शुरू होगा और न ही जारी किया जाएगा।
• अनुच्छेद 361(3)- राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी या कारावास की कोई प्रक्रिया किसी न्यायालय में जारी नहीं होगी।
• अनुच्छेद 361(4) राष्ट्रपति और राज्यपाल के विरूद्ध उनके व्यक्तिगत कार्यों के बाबत सिविल कार्यवाहियां की जा सकती है, किन्तु राष्ट्रपति या राज्यपाल को इस सम्बन्ध में दो मास की लिखित सूचना देने के बाद ।
36. भारत के संविधान के निम्नांकित अनुच्छेदों में से किसमें यह उल्लेखित किया गया है कि, “किसी राज्य के राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए किसी न्यायालय से कोई आदेशिका नहीं निकाली जाएगी”?
[RPSC 2nd Grade It Paper (SST) Exam-21.12.2022](1) 361-अ
(2) 361(1)
(3) 361(2)
(4) 361(3)
(4)
37. भारत के संविधान के निम्नलिखित किस अनुच्छेद में राज्यपाल की शपथ का प्रारूप दिया गया है?
[CET (10+2) Level Exam-05.02.2023](1) अनुच्छेद-159
(2) अनुच्छेद-154
(3) अनुच्छेद-155
(4) अनुच्छेद-158
(1)
व्याख्या : अनुच्छेद-159-राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान : प्रत्येक राज्यपाल और राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति, अपने कार्यालय में प्रवेश करने से पहले, सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेगा। ध्यान रहे कि भारत में सर्वैधानिक पदाधिकारियों की शपथ के प्रारूप का उल्लेख अनुसूची 3 में है, इन संवैधानिक पदाधिकारियों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व राज्यपाल की शपथ के प्रारूप का उल्लेख संविधान की अनुसूची-3 में नहीं है। बल्कि इनकी शपथ के प्रारूप का उल्लेख निम्नलिखित अनुच्छेदों में हैं –
(i) राष्ट्रपति की शपथ का प्रारूप अनुच्छेद-60
(ii) उपराष्ट्रपति की शपथ का प्रारूप अनुच्छेद-69
(iii) राज्यपाल की शपथ का प्रारूप अनुच्छेद-159
संविधान की तीसरी अनुसूची : भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में निम्नलिखित पदों के लिए ‘शपथ के प्रारूप’ का उल्लेख है-
(1) भारत के केन्द्रीय मंत्री
(2) संसद चुनाव के उम्मीदवार
(3) संसद के सदस्य
(4) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
(5) नियन्त्रक तथा महालेखा परीक्षक
(6) राज्य के मंत्री
(7) राज्य विधानमण्डल चुनाव के उम्मीदवार
(8) राज्य विधानमण्डल के सदस्य
(9) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
38. निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा सही का चयन कीजिए-
[RAS Pre 2013](1) राज्यपाल अपने पद ग्रहण करने से पूर्व शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा।
(2) शपथ/प्रतिज्ञान का प्रारूप संविधान की तीसरी अनुसूची में है।
(3) राज्यपाल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उसकी अनुपस्थिति में वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेगा।
(4) शपथ या प्रतिज्ञाम की प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 159 में दी गई है।
(1) (A), (B) व (C) सही है।
(2) (A), (C) व (D) सही है।
(3) (A), (B) व (D) सही है।
(4) (A), (B), (C) व (D) सही है।
(2)
39. राज्यपाल को पद व गोपनीयता की शपथ कौन दिलवाता है?
[UPPCS (Mains) G.S. IInd Paper-2014](1) राष्ट्रपति
(2) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(3) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(4) मुख्यमंत्री
(3)
40. कुछ आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति को राज्यपाल के कृत्यों के लिए उपबन्ध करने का अधिकार भारतीय संविधान निम्नांकित में से किस अनुच्छेद के अन्तर्गत प्रदान करता है?
[UPPCS (Pre) Opt. Political Science-2011](1) अनुच्छेद-160
(2) अनुच्छेद-162
(3) अनुच्छेद-165
(4) अनुच्छेद-310
(1)
व्याख्या :
• अनुच्छेद-160 : “कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन”
• राष्ट्रपति ऐसे किसी आकस्मिकता में, जो इस अध्याय में उपबन्धित नहीं है, राज्य के राज्यपाल के कृत्यों के निर्वहन के लिए ऐसा उपबन्ध कर सकेगा, जो वह ठीक समझता है।
41. निम्नलिखित में से कौनसा कथन राजस्थान के राज्यपाल के सम्बन्ध में असत्य है –
[CET (10+2) Level Exam-05.02.2023](1) राज्यपाल को मृत्युदण्ड के दण्डादेश के विरूद्ध क्षमादान की शक्ति प्राप्त नहीं है।
(2) राज्यपाल को प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्यपाल सचिवालय कार्यरत है।
(3) राज्यपाल सचिवालय का प्रमुख राज्यपाल का सचिव होता है जो कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है।
(4) राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्तियों से लिए गए निर्णयों को चुनौती नहीं दी जा सकती है।
(3)
व्याख्या : अनुच्छेद-161 के तहत राज्यपाल को क्षमादान की शक्तियां प्रदान की गई है, परन्तु राज्यपाल मृत्युदण्ड को क्षमा नहीं कर सकता है। राष्ट्रपति मृत्युदण्ड को क्षमा कर सकता है।
राजस्थान में राज्यपाल को प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए एक राज्यपाल सचिवालय कार्यरत है। इस सचिवालय का प्रमुख राज्यपाल का सचिव होता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा का वरिष्ठ अधिकारी होता है।
• राज्यपाल की स्व विवेकीय शक्तियाँ :
(i) राष्ट्रपति के विचारार्थ किसी विधेयक को आरक्षित करना।
(ii) राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करना।
(iii) पड़ौसी केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासक (अतिरिक्त प्रभार की स्थिति में) के रूप में कार्य करना।
राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्तियों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
42. राज्यपाल के सन्दर्भ में निम्न में से कौनसा एक कथन सत्य नहीं है?
[UPPCS (Mains) G.S. IInd Paper-2005](1) वह राज्य की विधायिका का अंग होता है।
(2) वह मृत्युदण्ड को क्षमा कर सकता है।
(3) वह राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करता है।
(4) उसके पास आपात्तकालीन शक्तियां नहीं है।
(2)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को क्षमादान की शक्ति प्राप्त है।
राज्यपाल मृत्युदण्ड को क्षमा नहीं कर सकता है। मृत्युदण्ड को क्षमा केवल राष्ट्रपति कर सकता है।
43. राज्यपाल अपने स्वविवेकी कृत्यों को छोड़कर अपने कृत्यों का निर्वहनकी सहायता और सलाह से करेगा?
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-19.02.2019](1) मुख्यमंत्री
(2) मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद
(3) मंत्रिमण्डल
(4) मुख्यमंत्री और मंत्रिमण्डल
(2)
व्याख्या: अनुच्छेद 163(1) के अनुसार राज्यपाल की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होगा।
44. निम्नलिखित में से कौनसी किसी राज्य के राज्यपाल को दी गई विवेकाधीन शक्तियाँ है?
[IAS (Pre) G.S. Exam-2014](i) भारत के राष्ट्रपति को, राष्ट्रपति शासन अधिरोपित करने के लिए रिपोर्ट भेजना।
(ii) मंत्रियों की नियुक्ति करना।
(iii) राज्य विधानमण्डल द्वारा पारित कतिपय विधेयकों को, भारत के राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करना।
(iv) राज्य सरकार के कार्य संचालन के लिए नियम बनाना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चुनाव कीजिए –
(1) केवल (i) व (ii)
(2) केवल (i) व (iii)
(3) केवल (ii), (iii) व (iv)
(4) (i), (ii), (iii) व (iv)
(2)
व्याख्या: अनुच्छेद 163(2): राज्यपाल को कुछ स्व-विवेकीय शक्तियां प्रदान की गई है, जहां राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं है अर्थात राज्यपाल का अपने विवेकानुसार किया गया विनिश्चय अंतिम होगा।
राज्यपाल के संवैधानिक विवेकाधिकार :
राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करना (अनुच्छेद 356)
• राष्ट्रपति के विचार के लिए किसी विधेयक को आरक्षित रखना (अनु. 200) BIFF
• पड़ौसी केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासक (अतिरिक्त प्रभार की स्थिति में) के रूप में कार्य करना।
असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम के राज्यपाल द्वारा खनिज उत्खनन की रॉयल्टी के रूप में जनजातिय जिला परिषद को देय राशि का निर्धारण ।
राज्य के विधान विषयक व प्रशासनिक मामलों में मुख्यमंत्री से जानकारी प्राप्त करना (अनु. 167)
राज्यपाल के परिस्थितिजन्य विवेकाधिकार :
•विधानसभा चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में या कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री की मृत्यु हो जाने पर तथा उसका निश्चित उत्तराधिकारी न होने की स्थिति में मुख्यमंत्री की नियुक्ति के मामले में।
•राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल न होने की स्थिति में मंत्रिपरिषद की बर्खास्तगी के मामले में।
•मंत्रिपरिषद के अल्पमत में आने की स्थिति में राज्य विधानसभा को विघटित करने के मामले में।
45. गवर्नर को किस क्षेत्र में विवेकाधिकार नहीं है?
[ राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) राष्ट्रपति के लिए आरक्षित बिल रखना
(2) अदालत में मुख्यमंत्री के किसी भी आदेश के खिलाफ अपील
(3) राज्य विधान परिषद् और अन्य मामलों से जानकारी प्राप्त करना
(4) किसी भी राज्य के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारियां रखना
(2)
46. राज्य के राज्यपाल के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[IAS (Pre) Opt. Political Science-2009](i) राज्यपाल, अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी, तब तक पद धारण करता रहेगा, जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
(ii) कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र तभी होगा, जब वह तीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
(iii) उस प्रश्न की किसी न्यायालय में जाँच नहीं की जाएगी कि क्या मंत्रियों ने राज्यपाल को कोई सलाह दी, और यदि दी, तो क्या दी?
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(1) (i), (ii) व (iii)
(2) केवल (i) व (ii)
(3) केवल (i) व (iii)
(4) केवल (iii)
(3)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 163(3) के अनुसार इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जाँच नहीं की जाऐगी कि क्या मंत्रियों ने राज्यपाल को कोई सलाह दी, और यदि दी तो क्या दी?
47. राज्यपाल की कार्यकारी शक्तियाँ और कार्य हैं –
[CET(10+2) Level Exam-23.10.2024 (Shift-I)]a. राज्य सरकार की सभी कार्यकारी कार्यवाहियाँ औपचारिक रूप से उनके नाम पर की जाती है।
b. वह राज्य के प्रशासन से सम्बन्धित कोई भी जानकारी तथा कानून के प्रस्ताव के बारे में मंत्रियों से जानकारी नहीं मांग सकते हैं।
c. वह राज्य सरकार के कामकाज के अधिक सुविधाजनक संचालन के लिए नियम बना सकते हैं।
d. वह मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को नियुक्त करते हैं।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
(1) केवल a, b और d
(2) केवल b, c और d
(3) केवल a, c और d
(4) केवल b, a और c
(3)
व्याख्या :
राज्यपाल की कार्यकारी शक्तियाँ :
1. राज्य सरकार के सभी कार्यकारी कार्यवाहियाँ औपचारिक रूप से राज्यपाल के नाम से की जाती है।
2. वह राज्य सरकार के कामकाज को अधिक सुविधाजनक संचालन के लिए नियम बना सकते है।
3. वह राज्य सरकार के कार्य के लेनदेन को अधिक सुविधाजनक और उक्त कार्य के मंत्रियों में आंवटन हेतु नियम बना सकता है।
4. वह मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। वे सब राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त पद धारण करते है।
5. वह मुख्यमंत्री से प्रशासनिक मामलों या किसी विद्यार्थी प्रस्ताव की जानकारी मांग सकता है।
6. यदि किसी मंत्री ने कोई निर्णय लिया हो, और मंत्रिपरिषद ने उस पर संज्ञान न लिया हो तो राज्यपाल, मुख्यमंत्री से उस मामले पर विचार करने की मांग कर सकता है।
7. वह राज्य महाधिवक्ता की नियुक्ति करता है तथा उसका पारिश्रमिक तय करता है।
8. वह राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करता है तथा उसकी सेवा व कार्यावधि तय करता है।
48. राजस्थान के राज्यपाल में निम्न में से कौनसी शक्ति निहित नहीं है?
[RPSC 2nd Grade Exam-26.04.2017](1) विधानसभा को आहूत करने की
(2) विधानसभा को स्थिगित करने की
(3) विधानसभा का विघटन करने की
(4) विधानसभा के सत्रावसान की
(2)
व्याख्या :
• अनुच्छेद-174 : “राज्य के विधानमण्डल के सत्र, सत्रावसान और विघटन “
• अनुच्छेद-174(1): राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य के विधानमण्डल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा, किन्तु उसके एक सत्र की अन्तिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अन्तर नहीं होगा।
• अनुच्छेद 174(2): राज्यपाल समय-समय पर
अनुच्छेद 174(2क) : सदन का या किसी सदन का सत्रावसान कर सकेगा।
अनुच्छेद 174(2ख) : विधानसभा का विघटन कर सकेगा।
ध्यान रहे: कि विधानसभा को स्थिगित करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास है।
49. राजस्थान विधानसभा को विघटित करने का अधिकार किसे है?
[RPSC 2nd Grade Exam-22.12.2022](1) मुख्यमंत्री
(2) विधानसभा अध्यक्ष
(3) लोकायुक्त
(4) राज्यपाल
(4)
50. निम्न में से कौनसा (अनुच्छेद- प्रावधान) युग्म गलत है?
[VDO Exam-28.12.2021](1) अनुच्छेद 161 – राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति
(2) अनुच्छेद 167 – मुख्यमंत्री का कर्त्तव्य
(3) अनुच्छेद 213 – अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति
(4) अनुच्छेद 165 – राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
(4)
व्याख्या : अनुच्छेद 176 : राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
•राज्यपाल, विधानसभा के लिए प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सत्र के आरम्भ में तथा प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरम्भ में विधानसभा में या विधानपरिषद वाले राज्य की दशा में एक साथ समवेत दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा और विधानमण्डल को उसके आह्वान का कारण बताएगा।
•सदन या प्रत्येक सदन की प्रक्रिया का विनियमन करने वाले नियमों द्वारा ऐसे अभिभाषण में विनिर्दिष्ट विषयों की चर्चा के लिए समय नियत करने के लिए उपबन्ध किया जायेगा।
51. निम्नलिखित में से कौनसा अनुच्छेद राज्यपाल के विशेष अभिभाषण से सम्बन्धित है?
[PTI Exam-30.09.2018][CET (10+2) Exam-11.02.2023](1) अनुच्छेद 176
(2) अनुच्छेद 123
(3) अनुच्छेद 177
(4) अनुच्छेद 173
(1)
52. यदि राजस्थान विधानसभा कोई ऐसा विधेयक पारित करती है, जो उच्च न्यायालय की संवैधानिक स्थिति को खतरा पहुंचाता है, तो राजस्थान का राज्यपाल –
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-12.02.2023](1) विधेयक को राजस्थान के मुख्यमंत्री के पास उसके विचार के लिए भेजेगा।
(2) विधेयक को अनुमति देगा।
(3) विधेयक पर हस्ताक्षर से पूर्व उच्च न्यायालय की सलाह लेगा तथा उस सलाह के अनुसार कार्य करेगा।
(4) विधेयक पर अनुमति नहीं देगा, किन्तु उसे राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखेगा।
(4)
व्याख्या : संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत कोई विधेयक जब राज्य की विधानसभा द्वारा या विधानपरिषद् वाले राज्य में विधानमण्डल द्वारा पारित कर राज्यपाल के समक्ष स्वीकृति के लिए भेजा जाता है, तो राज्यपाल के पास निम्नलिखित विकल्प होते हैं:-
(i) वह विधेयक को स्वीकृति प्रदान कर दे, या
(ii) वह विधेयक को अपनी स्वीकृति देने से रोके रखे या
(iii) वह सदन या सदनों के पास विधेयक को पुर्निवचार के लिए लौटा दे या
(iv) राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख ले।
••राज्य विधानसभा या विधानमण्डल द्वारा पारित किसी विधेयक 2.0 को निम्नलिखित परिस्थितियों में राष्ट्रपति के विचार हेतु राज्यपाल आरक्षित रख सकता है (यह राज्यपाल की स्वविवेक शक्ति है) –
(i) विधेयक राष्ट्रीय महत्त्व का हो,
(ii) उच्च न्यायालय की संवैधानिक स्थित को खतरे में डालता हो,
(iii) असंवैधानिक प्रतित होता हो,
(iv) देश के व्यापक हित के विरूद्ध हो,
(v) नीति निदेशक तत्वों के अप्रत्यक्ष रूप से विरूद्ध हो,
(vi) विधेयक अनुच्छेद 31 (3) के तहत सम्पति के अनिवार्य अधिग्रहण से सम्बन्धित हो ।
•संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत जब राज्यपाल द्वारा कोई विधेयक राष्ट्रपति हेतु सुरक्षित रखा जाता है तो राष्ट्रपति के पास निम्नलिखित विकल्प होते हैं
(i) वह विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दे या
(ii) वह विधेयक को अपनी स्वीकृति देने से रोके रखे या
(iii) वह विधेयक को सदन या सदनों के पास पुनर्विचार के लिए भेज दे (6 माह के भीतर पुनर्विचार आवश्यक है, यदि विधेयक मूल रूप में या संशोधित कर राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है, तब राष्ट्रपति विधेयक को स्वीकृति देने हेतु बाध्य नहीं है।)।
नोट : अनुच्छेद 200 के तहत विधानसभा या विधानमण्डल द्वारा पारित विधेयक को जब राज्यपाल के पास भेजा जाता है और यदि राज्यपाल इसे पुनर्विचार हेतु सदन या सदनों को लौटाता है तो विधेयक मूल रूप में या संशोधित करके राज्यपाल के पास भेजा जाता है, तो राज्यपाल विधेयक को स्वीकृति देने हेतु बाध्य है अर्थात् राज्यपाल साधारण विधेयक को केवल एक बार पुनर्विचार हेतु लौटा सकता है। ध्यान रहे कि राज्यपाल धन विधेयक को पुनर्विचार हेतु नहीं लौटा सकता, क्योंकि धन विधेयक को राज्यपाल की पूर्व अनुमति से ही विधानसभा में पेश किया जाता है।
53. संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल विधानमण्डल द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु सुरक्षित रख सकता है?
[CET (10+2) Level Exam-04.02.2023][RPSC 2nd Grade Exam-22.12.2012][College Lecturer Political Science Exam-29.09.2021][IAS (Pre) Opt. Pol. ScienceExam-2004](1) अनुच्छेद 257
(2) अनुच्छेद 213
(3) अनुच्छेद 200
(4) अनुच्छेद 256
(3)
54. कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
[VDO Exam-27.12.2021](i) राज्यपाल यह घोषित करेगा कि वह विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखता है। (अनुच्छेद-200)
(ii) राष्ट्रपति, राज्यपाल को यह निर्देश देगा कि वह विधेयक को सदन को लौटा दे।
निम्न में से कौनसा विकल्प सही है –
(1) केवल कथन (i) सही है।
(2) केवल कथन (ii) सही है।
(3) (i) व (ii) दोनों कथन सही है।
(4) (i) व (ii) दोनों कथन गलत है।
(3)
55. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 200 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[RPSC 2nd Grade Exam-22.12.2022](i) विधानसभा से पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
(ii) राज्यपाल घोषित करेगा कि वह विधेयक पर अनुमति देता है या अनुमति रोक लेता है।
(iii) राज्यपाल विधेयक पर अनुमति देता है या अनुमति रोक लेता है अथवा राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखता है।
कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए –
(1) केवल (i) सही है।
(2) केवल (i) व (ii) सही है।
(3) केवल (ii) सही है।
(4) (i), (ii) व (iii) सही है।
(4)
56. राजस्थान विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल द्वारा पुनर्विचार के लिए लौटाए जाने पर वह विधेयक सदन के सम्मुख पुनः रखने के लिए अधिकृत है-
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-12.02.2023](1) मुख्य सचेतक
(2) विधानसभा अध्यक्ष
(3) नेता प्रतिपक्ष
(4) मुख्यमंत्री
(2)
57. राज्यपाल की शक्तियों के सन्दर्भ में निम्नांकित में से कौनसा सही नहीं है?
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-17.02.2019](1) राज्यपाल धन विधेयक को पुनर्विचार हेतु राज्य विधानमण्डल को लौटा सकता है।
(2) राज्यपाल किसी विधेयक को भारत के राष्ट्रपति के विचार हेतु आरक्षित रख सकते है।
(3) राज्य विधानमण्डल के विश्रांतिकाल में राज्यपाल द्वारा अध्यादेश प्रख्यापित किया जा सकता है।
(4) राज्यपाल के पास क्षमादान की शक्ति है।
(1)
58. राज्यपाल की उपलब्धियां और भत्ते भारित होते है?
[REET Mains L-2 (सिंधी) Exam 01.03.2023](1) राज्य की संचित निधि पर
(2) भारत की संचित निधि पर
(3) राज्य की आकस्मिक निधि पर
(4) भारत की आकस्मिक निधि पर
(1)
व्याख्या : संविधान के अनुच्छेद 202 (3) के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यय ‘राज्य की संचित निधि (कन्सालिटेड फंड ऑफ स्टेट) पर भारित होते हैं-
राज्यपाल की उपलब्धियाँ एवं भत्ते और उसके पद से सम्बन्धित अन्य व्यय।
•राज्य विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के तथा विधान परिषद् वाले राज्य की दशा में विधान परिषद् के सभापति एवं उपसभापति के वेतन व भत्ते ।
• ऐसा ऋण भार जिनका दायित्व राज्य पर है, जिनके अन्तर्गत ब्याज, निक्षेप निधि भार और मोचन भार तथा उधार लेने सेवा ऋण और ऋण मोचन से सम्बन्धित अन्य व्यय ।
• किसी उच्च न्यायालयो के न्यायाधीशो के वेतन और भत्तो के सम्बन्ध में व्यय ।
59. राज्यपाल के वेतन और भत्ते दिए जाते हैं –
[Jharkhand PSC (Pre) G.S.-2003](1) कन्सालिडेटेड फंड ऑफ स्टेट से
(2) कन्सालिडेटेड फंड ऑफ इण्डिया से
(3) कन्टिन्जेन्सी फंड ऑफ स्टेट से
(4) 1 व 2 दोनों द्वारा
(1)
60. क्या राज्यपाल राज्य के विधानमण्डल के सत्र में रहने के दौरान अध्यादेश जारी कर सकता है?
[CET (10+2) Level Exam – 05.02.2023](1) राष्ट्रपति की पूर्वानुमति से
(2) मंत्रीपरिषद की सलाह से
(3) हाँ
(4) नहीं
(4)
व्याख्या : अनुच्छेद 213 के तहत :
राज्यपाल की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का प्रावधानः
• अनुच्छेद 213(1): जब राज्य विधानसभा सत्र में नहीं हो तथा विधानपरिषद् वाले राज्य में विधानमण्डल के दोनों सदन या दोनों में से कोई एक सदन सत्र में नहीं हो, तो राज्यपाल के समक्ष ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाए कि तुरन्त कार्यवाही करना आवश्यक है तो राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
•अनुच्छेद 213(2) के तहत प्रख्यापित एक अध्यादेश का वही बल और प्रभाव होगा, जो राज्य के विधानमण्डल के एक अधिनियम का राज्यपाल द्वारा स्वीकृत है। अर्थात् इन अध्यादेशों का प्रभाव विधानमण्डल द्वारा बनाए गए अधिनियमों के समान ही होता है।
•ध्यान रहे कि राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति केवल राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के विषय पर है।
•राज्य की विधानसभा के समक्ष तथा विधानपरिषद् वाले राज्य में दोनों सदनों के समक्ष यह अध्यादेश रखा जाऐगा, जब वे सत्र में आए। सत्र प्रारम्भ होने के 6 सप्ताह के समाप्ति से पहले विधानमण्डल का अनुमोदन आवश्यक है। यदि अनुमोदन नहीं किया जाता है, तो अध्यादेश कानून का रूप नहीं ले पाएगा।
•राज्यपाल द्वारा किसी भी समय अध्यादेश वापस लिया जा सकेगा।
61. राज्यपाल की अध्यादेश शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद…….. में बताई गई है?
[PTI Exam-30.09.2018](1) 203
(2) 103
(3) 213
(4) 123
(3)
62. अनुच्छेद 213 के तहत राज्यपाल को निम्न में से कौनसी शक्ति प्राप्त है?
[GK Exam-29.01.2023](1) मंत्रिपरिषद के निर्माण की शक्ति
(2) अध्यादेश जारी करने की शक्ति
(3) क्षमादान की शक्ति
(4) निषेधाधिकार की शक्ति
(2)
63. राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश की मंजूरी आवश्यक है-
[RPSC 2nd Grade Re-Exam-30.07.2023](1) राष्ट्रपति द्वारा
(2) राज्य विधानमण्डल द्वारा
(3) राज्य परिषद के मंत्रियों द्वारा
(4) इनमें से कोई नहीं
(2)
64. संविधान के अनुच्छेद 213 के अधीन, अध्यादेश प्रख्यापित करना राज्यपाल का/की है –
[Assistant Professor Exam – 08.09.2024](1) प्रकार्य
(2) दायित्व
(3) अधिकार
(4) शक्ति
(4)
65. निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही नहीं है?
[UPPCS (Pre) Opt. Political Science-2006](1) राज्यपाल को अध्यादेश निर्माण की शक्ति है।
(2) राज्यपाल की अध्यादेश निर्मात्री शक्ति स्वविवेकीय शक्ति है।
(3) राज्यपाल अध्यादेश को वापस करने में सक्षम है।
(4) राज्यपाल की अध्यादेश निर्माण की शक्ति राज्य विधानमण्डल के समव्यापक है।
(2)
व्याख्या : राज्यपाल की अध्यादेश निर्मात्री शक्ति अनुच्छेद 213 के तहत है, न कि विवेकीय शक्ति । राज्यपाल इसका प्रयोग मंत्रियों की सलाह व सहायता से करता है।
66. निम्नाकिंत में से कौनसा सुमेलित नहीं है?
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-12.02.2023](1) राज्यपाल राज्य-विधानमण्डल के सदन को आहूत करेंगे -अनुच्छेद-174
(2) विधानमण्डल के विश्रान्तिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति – अनुच्छेद-123
(3) कुछ मामलो में दण्डादेश के निलम्बन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति – अनुच्छेद-161
(4) राज्यपाल राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति करेंगे-अनुच्छेद-165
(2)
67. निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही है?
[IAS Pre-2013](1) भारत में एक ही व्यक्ति को एक समय में दो या अधिक राज्यों में राज्यपाल नियुक्त नहीं किया जा सकता ।
(2) भारत में राज्यों के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राज्य के राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाते है, ठीक वैसे ही जैसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते है।
(3) भारतीय संविधान में राज्यपाल को हटाने के लिए किसी प्रक्रिया का उल्लेख नहीं है।
(4) विधायी व्यवस्था वाले संघ राज्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री की नियुक्ति उपराज्यपाल द्वारा बहुमत समर्थन के आधार पर की जाती है।
(3)
व्याख्या :
• अनुच्छेद-217 के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
• अनुच्छेद-239 (A) के तहत केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाएगी। ध्यान रहे कि केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री को शपथ उपराज्यपाल द्वारा दिलाई जाती है।
68. निम्नांकित कथनों में से कौनसा कथन राजस्थान के राज्यपाल की शक्तियों के बारे में सही है?
[1st Grade Political Science Exam-17.01.2022](1) वह विधानसभा भंग नहीं कर सकता।
(2) अध्यादेश जारी नहीं कर सकता।
(3) वह विधानसभा में सदस्यों को मनोनीत नहीं कर सकता।
(4) वह राज्य लोक सेवा आयोग को बर्खास्त नहीं कर सकता ।
(4)
व्याख्या : अनुच्छेद 317 के अनुसार राष्ट्रपति राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को बर्खास्त (हटाना) कर सकता है।
69. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से अपना उत्तर चुनिए-
[UPPCS (Pre)-2017](i) राज्यपाल को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
(ii) वह विधानमण्डल का हिस्सा नहीं है।
(iii) उन्हें विधानपरिषद में कुछ सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है।
(iv) उनके पास कोई न्यायिक शक्ति नहीं है।
कूट :
(1) (i) व (ii) सही है।
(2) (i) व (iii) सही है।
(3) (ii) व (iv) सही है।
(4) सभी सही है।
(2)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 217 के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल के परामर्श के बाद की जाती है। मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
• अनुच्छेद 168 के अनुसार “विधानमण्डल” राज्यपाल तथा एक या दो सदनों से मिलकर बना है। एक सदन में विधानसभा तथा दो सदनों में विधानसभा तथा विधानपरिषद दोनों शामिल है।
• अनुच्छेद 171 (विधानपरिषद की संरचना) के तहत 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनित होंगे, जो साहित्य, कला, विज्ञान, सहकारिता और समाज सेवा का विशेष अनुभव रखते हो।
• अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को क्षमादान की शक्ति प्राप्त है।
70. संविधान के किस अनुच्छेद में राज्यपाल को विधानसभा में एंग्लो-इण्डियन समुदाय के सदस्य को नियुक्त करने का अधिकार है?
[PTI Exam-30.09.2018](1) अनुच्छेद 223
(2) अनुच्छेद 323
(3) अनुच्छेद 333
(4) अनुच्छेद 303
(3)
व्याख्या : अनुच्छेद 333 : इस अनुच्छेद के अन्तर्गत यह प्रावधान था कि यदि राज्य विधानसभा में एंग्लो-इण्डियन समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, तो उस राज्य का राज्यपाल विधानसभा में एंग्लो-इण्डियन समुदाय का एक सदस्य नाम निर्देशित कर सकता था, परन्तु 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 के तहत राज्य विधानसभा में एंग्लो-इण्डियन समुदाय के सीटों का आरक्षण समाप्त कर दिया गया।
71. निम्नलिखित में से कौन राज्य के राज्यपाल के द्वारा नियुक्त नहीं होता है?
[RPSC 2nd Grade (Spe. Edu.) Exam-03.07.2019](1) राजस्थान का मुख्यमंत्री
(2) राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश
(3) राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य
(4) राजस्थान मानवाधिकार आयोग का सदस्य
(2)
व्याख्या : राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।)
72. निम्नांकित में से कौन पद ग्रहण करने से पूर्व राजस्थान के राज्यपाल के समक्ष पद की शपथ लेता है/लेते हैं?
[SI Platoon Commandar Exam -13.09.2021](A) राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष
(B) राजस्थान का लोकायुक्त
(C) राज्य निर्वाचन आयुक्त
(D) राजस्थान का महाधिवक्ता
सही उत्तर का चयन कीजिए –
(1) केवल (A)
(2) केवल (A) व (B)
(3) केवल (A), (B) व (C)
(4) (A), (B), (C) व (D)
(2)
व्याख्या : राज्यपाल निम्नांकित को पद ग्रहण करने से पूर्व शपथ दिलाते है –
•विधानसभा व विधानपरिषद सदस्यों को शपथ
•उच्च न्यायालय के न्यायाधीशो को शपथ
• मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद को शपथ
• लोकायुक्त को शपथ
•मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयोग के सदस्यों को शपथ
•राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व सदस्य को शपथ
ध्यान रहे: कि उपरोक्त को या तो राज्यपाल स्वयं शपथ दिलाते हैं या उनके द्वारा इस हेतु नियुक्त किसी अन्य व्यक्ति द्वारा शपथ दिलाई जाती है।
73. राजस्थान का राज्यपाल किसे पद की शपथ नहीं दिलाता है?
[2nd Grade Exam-29.01.2023](1) राज्य के मंत्री को
(2) राजस्थान के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को
(3) राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष को
(4) राजस्थान विधानसभा के सदस्य को
(3)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 219 के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सम्बन्धित राज्य का राज्यपाल शपथ दिलाते है। दो या दो से अधिक राज्यो के लिए गठित उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उस राज्य के राज्यपाल द्वारा शपथ दिलाई जाती है, जिस राज्य में उस उच्च न्यायालय का मुख्य स्थान है।
• अनुच्छेद 188 के अनुसार विधानमण्डल के सदस्य पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति द्वारा तीसरी अनुसूची के अनुरूप शपथ दिलाई जाती है।
• अनुच्छेद 164 (3) के अनुसार मुख्यमंत्री सहित मंत्रीपरिषद् के सभी सदस्यों को पद ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल तीसरी अनुसूची में दिए गए प्रारूप के अनुसार पद व गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं।
•विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्ष के रूप में शपथ नहीं दिलाई जाती है।
74. गवर्नर द्वारा कौन चुना जाता है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) राज्य अटॉर्नी जनरल
(2) राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य
(3) राज्य चुनाव आयुक्त
(4) इन सभी को
(4)
व्याख्या : राज्यपाल (गर्वनर) द्वारा निम्नलिखित की नियुक्ति की जाती है –
(1) मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद की
(2) राज्य के महाधिवक्ता की
(3) राज्य चुनाव आयुक्त की
(4) राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य की
(5) विश्वविद्यालय के कुलपतियों की
75. निम्नलिखित में से किसे राजस्थान के राज्यपाल द्वारा नियुक्त नहीं किया जाता है?
[CET(10+2) Level Exam-22.10.2024 (Shift-II)](1) राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति
(2) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(3) राज्य निर्वाचन आयुक्त
(4) राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष
(2)
व्याख्या : उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
76. राजस्थान के निम्नलिखित में से कौन-से संवैधानिक पदाधिकारी राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन उन्हें राज्यपाल द्वारा उनके पद से नहीं हटाया जा सकता है-
[Lecturer (Tech Edu.) Exam-12.03.2021][JEN (Electrical) Exam-19.05.2022](i) महाधिवक्ता
(ii) राज्य निर्वाचन आयुक्त
(iii) राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य
कूट :
(1) केवल (i) व (ii)
(2) केवल (ii) और (iii)
(3) केवल (i) व (iii)
(4) (i), (ii) व (iii)
(2)
व्याख्या :
•राज्य निर्वाचन आयुक्त को राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया द्वारा ही हटाया जा सकता है।
•राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
77. जब राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण आपातकाल घोषित किया जाता है। यह किस अनुच्छेद से होता है ?
[CET (GRADUATION) EXAM-28.09.2024](1) अनुच्छेद 360
(2) अनुच्छेद 350
(3) अनुच्छेद 352
(4) अनुच्छेद 356
(4)
व्याख्या :
• राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356), जिसे राज्यपाल शासन के रूप में भी जाना जाता है, उस अवधि को संदर्भित करता है। जब किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है, और राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार कार्य करने में असमर्थ होती है।
•यह वह अवधि है जब राज्य सरकार की स्वायत्तता अस्थायी रूप से निलंबित कर दी जाती है, और केन्द्र सरकार राज्य के प्रशासन पर सीधा नियंत्रण ग्रहण कर लेती है।
• राष्ट्रपति शासन को संवैधानिक आपातकाल या ‘राज्य आपातकाल’ के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, भारतीय संविधान में इस स्थिति के लिए “आपातकाल” शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है।
• राष्ट्रपति शासन लागू होने से केन्द्र सरकार को राज्य विधानमण्डल को निलंबित करने और राज्यपाल के कार्यालय के माध्यम से राज्य पर शासन करने का अधिकार मिल जाता है।
•सत्ता के इस केन्द्रीयकरण का उद्देश्य संवैधानिक व्यवस्था को बहाल करना, शासन की निरंतरता सुनिश्चित करना तथा नागरिकों के हितों की रक्षा करना है, जब नियमित राज्य मशीनरी काम करने में असमर्थ हो।
78. राज्यपाल की अनुपस्थिति में उनके दायित्वों का निर्वहन कौन करता है?
[CET (10+2) Level Exam – 05.02.2023][Gram Sevak Exam-18.12.2016](1) मुख्य सचिव
(2) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(3) मुख्यमंत्री
(4) विधानसभा अध्यक्ष
(2)
व्याख्या : उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्यपाल की अनुपस्थिति में राज्यपाल के कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
79. राजस्थान के प्रथम राज्यपाल कौन थे?
[Junior Instructor (Fitter) Exam-23.02.2019](1) गुरूमुख निहालसिंह
(2) सम्पूर्णानन्द शास्त्री
(3) सरदार हुकुम सिंह
(4) सरदार जोगेन्द्र सिंह
(1)
80. निम्नलिखित में से राजस्थान राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल ( गवर्नर) कौन थीं?
[Jail Prahari Exam-01.09.2017][CET (GRADUATION) EXAM – 27.09.2024](1) प्रभा राव
(2) मार्गरेट अल्वा
(3) कमला बेनीवाल
(4) प्रतिभा पाटिल
(4)
81. राजस्थान के निम्नांकित कार्यवाहक राज्यपालो के कार्यकाल को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए –
[College Lecturer Political Science Exam-29.09.2021](A) जस्टिस जगत नारायण
(B) जस्टिस वेदपाल त्यागी
(C) जस्टिस के.डी. शर्मा
(D) जस्टिस पी. के. बनर्जी
सही उत्तर है –
(1) (A), (B), (C), (D)
(2) (B), (A), (D), (C)
(3) (C), (B), (A), (D)
(4) (D), (C), (B), (A)
(1)
82. राजस्थान के राज्यपाल के नामों को कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित करें –
[CET(10+2) Level Exam-23.10.2024 (Shift-II)]a. श्री रघुकुल तिलक
b. श्री सुखदेव प्रसाद
c. डॉ. सम्पूर्णानंद
d. डॉ. एम. चेन्ना रेड्डी
नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
(1) b, c, a, d
(2) c, b, d, a
(3) c, a, b, d
(4) a, b, c, d
(3)
83. निम्नलिखित में से कौन राजस्थान के राज्यपाल नहीं रहे हैं?
[RPSC 2nd Grade Exam-22.12.2022](1) फील्ड मार्शल सैम मानेकशौ
(2) एयर चीफ मार्शल ओ.पी. मेहरा
(3) सरदार जोगेन्द्र सिंह
(4) सरदार हुकुम सिंह
(1)
84. निम्नलिखित में से किसे सबसे पहले राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया?
[JEN (Ele. Mech.) Degree Exam-20.05.2022][हेडमास्टर प्रवेशिका (संस्कृत विभाग) परीक्षा-11.10.2021](1) टी.वी. राजेश्वर
(2) कैलाशपति मिश्र
(3) धनिक लाल मण्डल
(4) स्वरूप सिंह
(4)
व्याख्या : राजस्थान के प्रथम कार्यवाहक राज्यपाल ‘जगत नारायण’ थे। तत्कालीन राज्यपाल सरदार हुकुम सिंह के विदेश यात्रा के कारण तत्कालीन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जगत नारायण राजस्थान के प्रथम कार्यवाहक राज्यपाल रहे है, जबकि राजस्थान के प्रथम अतिरिक्त प्रभार वाले राज्यपाल स्वरूप सिंह थे। स्वरूप सिंह गुजरात के राज्यपाल थे, तब राजस्थान का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
85. निम्नलिखित में से किसने राजस्थान में कार्यवाहक राज्यपाल या अतिरिक्त प्रभार वाले राज्यपाल के रूप में कार्य नहीं किया है?
[Lecturer (Tech. Edu.) Exam-12.03.2021](1) श्री मिलापचन्द जैन
(2) श्री धनिक लाल मंडल
(3) न्यायाधीश डी.पी. गुप्ता
(4) श्री सुखदेव प्रसाद
(4)
86. राजस्थान के निम्नलिखित में से किस राज्यपाल/राज्यपालो ने अपना कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ही राज्यपाल पद से त्यागपत्र दे दिया?
[Lecturer (Tech.Edu.) Exam-13.03.2021](i) दरबारा सिंह
(ii) मदनलाल खुराना
(iii) प्रतिभा पाटिल
सही विकल्प का चयन कीजिए –
(1) केवल (i) और (ii)
(2) केवल (ii) और (iii)
(3) केवल (i) और (iii)
(4) केवल (ii)
(2)
व्याख्या :
•दरबारा सिंह : दरबारा सिंह का पद पर रहते हुए निधन हो गया। (24 मई, 1998 को) पोकरण में दुसरे परमाणु परीक्षण (11 से 13 मई 1998) के समय लू लगने के कारण 24 मई 1998 को निधन। राजस्थान के राज्यपाल के रूप में न्युनतम कार्यकाल वाले राज्यपाल रहे। टी.वी. राजेश्वर का कार्यकाल न्युनतम तो था, परन्तु कार्यवाहक के रूप में। दरबारा सिंह पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष (1969-1973) तथा लोकसभा सदस्य (1996-1998) रह चुके थे।
•मदनलाल खुराना : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के राज्यपाल पद से त्यागपत्र (त्यागपत्र का कारण – दिल्ली की राजनीति में पुनः सक्रीय)
•प्रतिभा पाटिल : प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 2007 में त्यागपत्र दे दिया, क्योंकि वर्ष 2007 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गई।
नोट : सरदार जोगेन्द्र सिंह राजस्थान के प्रथम राज्यपाल थे, जिन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दिया।
87. राजस्थान के निम्नांकित राज्यपालो में से किसने अपने पद से त्यागपत्र दिया था?
[Jr. Accountant & TRA Exam-04.10.2016](1) जोगीन्दर सिंह
(2) बलीराम भगत
(3) मदनलाल खुराना
(4) अंशुमान सिंह
(3)
88. निम्न में से कौनसा एक युग्म (राजस्थान के राज्यपाल – पूर्व पद) सही नहीं है?
[CET (Graduation Level) Exam-08.01.2023](1) मदनलाल खुराना – दिल्ली के मुख्यमंत्री
(2) कल्याण सिंह – उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री
(3) राम नाईक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल
(4) कलराज मिश्र उत्तरप्रदेश के राज्यपाल
(4)
व्याख्या :
मदनलाल खुराना : राजस्थान के 31वें राज्यपाल रहे। (14 जनवरी 2004 से 31 अक्टूबर 2004 तक) इससे पूर्व 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे।
कल्याण सिंह : राजस्थान के 43वें राज्यपाल रहे। (04.09.2014 से 09.09.2019 तक)
उत्तरप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे –
– पहली बार (24 जून 1991 से 06 दिसम्बर 1992 तक)
– दूसरी बार (21 सितम्बर 1997 से 12 नवम्बर 1999 तक)
– 2009 से 2014 तक लोकसभा सदस्य रहे।
•राम नाईक : उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे (22.07.2014 से 28.07.2019 तक)
इसी दौरान राजस्थान के राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया। (08.08.2014 से 03.09.2014 तक) 2009-2014 तक पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री रहे। (केन्द्र सरकार में)
•कलराज मिश्र : वर्तमान में राज्यपाल (09.09.2019 से 30.07.2024 तक) 2014-2019 तक केन्द्र सरकार में ‘सूक्ष्म व लघु उद्योग मंत्री’ रहे।
89. राजस्थान के निम्नांकित राज्यपालो में से कौन राज्यपाल बनने के पूर्व राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य रहे है?
[RPSC 2nd Grade Exam-28.10.2018](1) सुखदेव प्रसाद
(2) रघुकुल तिलक
(3) प्रोफेसर देवी प्रसाद चट्टोपाध्याय
(4) निर्मल चन्द्र जैन
(2)
90. राजस्थान के निम्नलिखित राज्यपालों में से कौन भारत के एयर चीफ मार्शल भी रह चूके है?
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu.) Exam-02.02.2023](1) सुखदेव प्रसाद
(2) बसन्त राव पाटिल
(3) रघुकुल तिलक
(4) ओ.पी. मेहरा
(4)
91. राजस्थान के निम्नांकित राज्यपालों में से कौन ‘हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लिमिटेड’ के अध्यक्ष रह चुके है?
[RPSC Assistant Professor Exam-2021](1) ओ.पी. मेहरा
(2) रघुकुल तिलक
(3) सुखदेव प्रसाद
(4) एम. चेन्नारेडी
(1)
92. राजस्थान के निम्नांकित में से कौनसे राज्यपाल डूंगर कॉलेज, बीकानेर के प्राचार्य रहे है?
[College Lecturer Political Science Exam-29.09.2021](1) गुरूमुख निहालसिंह
(2) डॉ. सम्पूर्णानंद
(3) हुकुम सिंह
(4) रघुकुल तिलक
(2)
व्याख्या : डॉ. सम्पूर्णानन्द 1918-1921 तक डूंगर कॉलेज, बीकानेर के प्राचार्य रहे। असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के लिए अपना पद त्याग दिया। 1922-1946 तक काशी विद्यापीठ से जुड़े रहे।
93. राजस्थान के निम्नांकित राज्यपालों में से कौन लोकसभा अध्यक्ष भी रहे है?
[College Lecturer (Sarangi) Exam-30.05.2019](1) बलिराम भगत
(2) कल्याण सिंह
(3) अंशुमान सिंह
(4) प्रतिभा पाटिल
(1)
व्याख्या : बलिराम भगत 7 बार लोकसभा सदस्य तथा लोकसभा के छठे अध्यक्ष (1976-77) रह चुके है।
94. राजस्थान के वे राज्यपाल जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ?
[Patwar Exam-24.10.2021](A) एस.के. सिंह
(B) श्रीमती प्रभा राव
(C) निर्मल चन्द्र जैन
(D) दरबारा सिंह
कूट :
(1) केवल (A)
(2) (A) व (B)
(3) (A), (B), (C), (D)
(4) केवल (B)
(3)
व्याख्या : राजस्थान के अब तक 4 राज्यपाल ऐसे रहे है, जिनकी पद पर रहते हुए मृत्यु हुई
दरबारा सिंह (निधन-24 मई, 1998)
निर्मल चन्द्र जैन (निधन – 22 सितम्बर, 2003)
शैलेन्द्र कुमार सिंह (निधन 1 दिसम्बर, 2009)
श्रीमती प्रभा राव (निधन – 26 अप्रैल, 2010)
95. राजस्थान के निम्नलिखित राज्यपालों में से किनकी मृत्यु पद पर रहते हुए हुई ?
[JEN (Electric) Exam-10.05.2022](i) श्री दरबारा सिंह
(ii) श्री निर्मल चन्द्र जैन
(iii) श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह
(iv) श्री कैलाशपति मिश्रा
कूट :
(1) (i) व (ii)
(2) (i) व (iii)
(3) (i), (ii) व (iii)
(4) (ii) व (iv)
(3)
96. राजस्थान के राज्यपाल जिनकी अपने पद पर रहते हुए मृत्यु हुई थी?
[III Grade-2010](1) हुकुम सिंह
(2) ओ.पी. मेहरा
(3) अर्जुन सिंह
(4) जोगेन्द्र सिंह
(*)
97. राजभवन, राजस्थान में ‘इन्फॉर्मास’ पोर्टल किस राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान प्रारम्भ किया गया?
[RPSC 2nd Grade It Paper (SST) Exam-21.12.2022](1) अंशुमान सिंह
(2) प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
(3) कलराज मिश्र
(4) कल्याण सिंह
(3)
98. श्री कलराज मिश्र, राजस्थान के के राज्यपाल है।
[CET (10+2) Level Exam-04.02.2023](1) 40
(2) 41
(3) 44
(4) 39
(3)
व्याख्या: राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल (45वें राज्यपाल) ‘हरिभाऊ किशनराव बागड़े’ है।
99. भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत राजस्थान में कितनी बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है?
[Pre BSTC Exam-30.06.2024](1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार
(4)
व्याख्या : राजस्थान में 4 बार राष्ट्रपति शासन (1967,1977, 1980, 1992):
(i) पहला राष्ट्रपति शासन: 13.03.1967 से 26.04.1967 तक ।
•पहले राष्ट्रपति शासन लागू होने के समय राज्यपाल ‘सम्पूर्णानंद’ थे तथा हटने के समय राज्यपाल ‘सरदार हुकुम सिंह’ थे।
(ii) दूसरा राष्ट्रपति शासन: 30.04.1977 से 21.06.1977 तक।
• दूसरे राष्ट्रपति शासन लागू होने के समय राज्यपाल ‘वेदपाल त्यागी’ (कार्यवाहक राज्यपाल) तथा हटने के समय राज्यपाल ‘रघुकुल तिलक’ थे।
(iii) तीसरा राष्ट्रपति शासन : 17.02.1980 से 05.06.1980 तक।
•तीसरे राष्ट्रपति शासन के समय राज्यपाल ‘रघुकुल तिलक’ थे।
(iv) चौथा राष्ट्रपति शासन : 15.02.1992 से 04.12.1993 तक।
•चौथे राष्ट्रपति शासन लागू होने के समय राज्यपाल ‘डॉ. मरिचन्ना (चेन्ना) रेड्डी’ थे तथा हटने के समय ‘बलिराम भगत’ थे।
•अनु. 356 के तहत, यदि राष्ट्रपति को लगता है कि राज्य सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं कर रही है, तो वह उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है। जैसे – किसी भी राज्य में आम चुनाव की समाप्ति के बाद किसी दल को स्पष्ट बहुमत ना मिले और ना ही गठबन्धन सरकार बने अर्थात् राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाए। राज्यपाल की रिपोर्ट पर या राष्ट्रपति संतुष्ट हैं कि राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं कर रही है।
•भीमराव अम्बेडकर के अनु. 356 को ‘संविधान का मृत पत्र’ कहा था।
100. राजस्थान में कितनी बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था?
[CET (10+2) Level Exam-04.02.2023](1) 3
(2) 4
(3) 5
(4) 2
(2)
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