राजभाषा राष्ट्रभाषा
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राजभाषा राष्ट्रभाषा PYQ
प्रश्न 1: देवनागरी लिपि का विकास इस लिपि से हुआ है –
[द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) खरोष्ठी
(2) कलिंग
(3) ब्राह्मी
(4) ग्रंथ लिपि
उत्तर: (3) ब्राह्मी
व्याख्या:
देवनागरी लिपि, जो आज हिंदी और संस्कृत जैसी भाषाओं की प्रमुख लिपि है, उसका विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है।
- “देवनागरी” शब्द का अर्थ है देवों की नगरी की लिपि।
- दक्षिण भारत में इसे “नन्दिनागरी” कहा जाता था।
- इस लिपि का प्रयोग पहली बार 7वीं शताब्दी में गुजरात के राजा जयभट्ट के शिलालेख में मिलता है।
अन्य विकल्पों की व्याख्या:
(1) खरोष्ठी – यह लिपि पश्चिमोत्तर भारत में बौद्ध धर्म के ग्रंथों में प्रयोग होती थी।
(2) कलिंग – यह कोई विशिष्ट लिपि नहीं, बल्कि एक प्राचीन क्षेत्र है।
(4) ग्रंथ लिपि – यह दक्षिण भारत की एक ब्राह्मी से विकसित लिपि है, जो मुख्यतः तमिलनाडु में प्रयोग होती थी।
प्रश्न 2: पश्चिमी हिन्दी की बोली इनमें से कौनसी नहीं है –
[वरिष्ठ अध्यापक (हिन्दी) – 2018]
(1) खड़ीबोली
(2) मगही
(3) ब्रजभाषा
(4) कन्नौजी
उत्तर: (2) मगही
व्याख्या:
मगही बोली पूर्वी हिन्दी की श्रेणी में आती है और यह मुख्यतः बिहार के क्षेत्रों में बोली जाती है।
पश्चिमी हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ हैं – खड़ीबोली, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली आदि।
प्रश्न 3: देवनागरी लिपि का विकास हुआ है –
[II Grade Hindi – 2022]
(1) खरोष्ठी से
(2) कुटिल लिपि से
(3) आर्मेइक लिपि से
(4) चित्र लिपि से
उत्तर: (2) कुटिल लिपि से
व्याख्या:
देवनागरी लिपि का विकास एक क्रम में हुआ –
ब्राह्मी → गुप्त → कुटिल → प्राचीन नागरी → देवनागरी।
कुटिल लिपि देवनागरी की मध्यवर्ती अवस्था है, जो 7वीं-8वीं शताब्दी में प्रचलित थी।
प्रश्न 4: ‘पूर्वी हिन्दी’ का उद्भव किस अपभ्रंश से हुआ?
[II Grade Hindi – 2022]
(1) शौरसेनी
(2) अर्धमागधी
(3) केकय
(4) मागधी
उत्तर: (2) अर्धमागधी
व्याख्या:
पूर्वी हिन्दी की बोलियाँ जैसे कि अवधी, मगही, बघेली आदि का विकास अर्धमागधी अपभ्रंश से हुआ है। यह क्षेत्र मुख्यतः उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग और बिहार के हिस्से में बोला जाता है।
प्रश्न 5: ‘खड़ी बोली’ हिन्दी के किस स्वरूप से निकली है –
[RTET – 2020]
(1) पूर्वी हिन्दी
(2) पश्चिमी हिन्दी
(3) राजस्थानी हिन्दी
(4) पहाड़ी हिन्दी
उत्तर: (2) पश्चिमी हिन्दी
व्याख्या:
खड़ी बोली, जो आज की मानक हिन्दी का आधार है, पश्चिमी हिन्दी का प्रमुख रूप है। यह दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि क्षेत्रों में बोली जाती है।
प्रश्न 6: ‘संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।’ यह भारत के संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है –
[पटवार परीक्षा, 2011, 2016]
(1) अनुच्छेद 342
(2) अनुच्छेद 343(1)
(3) अनुच्छेद 344
(4) अनुच्छेद 343(2)
उत्तर: (2) अनुच्छेद 343(1)
व्याख्या:
संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार भारत की संघ की राजभाषा हिन्दी और उसकी लिपि देवनागरी होगी।
इस अनुच्छेद में अंग्रेज़ी को सहायक भाषा के रूप में 15 वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान भी है।
प्रश्न 7: कौन सी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं है?
[वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) – 2019]
(1) मणिपुरी
(2) कोंकणी
(3) राजस्थानी
(4) मैथिली
उत्तर: (3) राजस्थानी
व्याख्या:
राजस्थानी भाषा को अभी तक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है, जबकि मणिपुरी, कोंकणी, मैथिली सभी शामिल हैं। हालाँकि राजस्थानी को अनुसूची में शामिल करने की माँग कई बार उठ चुकी है।
प्रश्न 8: खड़ी बोली हिन्दी का विकास किस अपभ्रंश से माना जाता है?
[वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) – 2019]
(1) शौरसेनी अपभ्रंश
(2) मागधी अपभ्रंश
(3) अर्धमागधी अपभ्रंश
(4) पैशाची अपभ्रंश
उत्तर: (1) शौरसेनी अपभ्रंश
व्याख्या:
शौरसेनी अपभ्रंश से खड़ी बोली, ब्रजभाषा, कन्नौजी आदि का विकास हुआ।
यह मध्य भारत के क्षेत्र में प्रचलित था, और इसे पश्चिमी हिन्दी का मूल स्रोत माना जाता है।
प्रश्न 9: किस विकल्प में सभी बोलियाँ पश्चिमी हिन्दी की हैं –
[वरिष्ठ अध्यापक (हिन्दी) – 2018]
(1) ब्रजभाषा, मैथिली
(2) ब्रजभाषा, भोजपुरी
(3) ब्रजभाषा, अवधी
(4) ब्रजभाषा, खड़ी बोली
उत्तर: (4) ब्रजभाषा, खड़ी बोली
व्याख्या:
पश्चिमी हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ हैं – ब्रजभाषा, खड़ी बोली, कन्नौजी, बुंदेली आदि।
बाकी विकल्पों में मैथिली, भोजपुरी और अवधी पूर्वी हिन्दी की बोलियाँ हैं।
प्रश्न 10: खड़ी बोली में लिखित प्रथम महाकाव्य कौनसा है?
(1) साकेत
(2) कामायनी
(3) लोकायतन
(4) प्रिय प्रवास
उत्तर: (4) प्रिय प्रवास
व्याख्या:
‘प्रिय प्रवास’ खड़ी बोली हिन्दी में रचित प्रथम महाकाव्य है, जिसके रचनाकार अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। यह काव्य राम के वनवास और पुनरागमन की पौराणिक कथा पर आधारित है। इसकी भाषा शुद्ध खड़ी बोली है और शैली पारंपरिक है।
अन्य विकल्पों की व्याख्या:
(1) साकेत – मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित महाकाव्य है, परंतु यह खड़ी बोली में दूसरा महाकाव्य माना जाता है।
(2) कामायनी – जयशंकर प्रसाद की रचना है, यह छायावादी काव्य है, लेकिन यह खड़ी बोली में पहला महाकाव्य नहीं है।
(3) लोकायतन – नागार्जुन द्वारा रचित एक प्रसिद्ध रचना है, जो प्रगतिशील विचारधारा से जुड़ी है।
प्रश्न 11: राष्ट्र-भाषा होती है –
[द्वितीय श्रेणी शिक्षक परीक्षा, 2010]
(1) अधिकतर राज्यों की भाषा
(2) राज्य विशेष की भाषा
(3) राष्ट्र की राजधानी की भाषा
(4) राष्ट्र के लोगों की सम्पर्क भाषा
उत्तर: (4) राष्ट्र के लोगों की सम्पर्क भाषा
व्याख्या:
राष्ट्रभाषा वह होती है जो सम्पूर्ण राष्ट्र के लोगों द्वारा संप्रेषण और संवाद के लिए प्रयुक्त हो। यह जनसंचार की भाषा होती है, जिसे ‘जनभाषा’ भी कहा जा सकता है। भारत में हिन्दी को व्यापक जनाधार के कारण राष्ट्रभाषा कहा जाता है, हालांकि यह कोई संवैधानिक पद नहीं है।
अन्य विकल्पों की व्याख्या:
(1) अधिकतर राज्यों की भाषा – यह राजभाषा या संपर्क भाषा का संकेत हो सकता है, लेकिन राष्ट्रभाषा की पहचान केवल संख्या से नहीं होती।
(2) राज्य विशेष की भाषा – यह ‘राज्यभाषा’ की परिभाषा हो सकती है, राष्ट्रभाषा नहीं।
(3) राष्ट्र की राजधानी की भाषा – यह भ्रामक विकल्प है, क्योंकि राजधानी में कोई भी भाषा बोली जा सकती है।
प्रश्न 12: राजभाषा किसे कहते हैं?
[तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती – 2013]
(1) जिसका प्रयोग राजा करता है
(2) जिसमें साहित्य लिखा जाता है
(3) जिसका क्षेत्र सारा राष्ट्र होता है
(4) जिसका प्रयोग सरकारी कामकाज में होता है
उत्तर: (4) जिसका प्रयोग सरकारी कामकाज में होता है
व्याख्या:
राजभाषा वह भाषा होती है जो सरकारी कार्यों, दस्तावेजों, प्रशासन और विधिक प्रक्रिया में प्रयुक्त होती है। यह एक संवैधानिक पद है। भारत में अनुच्छेद 343 के अनुसार हिन्दी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है।
अन्य विकल्पों की व्याख्या:
(1) राजा के प्रयोग की भाषा – यह ऐतिहासिक रूप से शाही भाषा हो सकती है, पर राजभाषा नहीं।
(2) साहित्य की भाषा – साहित्य कई भाषाओं में लिखा जा सकता है, इसका संबंध राजभाषा से नहीं है।
(3) राष्ट्र की संपूर्ण भाषा – यह राष्ट्रभाषा हो सकती है, परंतु राजभाषा का प्रयोग विशेष रूप से शासकीय प्रयोजनों में होता है।
प्रश्न 13: सांविधानिक दृष्टि से हिन्दी भारत की भाषा है –
[द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) मातृभाषा
(2) जनभाषा
(3) संस्कृति भाषा
(4) राजभाषा
उत्तर: (4) राजभाषा
व्याख्या:
संविधान के भाग-17, अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार हिन्दी को भारत संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। इसका लिपि स्वरूप देवनागरी है। राजभाषा का प्रयोग भारत सरकार के कार्यों में किया जाता है और यह एक संवैधानिक प्रावधान है।
अन्य विकल्पों की व्याख्या:
(1) मातृभाषा – यह किसी व्यक्ति विशेष की पहली भाषा होती है, यह संवैधानिक पद नहीं है।
(2) जनभाषा – इसका अर्थ है आम लोगों की भाषा, यह व्यावहारिक पद है, संवैधानिक नहीं।
(3) संस्कृति भाषा – यह प्रतीकात्मक अर्थ है, लेकिन हिन्दी को संस्कृति भाषा के रूप में संवैधानिक मान्यता नहीं मिली है।
- संविधान की किस अनुसूची में राजभाषाओं को सम्मिलित किया गया है –
[ पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) पाँचवीं
(2) आठवीं
(3) सातवीं
(4) नौंवी
Ans. (2)
व्याख्या –
अनुच्छेद 347 के अनुसार यदि किसी राज्य का पर्याप्त अनुपात चाहता है कि उसके द्वारा बोली जाने वाली कोई भाषा राज्य द्वारा अभिज्ञात की जाए तो राष्ट्रपति उस भाषा को सरकारी अभिज्ञा दे सकता है। समय-समय पर राष्ट्रपति ऐसे अभिज्ञा देते रहे जो 8वीं अनुसूची में स्थान पाते है जैसे इस अनुसूची में प्रारम्भ में 14 भाषाएँ थी- असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू तथा उर्दू। बाद में सिंधी को (21वाँ संशोधन, 1967 ई. में) बाद में कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली को (71वाँ संशोधन, 1992 में) शामिल किया गया तथा बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली को (92वाँ संशोधन 2003 में) शामिल किया गया और इस प्रकार 8वीं अनुसूची में 22 भाषाएँ हो गई है।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में अब तक कितनी भाषाएँ सम्मिलित की जा चुकी हैं?
[द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-01.07.2017]
(1) 20
(2) 21
(3) 22
(4) 23
Ans. (3)
- हिन्दी दिवस मनाया जाता है-
[तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2013]
(1) 8 अक्टूबर
(2) 8 मार्च
(3) 14 दिसम्बर
(4) 14 सितम्बर
Ans. (4)
व्याख्या-
स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को हिन्दी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। इसीलिये प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- ध्यान रहे – ‘विश्व हिन्दी दिवस’ प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन हुआ था। 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिन्दी दिवस मनाने का फैसला विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) ने वर्ष 2006 में लिया। अतः प्रथम विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है।
- हिन्दी को भारतीय संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में कब मान्यता मिली?
(पटवार भर्ती परीक्षा, 2009, 2011, 2013)
(1) 26 जनवरी 1950
(2) 14 सितम्बर 1949
(3) 14 सितम्बर 1951
(4) 5 सितम्बर 1948
Ans. (2)
- संविधान में राजभाषा का प्रावधान है अनुच्छेद-
[ द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2010]
(1) 341 में
(2) 343 में
(3) 353 में
(4) 351 में
Ans. (2)
- किस क्रम में कथन असत्य है-
[पटवार परीक्षा, 211]
(1) संविधान में 14 सितम्बर, 1950 को हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया।
(2) हिन्दी का राजभाषा के रूप में, प्रयोग स्वतंत्रता के बाद ही प्रारम्भ हुआ।
(3) संविधान के अनुच्छेद 348 एवं 349 में उच्चतम और न्यायालयों की भाषा के बारे में प्रावधान है।
(4) संविधान के अनुच्छेद 345 का सम्बन्ध राज्य की राजभाषा अथवा राजभाषाओं से है।
Ans. (1)
व्याख्या-
स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को हिन्दी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी।
- अनुच्छेद 343 : संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है।
- अनुच्छेद 344 : संविधान के लागू होने के 5 वर्ष बाद राष्ट्रपति एक आयोग और संसद की समिति ( 10 वर्ष बाद) का गठन करेगा इसके तहत प्रथम आयोग जून, 1955 में श्री बी. जी. खेर की अध्यक्षता में गठित किया गया था। सितम्बर 1957 में अनुच्छेद 344 (2) के अनुसार तत्कालीन गृह मंत्री गोविन्द वल्लभ पंत की अध्यक्षता में एक संसदीय समिति गठित की गई।
- अनुच्छेद 345 : किसी राज्य का विधानमंडल विधि द्वारा राज्य के राजकीय प्रयोजनों के लिए उस राज्य में प्रयुक्त होने वाली भाषा या भाषाओं में किसी एक या अनेक को या हिन्दी को अंगीकार कर सकता है।
- अनुच्छेद 346 : संघ में राजकीय प्रयोजनों के लिए तत्समय भाषा एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच में तथा किसी राज्य संघ के बीच संसार के लिए राजभाषा होगी।
- अनुच्छेद 347 : तद्विषय माँग की जाने पर राष्ट्रपति किसी जनसमुदाय द्वारा बोली जाने वाली किसी भाषा को राज्य द्वारा मान्यता देने का निर्देश दे सकेगा।
- अनुच्छेद 348 : जब तक संसद विधि द्वारा अन्य उपबन्ध न करे तब तक उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय और प्रत्येक न्यायालय में सब कार्यवाहियाँ अंग्रेजी भाषा में होगी तथा संसद व राज्य मंडल में विधेयक, नियम, आदेश, विनियम आदि के लिए प्राधिकृत पाठ अंग्रेजी में होंगे।
- अनुच्छेद 349 : संविधान के प्रारम्भ से 15 वर्षों की कालावधि तक अनुच्छेद 345 (1) में वर्णित प्रयोजनों में से किसी के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा के लिए उपबंध करने वाला कोई विधेयक या संशोधन संसद के किसी सदन में राष्ट्रपति के पूर्व मंजूरी के बिना पुनः स्थापित या प्रस्तावित नहीं किया जायेगा।
- अनुच्छेद 350 : व्यथा के निवारण के लिए कोई भी भाषा का प्रयोग जैसे-भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ तथा अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी कि नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है।
- अनुच्छेद 351 : हिन्दी के विकास के लिए संघ को निर्देश दिये गये है कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार बढ़ाये, उसका विकास करें।
- भारतीय संविधान में राजभाषा के संबंध में किन अनुच्छेदों में व्यवस्था की गई है?
[तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2013]
[द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2014]
(1) अनुच्छेद 343-351
(2) अनुच्छेद 143-151
(3) अनुच्छेद 243-251
(4) अनुच्छेद 443-451
Ans. (1)
- राजभाषा अधिनियम कब पारित हुआ ?
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2011।
(1) 10 जुलाई, 1966
(2) 10 मई, 1963
(3) 10 जनवरी, 1956
(4) 14 सितम्बर, 1949
Ans. (2)
व्याख्या-
राजभाषा अधिनियम 1963 ई. में पारित किया गया जिसमें 9 धाराएँ है।
संविधान के अनुसार संविधान लागू होने (26 जनवरी, 1950) के 15 वर्षों के पश्चात अर्थात 26 जनवरी, 1965 के बाद सभी कार्यों में केवल हिन्दी का प्रयोग होगा लेकिन राजभाषा अधिनियम 1963 में प्रावधान किया गया कि 26 जून, 1965 से हिन्दी संघ की राजभाषा तो रहेगी ही पर उस समय से हिन्दी के अतिरिक्त अंग्रेजी भी संघ के सभी सरकारी प्रयोजनों के लिए बराबर प्रयुक्त होती रहेगी।
- राजभाषा अधिनियम में संशोधन कब हुआ ?
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) 1960 ई.
(2) 1967 ई.
(3) 1965 ई.
(4) 1969 ई.
Ans. (2)
व्याख्या –
27 नवम्बर, 1967 को संसद में सरकार के राजभाषा संकल्प के रखे जाने के साथ-साथ 1963 के अधिनियम को संशोधित करने के लिए संसद में एक विधेयक भी प्रस्तुत किया गया और अन्ततः इसे 8 जनवरी, 1968 को अधिनियम कर दिया। 1967 के संशोधन द्वारा यह व्यवस्था कर दी गई है कि जब-तक अहिन्दी भाषी राज्यों की विधानसभाएँ तथा संसद सहमति न दे तब तक हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का प्रयोग जारी रहेगा।
- राजभाषा नियम 1976 में ‘ग’ क्षेत्र में कौनसा राज्य सम्मिलित है-
[ पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) बिहार
(2) मध्यप्रदेश
(3) असम
(4) पंजाब
Ans. (3)
व्याख्या-
राजभाषा अधिनियम की धारा 8 (2) के अन्तर्गत राजभाषा नियम 1976 में जारी किये गये नियम 4 के अनुसार समस्त देश को ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ इन तीन क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है यथा :
- ‘क’ क्षेत्र के अन्तर्गत – वे राज्य और केन्द्रशासित क्षेत्र शामिल है जिन्होंने हिन्दी को अपनी राजभाषा के रूप में स्वीकारा है, जैसे- बिहार, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तथा केन्द्रशासित क्षेत्र अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह।
- ‘ख’ क्षेत्र के अन्तर्गत – वे राज्य और केन्द्रशासित क्षेत्र शामिल हैं, जिन्होंने केन्द्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार में हिन्दी को अपनाने का निर्णय लिया है।
इसमें शामिल है – गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब तथा केन्द्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़।
- ‘ग’ क्षेत्र : शेष सभी राज्य व केन्द्र शासित क्षेत्र ‘ग’ में रखे गये जिन्हें हिन्दी में भेजे जाने वाले पत्रों का अंग्रेजी अनुवाद भी भेजा जाता है।
- 1976 में राजभाषा नियम बनाये गये जिसके अनुसार त्रिभाषा फार्मूले को अपनाया गया इसमें निम्न तीन भाषाओं के प्रयोग का प्रावधान है-
(1) प्रधान राजभाषा – हिन्दी
(2) सहायक राजभाषा अँग्रेजी
(3) प्रादेशिक भाषा
- राजभाषा नियम 1976 में ‘ख’ क्षेत्र में कौनसा राज्य सम्मिलित नहीं है।
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) गुजरात
(2) पंजाब
(3) हरियाणा
(4) महाराष्ट्र
Ans. (3)
- राजभाषा विभाग की स्थापना कब की गई थी।
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) 14 सितम्बर, 1949 को
(2) 26 जनवरी, 1950 को
(3) 5 अगस्त, 1956 को
(4) 25 जून, 1975 को
Ans. (4)
- राष्ट्रपति ने राजभाषा आयोग के गठन का आदेश किस वर्ष जारी किया-
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) 1955 ई.
(2) 1954 ई
(3) 1956 ई.
(4) 1949 ई.
Ans. (1)
व्याख्या-
संविधान के अनुच्छेद 344 के तहत राष्ट्रपति ने सर्वप्रथम जून, 1955 ई. में श्री बी. जी. खेर की अध्यक्षता में स्थापित किया।
- प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी के प्रयोग को अनिवार्य करने के लिए राजस्थान राजभाषा अधिनियम कब पारित किया गया-
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2008]
(1) सन् 1965 ई. में
(2) सन् 1970 ई. में
(3) सन् 1967 ई. में
(4) सन् 1956 ई. में
Ans. (4)
- राजस्थान के राजकीय विभागों में केवल भाषा और देवनागरी की रबर की मोहरों का उपयोग कब अनिवार्य किया गया-
[पटवार भर्ती परीक्षा, 2008]
(1) सन् 1978 ई. में
(2) सन् 1970 ई. में
(3) सन् 1967 ई. में
(4) सन् 1976 ई. में
Ans. (4)
- हिन्दी की लिपि कौनसी है?
(1) फारसी
(2) गुरुमुखी
(3) रोमन
(4) देवनागरी
Ans. (4)
- निम्नांकित में से कौनसी विशेषता देवनागरी में नहीं है-
[तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2013]
(1) इसमें जैसा उच्चारण होता है वैसा ही लिखा जाता है
(2) इसमें एक ध्वनि के लिये एक ही प्रतीक है
(3) इसमें शिरोरेखा का प्रयोग महत्त्वपूर्ण है
(4) विकास की दृष्टि से यह लिपि ब्राह्मी एवं खरोष्ठी की समकालीन है।
Ans. (4)
व्याख्या-
देवनागरी लिपि की विशेषताएँ-
- यह एक व्यवस्थित ढंग से निर्मित लिपि है।
- ध्वनियों का क्रम वैज्ञानिक है। स्पर्श ध्वनियों के वर्णन में प्रथम वर्ग कंठ्य ध्वनियों का है और अन्तिम वर्ग ओष्ठ्य ध्वनियों का।
- केवल उच्चरित ध्वनियों के लिए लिपि चिह्न है।
- छपाई एवं लिखाई के लिये एक ही रूप है।
- देवनागरी लिपि के सुधार के संदर्भ में ‘अ’ की बारहखड़ी को किसने भ्रामक माना था?
[ द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2014|
(1) महात्मा गाँधी ने
(2) बाबू श्याम सुन्दर दास ने
(3) आचार्य नरेन्द्र देव समिति ने
(4) काका कालेलकर समिति ने
Ans. (3)
- हिन्दी की उत्पत्ति किस अपभ्रंश से हुई –
(1) मागधी
(2) शौरसेनी
(3) अर्धमागधी
(4) नागर
Ans. (2)
- मानक हिन्दी से क्या तात्पर्य है –
(1) साहित्यिक पुस्तकों की भाषा
(2) साधारण बोलचाल की भाषा
(3) शिष्ट और सुशिक्षित लोगों की भाषा
(4) केवल पढ़ाई-लिखाई के काम में लायी जाने वाली भाषा
Ans. (3)
व्याख्या-
शिष्ट और सुशिक्षित लोगों द्वारा प्रयुक्त व्याकरण सम्मत् भाषा-रूप ही मानक रूप कहलाता है। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने देवनागारी लिपि तथा हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण किया है।
इसके अनुसार-
- मानक हिन्दी वर्णमाला इस प्रकार है- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए ऐ, ओ, औ
- कुछ व्यंजनों के परिवर्तित मानक रूप-ख, छ, झ, ध, भ
- शब्दों के लिखने में परिवर्तन-लट्टू, ब्रह्मा, विद्या, चिह्न
- मात्राओं के लगाने में परिवर्तन द्वितीय, बुद्धि मान, उद्धृत (इ की मात्रा को संबंधित व्यंजन से तत्काल पूर्व लगाया जाये)
- पंचम वर्ण को (अपने ही वर्ग के लिये) बिन्दु से दर्शाया जाये, जैसे-चंपक, हिंदी, गंगा।
- प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन नागपुर में कब हुआ था-
[ तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2013]
(1) 1995
(2) 1976
(3) 1675
(4) 1975
Ans. (4)
व्याख्या-
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10-12 जनवरी, 1975 को नागपुर (भारत) में आयोजित हुआ, इस सम्मेलन की अध्यक्षता मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. सर. शिवसागर रामगुलाम ने की। उस समय भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
तीसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन 28-30 अक्टूबर, 1983 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया तथा नवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन 22-24 सितम्बर, 2012 को जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में किया गया। इस सम्मेलन का मूल विषय था-‘भाषा की अस्मिता एवं हिन्दी का वैश्विक संदर्भ।’
उल्लेखनीय है कि चौथे विश्व हिन्दी सम्मेलन (मॉरीशस) से ही इन सम्मेलनों का आयोजन भारत सरकार की सहायता एवं सहयोग से भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा होने लगा।
- निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है-
(1) गुजराती
(2) उड़िया
(3) मराठी
(4) सिंधी
Ans. (3)
व्याख्या-
हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत, मराठी, नेपाली और कोंकणी भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। पंजाबी-गुरुमुखी लिपि में, उर्दू, अरबी, फारसी-फारसी लिपि में, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन-रोमन लिपि में तथा रूसी, बुलोरियन-रूसी लिपि में लिखी जाती है।
- प्रयाग की हिन्दी संस्था कौनसी है-
(1) राष्ट्रभाषा परिषद्
(2) भारतीय भाषा परिषद
(3) नागरी प्रचारिणी सभा
(4) हिन्दी साहित्य सम्मेलन
Ans. (4)
व्याख्या-
हिन्दी साहित्य सम्मेलन (प्रयाग) की स्थापना 1910 ई. में हुई तथा इसके प्रथम सभापति मदन मोहन मालवीय थे।
- पश्चिमी राजस्थान की बोली निम्नांकित में कौन-सी हैं-
[ द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2011]
(1) जयपुरी
(2) मारवाड़ी
(3) मेवाती
(4) मालवी
Ans. (2)
व्याख्या-
हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ और मुख्यतः 17 बोलियाँ प्रचलित है-
- राजस्थानी
(i) मारवाड़ी – (पश्चिमी राजस्थानी )
(ii) जयपुरी या ढूँढ़ाड़ी – (मध्य-पूर्वी राजस्थानी )
(iii) मेवाती – (उत्तर-पूर्वी राजस्थानी )
(iv) मालवी – (दक्षिणी-पूर्वी राजस्थानी
(v) निमाड़ी – (दक्षिणी राजस्थानी )
- पश्चिमी हिन्दी – (1. खड़ी बोली या कौरव, 2. बृजभाषा, 3. बाँगरू या हरियाणवी, 4. कन्नौजी, 5. बुंदेली)
- पूर्वी हिन्दी – (1. अवधी, 2. बघेली, 3. छत्तीसगढ़ी)
- बिहारी – (1. भोजपुरी, 2. मगही, 3. मैथिली)
- पहाड़ी – (1. पश्चिमी पहाड़ी, 2. मध्य पहाड़ी कुमायूँनी, गढ़वाली)
नोटः ये हिन्दी की उपभाषाएँ हैं, इसलिये इनके साथ ‘हिन्दी’ शब्द जोड़ना उपयुक्त समझा गया हैं इन्हें उपभाषा इसलिये कहा गया है कि एक इनके अन्तर्गत प्रत्येक प्रदेश की बोलियाँ और उपबोलियाँ है और दूसरे पहाड़ी हिन्दी को छोड़कर शेष सबकी किसी-न-किसी बोली में साहित्य मिलता है।
- पूर्वी हिन्दी की बोली नहीं है-
[B.Ed.-08.09.2021]
(1) अवधी
(2) खड़ी बोली
(3) छत्तीसगढ़ी
(4) बघेली
Ans. (2)
- ‘पूर्वी हिन्दी’ का उद्भव किस अपभ्रंश से हुआ?
[II Grade (Hindi)-22.12.2022]
(1) शौरसेनी
(2) अर्धमागधी
(3) केकय
(4) मागधी
Ans. (2)
- ‘कौरवी’ किस बोली को कहते है?
(1) मारवाड़ी
(2) खड़ी बोली
(3) अवधी
(4) छत्तीसगढ़ी
Ans. (2)
व्याख्या-
खड़ी बोली का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से माना जाता है। ‘खड़ी बोली’ पश्चिमी हिन्दी की बोली है और पश्चिमी हिन्दी शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित हुई है। खड़ी बोली के कई नाम बताये हैं- हिन्दुस्तानी, नागरी, सरहिन्दी और कौरवीय। खड़ी का अर्थ है-स्टैंडर्ड। वर्तमान साहित्यिक हिन्दी या सामान्यतः हिन्दी और उर्दू-ये दोनों खड़ी बोली पर आधारित हैं ग्रियर्सन ने इसे ‘देशी हिन्दुस्तानी’ कहा है। खड़ी बोली दिल्ली, मेरठ, सहारनपुर के आसपास बोली जाती हैं 14वीं शताब्दी में अमीर खुसरो ने पहली बार इसका प्रयोग अपनी कविता में किया था। अमीर खुसरो (प्रथम कवि) की पहेलियाँ तथा मुकरियाँ, मैथिलीशरण गुप्त के साकेत, यशोधरा, भारत-भारती, जयशंकर प्रसाद की कामायनी तथा रामधारी सिंह दिनकर के उर्वशी, कुरूक्षेत्र खड़ी बोली के श्रेष्ठ काव्य ग्रन्थ है।
- महात्मा गाँधी ने हिन्दी के प्रचार व प्रसार के लिए किस संस्थान की स्थापना की थी।
(1) गुजरात हिन्दी विद्यापीठ
(2) हिन्दुस्तान प्रचार सभा
(3) हिन्दी साहित्य सम्मेलन
(4) राष्ट्रभाषा प्रचार समिति
Ans. (4)
व्याख्या-
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति (वर्धा) की स्थापना 1936 ई. में की गई।
- ‘हिन्दी का पहला समाचार-पत्र उदंत मार्तण्ड कलकत्ता में कब प्रकाशित हुआ-
(1) सन् 1840
(2) सन् 1826
(3) सन् 1836
(4) सन् 1844
Ans. (2)
- खड़ी बोली का प्रयोग सर्वप्रथम किस पुस्तक में हुआ-
(1) भक्तिसागर
(2) सुखसागर
(3) काव्यसागर
(4) प्रेमसागर
Ans. (4)
व्याख्या-
सन् 1803 ई. में फोर्ट विलियम कॉलेज (कलकत्ता) के हिन्दी-उर्दू अध्यापक जॉन गिल क्राइस्ट ने हिन्दी और उर्दू दोनों में गद्य पुस्तकें तैयार करवाई। इसी कॉलेज के लल्लूलाल ने प्रेम सागर लिखी थी।
- उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा 1947 में गठित ‘देवनागरी लिपि सुधार समिति’ के अध्यक्ष कौन थे?
[ द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-01.07.2017]
(1) काका कालेलकर
(2) आचार्य नरेन्द्र देव
(3) महादेव गोविन्द रानाडे
(4) विनोबा भावे
Ans. (2)
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