Hindi Prevous Year Question
शब्द शक्ति
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शब्द शक्ति PYQ
1. लक्षणा शब्द शक्ति के कौनसे भेद है?
[III Grade (Hindi) 26.02.2023](1) रूढ़ा, प्रयोजनवती
(2) शाब्दी, आर्थी
(3) प्रयोजनवती, व्यंजना
(4) अत्युक्ति, आर्थी
Ans. (1)
2. लक्षणा शब्द-शक्ति का उदाहरण नहीं है-
[II Grade (Sans. Edu.) Hindi 13.02.2023](1) रे! दो दिन का यौवन।
(2) दिवस का अवसान समीप था।
(3) इस खंडहर में बिजली-सी उन्मुत्त जवानी दौड़ी होगी।
(4) हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में।
Ans. (2)
दिवस का अवसान समीप था। (अमिधा शब्द-शक्ति)
3. जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित रहता है। शब्द शक्ति होती है।
[II Grade (Hindi) – 22.12.2022](1) प्रयोजनवती-लक्षणा
(2) रूढ़ि-लक्षणा
(3) उपादान लक्षणा
(4) लक्षण-लक्षणा
Ans. (4)
4. लक्षणा शब्द शक्ति के संबंध में असंगत कथन है-
[1 Grade (Sanskrit Edu.) 15.11.2022](1) मुख्यार्थ में बाधा
(2) मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ का संबंध
(3) साक्षात् संकेतित अर्थ का प्रधानता पूर्वक उपयोग
(4) अन्यार्थ का गृहीत होना
Ans. (3)
5. चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गम्भीर।
को घटि ए वृषभानुजा, वे हलधर के वीर॥
में कौनसी व्यंजना है?
[II ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-2014][I Gr. (Sans. Edu.) 15.11.2022][1 ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-24.7.2016](1) शाब्दी व्यंजना
(2) आर्थी व्यंजना
(3) रस व्यंजना
(4) उपर्युक्त सभी
Ans. (1)
7. शब्द शक्ति के संबंध में इनमें से कौनसा कथन सही नहीं है?
[। ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-03.1.2020](1) शब्द की शक्ति उसके अन्तर्निहित अर्थ को व्यक्त करने का व्यापार है।
(2) अभिधा शब्द शक्ति के द्वारा तीन प्रकार के शब्दों-रूढ़, यौगिक और योगरूढ़ का अर्थबोध होता है।
(3) मम्मट ने शब्द शक्ति के लिए ‘शक्ति’ तथा विश्वनाथ ने ‘व्यापार’ शब्द का प्रयोग किया है।
(4) व्यंजना शब्द शक्ति से प्राप्त अर्थ को प्रतीयमानार्थ भी कहते हैं।
Ans. (3)
8. शब्द में अन्तर्निहित अर्थ को व्यक्त करने वाले व्यापार को क्या कहते हैं?
[II ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-1.7.2017](1) काव्य गुण
(2) काव्य रीति
(3) शब्द शक्ति
(4) अलंकार
Ans. (3)
व्याख्या – जिस शक्ति या व्यापार द्वारा शब्द के अर्थ का बोध होता हो, वह शब्दशक्ति कहलाती है। इसे ‘वृत्ति’ व्यापार (मम्मट) भी कहते हैं। इसे मुख्या, प्रथमा शक्ति भी कहते हैं। मम्मट ने शब्द-शक्ति के लिए ‘व्यापार’ तथा विश्वनाथ ने ‘शक्ति’ शब्द का प्रयोग किया है।
9. ‘कनक कनक में सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।।’ इन पंक्तियों में किस शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है?
[II ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-9.12.2011](1) अभिधा
(2) रूढ़ि लक्षणा
(3) प्रयोजनवती लक्षणा
(4) आर्थीव्यंजना
Ans. (1)
व्याख्या – शब्द के वाच्यार्थ का बोध कराने वाली अभिधा कहलाती है। साक्षात् संकेतित (गुण, जाति, द्रव्य तथा क्रियावाचक) अर्थ जिसे मुख्य अर्थ कहा जाता है, का बोध कराने वाले व्यापार को अभिधा कहते हैं।
10. निम्न उक्तियों में व्यंजना शक्ति से सम्बन्धित कौन सा कथन सही नहीं है?
[। ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-2014](1) व्यंजना शब्द के मुख्यार्थ तथा लक्ष्यार्थ को पीछे छोड़ देती है।
(2) व्यंजना शब्द शक्ति से निष्पन्न अर्थ को व्यंग्यार्थ कहते हैं।
(3) व्यंजना शब्द शक्ति केवल शब्दों पर ही आधारित रहती है।
(4) व्यंग्यार्थ को ध्वन्यार्थ भी कहते हैं।
Ans. (3)
व्याख्या – जब अभिधा और लक्षणा अपना-अपना अर्थ बताकर द्योतित कर शांत हो जाएँ और जिस शक्ति से अन्य अर्थ या व्यंग्यार्थ का ज्ञान हो, उसे व्यंजना कहते हैं। अर्थात् जब वाच्यार्थ और लक्ष्यार्थ से भी शब्द के अर्थ का बोध न हो, तब उसका बोध कराने वाली तीसरी शक्ति व्यंजना कहलाती है। व्यंजना के मुख्यतः दो भेद (प्रकार) हैं।
1. शाब्दी व्यंजना : जब व्यंजना शब्द में हो। व्यंजना शब्द में है यह तब कहा जाता है जब उस शब्द को बदल देने से व्यंग्यार्थ नष्ट हो जाय। उदाहरणार्थ-
‘चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गम्भीर।
को घटि? ए वृषभानुजा, वे हलधर के वीर।।’
राधा-कृष्ण की यह जोड़ी चिंरजीवी हो ! परस्पर गहरा प्रेम क्यों नहीं जुड़े? दोनों में कौन घटकर है? ये वृषभानुजा हैं तो वह हलधर के भाई।
यह वाच्यार्थ है पर ‘वृषभानुजा’ और ‘हलधर’ शब्दों के अनेकार्थक होने के कारण एक दूसरा अर्थ भी ध्वनित होता है-
ये वृषभ की अनुजा (बैल की छोटी बहिन) हैं तो वे हलधर (बैल) के भाई हैं। यह विनोदात्मक दूसरा अर्थ व्यंग्यार्थ है। यहाँ शाब्दी व्यंजना है क्योंकि ‘वृषभानुजा’ और ‘हलधर’ के स्थान पर ‘वृषभानु-सुता’ और ‘बलराम’ शब्द रख दिये जायें तो उक्त व्यंग्यार्थ नष्ट हो जायेगा। शाब्दी व्यंजना में शब्द दो अर्थों वाला होता है – एक अर्थ वाच्यार्थ होता है, दूसरा व्यंग्यार्थ।
2. आर्थी व्यंजना : जब व्यंजना अर्थ में हो अर्थात् जब शब्द के बदल देने पर भी व्यंग्यार्थ निकलता रहे। जैसे- संध्या हो गयी। यहाँ वाच्यार्थ है-सूर्यास्त का समय हो गया किन्तु यहाँ पर व्यंग्यार्थ होगा – घूमने को चलने का समय हो गया या घर चलने का समय हो गया।
11. लक्षणा शब्द-शक्ति का लक्षण नहीं है-
[II ग्रेड शिक्षक-9.12.2011](1) साक्षात संकेतिक अर्थ
(2) मुख्यार्थ में बाधा
(3) मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ का योग
(4) रूढ़ि या प्रयोजन
Ans. (1)
व्याख्या – मुख्यार्थ (वाच्यार्थ) में बाधा आने पर जब शब्द से, गुण, क्रिया आदि के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण किया जाये, तब लक्षणा होती है।अर्थात् मुख्यार्थ का बोध होने पर (रूढ़ि अथवा प्रयोजन के कारण) जिस शक्ति द्वारा मुख्यार्थ से संबंद्ध अन्य अर्थ की प्रतीति होती हो उसे लक्षणां शक्ति कहते हैं। लक्षणा के मुख्यतः दो प्रकार होते है-
1. उपादान-लक्षणा : जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित रहता है अर्थात् जब वाच्यार्थ सर्वथा परित्यक्त नहीं होता। इसे अजहत्स्वार्था (अपने वाच्यार्थ को न छोड़ने वाली) लक्षणा भी कहते हैं। जैसे- हाथ-पैर बचाते हुए काम करो। यहाँ हाथ-पैर का अर्थ ‘शरीर के अंग’ होगा। शरीर के अंगों में हाथ-पैर भी सम्मिलित है।
2. लक्षण-लक्षणा : जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित नहीं होता अर्थात् जब वाच्यार्थ सर्वथा परित्यक्त हो जाता है। इसे जहत्स्वार्था (अपने वाच्यार्थ को छोड़ देने वाली) लक्षणा भी कहते हैं। जैसे- यह बालक सिंह है। यहाँ सिंह का अर्थ ‘वीर’ होगा। राजस्थान ‘वीर’ है। यहाँ राजस्थान का अर्थ ‘राजस्थान के निवासी’ होगा।
12. लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा से सम्बन्धित कौनसा कथन सही नहीं है?
[। ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-2014](1) मुख्य अर्थ में बाधा उत्पन्न होना
(2) मुख्यार्थ बाधित होने पर अन्य अर्थग्रहण करना
(3) अन्य अर्थ का मुख्य अर्थ से कोई सम्बन्ध नहीं होना
(4) रूढ़ि या प्रयोजन के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण करना।
Ans. (3)
13. ‘लक्षणा’ शब्द शक्ति से संबंधित कौन-सा कथन सही नहीं है?
[2nd ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-24.07.2016](1) किसी शब्द का ‘मुख्य-अर्थ’ बाधित होने पर उसका ‘अन्य अर्थ’ ग्रहण किया जाता है।
(2) इस ‘अन्य अर्थ’ का ‘मुख्य अर्थ’ से कोई संबंध नहीं होता।
(3) यह ‘अन्य अर्थ’ किसी रूढ़ि के आधार पर ग्रहण किया जाता है।
(4) किसी प्रयोजन के आधार पर भी ‘अन्य अर्थ’ ग्रहण किया जा सकता है।
Ans. (2)
14. ‘पावन पाय पखारि कै नाव चढ़ाइहौं, आयसु होत कहा है। तुलसी सुनि केवट के वर बैन, हँसे प्रभु जानकी और हहा है।’ पंक्तियों में शब्द शक्ति है-
[III ग्रेड शिक्षक (हिन्दी)-22.12.2010](1) लक्षण-लक्षणा
(2) शाब्दी व्यंजना
(3) उपादान लक्षणा
(4) आर्थी व्यंजना
Ans. (3)
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