ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
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ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
1. भारत में उपनिवेशी शासनकाल में ‘होम चार्जेज’ भारत से संपत्ति दोहन का महत्वपूर्ण अंग थे। निम्नलिखित में से कौन-सी निधि/ निधियां ‘होम चार्जेज’ की संघटक थी/थीं?
[I.A.S. (Pre) 2011]
(A) लंदन में इंडिया ऑफिस के भरण-पोषण के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली निधि।
(B) भारत में कार्यरत अंग्रेज कर्मचारियों के वेतन तथा पेंशन देने हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली निधि।
(C) भारत के बाहर हुए युद्धों को लड़ने में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली निधि।
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
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- होम चार्जेज (Home Charges) से तात्पर्य इंग्लैंड स्थित राज्य सचिव (Secretary of State) द्वारा भारत सरकार की ओर से किए गए खर्चों से था।
- इसमें निम्नलिखित शामिल थे:
- इंडिया ऑफिस का संचालन (लंदन में स्थित)
- ब्रिटिश अधिकारियों के वेतन और पेंशन
- भारतीय सार्वजनिक ऋण एवं रेलवे पर लगाई गई पूंजी पर ब्याज
- भारत के बाहर हुए युद्धों के खर्च होम चार्जेज में शामिल नहीं होते थे।
- अतः सही उत्तर (B) होगा।
2. शब्द ‘इंपीरियल प्रेफरेंस’ का प्रयोग किया जाता था-
[I.A.S. (Pre) 1999]
(a) भारत में ब्रिटिश आयातों पर दी गई विशेष रियायतों के लिए।
(b) ब्रिटिश नागरिकों द्वारा किए जा रहे प्रजातीय भेदभाव के लिए।
(c) ब्रिटिश हित के लिए किए जा रहे भारतीय हित के दमन के लिए।
(d) भारतीय रियासतों के राजाओं पर ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेंटों को दी जा रही तरजीह के लिए।
View उत्तर & व्याख्या
- ‘इंपीरियल प्रेफरेंस’ (Imperial Preference) शब्दावली का प्रयोग भारत में ब्रिटिश आयातों पर दी गई विशेष रियायतों के लिए किया जाता था।
- ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय बाजारों को ब्रिटिश वस्तुओं के लिए खुला रखा गया, जबकि भारतीय वस्तुओं पर भारी कर लगाए गए।
- अतः सही उत्तर (A) होगा।
3. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में उद्योगों का कोई स्वतंत्र विकास नहीं हुआ। इसका कारण था-
[I.A.S. (Pre) 1999]
(a) भारी उद्योगों का अभाव
(b) विदेशी पूंजी की कमी
(c) प्राकृतिक संसाधनों की कमी
(d) धनिक वर्ग द्वारा भू-संपत्ति में निवेश करने को तरजीह दिया जाना
View उत्तर & व्याख्या
- ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय उद्योगों को दबाने के लिए ब्रिटिश नीतियां बनाई गईं, ताकि ब्रिटिश उत्पादों को बढ़ावा मिले।
- भारतीय धनिक वर्ग ने अपनी पूंजी उद्योगों में लगाने के बजाय भू-संपत्ति (जमींदारी व्यवस्था) में निवेश करना अधिक सुरक्षित समझा।
- इस कारण स्वतंत्र औद्योगिक विकास नहीं हो सका और भारत कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था बना रहा।
- अतः सही उत्तर (D) होगा।
4. 18वीं से निर्यातित प्रमुख पण्यपदार्थ (स्टेपल कमोडिटीज़) क्या थे?
[I.A.S. (Pre) 2018]
(a) अपरिष्कृत कपास, तिलहन और अफ़ीम
(b) चीनी, नमक, जस्ता और सीसा
(c) तांबा, चांदी, सोना, मसाले और चाय
(d) कपास, रेशम, शोरा और अफ़ीम
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- 18वीं शताब्दी में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद थे:
- कपास (Textiles के लिए)
- रेशम (Silk)
- शोरा (Saltpetre) (गनपाउडर बनाने के लिए)
- अफीम (मुख्य रूप से चीन को निर्यात)
- नील (Indigo) भी 18वीं शताब्दी के प्रमुख निर्यात उत्पादों में था।
- अतः सही उत्तर (D) होगा।
5. इस्तमरारी बंदोबस्त किसने लागू किया?
[U.P. P.C.S. (Pre) 1991]
(a) वेलेजली
(b) वॉरेन हेस्टिंग्स
(c) लॉर्ड कॉर्नवालिस
(d) लॉर्ड डफरिन
View उत्तर & व्याख्या
- 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने “स्थायी बंदोबस्त” (Permanent Settlement) लागू किया, जिसे ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ भी कहा जाता है।
- इसे जमींदारी प्रथा भी कहा जाता है, जिसमें जमींदारों को भूमि का स्वामी घोषित कर दिया गया और उन्हें कर वसूली का उत्तरदायित्व दिया गया।
- यह व्यवस्था मुख्य रूप से बंगाल, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक के क्षेत्र में लागू की गई।
- जमींदारों को कुल राजस्व का 10/11 भाग सरकार को देना पड़ता था, जबकि 1/11 भाग वे अपने पास रख सकते थे।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
6. किसके प्रशासन काल में ‘स्थायी बंदोबस्त’ प्रारंभ किया गया था?
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
[U.P. P.S.C. (GIC) 2010]
(a) वॉरेन हेस्टिंग्स
(b) लॉर्ड कॉर्नवालिस
(c) सर जॉन शोर
(d) लॉर्ड वेलेजली
View उत्तर & व्याख्या
- लॉर्ड कॉर्नवालिस के प्रशासन काल में 1793 ई. में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) प्रारंभ किया गया था।
- यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा और वाराणसी क्षेत्र में लागू की गई थी।
- इसके तहत जमींदारों को भूमि का स्थायी स्वामी बना दिया गया और उनसे निश्चित भू-राजस्व वसूलने की व्यवस्था की गई।
- इस व्यवस्था का उद्देश्य राजस्व की स्थिरता लाना था, लेकिन किसानों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा क्योंकि जमींदारों ने उनसे अधिक कर वसूला।
- अतः सही उत्तर (B) होगा।
7. स्थायी बंदोबस्त किससे किया गया?
[M.P. P.C.S. (Pre) 1990]
(a) जमींदारों से
(b) किसानों से
(c) मजदूरों से
(d) व्यापारियों से
View उत्तर & व्याख्या
- स्थायी बंदोबस्त जमींदारों के साथ किया गया था, जो अब भूमि के स्वामी बन गए और उन्हें एक निश्चित राजस्व अंग्रेजों को देना था।
- जमींदारों को 10/11 भाग सरकार को देना पड़ता था, जबकि वे 1/11 भाग अपने पास रख सकते थे।
- किसानों को अब सीधे प्रशासन के बजाय जमींदारों को कर देना पड़ता था, जिससे उनकी स्थिति और दयनीय हो गई।
- अतः सही उत्तर (A) होगा।
8. ‘स्थायी बंदोबस्त’ किसके साथ किया गया?
[53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
(a) जमींदारों के साथ
(b) ग्रामीण समुदायों के साथ
(c) मुकदमों के साथ
(d) किसानों के साथ
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- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) जमींदारों के साथ किया गया था।
- यह लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा लागू किया गया था।
- इसमें किसानों के साथ कोई सीधा करार नहीं था, बल्कि जमींदारों को ही कर वसूली की जिम्मेदारी दी गई थी।
- अतः सही उत्तर (A) होगा।
9. किस गवर्नर-जनरल ने भारत में स्थायी भू-राजस्व व्यवस्था स्थापित की थी?
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
(a) लॉर्ड जॉन शोर
(b) लॉर्ड क्लाइव
(c) लॉर्ड कॉर्नवालिस
(d) लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स
View उत्तर & व्याख्या
- लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 ई. में स्थायी भू-राजस्व व्यवस्था (Permanent Settlement) लागू की।
- इसके तहत जमींदारों को भू-स्वामी घोषित किया गया और कर वसूली की जिम्मेदारी दी गई।
- किसानों की स्थिति अत्यधिक खराब हो गई क्योंकि जमींदारों ने अत्यधिक कर वसूलना शुरू कर दिया।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
10. लॉर्ड कॉर्नवालिस का स्थायी बंदोबस्त लागू किया गया-
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
(a) 1787 ई. में
(b) 1789 ई. में
(c) 1790 ई. में
(d) 1793 ई. में
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- 1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया।
- यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा और वाराणसी क्षेत्र में लागू की गई।
- यह कर जमींदारों के माध्यम से वसूला जाता था।
- अतः सही उत्तर (D) होगा।
11. 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस की भू-व्यवस्था प्रणाली लागू होने के बाद कानूनी विवादों की प्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी देखी गई थी। निम्नलिखित प्रावधानों में से किस एक को सामान्यतया इसके कारक के रूप में जोड़ कर देखा जाता है?
[I.A.S. (Pre) 2011]
(a) रैयत की तुलना में जमींदार की स्थिति को अधिक सशक्त बनाना।
(b) ईस्ट इंडिया कंपनी को जमींदारों का अधिपति बनाना।
(c) न्यायिक पद्धति को अधिक कार्यकुशल बनाना।
(d) उपर्युक्त (a), (b) तथा (c) कथनों में से कोई भी सही नहीं है।
View उत्तर & व्याख्या
- 1793 में लागू स्थायी बंदोबस्त प्रणाली में जमींदारों को भूमि का स्वामी बनाया गया।
- जमींदारी की सीमा स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं थी, जिससे कई कानूनी विवाद उत्पन्न हुए।
- जमींदारों और किसानों के बीच मध्यस्थों (इंटरमीडियरीज) की संख्या बढ़ी, जिससे अधिक मुकदमेबाजी होने लगी।
- इस प्रकार, विकल्प (a), (b) और (c) में से कोई भी सही नहीं है।
- अतः सही उत्तर (D) होगा।
12. चिरस्थायी बंदोबस्त, 1793 के अंतर्गत जमींदारों से अपेक्षा की गई थी कि वे खेतिहरों को पट्टा जारी करेंगे। अनेक जमींदारों ने पट्टा जारी नहीं किए। इसका कारण था-
[I.A.S. (Pre) 2001]
(a) जमींदारों के ऊपर किसानों का विश्वास था।
(b) जमींदारों के ऊपर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं था।
(c) यह ब्रिटिश सरकार की जिम्मेदारी थी।
(d) खेतिहरों की दिलचस्पी पट्टा प्राप्त करने में नहीं थी।
View उत्तर & व्याख्या
- 1793 में स्थायी बंदोबस्त प्रणाली लागू की गई, जिसमें जमींदारों को अपने क्षेत्रों में भूमि स्वामी का दर्जा दिया गया।
- जमींदारों को किसानों को पट्टा (Lease) जारी करना था, लेकिन इस पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं था।
- अतः जमींदारों ने मनमाने कर वसूले और किसानों को कोई सुरक्षा नहीं दी।
- अतः सही उत्तर (B) होगा।
13. बिहार में ‘परमानेंट सेटिलमेंट’ लागू करने का कारण था-
[48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]
(a) जमींदारों का जमीन पर अधिकार न रहना।
(b) जमींदारों के लिए जमीन पर वंश परंपरागत अधिकार को स्वेच्छा से हस्तांतरित करने का अधिकार।
(c) भू-राजस्व का राजस्व निर्णय करना।
(d) जमींदारी प्रथा का निर्मूलन।
View उत्तर & व्याख्या
- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) को बिहार में लागू करने का मुख्य कारण कंपनी के लिए निश्चित भू-राजस्व तय करना था।
- इसके तहत जमींदारों को राजस्व वसूलने की जिम्मेदारी दी गई।
- किसानों से सीधे कर न लेकर जमींदारों को मध्यस्थ बना दिया गया।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
14. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
बंगाल और बिहार में भूमि पर किरायेदारों के अधिकारों को बंगाल किरायेदारी अधिनियम द्वारा दिया गया था।
(a) 1885
(b) 1886
(c) 1889
(d) 1900
[56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
View उत्तर & व्याख्या
- बंगाल किरायेदारी अधिनियम, 1885 के तहत किरायेदारों के अधिकारों को परिभाषित किया गया।
- इससे भूमि मालिकों और किरायेदारों के अधिकारों का स्पष्ट निर्धारण किया गया।
- अतः सही उत्तर (A) होगा।
15. निम्नलिखित में से कौन ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में रैयतवाड़ी बंदोबस्त के प्रारंभ किए जाने से संबद्ध था/थे?
[I.A.S. (Pre) 2017]
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- अलेक्जेंडर रीड
- टॉमस मुनरो
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
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- रैयतवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत अलेक्जेंडर रीड (1792 ई.) और टॉमस मुनरो (1809 ई.) ने की थी।
- यह व्यवस्था विशेष रूप से मद्रास, बंबई, पूर्वी बंगाल, असम और कुर्ग में लागू की गई।
- इसके तहत किसानों (रैयत) को सीधे सरकार को कर चुकाने की अनुमति दी गई।
- लॉर्ड कॉर्नवालिस से यह प्रणाली संबद्ध नहीं थी।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
16. रैयतवाड़ी व्यवस्था सर्वप्रथम कहां लागू की गई थी?
[67th B.P.S.C. (Pre) 2021]
(a) गुजरात
(b) मद्रास
(c) बंबई
(d) उड़ीसा
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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- रैयतवाड़ी व्यवस्था सबसे पहले मद्रास में लागू की गई।
- इसे 1792 ई. में अलेक्जेंडर रीड ने शुरू किया और टॉमस मुनरो ने 1809 ई. में इसे व्यापक रूप से लागू किया।
- यह प्रणाली मुख्य रूप से मद्रास, बंबई, पूर्वी बंगाल, असम और कुर्ग में लागू की गई थी।
- अतः सही उत्तर (B) होगा।
17. भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त एवं रैयतवाड़ी प्रणाली क्रमशः शुरू की गई-
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
(a) बंगाल तथा मद्रास में
(b) मद्रास तथा पंजाब में
(c) मद्रास तथा बंगाल में
(d) पंजाब तथा बंगाल में
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- स्थायी बंदोबस्त प्रणाली (Permanent Settlement) बंगाल में 1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा लागू की गई।
- रैयतवाड़ी प्रणाली (Ryotwari System) मद्रास में अलेक्जेंडर रीड (1792) और टॉमस मुनरो (1809) द्वारा लागू की गई।
- अतः सही उत्तर (A) होगा।
18. सर टॉमस मुनरो भू-राजस्व बंदोबस्त से संबद्ध हैं-
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
(a) स्थायी बंदोबस्त
(b) महालवाड़ी बंदोबस्त
(c) रैयतवाड़ी बंदोबस्त
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
View उत्तर & व्याख्या
- सर टॉमस मुनरो मुख्य रूप से रैयतवाड़ी प्रणाली से जुड़े थे।
- 1820 ई. में मद्रास का गवर्नर बनने के बाद, उन्होंने इस प्रणाली को पूरे मद्रास प्रेसीडेंसी में लागू किया।
- इस प्रणाली में किसानों (रैयत) को भूमि का स्वामी माना गया और वे सीधे सरकार को कर अदा करते थे।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
19. ब्रिटिश व्यवस्था में रैयतवाड़ी भू-राजस्व संग्रह प्रचलित था-
[U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]
(a) उत्तरी भारत में
(b) पूर्वी भारत में
(c) पश्चिमी भारत में
(d) दक्षिणी भारत में
View उत्तर & व्याख्या
- रैयतवाड़ी प्रणाली मुख्य रूप से पश्चिमी भारत (बंबई प्रेसीडेंसी) और दक्षिणी भारत (मद्रास प्रेसीडेंसी) में लागू थी।
- इसे 1820 में मद्रास में टॉमस मुनरो और बंबई में एलफिंस्टन द्वारा लागू किया गया।
- अतः सही उत्तर (C & D) होगा।
20. मद्रास के रैयतवाड़ी बंदोबस्त से कौन संबंधित रहा था?
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
(a) मेलकॉम
(b) मेटकॉफ
(c) मुनरो
(d) एलफिंस्टन
View उत्तर & व्याख्या
- रैयतवाड़ी बंदोबस्त का मुख्य क्रियान्वयन टॉमस मुनरो के द्वारा किया गया।
- उन्होंने इसे मद्रास में 1820 में लागू किया।
- यह व्यवस्था किसानों को सीधे सरकार को कर देने का अधिकार देती थी।
- अतः सही उत्तर (C) होगा।
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