Lahore Session of Congress, Complete Independence Resolution (1929) Previous Year Questions
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कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन, पूर्ण स्वतंत्रता प्रस्ताव (1929)
1. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, निम्नलिखित में से किसने प्रस्तावित किया कि स्वराज को सभी प्रकार के विदेशी नियंत्रण से मुक्त संपूर्ण स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया जाए?
[I.A.S. (Pre) 2004]
(a) मजहरुल हक
(b) मौलाना हसरत मोहानी
(c) हकीम अजमल खान
(d) अबुल कलाम आजाद
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उत्तर- (b) मौलाना हसरत मोहानी
1921 के अहमदाबाद अधिवेशन में मौलाना हसरत मोहानी ने यह ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा कि ‘स्वराज’ का अर्थ केवल आंशिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि विदेशी नियंत्रण से पूर्ण मुक्ति यानी “पूर्ण स्वराज” होना चाहिए। उस समय यह विचार कांग्रेस के लिए काफी उग्र माना गया था।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
हकीम अजमल खान ने उस अधिवेशन की अध्यक्षता की क्योंकि सी.आर. दास जेल में थे।
मजहरुल हक और मौलाना अबुल कलाम आजाद का इस प्रस्ताव से सीधा संबंध नहीं था।
2. 1921 के अहमदाबाद अधिवेशन में निम्नलिखित नेताओं में से किसने संपूर्ण स्वराज को कांग्रेस का लक्ष्य मानने का प्रस्ताव रखा?
[I.A.S. (Pre) 2001]
(a) अबुल कलाम आजाद
(b) हसरत मोहानी
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) मोहनदास करमचंद गांधी
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उत्तर- (b) हसरत मोहानी
हसरत मोहानी ने 1921 में कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में यह साहसिक प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस का स्पष्ट लक्ष्य “पूर्ण स्वराज” यानी पूरी स्वतंत्रता होना चाहिए। यह विचार उस समय काफी आगे का और उग्र माना गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
जवाहरलाल नेहरू ने बाद में पूर्ण स्वराज को समर्थन दिया, पर 1921 में वे अपेक्षाकृत युवा नेता थे।
गांधीजी और अबुल कलाम आजाद उस समय पूर्ण स्वतंत्रता के विचार से थोड़ा पीछे थे।
3. कांग्रेस ने कब पहली बार भारत की स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित किया था?
[M.P. P.C.S. (Pre) 1996]
(a) 1929
(b) 1915
(c) 1942
(d) 1935
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उत्तर- (a) 1929
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन के दौरान “पूर्ण स्वराज” का प्रस्ताव पारित किया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि एक वर्ष के भीतर उसे स्वतंत्रता नहीं दी गई, तो वह जनांदोलन प्रारंभ करेगी। 31 दिसंबर 1929 की मध्यरात्रि को रावी नदी के तट पर पहली बार तिरंगा फहराया गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
1915 – गांधीजी भारत लौटे थे
1935 – भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था
1942 – भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था
4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने किस सत्र में पूर्ण स्वाधीनता का प्रस्ताव पारित किया था?
[67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam), 2021]
(a) 1920 ई., नागपुर
(b) 1924 ई., बेलगांव
(c) 1929 ई., लाहौर
(d) 1931 ई., कराची
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर- (c) 1929 ई., लाहौर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ऐतिहासिक लाहौर अधिवेशन दिसंबर 1929 में आयोजित हुआ था, जिसकी अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की। इसी अधिवेशन में पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ को कांग्रेस का लक्ष्य घोषित किया गया और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का आह्वान किया गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
नागपुर (1920) – असहयोग आंदोलन से संबंधित
बेलगांव (1924) – गांधीजी की अध्यक्षता वाला एकमात्र अधिवेशन
कराची (1931) – गांधी-इरविन समझौते और मौलिक अधिकारों पर प्रस्ताव
5. कांग्रेस द्वारा भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य की घोषणा किस अधिवेशन में की गई?
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]
(a) लाहौर अधिवेशन, 1929
(b) कलकत्ता अधिवेशन, 1928
(c) इलाहाबाद अधिवेशन, 1930
(d) इनमें से कोई नहीं
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उत्तर- (a) लाहौर अधिवेशन, 1929
लाहौर अधिवेशन, दिसंबर 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने “पूर्ण स्वराज” (Complete Independence) को अपना आधिकारिक लक्ष्य घोषित किया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की और यहीं से 26 जनवरी 1930 को “पूर्ण स्वराज दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
कलकत्ता अधिवेशन (1928) में डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई थी।
इलाहाबाद अधिवेशन (1930) से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी।
6. 1947 से पहले 26 जनवरी को कहा जाता था–
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
(a) गणतंत्र दिवस
(b) शहीद दिवस
(c) संविधान दिवस
(d) पूर्ण स्वराज दिवस
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उत्तर- (d) पूर्ण स्वराज दिवस
लाहौर अधिवेशन 1929 के निर्णय के अनुसार, 26 जनवरी 1930 को पहली बार ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया गया। इस दिन देशभर में स्वतंत्रता की शपथ ली गई। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए जब भारत 26 जनवरी 1950 को गणराज्य बना, तो इसी तिथि को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
गणतंत्र दिवस – 1950 से मनाया जाता है।
शहीद दिवस – 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि पर।
संविधान दिवस – 26 नवंबर को मनाया जाता है।
7. ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव लाहौर कांग्रेस में पारित किया गया, वर्ष–
[42nd B.P.S.C. (Pre) 1997, U.P. P.C.S. (Pre) 1993, U.P. Lower Sub. (Pre) 1999, 2004]
(a) 1919 में
(b) 1929 में
(c) 1939 में
(d) 1942 में
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उत्तर- (b) 1929 में
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन में पारित किया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसमें कांग्रेस ने ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
1919 – जलियांवाला बाग हत्याकांड का वर्ष
1939 – कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन का वर्ष
1942 – भारत छोड़ो आंदोलन का वर्ष
8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा किस दिन को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ घोषित किया गया था?
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
(a) 26-01-1930
(b) 15-08-1947
(c) 30-01-1948
(d) 31-12-1950
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर- (a) 26-01-1930
लाहौर अधिवेशन 1929 में पारित ‘पूर्ण स्वराज’ प्रस्ताव के अनुसार, 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया। देशभर में स्वतंत्रता की शपथ ली गई और तिरंगा फहराया गया। इसी ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए 26 जनवरी को 1950 में गणतंत्र दिवस के रूप में अपनाया गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
15 अगस्त 1947 – स्वतंत्रता दिवस
30 जनवरी 1948 – गांधीजी की शहादत (शहीद दिवस)
31 दिसंबर 1950 – कोई विशेष राष्ट्रीय दिवस नहीं
9. निम्नलिखित में से किस एक ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी जिसमें “पूर्ण स्वराज” का प्रस्ताव पारित हुआ था?
[U.P. P.C.S. (Pre) 2009, I.A.S. (Pre) 2006, U.P. P.C.S. (Mains) 2006]
(a) दादाभाई नौरोजी
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) लाला लाजपत राय
(d) सुरेंद्र नाथ बनर्जी
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उत्तर- (b) जवाहरलाल नेहरू
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) की अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसी अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ (Complete Independence) को अपना औपचारिक लक्ष्य घोषित किया था। इस निर्णय के साथ ही कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का आह्वान किया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
दादाभाई नौरोजी: 1906 के कलकत्ता अधिवेशन में अध्यक्ष थे
लाला लाजपत राय: 1920 से पहले के दौर में सक्रिय
सुरेंद्र नाथ बनर्जी: प्रारंभिक दौर के नेता, 1910 से पहले
10. कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस का लक्ष्य ‘पूर्ण स्वराज’ किसके द्वारा घोषित किया गया?
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
(a) महात्मा गांधी
(b) मोतीलाल नेहरू
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) सुभाष चंद्र बोस
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उत्तर- (c) जवाहरलाल नेहरू
कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में ‘पूर्ण स्वराज’ का ऐतिहासिक लक्ष्य पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा घोषित किया गया। उन्होंने अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए घोषणा की कि अब कांग्रेस का उद्देश्य केवल डोमिनियन स्टेटस नहीं, बल्कि भारत की पूर्ण स्वतंत्रता है।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
महात्मा गांधी: आंदोलन के सूत्रधार थे, लेकिन प्रस्ताव उन्होंने नहीं प्रस्तुत किया
मोतीलाल नेहरू: ‘नेहरू रिपोर्ट’ से जुड़े थे, पर इस घोषणा में नहीं
सुभाष चंद्र बोस: बाद के वर्षों में कांग्रेस के प्रमुख नेता बने
11. 31 दिसंबर, 1929 को अर्द्धरात्रि में भारतीय राष्ट्रध्वज को किसने फहराया था?
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
(a) मोतीलाल नेहरू ने
(b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने
(c) महात्मा गांधी ने
(d) जवाहरलाल नेहरू ने
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उत्तर- (d) जवाहरलाल नेहरू ने
31 दिसंबर, 1929 की अर्द्धरात्रि को लाहौर में रावी नदी के तट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पं. जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रतीक बनकर नव-स्वीकृत तिरंगे झंडे को फहराया। इसके साथ ही यह घोषणा की गई कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
मोतीलाल नेहरू ने नेहरू रिपोर्ट बनाई थी लेकिन झंडा नहीं फहराया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद इस अवसर पर प्रमुख भूमिका में नहीं थे।
गांधीजी अधिवेशन के प्रतीक थे पर झंडा फहराने का कार्य नेहरूजी ने किया।
12. स्वतंत्रता का नव-ग्रहीत तिरंगा पहली बार कब लहराया गया?
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]
(a) 31 दिसंबर, 1928
(b) 31 दिसंबर, 1929
(c) 31 दिसंबर, 1930
(d) 31 दिसंबर, 1931
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उत्तर- (b) 31 दिसंबर, 1929
31 दिसंबर 1929 की रात को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पहली बार नव-स्वीकृत तिरंगे झंडे को रावी नदी के किनारे पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा फहराया गया। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक अत्यंत भावनात्मक और प्रतीकात्मक क्षण था, जिसमें कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा की।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
1928 – नेहरू रिपोर्ट का समय
1930 – स्वराज दिवस की पहली वर्षगांठ
1931 – कराची अधिवेशन, जहां तिरंगे के स्वरूप को औपचारिक रूप मिला
13. 1929 के कांग्रेस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का पताका किसने उठाया?
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
(a) मौलाना मुहम्मद अली
(b) पंडित जवाहरलाल नेहरू
(c) वल्लभभाई पटेल
(d) सुभाषचंद्र बोस
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर- (b) पंडित जवाहरलाल नेहरू
1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत और ध्वज के रूप में फहराया गया। उन्होंने कांग्रेस की अध्यक्षता करते हुए पूर्ण स्वतंत्रता को संगठन का आधिकारिक लक्ष्य घोषित किया और रावी नदी के तट पर झंडा फहराकर इस विचार का नेतृत्व किया। इसी ऐतिहासिक क्षण को “पूर्ण स्वराज का पताका उठाना” कहा गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
मौलाना मुहम्मद अली खिलाफत आंदोलन से जुड़े थे
वल्लभभाई पटेल और सुभाषचंद्र बोस ने बाद में नेतृत्व किया
14. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निम्नलिखित अधिवेशनों में से किस एक की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने सर्वप्रथम की थी?
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
(a) लाहौर अधिवेशन, 1929
(b) कलकत्ता अधिवेशन, 1928
(c) लखनऊ अधिवेशन, 1936
(d) रामगढ़ अधिवेशन, 1940
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उत्तर- (a) लाहौर अधिवेशन, 1929
लाहौर अधिवेशन, 1929, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वह ऐतिहासिक सत्र था जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार की। इसी अधिवेशन में “पूर्ण स्वराज” को कांग्रेस का लक्ष्य घोषित किया गया और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय हुआ।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
कलकत्ता (1928): मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘नेहरू रिपोर्ट’ की चर्चा
लखनऊ (1936) और रामगढ़ (1940): नेहरू बाद में फिर अध्यक्ष बने, लेकिन पहली बार नहीं
15. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन (1929) इतिहास में इसलिए बहुत प्रसिद्ध है, क्योंकि–
कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग का एक संकल्प पारित किया
इस अधिवेशन में उग्रवादियों एवं उदारवादियों के बीच झगड़े को सुलझा लिया गया
इस अधिवेशन में दो राष्ट्रों की मांग के सिद्धांत को अस्वीकार करते हुए एक संकल्प पारित किया गया
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
[I.A.S. (Pre) 2012]
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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उत्तर- (a) केवल 1
1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग का ऐतिहासिक संकल्प पारित किया। यह अधिवेशन स्वतंत्रता आंदोलन का एक निर्णायक मोड़ था। इसमें यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
उग्रवादी-उदारवादी विवाद पहले (1907 सूरत अधिवेशन) से जुड़ा था, 1929 में नहीं।
दो राष्ट्र सिद्धांत की चर्चा 1930 के दशक के अंत में शुरू हुई थी, यह इस अधिवेशन का विषय नहीं था।
16. 1929 में लाहौर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन का अध्यक्ष कौन था?
[67th B.P.S.C. (Pre) 2021]
(a) वल्लभभाई पटेल
(b) मोतीलाल नेहरू
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) राजेंद्र प्रसाद
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर- (c) जवाहरलाल नेहरू
1929 में लाहौर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसी सत्र में कांग्रेस ने “पूर्ण स्वराज” को अपना औपचारिक लक्ष्य घोषित किया और 26 जनवरी को स्वराज दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
वल्लभभाई पटेल, मोतीलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद की कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिकाएं थीं, परंतु इस अधिवेशन के अध्यक्ष नेहरू थे।
17. स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1929 का अधिवेशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस अधिवेशन में–
[I.A.S. (Pre) 2014]
(a) कांग्रेस के उद्देश्य के तौर पर स्व-शासन प्राप्ति की घोषणा की गई
(b) कांग्रेस के लक्ष्य के तौर पर पूर्ण स्वराज प्राप्ति को स्वीकृत किया गया
(c) असहयोग आंदोलन का आरंभ हुआ
(d) लंदन में गोल-मेज सम्मेलन में भागीदारी करने का निर्णय लिया गया
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उत्तर- (b) कांग्रेस के लक्ष्य के तौर पर पूर्ण स्वराज प्राप्ति को स्वीकृत किया गया
1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार ‘पूर्ण स्वराज’ को अपना औपचारिक लक्ष्य घोषित किया। यह स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक मोड़ था। इसके साथ ही 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
स्व-शासन (Dominion Status) की बात 1928 की नेहरू रिपोर्ट में थी।
असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था।
गोलमेज सम्मेलन में भागीदारी 1930 के बाद शुरू हुई।
18. निम्नलिखित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशनों में से किसमें कांग्रेस का लक्ष्य पूर्ण स्वराज घोषित किया गया?
[U.P.P.C.S (Mains) 2011, U.P.P.S.C. (GIC) 2010, U.P.P.S.C. (Mains) 2008]
(a) लाहौर
(b) कराची
(c) दिल्ली
(d) बंबई
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उत्तर- (a) लाहौर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (दिसंबर 1929) में पं. जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ को कांग्रेस का उद्देश्य घोषित किया गया। यहीं से 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय हुआ।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
कराची अधिवेशन (1931) – मौलिक अधिकारों और गांधी-इरविन समझौते पर चर्चा
दिल्ली और बंबई – अन्य वर्षों के अधिवेशन, लेकिन पूर्ण स्वराज की घोषणा इनमें नहीं हुई
19. कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा सबसे पहले कहां की?
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
(a) लाहौर
(b) अमृतसर
(c) लखनऊ
(d) त्रिपुरा
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उत्तर- (a) लाहौर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की घोषणा सबसे पहले दिसंबर 1929 के लाहौर अधिवेशन में की थी। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की और इसमें यह स्पष्ट किया गया कि अब कांग्रेस का उद्देश्य डोमिनियन स्टेटस नहीं, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता होगा।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
अमृतसर (1919) – जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद का माहौल
लखनऊ (1916) – कांग्रेस-मुस्लिम लीग समझौता
त्रिपुरा – 1939 का अधिवेशन, सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता
20. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) के अध्यक्ष थे–
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
(a) अबुल कलाम आजाद
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) राजेंद्र प्रसाद
(d) सुभाष चंद्र बोस
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उत्तर- (b) जवाहरलाल नेहरू
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के ऐतिहासिक लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह उनके नेतृत्व में पहला कांग्रेस अधिवेशन था और यहीं पर ‘पूर्ण स्वराज’ को कांग्रेस का औपचारिक लक्ष्य घोषित किया गया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
अबुल कलाम आजाद – रामगढ़ अधिवेशन (1940) में अध्यक्ष
राजेंद्र प्रसाद – कई अधिवेशनों में प्रमुख भूमिका, पर 1929 में अध्यक्ष नहीं
सुभाष चंद्र बोस – 1938 (हरिपुरा) और 1939 (त्रिपुरा) में अध्यक्ष बने
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