Human Diseases Causes and Prevention PYQ

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मानव रोग कारण एवं निवारण

1. सर्वप्रथम ‘जीवाणु’ का पता किसने लगाया ?
(1) लुई पाश्चर
(2) ल्यूवेन हॉक
(3) एडवर्ड जेनर
(4) जोन्स साल्क
Ans. (2)
व्याख्या-
जीवाणु (Bacteria) शब्द का प्रयोग सबसे पहले सन् 1838 ई. में एहरेनबर्ग (Ehrenberg) ने किया था। बैक्टीरिया की खोज एण्टोनीवॉन ल्यूबेनहॉक ने की थी। इसलिए इन्हें ‘जीवाणु विज्ञान का पिता’ कहा जाता है। जीवाणु द्वारा होने वाली बीमारी है- टिटनेस, हैजा, टायफॉइड (मियादी बुखार), टी.बी., डिप्थीरिया, प्लेग, निमोनिया, गोनोरिया, सिफलिस आदि जिनसे मानव प्रभावित होते हैं। बैसिलस एन्चैसिस द्वारा पशुओं में एन्थैक्स तथा साल्मोनेला द्वारा चिकन कॉलरा की बीमारी होती है। पोटैटो बिल्ट, सिट्स कैंकर, ब्लैक रॉट ऑफ कैबेज आदि पौधों में पायी जानी वाली बीमारियां जीवाणुओं से होती हैं।

2. कौनसा रोग जीवाणु द्वारा होता है?
[LDC-12.08.2018](1) पोलियो
(2) फाइलेरियासिस
(3) टायफॉइड
(4) हीमोफीलिया
Ans. (3)

3. जीवाणु जनित रोग के उदाहरण को चुनिए-
1. कुष्ठ रोग
2. क्षय रोग
3. डिप्थीरिया
4. टिटनेस सही विकल्प चुनिए-
[III Grade (L-II) -25.2.2023](1) 1 और 2
(2) 1, 2 और 3
(3)2, 3 और 4
(4) 1, 2, 3 और 4
Ans. (4)

4. निम्नलिखित में से कौन जीवाणु/बैक्टीरिया जनित बीमारी नहीं है?
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-14.07.2018(1)](1) मियादी बुखार
(2) हैजा
(3) यक्ष्मा (तपेदिक)
(4) एड्स
Ans. (4)

5. कौनसे जीवाणु में सूजाक रोग होता है?
[REET (L-II, S-I)-24.7.2022](1) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस
(2) कोरीनेबैक्टीरियम डिफ्थेरीयाई
(3) माइकोबैक्टीरियम लेपरी
(4) नीस्सेरिया गोनेरियाई
Ans. (4)

6. यौन संचारित रोग का उदाहरण है?
[REET (L-II, S-II)-24.07.2022](1) टी.वी.
(2) कैंसर
(3) गोनोरिया
(4) न्यूमोनिया
Ans. (3)

7. बैक्टीरिया जनक संक्रामक रोग जिसका संक्रामण लैंगिक सम्पर्क से होता है-
[Stenographer: 30.05.2013]1. एड्स
2. उपदंश
3. सुजाक
(1) 1 एवं 2
(2) 2 एवं 3
(3) 1 एवं 3
(4) 1, 2एवं 3
Ans. (2)

8. न्यूमोनिया का रोगजनक है-
[RPSC LDC – 23.10.2016](1) जीवाणु
(2) कवक
(3) प्रोटोजोआ
(4) विषाणु
Ans. (1)
व्याख्या –
निमोनिया Diplococcus Pneumoniae (डिप्लोकेकस न्यूमोनी) नामक जीवाणु से होता है। इस रोग में फेफड़ा प्रभावित होता है। इसमें सूजन आ जाती है। रोगी को तेज बुखार तथा सांस लेने में कठिनाई होती है।

9. कौनसे जीवाणु से मानव में प्लूरीसी रोग होता है?
[REET (L-II, S-II) -23.07.2022](1) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस
(2) कोरनेबैक्टभरियम डिफ्थेरीयाई
(3) माइकोबैक्टीरियम लेपरी
(4) नीस्सेरिया गोनेरियाई
Ans. (1)
व्याख्या –
प्लूरिसी (फेफड़ों सम्बन्धित बीमारी, जिसमें सीने में तेज दर्द होता है) एवं तपेदिक (T.B.) नामक रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuber-culosis) जीवाणु द्वारा होता है, इसे यक्ष्मा भी कहा जाता है। इसकी खोज रॉबर्ट कोच ने की थी। इसके लिए BCG का टीका लगाया जाता है। स्वास्थ्य संस्थान में जन्म लेने वाले सभी बच्चों को बी.सी.जी. टीका और पोलियो की अतिरिक्त खुराक (जीरो डोज) जन्म के समय दी जाती है। शिशुओं को बी.सी.जी. का टीका 12 माह की आयु पर लगता है।

10. बी.सी.जी. वैक्सिन किससे प्रतिरक्षा के लिए दिया जाता है-
[पटवार-23.10.2021]
[स्टेनोग्राफर -21.03.2021]
[क. लेखाकार-11.2.2024][Police Constable-2005, (Mahila) 2007](1) हेपैटाइटिस
(2) पीलिया
(3) यक्ष्मा
(4) मलेरिया
Ans. (3)

11. भारत में सर्वाधिक होने वाली TB (तपेदिक) है-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) यकृत की
(2) रक्त की
(3) अस्थि की
(4) फेफड़ों की
Ans. (4)

12. DOTS प्रोग्राम का सम्बन्ध किस रोग से है-
[Stenographer Exam: 30.05.2013](1) एड्स
(2) क्षय रोग
(3) पोलियो
(4) कैन्सर
Ans. (2)
व्याख्या-
डायरेक्टली ऑब्जर्वड ट्रीटमेंट, शॉर्ट कोर्स यानि डॉट्स (DOTS) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्य टीबी की रोकथाम हेतु 6-8 महीने में पूर्ण इलाज की एक मुहिम है।

13. टायफॉइड का कारण है-
[Stenographer-30.05.2013](1) एशचेरिचिया
(2) सॉल्मोनेला
(3) माइकोबैक्टीरियम
(4) जियार्डिया
Ans. (2)
व्याख्या –
मोतीझरा/आन्त्रज्वर/टायफॉइड (Typhoid) संक्रामक रोग है। यह छोटी आंत को प्रभावित करता है। छोटी आंत, आहारनाल का भाग होती है। अतः कहा जा सकता है कि टायफॉइड से आहार नाल प्रभावित होती है। यह रोग सॉल्मोनेला टायफोसा (Salmonella typhosa) नामक जीवाणु से होता है। इस रोग को ‘मियादी बुखार’ तथा ‘आँत का बुखार’ के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग पानी की गंदगी तथा संदूषित खाद्य द्वारा फैलता है।
इस रोग का वाहक मक्खियाँ होती हैं। इस रोग से बचाव के लिए क्लोरोमाइसिटीन वर्ग की एन्टिबायोटिक दवा लेनी चाहिए। इसमें रोगी को सिरदर्द व तेज बुखार रहता है। टायफॉइड के परीक्षण के लिए विडाल टेस्ट का उपयोग किया जाता है। बचाव हेतु टायफाइड रोधी टीके T.A.B. में प्रयुक्त करते हैं।

14. टाइफॉइड (मियादी बुखार )…. के कारण होता है-
[कर सहायक परीक्षा- 14.10.2018](1) विषाणु
(2) जीवाणु
(3) कवक
(4) परजीव
Ans. (2)

15. मियादी बुखार की पुष्टि किस टेस्ट के द्वारा होती है?
[ANM-03.02.2024][कनिष्ठ लेखाकार- 04.10.2016](1) कूम्ब टेस्ट
(2) विडाल टेस्ट
(3) मनटूक्स टेस्ट
(4) कास्टल मेयर टेस्ट
Ans. (2)

16. टीका जो मोतीझरा (Typhoid) से सुरक्षा प्रदान करता है-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) DPT
(2) TAB
(3) BCG
(4) OPV
Ans. (2)

17. निम्नलिखित में से संक्रामक रोग कौन सा है?
[Nurse-03.02.2024](1) ब्लड कैंसर (रक्त कैंसर)
(2) हीमोफीलिया
(3) मधुमेह
(4) टाइफाइड
Ans. (4)

18. हैजा के रोगाणुओं की खोज किसने की थी?
(1) रॉबर्ट कोच
(2) रेने लैन्नेक
(3) ड्रेसर
(4) हैनसेन
Ans. (1)
व्याख्या-
रॉबर्ट कोच ने वर्ष 1905 में हैजा के रोगाणुओं विब्रियो कालेरी की खोज की थी जिसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हैजा एक संक्रामक रोग है जो कॉलेरा विब्रियो (Cholera Vibrio) नामक जीवाणु से होता है। इसमें उल्टी-दस्त के साथ हाथ, पैर में ऐंठन होती है।

19. संक्रामक रोग हैजा का कारण है-
[RTET (L-II), 2012](1) विब्रियो कॉलेरा
(2) माइकोबैक्ट्रीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस
(3) माइकोबैक्टीरियम लेप्री
(4) क्लोस्ट्रीडियम टिटेनी
Ans. (1)

20. ‘काली मौत’ किसे कहते हैं?
(1) कैंसर
(2) प्लेग
(3) एड्स
(4) गनोरिया
Ans. (2)
व्याख्या-
प्लेग को काली मौत भी कहते हैं। इस रोग में मिचली, वमन, तिल्ली बढ़ना और रक्तस्रावी दाने निकलना आदि कारणों से रोगी का शरीर काला पड़ जाता है जिससे इस रोग को ‘काली मौत’ नाम सार्थक होता है।

21. प्लेग किससे फैलता है?
(1) जीवाणु
(2) प्रोटोजोआ
(3) विषाणु
(4) उपर्युक्त सभी
Ans. (1)
व्याख्या-
प्लेग एक जीवाणु जनित रोग होता है। यह रोग चूहों के शरीर में पाये जाने वाले पिस्सू के माध्यम से फैलता है। यह एक संक्रामक रोग होता है। प्लेग से पीड़ित व्यक्ति के सम्पर्क में रहने से यह रोग दूसरों को भी हो जाता है।

22. कौनसे जीवाणु से मानव में ‘काली खांसी’ रोग होता है?
[REET (L-II, S-II) -24.07.2022](1) बोरडीटेला परटुसिस
(2) कोरीनेबैक्टीरियम डिफ्थेरीयाई
(3) माइकोबैक्टीरियम लेपरी
(4) नीस्सेरिया गोनेरियाई
Ans. (1)

23. कौनसा रोग दुग्ध-जनित नहीं है?
[ANM-03.02.2024](1) क्षय होम (टीबी)
(2) ब्रुसेलोसिस
(3) डिप्थीरिया (गलघोटू)
(4) परट्यूसिस (काली खांसी)
Ans. (4)

24. कौन-सा जीव काला-अजार बीमारी का कारण है?
[बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक – 18.06.2022](1) अमीबा
(2) प्लाज्मोडियम
(3) प्लेनेरिया
(4) लीज़मैनिया/लीशमैनिया
Ans. (4)
व्याख्या-
काला-अजार रोग प्रोटोजोआ लीशमैनिया डोनोवानी के कारण होता है। कालाजार ‘सिकता मक्खी’ (Sandfly) से संचारित होता है। कालाजार का सबसे ज्यादा असर प्लीहा, लिवर तथा मेरुरज्जू पर पड़ता है।

25. Lock Jaw रोग है-
जेल प्रहरी-28.10.2018 (Shift-III)](1) प्रोटोजोआ जनित
(2) फफूंद जनित
(3) विषाणु जनित
(4) जीवाणु जनित
Ans. (4)
व्याख्या –
टिटेनस एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और पूरे शरीर में मांसपेशियों को कसने का कारण बनता है। टिटेनस ‘क्लॉस्ट्रीडियम टिटेनी द्वारा प्रसरित होता है यह एक जीवाणु है। इस रोग के उपचार हेतु DPT का टीका लगाया जाता है। टिटेनस की अंतिम अवस्था ‘लॉक-जॉ’ हैं। लॉक जॉ रोग बैसिलस टिटेनी नामक जीवाणु से होता है जो अधिकांशतः जंग लगे लोहे पर, घोड़े की लीद या मल में पाया जाता है। इस रोग को ‘धनुष्टंकार’ भी कहा जाता है। लॉक जॉ (lock jaw) यानी जबड़ा जाम होना एक ऐसी समस्या है जब अचानक से आपका मुँह खुलना बंद होना, बंद हो जाए और जबड़ा एक जगह अटक जाए। इससे आप चबा नहीं पाएं और बोलने में भी परेशानी होगी। इससे व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र में संक्रमण फैलने लगता है।

26. टिटेनस किस वजह से होता है-
[RPSC LDC-11.1.2014](1) बैक्टीरिया से
(2) कवक से
(3) वाइरस से
(4) माइकोप्लाज्मा से
Ans. (1)

27. ‘एड्स’ वायरस क्या होता है ?
(1) एक सूत्री आर.एन.ए.
(2) दोहरी सूत्री आर.एन.ए.
(3) एक सूत्री डी.एन.ए.
(4) दोहरी सूत्री डी.एन.ए.
Ans. (1)
व्याख्या- एड्स वायरस का नाम है। एच.आई.वी. जिसका पूरा नाम है मानव प्रतिरक्षा विषाणु (Human Immuno Deficiency Virus) एच. आई.वी. लगभग 90-120 मिमी. व्यास का एक गोलाकार विषाणु होता हैं इसमें एकसूत्री आर. एन. ए. के समान टुकड़े होते है। यह चारों ओर से ग्लाइको प्रोटीन्स के दोहरे आवरण से घिरा रहता है। एच. आई. वी. के कारण होने वाले रोग को एड्स (Acquired Im,muno De-ficiency syndrome) कहते हैं जिसमें मानव की प्रतिरक्षा क्षमता कम (श्वेत रक्त कोशिकाएँ कमजोर) हो जाती है। एड्स के संक्रमण के तीन मुख्य कारण हैं- असुरक्षित यौन संबंधों, संक्रमित रक्त के आदान-प्रदान तथा माँ से शिशु में संक्रमण द्वारा। एड्स का कोई इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन एंटी-रेट्रोवायरल रेजीम (एआरवी) का सख्ती के साथ पालन करने से काफी हद तक इस रोग का बढ़ना कम हो जाता है।

28. HIV विषाणु की लक्ष्य कोशिकाएँ कौनसी हैं?
[Nurse-03.02.2024](1) श्वेत रूधिर कोशिकाएँ
(2) लाल रूधिर कोशिकाएँ
(3) तंत्रिका कोशिकाएँ
(4) जननीय कोशिकाएँ
Ans. (1)

29. AIDS किसके कारण होता है?
[PSI Exam. 2007][Police Constable (Hada Rani B.)Exam-2009](1) विषाणु
(2) प्रोटोजोआ
(3) जीवाणु
(4) कवक (फंगस)
Ans. (1)

30. एच.आई.वी. के लिए प्रयुक्त है-
[LDC-23.10.2016](1) ह्यूमन इम्यूनो-डेफिसिएंसी वायरस
(2) ह्यूमन इम्यूनो-डेफिसिएंसी वैल्यू
(3) हाई इम्यून-डेफिसिएंट वैल्यू
(4) हाई इम्यन-डेफिसिएंसी वायरस
Ans. (1)

31. AIDS नामक बीमारी किससे होती है?
[Police Constable Exam-2007(I)](1) रोगी के साथ भोजन करने से
(2) पानी द्वारा
(3) रोगी के कपड़े इस्तेमाल करने से
(4) संक्रमित खून चढ़ाने से
Ans. (4)

32. एड्स के उपचार में किस प्रकार की औषधियों का प्रयोग होता है?
[Police Constable-2006-07](1) एण्टीबॉयोटिक
(2) एण्टीरेट्रोवायरल
(3) एण्टीबॉडीज
(4) एण्टीसेप्टिक
Ans. (2)

33. HIV संचरण के विषय में निम्न में से सही कथन की पहचान करें।
[ANM-03.02.2024](1) HIV-संक्रमित महिला अपने गर्भ या शिशु को जन्म देने से पूर्व, जन्म देते समय या जन्म देने के बाद HIV संचरित कर सकती है।
(2) भारत के कई जिलों में गर्भवती स्त्रियों में HIV का पाया जाना 1% से कम है।
(3)HIV के 90% पैरीनेटल संक्रमण गर्भाशय में होते हैं या-जन्म प्रक्रिया के दौरान होते हैं।
(4) HIV-संक्रमित गर्भिणी अपने गर्भ या नवजात शिशु-में वाइरस को संचरण करने की लगभग 90% संभावना रखती है।
Ans. (1)

34. ‘एलिसा’ परीक्षण द्वारा किसका निदान करते हैं?
[वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक – 19.06.2022](1) ‘पोलियो-वाइरस’ का
(2) ‘एड्स’ के प्रतिरक्षियों का
(3) यक्ष्मा (T.B.) के कीटाणुओं का
(4) कैंसर का
Ans. (2)
व्याख्या-
‘एड्स’ के प्रतिरक्षियों के प्रारम्भिक जांच हेतु एलिसा (Enzyme Linked Immunoe Sorobent Assay) परीक्षण किया जाता है। एलिसा परीक्षण की पुष्टि हेतु वेस्टर्न ब्लॉक नामक परीक्षण किया जाता है। एलिसा युक्ति में एक प्लेट होती है, जिसमें खाली जगह होती हैं। इन जगहों में रक्त की जांच से पहले रासायनिक पदार्थ डाला जाता है। यदि रक्त एच.आई.वी. पॉजिटिव है तो उसमें परिवर्तन देखा जाता है।

35. पी.सी.आर. से जाँच होती है-
[Patwar Exam-13.02.2016](1) H.I.V.
(2) कैंसर
(3) क्षय रोग
(4) हैजा की
Ans. (1)
व्याख्या-
आण्विक जीवविज्ञान में, पॉलिमरेज़ श्रृंखला अभिक्रिया (polymerase chain reaction -PCR), किसी डी.एन.ए. सेगमेण्ट की एकाधिक प्रतिरूप तैयार करने के लिए बहुतायत में उपयोग में लायी जाने वाली एक विधि है। इसके लिए एक डी एन ए प्राइमर एवं टॉर्क (Torque) पॉलिमरेज़ की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रयोग किया जाने वाला उपकरण थर्मोसाइकिलर होता है। पीसीआर टेस्ट के दौरान सेल से न्यूक्लियस व डीएनए को अलग कर सैंपल की जांच की जाती है।

36. पीलिया जिसकी बीमारी है-
[कनिष्ठ लेखाकार-04.08.2015](1) वृक्क
(2) अग्न्याशय
(3) लीवर (यकृत)
(4) आँख
Ans. (3)
व्याख्या:-
पीलिया या हिपैटाइटिस (Jaundice) -यह वायरस जनित यकृत का रोग है, जिसमें यकृत उत्पन्न पीत वर्णक का पूरी तरह उपचय नहीं हो पाता इसलिए आँखे तथा त्वचा पीली हो जाती है।
लक्षण : पित्तवर्णक बिलीरुबिन (bilirubin) का निर्माण, मृत RBCs के हीमोग्लोबिन से यकृत कोशिकाओं द्वारा किया जाता है। यह रक्त की जगह पित्त रस में मिलता है। पित्त रस के साथ वह आँत में जाता है और मल के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। कभी-कभी यकृत कोशिकाओं में एक विषाणु का संक्रमण या अवरोधक होने से जब यकृत कोशिकाएँ रक्त से बाइलिरुबिन लेना बंद कर देती है तो रक्त में इस वर्णक की मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर की त्वचा, नाखून, आँखों की झिल्ली इत्यादि का रंग पीला दिखाई देने लगता है। इसे ही पीलिया रोग कहते हैं। इसमें पेशाब भी पीला हो जाता है। उपचार : इसके उपचार हेतु रोगी को लीवर के इन्जेक्शन, दही, गन्ने का सेवन तथा पूर्ण आराम करना चाहिए।

37. पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में….. का संचय हो जाता है-
[CET-4.2.2023 (S-1)](1) ग्लोबुलिन
(2) हीमोग्लोबिन
(3) बिलीरुबिन
(4) एल्युमिन
Ans. (3)

38. निम्नलिखित में से कौन सा रोग मच्छर के काटने से नहीं होता है?
[Police Constable (Hada Rani B.)-2009](1) मलेरिया
(2) डेंगू
(3) चिकनगुनिया
(4) हेपेटाइटिस
Ans. (4)

39. निम्नलिखित में से कौनसा विषाणु फल चमगादड़ द्वारा फैलता है-
[CET-11.2.2023 (S-II)](1) निपाह वायरस
(2) डेंगू वायरस
(3) हेपेटाईटिस बी वायरस
(4) एच आई वी
Ans. (1)
व्याख्या-
निपाह (Nipah) वायरस फल खाने वाले चमगादड़ एवं सूअर से मनुष्यों में फैलता है। इसके प्रकोप से केरल के कोझीकोडे एवं मल्लपुरम में अनेक व्यक्तियों हुई।

40. निम्न में से किस बीमारी के लिए ट्राइवेलेंट के स्थान पर बाईवेलेंट ‘ओ आर वी’ देने का निर्णय भारत सरकार ने लिया है?
[R.A.S. Pre. Exam.-28.08.2016](1) मलेरिया
(2) पोलियो
(3) डिप्थीरिया
(4) टाइफॉइड
Ans. (2)
व्याख्या –
जोनास सॉल्क द्वारा विकसित किया गया और 1952 में उसका पहला परीक्षण किया गया। विश्व में पोलियो वायरस के तीन टाइप 1,2 और 3 मिलते हैं। वैश्विक स्तर पर पोलियो से निपटने के लिये 1961 में अल्बर्ट सैबिन ने ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) यानी ट्राइवेलेंट टीके की खोज की। इनमें पोलियो के तीन टाइप के वायरस जीवित मगर कमजोर अवस्था में रहते हैं। ये ट्राइवेलेंट टीका लगने पर हमारा शरीर पोलियो के तीनों टाइप के वायरस के प्रति एंटीबॉडी बना लेते है। जब कभी बच्चा पोलियो वायरस की चपेट में आता था तो पहले से बने हुए एंटीबॉडी उसकी सुरक्षा करते हैं। भारत सरकार ने भी वर्ष 2016 में ओरल पोलियो वैक्सीन के मौजूदा ट्राइवेलेंट वैक्सीन के स्थान पर बाइवेलेंट वैक्सीन देने का निर्णय लिया। बाइवेलेंट वैक्सीन 1 और 3 प्रकार के पोलियो के लिए है।

41. निम्न में से किस बीमारी का टीका बूँद के रूप में मुँह से पिलाया जाता है?
[Police Constable Ex.-07(I)](1) टाइफाइड
(2) टिटनस
(3) पोलियो
(4) टी. बी.
Ans. (3)

42. पोलियो का टीका प्रथम बार जिन्होंने विकसित किया-
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.08.2015](1) जोनस साल्क
(2) अलबर्ट साबिन
(3) थॉमस फ्रांसिस
(4) वाटसन होम
Ans. (1)
व्याख्या-
पोलियो वैक्सीन दो प्रकार के होते हैं-
(1) निष्क्रिय पोलियो वायरस (IPV) जिसे साल्क टीका कहा गया जो कि जोनस साल्क के द्वारा विकसित किया गया।
(2) मौखिक पोलियो वैक्सीन (OPV) जिसे सेबिन टीका कहा गया जो कि अल्बर्ट सेबिन के द्वारा विकसित किया गया।

43. पोलियो का विषाणु (वायरस ) शरीर में किस प्रकार प्रवेश करता है?
(1) मच्छर के काटने से
(2) किलनी के काटने से
(3) संदूषित खाद्य व पानी से
(4) लार व नाक के स्राव से
Ans. (4)
व्याख्या –
पोलियो के विषाणु (वायरस) का शरीर में प्रवेश लार और नाक के स्राव से होता है जो रक्त तथा लिम्फ सिस्टम पर अपना प्रभाव डालता है।

44. डेंगू रोग का रोगजनक है?
[RTET (L-II), 2011]
[PSI Exam. 2007][R.A.S. Pre Exam, 1996](1) प्लाज्मोडियम
(2) जीवाणु
(3) विषाणु
(4) मच्छर
Ans. (4)

45. किस रोग के कारण रक्त में प्लेट्लेट्स की संख्या कम हो जाती है?
[REET (Level-1, S-I) -23.07.2022](1) चिकन पॉक्स
(2) मधुमेह
(3) अमीबाएसिस
(4) डेंगू
Ans. (4)

46. निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी वायरस द्वारा होती है-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-20.12.2015 (TSP)](1) टायफाइड
(2) हैजा
(3) दाद
(4) डेंगू बुखार
Ans. (4)

47. वायरस जनित रोग है-
[REET L-II, 26.09.2021](1) टायफॉइड
(2) मलेरिया
(3) रेबीज
(4) दस्त
Ans. (3)
व्याख्या –
रेबीज रोग पागल कुत्ते के काटने से होता है जिसके लार में लाइसा वायरस टाइप-1 रहता है जो कुत्ते के काटे जाने पर लार के साथ मनुष्य के रुधिर में पहुँच जाता है। यह एक घातक विषाणु-जन्य रोग है जो कि केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसे हाइड्रोफोबिया भी कहते हैं। वायरस जनित बीमारियों के लिए दुनिया का पहला टीका (रेबीज) लुई पॉश्चर ने 6 जुलाई, 1985 में विकसित किया, अतः इन्हें ‘फादर ऑफ माइक्रोबॉयोलॉजी’ कहा जाता है।

48. रैबीज (अलर्क) किसके द्वारा होता है?
[REET (Level-1, S-I) -23.07.2022](1) जीवाणु (बैक्टीरिया)
(2) विषाणु (वायरस)
(3) कवक (फंगस)
(4) शैवाल
Ans. (2)

49. डेंगू ज्वर के विषय में निम्नलिखित में से क्या सही है-
[CHO-03.03.2024]1. यह सर्वाधिक सामान्य रूप से पाया जाने वाला संवाविषाणुक (आर्बोवाइरल) संक्रमण है।
2. पिछले 2-3 दशकों से भारत में इसका संपात कम हो रहा है।
3. महामारी तथा स्थानिक रोग, दोनों ही रूपों में हो सकता है।
4. यह परिवेशी तापमान पर जीवित रहता है।
(1) केवल 1
(2) केवल 1 और 2
(3) केवल 1,3 और 4
(4) केवल 2, 3 और 4
Ans. (3)

50. निम्न में से कौनसे रोग संवाहक द्वारा जनित है?
[ANM-03.02.2024](1) डेंगु और टायफाइड
(2) चिकनगुनिया और एड्स
(3) डेंगु और चिकनगुनिया
(4) मलेरिया और टायफाइड
Ans. (3)

51. मलेरिया का परजीवी, लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके, निम्नलिखित में से किस अंग को प्रभावित करता है?
[कनिष्ठ लेखाकार-11.02.2024](1) यकृत
(2) छोटी आँत
(3) आमाशय
(4) मस्तिष्क
Ans. (1)

52. मलेरिया नामक रोग कौन से मच्छर के काटने से फैलता है?
[RPSC LDC-11.01.2014](1) क्यूलेक्स
(2) ऐनॉफेलीज मादा मच्छर
(3) डेंगी
(4) नर एनोफेलीज मच्छर
Ans. (2)
व्याख्या- मलेरिया रोग मादा ऐनॉफेलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मादा एनाफिलिज मच्छर के लार ग्रंथि में पाये जाने वाले प्लाज्मोडियम के स्पोरोजोइट के कारण होता है। जिसमें प्लाज्मोडियम श्रेणी के जन्तु जैसे प्लाज्मोडियम मलेरी, प्लास्मोडियम फैल्सीपेरम, प्लास्मोडियम ओवेल, प्लास्मोडियम विवैक्स इत्यादि प्रजाति मलेरिया फैलाते हैं। मलेरिया रुधिर में लाज्मोडियम गण के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। मुख्यतः पाँच प्रकार के ‘प्लाज्मोडियम परजीवी’ मनुष्य को प्रभावित करते हैं जिसमें से सर्वाधिक खतरनाक (दुर्दम) प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) माना जाता है। प्लास्मोडियम मलेरिया एक प्रकार का प्रोटोजोआ है, जो बेनाइन मलेरिया के लिये जिम्मेदार है।

53. प्लास्मोडियम परजीवी का वाहक है :
[RAS-2010](1) टिक
(2) मच्छर
(3) मक्खी
(4) जूँए
Ans. (2)

54. मलेरिया का वाहक परपोषक है-
[Stenographer Exam: 30.05.2013](1) मादा क्यूलेक्स मच्छर
(2) नर एनाफेलीज मच्छर
(3) नर एडीज मच्छर
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (4)

55. निम्नलिखित में से किस रोग में रोगकारक एक प्रोटोजोआ हैं-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-29.11.2015 (Non-TSP)](1) टायफॉइड
(2) निमोनिया
(3) स्वाइन फ्लू
(4) मलेरिया
Ans. (4)

56. दुर्दम (मेलिगनेंट) मलेरिया होता है-
[R.A.S. Pre Exam, 27.10.2021](1) प्लास्मोडियम विवैक्स
(2) प्लास्मोडियम ओवेल
(3) प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम
(4) प्लास्मोडियम मलेरिये
Ans. (3)

57. कुनैन जो मलेरिया के लिए एक प्रमुख औषधि है, वह प्राप्त होती है-
[R.A.S. Pre Exam, 1996](1) आवृत्तबीजी पादप से
(2) बैक्टीरिया से
(3) यीस्ट से
(4) शैवाल से
Ans. (1)
व्याख्या-
मलेरिया रोग में ठण्ड के साथ तेज बुखार, तेज पसीना आता है। मलेरिया से बचाव के लिए (D.D.T. डाइक्लोरो डाइफेनाइल ट्राइक्लोरोइथेन, B. H.C. के छिड़काव के द्वारा) मच्छरों को समाप्त किया जाना चाहिए तथा कुनैन (जो कि सिनकोना की छाल से प्राप्त होती है), क्लोरोक्वीन दवा उपयोग में लेनी चाहिए। गैंबुसिया फिश को तालाबों में छोड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

58. मलेरिया बुखार का लक्षण नहीं है-
[Stenographer Exam: 30.05.2013](1) ठंड लगना
(2) तेज बुखार
(3) अत्यधिक पसीना
(4) लकवा
Ans. (4)

59. सिन्कोना से प्राप्त मलेरिया की दवा का नाम बताइये-
[CET-4.2.2023 (S-1)](1) एट्रोपीन
(2) सिन्कोनिन
(3) निकोटिन
(4) कुनैन
Ans. (4)

60. मलेरिया परजीवी के जीवन चक्र में विभिन्न चरणों का सही क्रम क्या है?
[RPSC LDC-11.01.2014](1) ऊकाइनीट, जाईगोट, स्पोरोजॉइट, ऊसिस्ट
(2) जाईगोट, ऊकाइनीट, ऊसिस्ट, स्पोरोजॉइट
(3) जाईगोट, ऊकाइनीट, स्पोरोजॉइट, ऊसिस्ट
(4) ऊकाइनीट, जाईगोट, ऊसिस्ट, स्पोरोजॉइट
Ans. (2)
व्याख्या-
रोगवाहक मच्छर, संक्रमित मानव को दंशन द्वारा उसके रक्त से मलेरिया परजीवी को ग्रहण कर लेते हैं। रक्त कोशिकाओं में उपस्थित परजीवी के नर व मादा जननाणु (गेमीटोसाइट) मच्छर के पेट में विकसित होते हैं और फिर संयोजित होकर युग्मक (जाइगोट) बनाते हैं, जो मच्छर की उदर की दीवार में पलने लगते हैं। परिपक्व होने पर ये फटते हैं और इनसे निकलने वाले बीजाणु (स्पोरोजॉइट) मच्छर की लार-ग्रंथियों में पहुँच जाते हैं। जब मच्छर स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो त्वचा में लार के साथ-साथ स्पोरोजॉइट भी मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

61. निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित हैं-
[ACF & FRO Exam – 18.02.2021](1) ऐस्कारिस लम्ब्रीकोइडीज – विषाणु
(2) साल्मोनैला टाइफी – माइकोप्लाज्मा
(3) एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका प्रोटोजोआ
(4) प्लाज्मोडियम वाइवेक्स – जीवाणु
Ans. (3)
व्याख्या –
अमीबायसिस को एंटअमीबायसिस भी कहते हैं। एंटअमीबा हिस्टोलिटिका एक माइक्रोऑर्गेनिज्म फाइलम प्रोटोजोआ है, जो अपना जीवन पैरासाइट (परजीवी) के रूप में बिताता है, जिसके कारण पेचिश की बीमारी होती है। यह परजीवी बड़ी आंत के अगले भाग में रहता है। यह प्रदूषित जल में रहता है। इसी इंटेस्टाइनल प्रोटोजोआ पैरासाइट के कारण एमीबायसिस रोग होता है। ये माइक्रोस्कोपिक ऑर्गेनिज्म अमीबा की एक प्रजाति है, जो के तहत आता है।

62. पेयजल में ‘एंटअमीबा हिस्टोलिटिका’ का होना एक संकेत है-
(1) बैक्टीरियाई प्रादुर्भाव का
(2) प्रदूषित जल का
(3) स्वच्छ जल का
(4) कार्बनिक द्रव्य के क्षय का
Ans. (2)

63. मच्छर से फैलने वाला रोग है
[Stenographer: 30.5.2013]1. मलेरिया 2. पीतज्वर 3. कैन्सर
(1) 1 और 3
(2) 2 एवं 3
(3) 1 एवं 2
(4) 1, 2 और 3
Ans. (3)
व्याख्या –
पीतज्वर (Yellow Fever) एक संक्रामक तथा तीव्र रोग हैं, जो सहसा आरंभ होता है। इसमें ज्वर, वमन, मंद नाड़ी, मूत्र में ऐल्वुमेन की उपस्थिति, रक्तस्राव तथा पीलिया के लक्षण होते हैं। इसमें तेज बुखार आता है और यकृत को बहुत हानि होती है। इस रोग का कारक एक सुक्ष्म विषाणु होता है, जिसका संवहन एडीज ईजिप्टिआई (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों द्वारा होता है। यह रोग कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है।

64. पीत ज्वर (Yellow Fever) रोग है-
[जेल प्रहरी परीक्षा-27.10.2018 (Shift-I)](1) विषाणु जनित
(2) जीवाणु जनित
(3) प्रोटोजोआ जनित
(4) इनमें से कोई नहीं.
Ans. (1)

65. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग आमतौर पर पिस्सू (फ्लीज) द्वारा फैलाया जाता है?
[P.S.I. Exam, 2011](1) चेचक
(2) टेटनेस
(3) सन्निपात
(4) पीला बुखार
Ans. (4)

66. उल्टी एवं दस्त लगने पर शरीर के निर्जलीकरण के दौरान निम्न में से किसकी कमी हो जाती है ?
[Police Constable Exam-2006-07](1) सोडियम क्लोराइड
(2) पोटेशियम क्लोराइड
(3) कैल्शियम क्लोराइड
(4) हीमोग्लोबिन
Ans. (1)
व्याख्या –
उल्टी-दस्त से शरीर में सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, हाइड्रो क्लोराइड की कमी हो जाती है। इससे हाथ-पैरों में दर्द, आंतों का मूवमेंट और हार्ट की गति कम हो जाती है।

67. कौन सी बीमारी महामारी में नहीं आती है-
[P.S.I. 1996](1) कैन्सर
(2) मलेरिया
(3) हैजा
(4) प्लेग
Ans. (1)
व्याख्या –
एक बीमारी, जिसमें असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं और शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देती हैं। इसके प्रकारों में स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर (पुरुष के प्रोस्टेट का कैंसर), बेसल सेल कैंसर (त्वचा का कैंसर), मैलेनोमा (त्वचा कैंसर के सबसे गंभीर प्रकार), कोलोरेक्टल कैंसर (पाचन तंत्र के निचले भाग पर स्थित कोलन या रेक्टम का कैंसर), फेफड़ों का कैंसर (धुम्रपान, रैडॉन गैस, एस्बेस्टॉस से हुआ श्वेत फुफ्फस कैंसर), रक्त का कैंसर, लिम्फोमा आदि प्रमुख है। कीमोथैरेपी का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।

68. किसके इलाज में ‘कीमोथैरेपी’ (Chemotherapy) उपयोग किया जाता है?
(1) कैंसर
(2) ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी)
(3) हेपेटाइटिस ‘ए’
(4) आर्थराइटिस
Ans. (1)

69. श्वेत फुफ्फस कैंसर का मूल कारण है-
[ACF & FRO Exam – 18.02.2021](1) ऐस्बेस्टॉस
(2) कपास के रोऐं
(3) सिलिका
(4) कागज की लुगदी
Ans. (1)

70. निम्न में से असंक्रामक रोग कौनसा है?
[REET (L-II, S-I)-24.7.2022](1) एड्स
(2) कैंसर
(3) कोरोना
(4) सामान्य जुकाम
Ans. (2)

71. कैंसर का सामान्यतः निम्न रेडियो आइसोटोप द्वारा उपचार किया जाता है-
[P.S.I. Exam, 1998](1) कोबाल्ट – 60
(2) फॉस्फोरस 31
(3) आयोडीन 131
(4) सोडियम – 24
Ans. (1)
व्याख्या –
कोबाल्ट 60 कोबाल्ट धातु का ही एक रूप है जिसे आइसोटोप कहते हैं। यह स्लेटी रंग का चमकीला धातु है और रेडियोएक्टिव होने की वजह से इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में होता है।

72. कैंसर रोग की संभावना को कम करने के लिए बचावकारी उपायों में सम्मिलित हैं – [CHO-03.03.2024]1. नियमित शारीरिक क्रिया
2. तम्बाकू धुम्रपान से दूर रहना
3. ताज़ा फल तथा सब्जीयुक्त भोजन
4. नियमित स्वास्थ्य जाँच
5. एचपीवी के लिए प्रतिरक्षण (इम्यूनाइजेशन)
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(1) 1, 3, 47
(2) 1,2,4,5
(3) 1, 2, 3, 4, 5
(4) 3,4,5
Ans. (3)

73. सुमेलित कीजिए-
[CHO-03.03.2024]कैंसर प्रकार जाँच की विधि
a. गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर 1. मैमोग्राफी
b. स्तन कैंसर 2. छाती का एक्स-रे
c. फेफड़े का कैंसर 3. पी.एस.ए.
d. प्रोस्टेट कैंसर 4. पेप स्मीयर
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(1) a-4, b-1, c-3, d-2
(2) a-3, b-2, c-1, d-4
(3) a-4, b-1, c-2, d-3
(4) a-4, b-2, c-3, d-1
Ans. (3)

74. वायरस जनित संक्रामक रोग है-
[LDC-17.02.2012](1) मोतीझरा (Typhoid)
(2) हैजा (Cholera)
(3) खसरा (Measles)
(4) क्षय (TB)
Ans. (3)
व्याख्या –
वायरस रोग उत्पन्न करने वाले अतिसूक्ष्म परजीवी हैं। खसरा वायरस जनित रोग है जो बच्चों में नाक से निकलने वाले म्यूकस व स्रावण से फैलता है।

75. एच-1 एन-1 वायरस किस बीमारी से सम्बन्धित हैं?
[Police Constable Exam-2011](1) एड्स
(2) डेंगू बुखार
(3) मलेरिया
(4) स्वाइन फ्लू
Ans. (4)
व्याख्या –
स्वाइन-लू को H-1N-1 नाम से भी जाना जाता है। इस वायरल बीमारी का जनक सूअर को माना जाता है। इसलिए इसको सूअर-लू भी बोलते है। यह एक वायरल बीमारी है, एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलती है।

76. निम्न में से कौन सा एक असंक्रामक रोग हैं?
[RPSC LDC-23.10.2016](1) सामान्य जुकाम
(2) निमोनिया
(3) उच्च रक्तचाप
(4) एड्स
Ans. (3)
व्याख्या -हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं। यह एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। इसमें रोगी को डैश आहार प्रस्तावित किया जाता है।

77. डेश (डी.ए.एस.एच.) आहार उन रोगियों को प्रस्तावित की जाती है जो इस रोग से ग्रसित हैं?
[CET – 5.2.2023](1) जठरशोथ
(2) यकृत सिरोसिस
(3) उच्च रक्तचाप
(4) रक्तहीनता
Ans. (3)

78. फैंटिंग क्या है?
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) फ्लू का संकेत
(2) चेतना की संक्षिप्त हानि है।
(3) यह डर की प्रतिक्रिया है।
(4) एक अप्रत्याशित पतन
Ans. (2)
व्याख्या –
फैंटिंग या मूच्छा (Syncope) शरीर की वह स्थिति है जिसमें मानव की चैतन्य शक्ति और मांसपेशियों की शक्ति समाप्त हो जाती है। इसकी समस्या रक्तदाब, मानसिक रोग इत्यादि हो सकते हैं।

79. निम्नलिखित विषाणु में से कौन-सा आम सर्दी का का कारण बनता है?
(Patwar Exam 13.02.2016)
(1) राइनो विषाणु
(2) टी-4 विषाणु
(3) MSZ विषाणु
(4) सिमियन विषाणु 40
Ans. (1)
व्याख्या –
राइनोवायरस (Rhinovirus) वायरस की एक श्रेणी है। इसकी तीन सदस्य जातियाँ (ए, बी और सी) मानवों में वायरस द्वारा संक्रमण (इफेक्शन) होने के सबसे अधिक पाए जाने वाले रोगजनक हैं और सामान्य सर्दी-जुकाम भी अधिकतर इन्हीं के कारण होता है।

80. वायु जनित रोगों का समूह है-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) SARS, स्वाइन फ्लू, निमोनिया
(2) AIDS, हैजा, क्षय
(3) जुकाम, मधुमेह, एनीमीया
(4) कैन्सर, बेंघा, जुकाम
Ans. (1)
व्याख्या –
वायु अनेक रोगों के प्रसार का माध्यम है, जिनमें कुछ प्रमुख रोग हैं-डिप्थीरिया, निमोनिया, काली खाँसी, तपेदिक, चेचक, खसरा, सोर्स, छोटी माता, कर्णफेर, इन्फ्लूएंजा (स्वाइन फ्लू) आदि।

81. कौनसा जल जनित रोग है?
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.08.2015](1) पोलियो
(2) उलटी होना
(3) दस्त होना
(4) ये सभी
Ans. (4)
व्याख्या-
वे रोग जो जल के माध्यम से संचरित होते हैं, जल जनित रोग कहलाते हैं। उदाहरण- पोलियो, हैजा, अतिसार, पेचिश आदि।

82. भोजन व जल वाहित रोग है।
[कनिष्ठ लेखाकार- 26.2.2012](A) धनुष वाय
(B) हैजा
(C) पेचिश (अमीबता)
(1) (A) तथा (B)
(2) (A) तथा (C)
(3) (B) तथा (C)
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (3)

83. ‘क्रीटिनिज्म’ क्या है?
(1) यौवनावस्था में होने वाला एक रोग
(2) बच्चों में होने वाला एक रोग
(3) वृद्ध व्यक्ति में होने वाला एक रोग
(4) स्त्रियों में होने वाला एक रोग
Ans. (2)
व्याख्या –
बच्चों में ‘क्रीटिनिज्म’ रोग थाइरॉक्सिन की कमी से हो जाता है। ऐसे बच्चे बोने, कुरूप, पेट बाहर निकला हुआ, जीभ मोटी व बाहर निकली हुई, जननांग अल्प विकसित तथा त्वचा सूखी हुई होती है।

84. श्लीपद या फीलपाँव ……… के कारण होता है।
[स्टेनोग्राफर परीक्षा, 21.03.2021](1) सूत्राभ (फाइलेरियाई) कृमि
(2) चपटा कृमि
(3) फीता कृमि
(4) इनमें से कोई नहीं
Ans. (1)
व्याख्या –
फाइलेरिया (Filariasis) परजीवी द्वारा होने वाला रोग है, जो धागा के समान दिखने वाले सूत्र कृमि (Round Worms) से होता है। यह प्रायः उष्णकटिबंधीय रोग है। फील-पांव अथवा हाथी-पांव (Lymphatic Filariasis) रोग वुचेरेरिया बैन्क्रोफ्टाई और बुर्गिया मलायी सूत्रकृमि से होता है। इस रोग के कारण लसीका वाहिनी और ग्रंथियों में सूजन आ जाती हैं इसे फाइलेरियोसिस कहते हैं।

85. फाइलेरिया किसे द्वारा पैदा किया जाता है-
(1) वूचेरेरिया बैन्क्रोफ्टाई
(2) प्लाज्मोडियम वाइवैक्स
(3) ऐस्कैरिस लम्ब्रीकोइडीज
(4) एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका
Ans. (1)

86. एलिफेंटियासिस किसके कारण होता है?
[CET-8.1.2023 (S-II)](1) फीता कृमि
(2) चपटे कृमि
(3) फाइलेरिया कृमि
(4) एस्केरिस
Ans. (3)

87. एलिफैन्टिएसिस रोग होता है-
[CET – 11.2.2023 (S-1)](1) क्यूलेक्स मच्छर से
(2) ऐनोफेलीज मच्छर से
(3) प्लाजमोडियम से
(4) वूचेरेरिया बैन्क्रोफ्टाई से
Ans. (4)

88. डैल्टोनिज्म (प्रोटेनोपिया) एक प्रकार की वर्णाधता है, उसमें रोगी कौन-सा रंग नहीं देख पाता?
(1) हरा रंग
(2) लाल रंग
(3) नीला रंग
(4) उक्त सभी
Ans. (4)
व्याख्या –
डैल्टोनिज्म (प्रोटेनोपिया-Protanopia) एक प्रकार की वर्णाधता है, इसमें रोगी हरा-नीला तथा लाल रंगों में अंतर नहीं कर पाता है।

89. पार्किन्सन-रोग के इलाज को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए निम्नोक्त में से किसे नोबेल परुस्कार प्रदान किया गया?
(1) अर्विद कार्लसन
(2) वाल्टर कोह्न
(3) रॉबर्ट बी. लाफलिन
(4) फरिद मुराद
Ans. (1)
व्याख्या- अर्विद कार्लसन नामक वैज्ञानिक को पार्किन्सन रोग के इलाज को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। पार्किन्सन रोग मस्तिष्क कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण स्मरण शक्ति में कमी से संबंधित रोग हैं। यह रोग वृद्धावस्था में होता है। हाथ-पांव का कांपना और अत्यधिक क्रोध आना इस रोग के लक्षण हैं। सन् 1817 में जेम्स पार्किन्सन ने इस रोग की खोज की थी। इस रोग के आविष्कारक द्वारा इसे स्पन्दित पक्षाघात (Shaking Palsy) की संज्ञा दी गई थी। इस रोग के इलाज के लिए प्रामिपेक्जोल नामक दवा की खोज की गई है।

90. निम्नोक्त जोड़ों में से किसका मेल सही बैठा है?
(1) टिटेनसः बी.सी.जी.
(2) राजयक्ष्मा (टी.बी.) : ए.टी.एस.
(3) मलेरिया : क्लोरोक्वीन
(4) स्कर्वी : थायमीन
Ans. (3)
व्याख्या –
क्लोरोक्वीन (4-अमीनोक्वीनोलीन) दवा मलेरिया के उपचार में प्रयोग होती है। टिटेनस के लिए डी.पी. टी. तथा राजयक्ष्मा (टी.बी.) के लिए बी.सी.जी. वैक्सीन का प्रयोग होता है। एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी) स्कर्वी रोग के उपचार में उपयोगी है।

91. निम्नांकित जीवाणुओं में से मानव जाति के लिए लाभकारी है-
[REET (Level-II), 06.02.2016](1) स्ट्रेप्टोकोकस
(2) साल्मोनेला
(3) पेनीसिलियम
(4) सभी
Ans. (1)
व्याख्या –
मानव जाति के लिए लाभकारी जीवाणु स्ट्रेप्टोकोकस थर्मोफिलस का उपयोग योगहर्ट (Yogurt) बनाने में किया जाता है। योगहर्ट दूध से बनाया जाने वाला एक पौष्टिक उत्पाद है।

92. गोलकृमि एक मानव परजीवी है, जो-
(1) क्षुद्रांत्र में पाया जाता है
(2) यकृत में पाया जाता है
(3) जठर में पाया जाता हैं
(4) वृहदांत्र में पाया जाता है
Ans. (1)
व्याख्या-
गोलकृमि/राउंट वर्म या सूत्रकृमि एकपोषदीय मानव परजीवी होता है। यह क्षुदांत्र में पाया जाता है जिसकी संख्या अधिक होने पर आंत में काइम का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, पेट में दर्द होने लगता है, भूख मर जाती है तथा अनिद्रा, दस्त, वमन, सन्निपात, घबराहट, ऐंठन आदि रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इसके निदान के लिए हेट्राजॉन, जेन्टेल, एन्टीपार, एल्कोपार, चीनोपोडियम का तेल, डिकैरिस आदि औषधियां रोगी को दी जाती है।

93. कौनसा मनुष्यों हेतु लाभदायक नहीं हैं [PSI-1996](1) सिल्कवर्म
(2) अर्थवर्म
(3) टेपवर्म
(4) ग्लोवर्म
Ans. (3)
व्याख्या-
दिमाग में घुसने वाले पत्ता गोभी के कीड़े को टेपवर्म यानी फीताकर्मी कहा जाता है। यह कीड़ा खाने के साथ पेट में, आंतों में और फिर ब्लड फ्लो के मस्तिष्क तक पहुँच जाता है। यह कीड़ा जानवरों के मल में पाया जाता है। टेपवर्म से होने वाले संक्रमण को टैनिएसिस कहा जाता है।

94. गलसुआ (मम्प्स) एक वायरल रोग है जो सूजन पैदा करता है-
(1) कर्णपूर्व (Parotid) ग्रन्थि में
(2) अधोजिह्वा (Sublingual) ग्रंथि में
(3) अधोजंभ (Submaxillary) ग्रंथि में
(4) अवाक्षि (Infra Orbital) ग्रंथि में
Ans. (1)
व्याख्या –
गलसुआ (मम्प्स) कर्णपूर्व (Parotid) ग्रंथि में सूजन पैदा करता है। कर्णपूर्व ग्रंथि कपोलों में कर्ण पल्लव के नीचे और आगे की ओर स्थित पीली-सी, चपटी सबसे बड़ी लार ग्रंथि होती है। प्रत्येक की लम्बी एवं मोटी वाहिनी को स्टेन्सन्स नलिका कहते हैं। ये ग्रंथियां मुख्यतः जलीय अर्थात सीरसी तरल का स्रावण करती हैं।

95. रोहिणी (गलघोंटू) और इन्फ्यूएंजा के होने का क्या कारण है?
(1) क्रमशः विषाणु और जीवाणु
(2) जीवाणु
(3) क्रमशः जीवाणु और विषाणु
(4) जल-प्रदूषण
Ans. (3)
व्याख्या-
रोहिणी (गलघोंटू या डिप्थीरिया) जीवाणु द्वारा फैलता है। डिप्थीरिया रोग एक संक्रामक बीमारी हैं। इसके उपचार हेतु डी.पी.टी. का टीका लगवाना चाहिए। इस रोग से श्वास नलियों में जाली बन जाती है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और दम घुटने लग जाता है। जबकि इन्फ्लूएंजा एक वायरस के द्वारा फैलता है जिसे इन्फ्लूएंजा वायरस कहते है।

96. निम्नलिखित में कौन-सा रोग संक्रामक है?
(1) डायबिटीज
(2) डिप्थीरिया
(3) आर्थाइटिस
(4) कैन्सर
Ans. (2)

97. निम्न में से कौनसा दर्द का निवारण करता है?
(1) प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक)
(2) ऐनलजैसिक
(3) एंटीपायरेटिक
(4) डिसिन्फेक्टेंट
Ans. (2)
व्याख्या-
ऐनलजैसिक दर्द निवारक के रूप में उपयोग की जाती है। जैसे इबूप्रोफेन, एस्प्रीन आदि। एन्टी-बायोटिक प्रतिजैविक, एन्ट-पायरेटिक ज्वरनाशक तथा डिसिन्फेक्टेंट-इन्फेक्टिव एजेंट को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।

98. ‘अमीबता’ से क्या रोग होता है?
(1) आमाति सार
(2) ज्वर
(3) सख्त ज्वर
(4) शिरो वेदना और सर्दी
Ans. (1)
व्याख्या –
‘अमीबता’ से आमातिसार या अमीबॉयसिस नामक रोग हो जाता है जिसमें रोगी को दस्त के साथ आँव एवं रक्त निकलता है। इसके उपचार के लिए ऐमेटीन के इन्जेक्शन लगाए जाते है तथा कुछ प्रतिजैविक दवाएँ (ऐमीक्लीन, क्लोरोक्वीन, ह्यूमैटिन आदि) दी जाती हैं।

99. प्रतिजैविक क्या होता है?
(1) किसी जीव द्वारा संश्लेषित एक रासायनिक यौगिक जो जीव के विकास को निरुद्ध करता है
(2) किसी जीव द्वारा संश्लेषित एक यौगिक जो रोगाणुओं की वृद्धि को निरुद्ध करता है
(3) अन्य जीवों के विकास को निरुद्ध करने वाला एक संश्लिष्ट यौगिक
(4) बैक्टीरिया की वृद्धि को निरुद्ध करने वाला एक संश्लिष्ट यौगिक
Ans. (2)
व्याख्या-
प्रतिजैविक किसी जीव द्वारा संश्लेषित एक यौगिक होता है जो रोगाणुओं की वृद्धि को निरुद्ध करता है। उदाहरण- पेनिसिलीन, एम्पीसिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, क्लोरोमाइसिटिन इत्यादि।

100. एम्पीसिलीन दवाई है :
[RPSC LDC Exam- 11.01.2014](1) कैंसररोधी
(2) प्रतिजैविक
(3) निद्राकारी
(4) दर्दनाशक
Ans. (2)

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Note: इन Questions  को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।

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