High Court PYQ
Shiksha247 – Political Government Exam Questions, Previous Year Question Papers & Preparation
अगर आप UPSC, SSC, Railway, CTET, RPSC, RSMSSB, REET, Patwar, Police, LDC, Teacher या किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, Shiksha247 आपके लिए सबसे बेहतर प्लेटफ़ॉर्म है।
यहाँ आपको Political विषय के टॉपिक “High Court” पर आधारित Previous Year Question के विस्तृत हल उपलब्ध है।
– UPSC Previous Year Question
– SSC Old Question Papers
– Railway Exam Memory-Based Questions
– CTET, RPSC, Patwar, REET, Police Old Questions
– TET (Teacher Eligibility Test) Questions
इन Questions को हल करने से आपकी तैयारी मजबूत होती है, important topics, exam pattern और frequently asked questions का अनुभव मिलता है, जिससे selection की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
उच्च न्यायालय
1. भारत के संविधान के अनुसार राज्यों के उच्च न्यायालयों के सम्बन्ध में सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए –
[UPPCS ACP/AFO (Mains) Exam-2020]सूची-1 सूची-II
(A) अनुच्छेद-214 (i) प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होगा।
(B) अनुच्छेद-215 (ii) प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा।
(C) अनुच्छेद-216 (iii) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति एवं उसके पद की शर्ते
(D) अनुच्छेद-217 (iv) उच्च न्यायालय का गठन
कूट :
ABC D
(1) (ii) (i) (iv) (iii)
(2) (iv) (ii) (iii) (i)
(3) (iii) (iv) (i) (ii)
(4) (i) (ii) (iii) (iv)
(1)
व्याख्या :
उच्च न्यायालय के सम्बन्धित प्रमुख अनुच्छेद :
1. अनुच्छेद-214 : प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा।
2. अनुच्छेद-215 : उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना।
3. अनुच्छेद-216 : उच्च न्यायालयों का गठन (प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और ऐसे अन्य न्यायाधीश होंगे, जिन्हे राष्ट्रपति समय-समय पर नियुक्त करना उचित और आवश्यक समझे)
4. अनुच्छेद-217 : उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और पद की शर्ते ।
5.अनुच्छेद-219 : उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान (शपथ सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल द्वारा)
6. अनुच्छेद-220 : स्थायी न्यायाधीश बनने के बाद प्रैक्टिस दर प्रतिबंध (किसी उच्च न्यायालय का कोई भी स्थायी न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय तथा अन्य उच्च न्यायालयों को छोड़कर भारत में किसी भी न्यायालय या किसी प्राधिकारी के समक्ष पैरवी या कार्य नहीं करेगा)
7. अनुच्छेद-221 : न्यायाधीशों के वेतन आदि ।
8.अनुच्छेद-222 : किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानान्तरण ।
9.अनुच्छेद-223 : उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
10. अनुच्छेद-224 : उच्च न्यायालय में अतिरिक्त एवं कार्यवाहक न्यायाधीशों की नियुक्ति
11. अनुच्छेद-224(A) : उच्च न्यायालय में सेवानिवृत न्यायाधीश की नियुक्ति
12. अनुच्छेद-225 : उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र एवं शक्ति
13. अनुच्छेद-226 : उच्च न्यायालयों की कुछ रिट जारी करने की शक्ति
14. अनुच्छेद-227 : उच्च न्यायालयों द्वारा अपनी प्रादेशिक क्षेत्राधिकार में कार्यरत सभी न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर अधीक्षण का अधिकार
15. अनुच्छेद-228 : कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को स्थानान्तरण
16. अनुच्छेद-229 : उच्च न्यायालय के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा व्यय
17. अनुच्छेद-230 : उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का कुछ केन्द्र शासित प्रदेशों तक विस्तार
18. अनुच्छेद-231 : दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय की स्थापना
2. राज्य के उच्च न्यायालय के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[Gram Sevak, Hotel Warden Exam-18.12.2016](i) संविधान के अनुच्छेद 213 में प्रावधान है कि प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होगा।
(ii) राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है।
(iii) अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय को कुछ लेख जारी करने का अधिकार है।
(iv) भारतीय संविधान के प्रावधान के तद्नुसार दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय का गठन किया जा सकता है।
नीचे दिए गए कूटो से सही उत्तर का चयन कीजिए –
(1) (i) व (ii) सही है।
(2) (i), (ii) व (iii) सही है।
(3) (ii), (iii) व (iv) सही है।
(4) (i), (ii) व (iv) सही है।
(3)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 213 के अनुसार विधानमण्डल के विश्रान्तिकाल में राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति है।
• अनुच्छेद 217 के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
• अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत नागरिको के मौलिक अधिकारो का हनन होने पर उच्च न्यायालय को कुछ रिट जारी करने का अधिकार है।
• अनुच्छेद 231 के अनुसार दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय हो सकता है। नागरी
3. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है?
[RPSC 2nd Grade (SST) Exam-23.02.2014](1) राष्ट्रपति द्वारा
(2) सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा
(3) सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल द्वारा
(4) भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा
(1)
व्याख्या :
•अनुच्छेद 217(1) के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
•उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा कॉलेजियम की सिफारिश पर तथा संबन्धित राज्य के राज्यपाल के परामर्श के बाद की जाती है।
नोट : कॉलेजियम में सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश तथा 2 वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम में भारत का मुख्य न्यायाधीश तथा चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
•उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा कॉलेजियम की सिफारिश पर तथा सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल व सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद की जाती है।
4. राज्य के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति, के द्वारा की जाती है?
[RPSC Assistant Professor Exam-2021](1) भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्य के राज्यपाल के साथ परामर्श कर राष्ट्रपति द्वारा
(2) राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्य मंत्रिपरिषद के साथ परामर्श कर राज्यपाल द्वारा
(3) राष्ट्रपति और राज्यपाल के साथ परामर्श कर भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
(4) राज्य के मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा
(1)
व्याख्या : उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल से परामर्श कर की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में सम्बन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाता है।
5. संविधान के अनुच्छेद 217 (1) के अनुसार, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति से भिन्न किसी न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति किसके परामर्श उपरांत करेगा?
[RAS Pre Exam-01.10.2023](1) राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति, भारत के महान्यायवादी तथा राजस्थान के राज्यपाल ।
(2) राजस्थान के राज्यपाल, भारत के मुख्य न्यायमूर्ति तथा राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति ।
(3) संघ के कानून एवं न्याय मंत्री तथा राजस्थान के राज्यपाल।
(4) भारत के मुख्य न्यायमूर्ति तथा राजस्थान के राज्यपाल।
(2)
6. सावधान के अनुसार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का अधिकार किसके पास है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) राज्य के राज्यपाल के पास
(2) राज्य के मुख्यमंत्री के पास
(3) भारत के राष्ट्रपति के पास
(4) भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास
(3)
7. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) प्रधानमंत्री
(2) मुख्यमंत्री
(3) राज्यपाल
(4) राष्ट्रपति
(4)
8. निम्नांकित में से कौन राजस्थान के राज्यपाल के द्वारा नियुक्त नहीं किए जाते है?
[RPSC 2nd Grade (Sans. Edu. Exam-12.02.2023)](1) राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
(2) राजस्थान के केबिनेट मंत्री
(3) राज्य-पोषित विश्वविद्यालय के कुलपति
(4) राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष
(1)
9. न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली का प्रारम्भकिस वर्ष में हुआ?
[VDO Exam-2021](1) 1984
(2) 1993
(3) 1995
(4) 1999
(2)
व्याख्या :
• दूसरे न्यायाधीश मामले (1993) ने कॉलेजियम प्रणाली को जन्म दिया। यह कॉलेजियम ही न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश केन्द्र सरकार से करता है।
•सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथ सर्वोच्च न्यायालय के 4 वरिष्ठतम न्यायाधीश तथा उच्च न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा 2 वरिष्ठतम न्यायाधीश कॉलेजियम में शामिल होते है।
10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[IAS (Pre) G.S. Exam-2006](i) कोई व्यक्ति जिसने किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद धारण किया है, उच्चतम न्यायालय के सिवाय भारत में किसी न्यायालय या किसी प्राधिकारी के समक्ष अभिवचन या कार्य नहीं कर सकता।
(ii) कोई व्यक्ति भारत के किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अर्हित नहीं है, यदि उसने भारत के राज्यक्षेत्र में कम से कम पाँच वर्ष तक न्यायिक पद धारण नहीं किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा/से सही है/हैं?
(1) केवल (i)
(2) केवल (ii)
(3) दोनों (i) व (ii)
(4) न ही (i) व न ही (ii),
(4)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 220 के अनुसार किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य उच्च न्यायालय में वकालत या अभिवचन कार्य कर सकते हैं। लेकिन उसी उच्च न्यायालय तथा भारत की किसी अदालत में या किसी प्राधिकरण के समक्ष वकालत या अभिवचन कार्य नहीं कर सकेगा।
• अनुच्छेद 217(2) के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश में निम्न अर्हताए होनी चाहिए-
(i) वह भारत का नागरिक हो।
(ii) भारत के राज्य क्षेत्र में कम से कम 10 वर्ष न्यायिक पद धारण कर चुका हो।
या
वह किसी उच्च न्यायालय या अन्य न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका है।
11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[LAS (Pre) G.S. Exam-2007](i) भारत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए रीति, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की रीति के समान है।
(ii) उच्च न्यायालय का कोई स्थायी न्यायाधीश अपने पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात भारत में किसी भी न्यायालय या किसी प्राधिकारी के समक्ष अभिवचन नहीं कर सकता।
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा/ये सही है/हैं?
(1) केवल (i)
(2) केवल (ii)
(3) (i) और (ii) दोनों
(4) न तो (i) और न ही (ii)
(1)
व्याख्या :
•भारत में उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया एक समान है।
•अनुच्छेद 217(1B) के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अनुच्छेद 124(4) के अनुसार उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता है।
• अनुच्छेद 124(4) के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर संसद के प्रत्येक सदन के अभिभाषण के पश्चात राष्ट्रपति के आदेश से हटाया जा सकता है।
इसके लिए संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना जरूरी है। महाभियोग के माध्यम से न्यायाधीशों को हटाए जाने की प्रक्रिया का निर्धारण “न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968” द्वारा किया जाता है।
महाभियोग प्रक्रिया :
(1) सर्वप्रथम न्यायाधीश को हटाने के लिए लोकसभा के मामले में 100 सदस्यों द्वारा तथा राज्यसभा के मामले में 50 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव अध्यक्ष या सभापति को सौंपा जाता है। (ध्यान रहे कि न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया किसी भी सदन से प्रारम्भ की जा सकती है।)
(2) अध्यक्ष/सभापति इस प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है।
(3) यदि प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो अध्यक्ष/सभापति तीन सदस्यीय समिति का गठन करते है, जो न्यायाधीश पर लगाए गये आरोपो की जांच करते है। इस समिति में निम्नलिखित तीन सदस्य शामिल होते हैं –
(i) सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या वरिष्ठतम न्यायाधीश
(ii) किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(iii) एक प्रसिद्ध न्यायविद
(4) यदि समिति न्यायाधीश को साबित कदाचार या अक्षमता का दोषी पाती है, तो समिति अपनी रिपोर्ट सम्बन्धित सदन के समक्ष प्रस्तुत करती है।
(5) सम्बन्धित सदन में प्रस्ताव को विशेष बहुमत से पारित किया जाता है। यहाँ विशेष बहुमत का तात्पर्य है- सदन के कुल सदस्य का साधारण बहुमत तथा उपस्थित व मतदान करने वालो का 2/3 (दो-तिहाई) बहुमत ।
(6) एक सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद दूसरे सदन में भी विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित करवाना पड़ता है।
(7) दोनों सदनों में विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। अन्त में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद न्यायाधीश को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया जाता है।
• अनुच्छेद 220 के अनुसार किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश सेवानिवृति के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य उच्च न्यायालय में वकालत या कार्य (अभिवचन कार्य) कर सकते है, लेकिन उसी उच्च न्यायालय तथा भारत की किसी अदालत में या किसी प्राधिकरण के समक्ष वकालत या कार्य (अभिवचन कार्य) नहीं कर सकेगा।
•ध्यान रहे: कि अनुच्छेद 124 के अनुसार उच्चतम न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश भारत के किसी भी न्यायालय या प्राधिकारी के समक्ष अभिवचन का कार्य नहीं कर सकते है।
12. किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उसके कार्यकाल में उसके पद से किसके द्वारा हटाया जा सकता है?
[IAS (Pre) Opt. Pol. Science Exam-1995](1) यदि राज्य का विधानमण्डल इस आशय का दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करे तो राज्य के राज्यपाल द्वारा
(2) संसद द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित संकल्प के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा
(3) संसद की सिफारिश के आधार पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा
(4) राज्य विधानमण्डल की सिफारिश पर राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा
(2)
13. भारत में उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की आयु के बारे में कोई प्रश्न उठता है, तो इसका विनिश्चय कौन करता है?
[RPSC 2nd Grade Exam-22.12.2022][RPSC Protection Officer Exam-2022](1) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राज्यपाल द्वारा।
(2) भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा।
(3) राष्ट्रपति के परामर्श से भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा।
(4) राज्यपाल के परामर्श से भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
(2)
व्याख्या : अनुच्छेद 217(3) के अनुसार यदि उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की आयु के बारे में कोई प्रश्न उठता है तो उस प्रश्न का विनिश्चय भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के पश्चात, राष्ट्रपति द्वारा दिया जाऐगा और राष्ट्रपति की विनिश्चिय अंतिम होगा।
14. कथन (A) : भारत में प्रत्येक राज्य के राज्यक्षेत्र में एक उच्च न्यायालय विद्यमान है।
कारण (R) : भारत के संविधान में प्रावधान है कि प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय है
[IAS (Pre) GS. Exam-2006](1) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(2) (A) और (R) दोनों सही है, परन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(3) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
(4)
व्याख्या :
अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा, परन्तु अनुच्छेद 231 में यह प्रावधान किया। गया है कि संसद दो या दो से अधिक राज्यों के लिए या दो या दो से अधिक राज्यों के साथ एक केन्द्र शासित प्रदेश या एक राज्य के साथ एक केन्द्र शासित प्रदेश के लिए एक उच्च न्यायालय स्थापित कर सकता है।
जैसे : पंजाब, हरियाणा व चण्डीगढ़ का संयुक्त एक ही उच्च न्यायालय है।
15. दो राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को शपथ दिलवाई जाती है?
[डिप्टी कमाण्डेर-2020](1) राष्ट्रपति द्वारा
(2) सभी राज्यों के राज्यपालों द्वारा
(3) किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा
(4) राज्यपाल द्वारा, जिसमें न्यायालय का मुख्य स्थान है।
(4)
व्याख्या :
•उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों को शपथ सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल या उसके द्वारा नियुक्त व्यक्ति द्वारा दिलाई जाती है। (अनुच्छेद-219)
•दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को शपथ उस राज्य के राज्यपाल द्वारा दिलाई जाती है, जिस राज्य में उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ स्थित है।
16. सुमेलित कीजिए –
अनुच्छेद प्रावधान
(A) 215 (i) किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में अंतरण
(B) 222 (ii)सभी न्यायालयो के अधीक्षण की शक्ति
(C) 226 (iii) कुछ रिट, निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
(D) 227 (iv) उच्च न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
कूट : A B C D
(1) (iv) (i) (iii) (ii)
(2) (ii) (i) (iii) (iv)
(3) (i) (iv) (iii) (ii)
(4) (iv) (ii) (iii) (i)
(1)
व्याख्या :
• अनुच्छेद 215 : प्रत्येक उच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय होगा, जिसके तहत प्रत्येक उच्च न्यायालय के निर्णय, कार्यवाही एक अभिलेख (रिकॉर्ड) के रूप में रखे जाऐंगे। ये निर्णय/कार्यवाही अधिनस्थ न्यायालयो में साक्ष्य के रूप में मान्य होंगे।
•अनुच्छेद 222 : अनुच्छेद 222 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का स्थानान्तरण एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में किए जाने का प्रावधान है। यह स्थानान्तरण राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद किया जाता है। साथ ही स्थानान्तरण के समय दोनों उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से राय ली जाती है। ध्यान रहे कि स्थानान्तरित किए जाने वाले न्यायाधीशों से सहमति की आवश्यकता नहीं है।
•अनुच्छेद 226 : नागरिको के मौलिक अधिकारो का उल्लंघन होने पर उच्च न्यायालय पांच प्रकार की रिट जारी करता है।
•अनुच्छेद 227 : यह अनुच्छेद उच्च न्यायालयों द्वारा अपनी पूरी सीमा क्षेत्र में सभी न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर अधीक्षण की शक्ति प्रदान करता है।
17. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के संबंध में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए –
[संरक्षण अधिकारी परीक्षा-2018](i) वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है।
(ii) उसे पद की शपथ राज्य के राज्यपाल द्वारा दिलाई जाती है।
(iii) वह अपना त्यागपत्र भारत के मुख्य न्यायमूर्ति को देता है।
कूट :
(1) (i) व (ii) सही है।
(2) (ii) व (iii) सही है।
(3) (i) व (iii) सही है।
(4) (i), (ii) व (iii) सही है।
(1)
व्याख्या : अनुच्छेद 217(1A) के अनुसार उच्च न्यायालय का न्यायाधीश राष्ट्रपति को त्यागपत्र दे सकता है।
18. उच्च न्यायालय किस अनुच्छेद के तहत रिट (याचिका) जारी कर सकते है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा जून-2024](1) 220
(2) 221
(3) 213
(4) 226
(4)
व्याख्या : मौलिक अधिकारो का हनन होने पर सम्बन्धित व्यक्ति सीधा उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका पेश कर सकता है। इस स्थिति में अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय तथा अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय पांच प्रकार की रिट जारी कर सकते हैं –
(i ) बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कार्पस) : बंदी प्रत्यक्षीकरण का अर्थ है- “सशरीर उपस्थित करना”। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, तो गिरफ्तारी का कारण बताना पड़ेगा, ताकि निर्धारित किया जा सके कि गिरफ्तारी अवैध है या वैध है।
(ii) परमादेश (मैंडेमस) : परमादेश का शाब्दिक अर्थ है-( “हम आदेश देते है”। परमादेश की रिट एक उच्च न्यायालय द्वारा एक अधिनस्थ न्यायालय या किसी सार्वजनिक प्राधिकारी को जारी की जाती है। जिसके तहत कानून द्वारा लगाए गए आधिकारिक कर्त्तव्य का पालन करने का आदेश दिया जाता है।
(iii) अधिकार पृच्छा (क्वो-वारन्टो) : अधिकार पृच्छा का शाब्दिक अर्थ है- “किस अधिकार से”। इस प्रकार की रिट उच्च न्यायालय द्वारा सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध जारी की जाती है, जो इस पद पर अवैध तरीके से आसीन है।
(iv) उत्प्रेषण (सर्टियोरारी): उत्प्रेषण का शाब्दिक अर्थ है – “प्रमाणित होना”। किसी भी गलत आदेश को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत को सर्टियोरारी रिट जारी की जाती है। उच्च न्यायालय इस प्रकार के मामले को पुनरीक्षण के लिए अपने पास मंगवा लेता है।
(v) प्रतिषेध (प्रोहिबिशन): प्रतिषेध का शाब्दिक अर्थ है-“मना करना”। एक उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत या एक न्यायाधिकरण या एक अर्द्ध न्यायिक निकाय को किसी मामले की सुनवाई को रोकने के लिए यह रिट जारी की जाती है। जब यह मामला निचली अदालतो के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
19. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत कोई उच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए रिट जारी कर सकता है?
[UPPCS (Pre) Pot. Pol. Science-2011](1) अनुच्छेद 15
(2) अनुच्छेद 32
(3) अनुच्छेद 35
(4) अनुच्छेद 226
(4)
20. मौलिक अधिकारो का हनन होने पर प्रभावित व्यक्ति रिट याचिका पेश कर सकता है?
[CET (10+2) Level Exam-04.02.2023](1) केवल जिला न्यायालय में
(2) केवल उच्चतम न्यायालय में
(3) उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में
(4) केवल उच्च न्यायालय में
(3)
21. प्रतिषेध रिट उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों द्वारा किसे और किस प्रयोजन से जारी किया गया एक आदेश:-
[UPCS (Pre) Exam-16.06.2024](1) किसी सरकारी अधिकारी को, उसे किसी विशिष्ट कार्रवाई करने से प्रतिषेध करने के लिए
(2) संसद/विधानसभा को, मद्यनिषेध पर कोई विधि पारित करने के लिए
(3) निचली अदालत को, किसी मामले में कार्यवाही जारी रखने का प्रतिषेध करने के लिए
(4) सरकार को, उसे किसी असंवैधानिक नीति की अनुपालना करने से प्रतिषेध करने के लिए
(1)
22. व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए उच्च न्यायालय निम्नलिखित में से किस रिट को जारी कर सकता है?
[जेल प्रहरी-2017][UPPCS (Pre) G.S. Re-Exam-2015](1) परमादेश
(2) अधिकार पृच्छा
(3) बन्दी प्रत्यक्षीकरण
(4) प्रतिषेध
(3)
23. प्रतिषेध रिट सर्वोच्च या उच्च न्यायालय द्वारा जारी किया गया ऐसा आदेश है जो –
[IAS (Pre) Opt. Pol. Science Exam-1997](1) मदिरा के उत्पादन व उपयोग को प्रभावित करता है।
(2) पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को बन्दी बनाने पर रोक लगाता है।
(3) प्रशासनिक अधिकारी को कोई कार्यवाही-विशेष करने से वर्जित रखता है।
(4) किसी अर्द्ध-न्यायिक अधिकारी को किसी मामले में कार्यवाही करने से रोकता है।
(4)
24. किसी मामले में कानूनी कार्यवाही रोकने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय को निम्नलिखित में से कौनसा लेख जारी किया जाता है?
[UPPCS (Pre) Opt. Pol. Science Exam-1999](1) बन्दी प्रत्यक्षीकरण
(2) प्रतिषेध
(3) अधिकार पृच्छा
(4) उत्प्रेषण
(2)
25. हाइकोर्ट के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने या घटने की शक्ति किसके पास है?
[RAS (Pre) Exam-1996](1) भारत के राष्ट्रपति के पास
(2) सम्बन्धित राज्य/राज्यों की विधानपालिका के पास
(3) भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास
(4) संसद के पास
(4)
व्याख्या : अनुच्छेद 230 (1) के अनुसार संसद विधि द्वारा किसी संघ राज्य क्षेत्र पर किसी हाइकोर्ट की अधिकारिता का विस्तार कर सकेगी या अधिकारिता का अपवर्जन कर सकेगी।
26. भारत में किसी भी राज्य की विधायिका उस राज्य में उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को ‘X’।
इस कथन में ‘X’ का अर्थ है –
[IAS (Pre) Opt. Pol. Science-2008](1) बढ़ा सकती है।
(2) सीमित कर सकती है।
(3) समाप्त कर सकती है।
(4) बढ़ा, सीमित या समाप्त नहीं कर सकती ।
(4)
व्याख्या : उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को बढ़ाने या घटाने का अधिकार ‘संसद’ के पास है।
27. भारत में उच्च न्यायालयों के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[IAS (Pre) G.S. Exam-2001](i) देश में 18 उच्च न्यायालय है।
(ii) इनमें से तीन का क्षेत्राधिकार एक राज्य के अधिक पर है।
(iii) किसी भी संघ राज्य क्षेत्र का अपना उच्च न्यायालय नहीं है।
(iv) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की उम्र तक पद धारित करते है।
इनमें से कौन-सा/से वक्तव्य सही है/हैं?
(1) (i), (ii) व (iv)
(2) (ii) व (iii)
(3) (ii) व (iv)
(4) केवल (iv)
(3)
व्याख्या :
•भारत के कुल उच्च न्यायालय-25
•तीन उच्च न्यायालय जिनका क्षेत्राधिकार एक से अधिक राज्यों में –
(i) पंजाब, हरियाणा तथा चण्डीगढ़ केन्द्र शासित प्रदेश
(ii) असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मिजोरम
(iii) महाराष्ट्र, गोवा तथा दादरा नगर हवेली व दमन दीव केन्द्र शासित प्रदेश
•केवल केन्द्र शासित प्रदेश, जहाँ स्वयं का उच्च न्यायालय है-
(i) दिल्ली
(ii) जम्मू-कश्मीर, लद्दाख
• अनुच्छेद-217(1) के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। पहले सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष थी, परन्तु 15वें संविधान अधिनियम, 1963 के तहत सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष कर दी।
28. किस उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत सबसे अधिक राज्य है?
[UPPCS (Pre) Opt. Pol. Science Exam-2010][UPPCS (Mains) G.S. IInd Paper-2007](1) मद्रास उच्च न्यायालय
(2) कलकता उच्च न्यायालय
(3) बम्बई उच्च न्यायालय
(4) गुवाहाटी उच्च न्यायायल
(4)
व्याख्या:
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार वाले राज्य -असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मिजोरम (सर्वाधिक 4 राज्य)
मुख्य पीठ – गुवाहाटी
खण्ड पीठे – कोहिमा, आईजोल, ईटानगर
29. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
[IAS (Pre) G.S. Exam-2005](i) भारत में 25 उच्च न्यायालय है।
(ii) पंजाब, हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ का एक ही सामूहिक उच्च न्यायालय है।
(iii) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का स्वयं का उच्च न्यायालय है।
उपरोक्त कथनों में से कौनसा/से सही है/हैं?
(1) (ii) व (iii)
(2) (i) व (ii)
(3) (i), (ii) व (iii)
(4) केवल (iii)
(3)
व्याख्या :
भारत में वर्तमान में कुल 25 उच्च न्यायालय है।
30. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते दिए जाते है-
[IAS (Pre.) G.S. Exam-2002](1) भारत की समेकित निधि से
(2) राज्य की समेकित निधि से
(3) भारत की आकस्मिक निधि से
(4) राज्य की समेकित निधि से
(2)
व्याख्या :
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते राज्य की “संचित निधि/समेकित निधि” (Consolidated Fund) से दिए जाते है, जबकि उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की पेंशन भारत की “संचित निधि/समेकित निधि” से दिए जाते है।
31. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज की पेंशन कहाँ से दी जाती है?
[UPPCS (Mains) G.S.-IInd Paper Exam-2013](1) भारत की संचित निधि से
(2) राज्य की संचित निधि से जहाँ उसने अंतिम सेवा की
(3) विभिन्न राज्यों की संचित निधि से जहाँ-जहाँ उसने सेवा की
(4) भारत की आकस्मिक निधि से
(1)
32. राजस्थान उच्च न्यायालय का उद्घाटन राजप्रमुख सवाई मानसिंह द्वारा में किया गया था?
[CET (G. Level) Exam-2023][College Lecturer (Sarangi) Exam-30.05.2019](1) 29 अगस्त, 1949
(2) 28 जनवरी, 1950
(3) 27 मार्च, 1951
(4) 28 जनवरी, 1952
(1)
व्याख्या : ‘बी.आर. पटेल समिति’ की सिफारिश पर जयपुर को राजस्थान की राजधानी तथा उच्च न्यायालय को जोधपुर में स्थापित किया गया।
बी.आर. पटेल समिति के सदस्य :
(i) बी. आर. पटेल (अध्यक्ष)
(ii) लेफ्टीनेंट कर्नल टी.सी. पुरी (सदस्य)
(iii) एस. पी. सिन्हा (सदस्य)
•राजस्थान राज्य का उद्घाटन 30 मार्च 1949 को हुआ और तत्समय जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर व अलवर में कार्यरत पांच रियासतकालीन उच्च न्यायालयों को राजस्थान उच्च न्यायालय अध्यादेश, 1949 द्वारा समाप्त कर दिया गया और 29 अगस्त 1949 को जोधपुर में उच्च न्यायालय का उद्घाटन राजप्रमुख सवाई मानसिंह द्वारा किया गया।
•29 अगस्त 1949 को राजप्रमुख महाराजा सवाई मानसिंह द्वारा 11 माननीय न्यायाधीशों को शपथ दिलाई गई। इसके अलावा प्रथम मुख्य न्यायाधीश कमलकांत वर्मा को भी शपथ दिलाई गई।
•प्रारम्भ में उच्च न्यायालय द्वारा जयपुर, उदयपुर, बीकानेर और कोटा स्थानों से भी सुनवाई की गई।
•26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागु किया गया, जिसके तहत ‘बी’ श्रेणी के राज्यों के लिए न्यायाधीशों की योग्यता का निर्धारण भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार होगा। कमलकान्त वर्मा सहित कुछ न्यायाधीशों को त्यागपत्र देना पड़ा। न्यायाधीशों की संख्या को घटाकर 6 कर दिया गया।
•बीकानेर, उदयपुर व कोटा की बैंच को 22 मई, 1950 को समाप्त किया गया, लेकिन जयपुर बेंच निरन्तर रही।
•राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के बाद ‘पी. •सत्यनारायण समिति’ का गठन किया गया।
पी. सत्यनारायण राव समिति के सदस्य :
(i) पी. सत्यनारायण राव (अध्यक्ष)
(ii) वी. विश्वनाथन
(iii) वी. के. गुप्ता
•इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 26 जनवरी, 1958 को प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार जयपुर को राजस्थान की राजधानी तथा उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर में ही रखने की सिफारिश की तथा जयपुर खण्ड पीठ को समाप्त करने की सिफारिश की। वर्ष 1958 में जयपुर खण्डपीठ को समाप्त कर दिया।
•राजस्थान का उच्च न्यायालय (जयपुर में स्थायी पीठ की स्थापना) आदेश, 1976 द्वारा जयपुर पीठ को पुनः स्थापित किया और 30 जनवरी 1977 को जयपुर पीठ ने कार्य करना प्रारम्भ किया।
•जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के भव्य नवीन भवन का लोकार्पण माननीय राष्ट्रपति द्वारा 07.12.2019 को किया गया।
• नवीन उच्च न्यायालय में 22 न्यायालय कक्ष है।
33. राजस्थान राज्य की सर्वोच्च न्यायिक संस्था कौनसी है?
[Jail Prahari Exam-01.09.2017](1) सर्वोच्च न्यायालय
(2) राज्यपाल
(3) उच्च न्यायालय
(4) राजस्व मण्डल
(3)
34. राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना किस वर्ष हुई ?
[CET (GRADUATION) EXAM – 28.09.2024](1) 1951
(2) 1948
(3) 1949
(4) 1950
(3)
व्याख्या : राजस्थान उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश- एम.एम. श्रीवास्तव
35. राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ (बेंच) कहाँ स्थित है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा-14.07.2018][Patwar Exam-24.10.2021][CET (Graduation) Exam-27.09.2024](1) जयपुर
(2) जोधपुर
(3) बीकानेर
(4) अजमेर
(2)
36. राजस्थान उच्च न्यायालय के जिन न्यायाधीशो को 29 अगस्त, 1949 को शपथ दिलाई गई, उनमें से कौन सुमेलित नहीं है?
[RPSC Assistant Professor Exam-2021](1) न्यायमूर्ति लाला नवल किशोर – जोधपुर
(2) न्यायमूर्ति कंवरलाल बापना – जयपुर
(3) न्यायमूर्ति जवानसिंह राणावत – कोटा
(4) न्यायमूर्ति त्रिलोचन दत्त – बीकानेर
(3)
व्याख्या : राजप्रमुख महाराजा मानसिंह ने 29 अगस्त 1949 को मुख्य न्यायाधीश कमलकान्त वर्मा को तथा 11 अन्य न्यायाधीशो को शपथ दिलाई।
•कमलकांत वर्मा : राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश (पूर्व मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय तथा पूर्व मुख्य न्यायाधीश, उदयपुर)
11 अन्य न्यायाधीश :
(1) जस्टिस लाला नवल किशोर (जोधपुर)
(2) जस्टिस कुंवर अमर सिंह जसोल (जोधपुर)
(3) जस्टिस कंवर लाल बापना (जयपुर)
(4) जस्टिस मोहम्मद इब्राहिम (जयपुर)
(5) जस्टिस जवान सिंह राणावत (उदयपुर)
(6) जस्टिस सार्दुल सिंह मेहता (उदयपुर)
(7) जस्टिस दुर्गाशंकर दवे (बुंदी)
(8) जस्टिस त्रिलोचन दत्त (बीकानेर)
(9) जस्टिस आनन्द नारायण कौल (अलवर)
(10) जस्टिस के.के. शर्मा (भरतपुर)
(11) जस्टिस क्षेमचन्द गुप्ता (कोटा)
37. निम्नांकित में से किसने 29 अगस्त, 1949 को राजस्थान उच्च न्यायालय के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता की थी?
[Assistant Professor Exam-07.01.2024](1) माननीय न्यायमूर्ति जवान सिंह राणावत
(2) राजप्रमुख महाराजा सवाई मान सिंह
(3) श्री जय नारायण व्यास
(4) माननीय न्यायमूर्ति कमल कांत वर्मा
(2)
38. उच्च न्यायालय जयपुर पीठ के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौनसा सही है?
[RAS (Pre) Exam-2013](i) राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ की स्थापना 1977 में हुई।
(ii) स्थायी पीठ की स्थापना का आदेश राजस्थान के राज्यपाल द्वारा किया गया।
(iii) पीठ की स्थापना का आदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अन्तर्गत किया गया।
(iv) जयपुर पीठ को मुख्य पीठ का दर्जा नहीं दिया गया।
कूट :
(1) (i) व (ii)
(2) (i) व (iii)
(3) (i), (ii) व (iv)
(4) (i), (ii), (iii) व (iv)
(3)
व्याख्या :
• राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 51 के अन्तर्गत “राजस्थान का उच्च न्यायालय (जयपुर में स्थायी पीठ की स्थापना) आदेश, 1976” द्वारा जयपुर में स्थायी पीठ की स्थापना की गई।
जयपुर पीठ ने 30 जनवरी 1977 को कार्य करना प्रारम्भकिया।
जयपुर पीठ को खण्डपीठ का दर्जा दिया गया।
39. निम्न में से कौनसा राज्य के उच्च न्यायालय का मुख्य क्षेत्राधिकार नहीं है-
[IAS (Pre) Opt. Pol. Science Exam-1997][RAS/RTS (Pre.) Opt. Pol. Science Exam-2008](1) परामर्श सम्बन्धी क्षेत्राधिकार
(2) प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार
(3) निरीक्षण का क्षेत्राधिकार
(4) अपीलीय क्षेत्राधिकार
(1)
व्याख्या :
उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार :
(1) प्रारम्भिक या मूल क्षेत्राधिकार : वे मामले जिनकी प्रथम दृष्टया सीधी सुनवाई उच्च न्यायालय में हो, वे निम्नलिखित है-
(i) संसद सदस्यों और राज्य विधानमण्डल सदस्य के निर्वाचन सम्बन्धी विवाद ।
(ii) नागरिको के मूल अधिकारो का उल्लंघन
(iii) अधिकारिता, वसीयत, विवाह, तलाक, कम्पनी कानून तथा न्यायालय की अवमानना से सम्बन्धी मामले।
(iv) संविधान की व्याख्या के सम्बन्ध में अधीनस्थ न्यायालय से स्थानान्तरित मामले ।
(v) राजस्व मामले या राजस्व संग्रहण के लिए बनाए गए किसी अधिनियम से सम्बन्धी मामले ।
(2) अपीलीय क्षेत्राधिकार : उच्च न्यायालय को अपने अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णय के विरूद्ध अपील की सुनवाई का अधिकार है।
(i) दिवानी मामले : जिला न्यायालयों, अतिरिक्त जिला न्यायालयों एवं अन्य अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णयों को अपील के लिए उच्च न्यायालय में लाया जा सकता है।
(ii) आपराधिक मामले : सत्र न्यायालय एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध अपील उच्च न्यायालय में तब की जा सकती है, जब किसी को सात साल से अधिक सजा हुई हो।
नोट : ध्यान रहे कि सत्र न्यायालय या अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा दी गई फाँसी की सजा पर कार्यवाही से पहले उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टी की जानी होती है। चाहे सजा पाने वाले व्यक्ति ने अपील की हो या नहीं।
(3) रिट क्षेत्राधिकार : अनुच्छेद 226 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय को नागरिको के मौलिक अधिकारों का उल्लघंन होने पर तथा अन्य किसी उद्देश्य पर पांच प्रकार की रिट जारी करने का अधिकार है- बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, उत्प्रेषण, प्रतिषेध व अधिकार पृच्छा ।
नोट : उच्चतम न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत केवल मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित मामलों पर रिट जारी कर सकता है, किन्तु उच्च न्यायालय मूल अधिकारों के अलावा अन्य विषयों पर भी रिट जारी कर सकता है। अर्थात् इस विषय में उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय से अधिक क्षेत्राधिकार रखता है।
(4) पर्यवेक्षक क्षेत्राधिकार (निरीक्षण क्षेत्राधिकार) : उच्च न्यायालय अपने क्षेत्राधिकार क्षेत्र के या अधीनस्थ न्यायालयों के गतिविधियों पर निगरानी रखता है, जिसके तहत निचली अदालतो से मामले स्वयं के पास मंगवाना तथा सामान्य नियम तैयार व जारी करना शामिल है।
नोट :
•सैन्य न्यायालय उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार से बाहर है।
• नोट : संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श या सलाह लेने की शक्ति प्राप्त है।
40. निम्नांकित में से किस तारीख को राजस्थान उच्च न्यायालय के नियम, 1952 प्रभावी हुए?
[RPSC Assistant Professor Exam-2021](1) 16 जनवरी, 1952
(2) 15 अगस्त, 1952
(3) 01 अक्टूबर, 1952
(4) 31 दिसम्बर, 1952
(3)
41. कमलकांत वर्मा राजस्थान के पहले…….. थे।
[RPSC 2nd Grade Exam-2019][Constable Exam-06.01.2020](1) राज्यपाल
(2) मुख्यमंत्री
(3) मुख्य न्यायाधीश
(4) उपमुख्यमंत्री
(3)
व्याख्या :
राजस्थान उच्च न्यायालय के सर्वाधिक कार्यकाल वाले मुख्य न्यायाधीश – कैलाश नाथ वांचू
न्यूनतम कार्यकाल वाले मुख्य न्यायाधीश सतीश कुमार मित्तल (05.03.2016 से 14.04.2016)
प्रथम कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जे. एम. पांचाल
42.राजस्थान उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश कौन थे?
[Patwar Exam-23.12.2021](1) के.के. वर्मा
(2) डी.एस. देव
(3) सरजू प्रसाद
(4) इनमें से कोई नहीं
(1)
43. राजस्थान हाईकार्ट में सबसे लम्बे समय तक सेवा करने वाले प्रथम न्यायाधीश कौन है?
[ उद्योग प्रसार अधिकारी-22.07.2018](1) शरत कुमार घोष
(2) कैलाश नाथ वांचू
(3) सरजू प्रसाद
(4) जे.एम. पांचाल
(2)
44. निम्नलिखित में से कौन राजस्थान उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश था, जब भारत के राष्ट्रपति ने 1956 में भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.आर. दास की सिफारिश पर राजस्थान के जजों की नियुक्ति के नये वारंट जारी किये थे?
[Assistant Professor Exam-08.09.2024](1) इन्द्र नाथ मोदी
(2) कैलाश वांचू
(3) डी.एस. दवे
(4) के.के. शर्मा
(2)
45. निम्नांकित में से कौन न्यायमूर्ति नहीं रहे है? राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य
[ मूल्यांकन अधिकार परीक्षा-2020](1) जे.एस. वर्मा
(2) अरूण कुमार
(3) जे.एम. पांचाल
(4) विरेन्द्र कुमार सिंघल
(4)
46. जून 2020 तक, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश निम्नलिखित में से कौन है?
[राजस्थान पुलिस परीक्षा-08.11.2020](1) न्यायाधिपति (जस्टिस) इन्द्रजीत महंती
(2) संगीत राज लोढा
(3) संदीप मेहता
(4) न्यायाधिपति (जस्टिस) सबीना
(1)
47. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती …….… में पूर्व न्यायाधीश थे?
[ राजस्थान पुलिस परीक्षा-08.11.2020](1) इलाहाबाद उच्च न्यायालय
(2) सिक्किम उच्च न्यायालय
(3) पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय
(4) बम्बई (बॉम्बे) उच्च न्यायालय
(4)
48. राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले, जस्टिस पंकज मिथल कहाँ के मुख्य न्यायाधीश थे?
[CET (Graduation Level) Exam-2023](1) पटना उच्च न्यायालय
(2) मद्रास उच्च न्यायालय
(3) गुजरात उच्च न्यायालय
(4) जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय
(4)
व्याख्या :
• राजस्थान उच्च न्यायालय के 40वें मुख्य न्यायाधीश ‘पंकज मिथल’ को 04.02.2023 के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया।
•वर्तमान में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ‘एम.एम. श्रीवास्तव’ है। ये राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले राजस्थान उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके है।
49. राजस्थान उच्च न्यायालय के निम्नांकित न्यायाधीशों में से कौन राजस्थान सरकार में राज्यमंत्री के पद पर आसीन रहे है?
[RAS (Pre) Exam-2021](1) जस्टिस मोहम्मद यामीन
(2) जस्टिस सूरज नारायण डीडवानिया
(3) जस्टिस फारूख हसन
(4) जस्टिस यादराम मीणा
(3)
व्याख्या : जस्टिस फारूख हसन राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा राजस्थान राज्य सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री के पद पर रहे।
50. उच्चतम न्यायालय के निम्नांकित न्यायाधीशों में से कौन राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नहीं रहे है?
[RAS (Pre) Exam-2018](1) न्यायमूर्ति एन.एम. कासलीवाल
(2) न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान
(3) न्यायमूर्ति ए.के. माथुर
(4) न्यायमूर्ति आर.सी. लोहाटी
(4)
व्याख्या :
• राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जो उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बने – (कुल-14)
(1) ए.पी. सेन
(2) एन.एम. कासलीवाल
(3) एस.सी. अग्रवाल
(4) ए.के. माथुर
(5) पी.पी. नाओलेकर
(6) जी.एस. सिंघवी
(7) आर.एम. लोढा
(8) बी.एस. चौहान
(9) जी.एस. मिश्रा
(10) ए.एम. सापरे
(11) अजय रस्तोगी
(12) दिनेश माहेश्वरी
(13) बेला एम. त्रिवेदी
(14) संदीप मेहता
राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जो उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बने (कुल-14)
(1) के.एन. वांचू
(2) पी.एन. सिंघल
(3) जे.एस. वर्मा
(4) शिवराज वी. पाटील
(5) अरूण कुमार
(6) ए.आर. लक्ष्मणन
(7) जे.एम. पांचाल
(8) दीपक वर्मा
(9) अरूण मिश्रा
(10) अमिताव रॉय
(11) नवीन सिन्हा
(12) एस. रविन्द्र भट्ट
(13) पंकज मिथल
(14) जॉर्ज ऑगस्टिन मसीह
| For more Political Previous Year Questions | Click Here |
Note: इन Questions को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।
Solved Papers
MCQ’s Subject
History
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Geography
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Political
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Science
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Computer
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Hindi
Topic-wise Multiple-Choice Questions
English
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Mathematics
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Reasoning
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Rajasthan GK
Topic-wise Multiple-Choice Questions
Haryana GK
Topic-wise Multiple-Choice Questions


















