Money and Banking Previous Year Questions

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 Money and Banking MCQs

1. ‘वॉटरक्रेडिट’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
I.A.S. (Pre) 2021

1. यह जल एवं स्वच्छता क्षेत्र में कार्य के लिए सूक्ष्म वित्त साधनों (माइक्रोफाइनेंस टूल्स) को लागू करता है।
2. यह एक वैश्विक पहल है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक के तत्वावधान में प्रारंभ किया गया है।
3. इसका उद्देश्य निर्धन व्यक्तियों को सहायिकी के बिना अपनी जल-संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्थ बनाना

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ?
(a) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर-(c)
कथन ( 1 ) एवं ( 3 ) सही है, जबकि कथन (2) गलत है क्योंकि, वॉटर | क्रेडिट पहल को वॉटर डॉट ओआरजी (Water. Org) द्वारा प्रारंभ किया गया है, न कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विश्व बैंक द्वारा।

2. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
I.A.S. (Pre) 2021

1. खुदरा निवेशक डीमैट खातों के माध्यम से प्राथमिक बाजार में ‘राजकोष बिल’ (ट्रेजरी बिल) और ‘भारत सरकार के ऋण बॉण्ड’ में निवेश कर सकते हैं।
2. ‘बातचीत से तय लेनदेन प्रणाली-ऑर्डर मिलान’ (निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-ऑर्डर मैचिंग) भारतीय रिजर्व बैंक का सरकारी प्रतिभूति व्यापारिक मंच है।
3. ‘सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज लिमिटेड’ का भारतीय रिजर्व बैंक एवं बंबई स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संयुक्त रूप से प्रवर्तन किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(c) केवल 3
(b) 1 और 2
(d) 2 और 3

उत्तर-(b)
✔ खुदरा निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) में निवेश की सुविधा तथा वन-स्टॉप एक्सेस प्रदान करने के लिए 12 नवंबर, 2021 को आरबीआई द्वारा खुदरा प्रत्यक्ष (Retail Direct) योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य आर. डी. जी. (Retail Direct Git) खाताधारकों को आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत प्रतिभूतियों को खरीदने / बेचने में सक्षम बनाने के लिए मूल्य / उद्धरण प्रदान करके सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसलिए कथन 1 सही है।
✔ एनडीएसओएम या निगोशिएटेड डीलिंग सेगमेंट – ऑर्डर मैचिंग का अर्थ है सेकेंडरी मार्केट में सरकारी प्रतिभूतियों में ट्रेडिंग के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित, इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली | यह आरबीआई के स्वामित्व में है। अतः कथन 2 सही है।
✔ सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) को वर्ष 1999 में सुविधाजनक, भरोसेमंद और सुरक्षित डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करने हेतु स्थापित किया गया था।
✔ प्रारंभ में यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा प्रवर्तित किया जा रहा था, न कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा। बाद के वर्षों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अपनी हिस्सेदारी एच.डी.एफ.सी. बैंक, केनरा बैंक आदि को बेच दी गई। अतः कथन (3) सही नहीं है।

3. भारत में, ‘अंतिम उधारदाता’ (लेंडर ऑफ लास्ट रिसॉर्ट) के रूप में केंद्रीय बैंक के कार्य में सामान्यतः निम्नलिखित में से क्या सम्मिलित है / हैं ?
I.A.S. (Pre) 2021

1. अन्य स्रोतों से ऋण प्राप्ति में विफल होने पर व्यापार एवं उद्योग निकायों को ऋण प्रदान करना
2. अस्थायी संकट के समय बैंकों के लिए चलनिधि उपलब्ध कराना
3. बजटीय घाटों के वित्तीयन के लिए सरकारों को ऋण देना नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 3

उत्तर-(b)
बैंकों के बैंकर के रूप में, रिजर्व बैंक ‘अंतिम उपाय के ऋणदाता’ के रूप में भी कार्य करता है। यह एक ऐसे बैंक के बचाव में आ सकता है जो सॉल्वेंट हैं, लेकिन अस्थायी तरलता की समस्याओं का सामना करता है, इसे बहुत आवश्यक तरलता के साथ आपूर्ति करता है जब कोई और उस बैंक को ऋण देने के लिए तैयार नहीं होता है। रिजर्व बैंक बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने और बैंक की संभावित | विफलता को रोकने के लिए इस सुविधा का विस्तार करता है, जो बदले में अन्य बैंकों और संस्थानों को भी प्रभावित कर सकता है और वित्तीय स्थिरता और इस प्रकार अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

4. निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
I.A.S. (Pre) 2021

1. विदेशी मुद्रा संपरिवर्तनीय बॉण्ड
2. कुछ शर्तों के साथ विदेशी संस्थागत निवेश
3. वैश्विक निक्षेपागार (डिपॉजिटरी) प्राप्तियां
4. अनिवासी विदेशी जमा

उपर्युक्त में से किसे / किन्हें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में सम्मिलित किया जा सकता है / किए जा सकते हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) केवल 3
(c) 2 और 4
(d) 1 और 4

उत्तर – (a)
अनिवेशी विदेशी जमाओं को छोड़कर शेष सभी ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ‘ (FDI) के तहत शामिल किए जाते हैं। अतः विकल्प (1, 2 और 3) सही उत्तर है।

5. वित्तीय क्षेत्र के मूल्यांकन समिति (Committee on Financial Sector Assessment) की सह-अध्यक्षता किसके द्वारा की जाती है ?
M.P.P.C.S. (Pre) 2020

(a) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और भारत के वित्त मंत्री
(b) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर और भारत सरकार के वित्त सचिव
(c) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर
(d) भारत का प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर

उत्तर-(b)
वित्तीय क्षेत्र के मूल्यांकन समिति (Committee on Financial Sector Assessment) की सह-अध्यक्षता रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर और भारत सरकार के वित्त सचिव के द्वारा की जाती है। इस समिति ने 2009 में एक स्व-मूल्यांकन किया था जिसके परिणाम सार्वजनिक डोमेन में मौजूद हैं। ध्यातव्य है कि फाइनेंशियल सेक्टर असेसमेंट प्रोग्राम के तहत (FSAP) वर्ष 2000 के एफएसएपी आकलन में, IMF और विश्व बैंक के द्वारा केवल भारत के बैंकिंग और प्रतिभूति बाजार क्षेत्रों का ही मूल्यांकन किया गया था। वर्ष 1999 में इस्टैबलिश्ड FSAP और IMF विश्व बैंक का एक संयुक्त कार्यक्रम है।

6. भारत में फर्म के “ब्याज-व्याप्ति अनुपात (Interest Coverage Ratio)” पद का क्या महत्व है ?
I.A.S. (Pre) 2020

1. यह उस फर्म, जिसे बैंक ऋण देने जा रहा है, के वर्तमान जोखिम को समझने में मदद करता है।
2. यह उस फर्म, जिसे बैंक ऋण देने जा रहा है, के आने वाले जोखिम के मूल्यांकन में मदद करता है।
3. उधार लेने वाली फर्म का ब्याज-व्याप्ति अनुपात जितना अधिक होगा, उसकी ऋण समाशोधन क्षमता उतनी ही खराब होगी।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर- (a)

ब्याज-व्याप्ति अनुपात ( Interest Coverage Ratio) एक ऋण और लाभप्रदता अनुपात है, जिसका उपयोग यह निर्धारण करने के लिए किया जाता है कि कंपनी अपने बकाया ऋण पर कितनी आसानी से ब्याज का भुगतान कर सकती है। ब्याज – व्याप्ति अनुपात को कभी-कभी अर्जित ब्याज (Time Interest Earned – TIE) अनुपात कहा जाता है। ऋणदाता, निवेशक और लेनदार अक्सर इस फॉर्मूले का उपयोग कंपनी के मौजूदा ऋण के सापेक्ष या भविष्य में उधार लेने के लिए जोखिम का निर्धारण करने के लिए करते हैं। एक उच्च व्याप्ति अनुपात बेहतर है, हालांकि आदर्श अनुपात उद्योग द्वारा भिन्न हो सकता है।

7. यदि आप अपने बैंक के मांग जमा खाते ( Demand Deposit Account) में रु.1,00,000 की नकद राशि निकालते हैं, तो अर्थव्यवस्था में तात्कालिक रूप से मुद्रा की समग्र पूर्ति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?
I.A.S. (Pre) 2020

(a) मुद्रा की समग्र पूर्ति में रु. 1,00,000 की कमी आएगी
(b) मुद्रा की समग्र पूर्ति में रु.1,00,000 की वृद्धि होगी
(c) मुद्रा की समग्र पूर्ति में रु.1,00,000 से अधिक की वृद्धि होगी
(d) मुद्रा की समग्र पूर्ति अपरिवर्तित रहेगी

उत्तर- (d)
एक निश्चित समय में लोगों में संचरण करने वाली कुल मुद्रा को मुद्रा की पूर्ति कहते हैं। मुद्रा की पूर्ति के वैकल्पिक मापों को चार रूपों में प्रकाशित किया जाता है- M, M,, M,, और M
M = CU + DD + OD
M, = M + डाकघर बचत बैंकों में बचत जमाएं।
M, M + व्यावसायिक बैंकों की निवल आवधिक जमाएं।
MM + डाकघर बचत संस्थाओं में कुल जमाएं (राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्रों को छोड़कर)
यहां CU लोगों द्वारा रखी गई करेंसी (नोट और सिक्के) है और DD व्यावसायिक बैंकों द्वारा रखी गई निवल मांग जमा है। इस दिए हुए प्रश्न में जब DD घटक रु.1,00,000 निकलेगा, तब CU घटक रु.1,00,000 बढ़ जाएगा, अतः तात्कालिक रूप से मुद्रा की समग्र पूर्ति अपरिवर्तित रहेगी। अतः विकल्प (मुद्रा की समग्र पूर्ति अपरिवर्तित रहेगी) इस प्रश्न का सही उत्तर है।

8. यदि आर. बी. आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं
I.A.S. (Pre) 2020

1. वैधानिक तरलता अनुपात को घटाकर उसे अनुकूलित करना
2. सीमांत स्थायी सुविधा दर को बढ़ाना
3. बैंक दर को घटाना तथा रेपो दर को भी घटना

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर-(b)
✔ प्रसारवादी मौद्रिक नीति तब है जब किसी देश का केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए पैसे की आपूर्ति को बढ़ा देता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, अर्थव्यवस्था में मुद्रा पूर्ति का विभिन्न तरीकों से नियंत्रण करती है। मुद्रा पूर्ति के लिए प्रयुक्त उपकरण परिमाणात्मक अथवा गुणात्मक हो सकते हैं। परिमाणात्मक उपकरण, मुद्रा पूर्ति की मात्रा को CRR अथवा बैंक दर, SLR (Statutory Liquidity Ratio) अथवा खुले बाजार की क्रियाओं में परिवर्तन करके करते हैं।

✔ RBI मुद्रास्फीति के समय SLR को बढ़ा देता है जिससे बैंक साख सृजन कम कर सके। इसी तरह मंदी के समय SLR को घटा देता है जिससे बैंक अधिक साख सृजन कर सके। सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) के तहत बैंक अंतर- बैंक तरलता की कमी पूरा करने के लिए आपातकालीन स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं।

✔ यदि रिजर्व बैंक MSF दर को बढ़ा देता है’ तो बैंकों के लिए उधार लेना महंगा हो जाएगा। अतः यह प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण नहीं करता है।

✔ अर्थव्यवस्था में तरलता को बढ़ाने के लिए बैंक दर और रेपो रेट में कमी की जाती है। अतः यह प्रसार वादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करते हैं।

9. भारतीय अर्थव्यवस्थाओं के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I.A.S. (Pre) 2020

1. ‘वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper) अल्पकालीन प्रतिभूति- रहित वचन-पत्र है।
2. ‘जमा प्रमाण-पत्र (Certificate of Deposit) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किसी निगम को निर्गत किया जाने वाला दीर्घकालीन प्रपत्र है।
3. शीघ्रावधि द्रव्य (Call Money) अंतरबैंक लेन-देनों के लिए प्रयुक्त अल्प अवधि का वित्त है।
4. ‘शून्य – कूपन बॉण्ड ( Zero – Coupon Bonds)’ अनुसूचित व्यापारिक बैंकों द्वारा निगमों को निर्गत किए जाने वाले ब्याज सहित अल्पकालीन बॉण्ड हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(b) केवल 4
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर-(c)
वाणिज्यिक पत्र ( Commercial Paper) अल्पकालीन प्रतिभूति रहित वचन-पत्र है, जो कम-से-कम 7 दिन और अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाता है। अतः कथन (1) सही है।
✔ जमा प्रमाण-पत्र एक पराक्राम्य मुद्रा बाजार साधन है और यह एक निर्दिष्ट समय अवधि के लिए बैंक या अन्य पात्र वित्तीय संस्थान में जमा किए गए धन के विरुद्ध या एक Promissory नोट के रूप में जारी किया जाता है। यह फेडरल डिपोजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किया जाता है। अतः कथन (2) सही नहीं है।

✔ शीघ्रावधि द्रव्य (Call Money) ऐसे वित्त को कहते हैं, जो लघु अवधि का होता है और जिसे मांगे जाने पर चुकता करना होता है। इसका उपयोग अंतरबैंक लेन-देनों में होता है। अतः कथन (3) सही है।

✔ शून्य कूपन बॉण्ड (Zero Coupon bonds) को ‘जीरो’ भी कहते हैं, क्योंकि इन बॉण्ड्स पर किसी कूपन (ब्याज) का भुगतान नहीं होता है। यह हमेशा डिस्काउंट पर जारी किया जाता है। अतः कथन (4) सही नहीं है। इस प्रकार इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प (केवल 4) है।

10. निम्न में से भारत का कौन-सा व्यापारिक बैंक विश्व के शीर्ष 100 बैंकों में शामिल है ?
66th B.P.S.C. (Pre) Exam. 2020
(a) आई.सी.आई.सी.आई. बैंक
(b) भारतीय स्टेट बैंक
(c) एच.डी.एफ.सी. बैंक
(d) कोटक महिंद्रा बैंक
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक

उत्तर-(b)
प्रश्नकाल तथा S & P ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस द्वारा अप्रैल, 2022 तथा अप्रैल, 2021 में जारी रिपोर्ट के अनुसार कुल परिसंपत्तियों के आधार पर विश्व के 100 बैंकों में भारत का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया क्रमशः 53वें तथा 57वें स्थान पर है, जो इस सूची में भारत का एकमात्र बैंक है। वर्ष 2020 की रिपोर्ट में इसका स्थान 55वां था।WhatsApp Button

11. सार्वजनिक क्षेत्रक बैंकों के अध्यक्षों का चयन कौन करता है ?
I.A.S. (Pre), 2019
(a) बैंक बोर्ड ब्यूरो
(c) केंद्रीय वित्त मंत्रालय
(b) भारतीय रिजर्व बैंक
(d) संबंधित बैंक का प्रबंधन

उत्तर- (a)
✔ सार्वजनिक क्षेत्रक बैंकों के अध्यक्ष एवं अन्य यह महत्वपूर्ण पदों हेतु चयन बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) द्वारा किया जाता है, जिसकी अनुशंसा के आधार पर सरकार इनकी नियुक्ति करती है।

✔ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के चयन की अनुशंसा के साथ यह बैंकों की पूंजी उद्ग्रहण योजनाओं एवं रणनीतियों के विकास में भी सहायता करता है। वर्तमान में बैंक बोर्ड ब्यूरो के चेयरमैन भानू प्रताप शर्मा हैं।

12. हाल ही में भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अंतर ऋणदाता करार (इंटर-क्रेडिटर एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर करने का क्या उद्देश्य था ?
I.A.S. (Pre), 2019
(a) भारत सरकार के राजकोषीय घाटे और चालू लेखा घाटे के वर्षानुवर्ष पड़ने वाले भार को कम करना
(b) केंद्रीय और राज्य सरकारों की आधारिक संरचना परियोजनाओं को संबल प्रदान करना
(c) 50 करोड़ रुपये या अधिक के ऋणों के आवेदनों के मामले में स्वतंत्र नियामक के रूप में कार्य करना
(d) 50 करोड़ रुपये या अधिक की दबावयुक्त परिसंपत्तियों (स्ट्रेस्ड ऐसेट्स) का, जो सह-संघ उधारी (कॉन्सोर्टियम लेंडिंग) के अंतर्गत हैं, अधिक तेजी से समाधान करने का लक्ष्य रखना

उत्तर- (d)
सुनील मेहता समिति की अनुशंसाओं के आधार पर तथा सरकार द्वारा दबावयुक्त परिसंपत्तियों (Stressed Assets or Bad Loans) के समाधान हेतु स्वीकृत प्रोजेक्ट ‘सशक्त’ के तहत 23 जुलाई, 2018 को भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अंतर ऋणदाता करार (Inter-Creditor Agreement ) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य 50 करोड़ रुपये या अधिक की दबावयुक्त परिसंपत्तियों जो सह-संघ उधारी (Consortium Lending) के अंतर्गत है, के समाधान (Resolution) को त्वरित करना था। इस करार पर एसबीआई और पीएनबी सहित 22 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 19 निजी क्षेत्र के बैंकों एवं 32 विदेशी बैंकों के साथ एलआईसी एवं हुडको जैसे 12 प्रमुख वित्तीय संस्थानों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस करार के तहत कॉन्सोर्टियम के मुख्य ऋणदाता को अधिक अधिकार देते हुए समाधान योजना प्रस्तुत करने तथा समूह के 66 प्रतिशत ऋणदाता बैंकों द्वारा सहमत होने पर उस योजना के अनुमोदन का प्रावधान किया गया।

13. भारत के संदर्भ में, मुद्रा संकट के जोखिम को कम करने में निम्नलिखित में से किस/किन कारक / कारकों का योगदान है ?
I.A.S. (Pre), 2019

1. भारत के IT सेक्टर के विदेशी मुद्रा अर्जन का
2. सरकारी व्यय के बढ़ने का
3. विदेशस्थ भारतीयों द्वारा भेजे गए धन का

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर-(b)
✔ मुद्रा संकट (Currency Crisis) से तात्पर्य ऐसी परिस्थिति से है, जब किसी देश के केंद्रीय बैंक की अपने विदेशी मुद्रा भंडार के आधार पर | देश की मुद्रा की नियत विनिमय दर को बनाए रखने की क्षमता पर गंभीर प्रश्न चिह्न हों। सामान्यतः ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब कोई देश गंभीर रूप से भुगतान संतुलन (Balance of Payment) घाटे का सामना कर रहा हो तथा वह अपने आयात एवं ऋण शोधन का वित्तीयन अपने अपर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार से न कर पा रहा हो। ऐसी स्थिति में देश का केंद्रीय बैंक देश की मुद्रा की विनिमय दर को ऐसी स्थिति में देश का केंद्रीय बैंक देश की मुद्रा की विनिमय दर को स्थिर रखने में असफल रहता है और मुद्रा का मूल्य गिरता जाता है।

✔ भारत के संदर्भ में, देश के IT सेक्टर द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जन एवं विदेशस्थ भारतीयों द्वारा भेजा गया धन (Remittances ) देश में विदेशी मुद्रा अंतर्वाह को बढ़ाकर विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि करने के साथ भुगतान संतुलन के घाटे को कम करने तथा तदनुसार मुद्रा संकट के जोखिम को कम करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

✔ इसके विपरीत सरकारी व्यय के बढ़ने से यदि रुपये की आपूर्ति बढ़ती है, तो ऐसी स्थिति में रुपये का मूल्य गिरने से मुद्रा संकट का जोखिम और बढ़ सकता है।

14. भारतीय रुपये की गिरावट रोकने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा एक सरकार / भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाने वाल सर्वाधिक संभावित उपाय नहीं है ?
I.A.S. (Pre), 2019
(a) गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर नियंत्रण और निर्यात को प्रोत्साहन
(b) भारतीय उधारकर्ताओं को रुपये मूल्यवर्ग के मसाला बॉन्ड जारी करने हेतु प्रोत्साहित करना
(c) विदेशी वाणिज्यिक उधारी से संबंधित दशाओं को आसान बनाना
(d) एक प्रसरणशील मौद्रिक नीति का अनुसरण करना

उत्तर- (d)
गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर नियंत्रण एवं निर्यात को प्रोत्साहन, रुपये मूल्यवर्ग के मसाला बॉन्ड जारी करने तथा विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ECB) से संबंधित दशाओं को आसान बनाने जैसे उपायों से देश में विदेशी मुद्रा (विशेषकर डॉलर) का अंतर्वाह बढ़ेगा, जिससे भारतीय रुपये में मजबूती आएगी। इसके विपरीत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रसरणशील (Expansionary) मौद्रिक नीति के अनुसरण से मुद्रा आपूर्ति में वृद्धि होगी और ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे मुद्रा का मूल्य घटेगा, मुद्रास्फीति बढ़ेगी तथा विदेशी मुद्रा (विशेषकर डॉलर) का बहिर्वाह बढ़ेगा एवं भारतीय रुपये में और गिरावट आएगी।

15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
I.A.S. (Pre), 2019

‘भुगतान प्रणाली आंकड़ों के भंडारण (स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम (डेटा)’ के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के हाल का निदेश, जिसे प्रचलित रूप से डेटा डिक्टैट के रूप में जाना जाता है, भुगतान प्रणाली प्रदाताओं (पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स) को समादेशित करता है कि
1. वे यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा संचालित भुगतान प्रणालियों से संबंधित समग्र आंकड़े एक प्रणाली के अंतर्गत केवल भारत में भंडारित किए जाएं
2. वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इन प्रणालियों का स्वामित्व और संचालन सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ही करें
3. वे कैलेंडर वर्ष की समाप्ति तक भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को समेकित प्रणाली लेखापरीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे

उपर्युक्त में से कौन-सा /से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(c) केवल 3
(b) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर- (a)

‘भुगतान प्रणाली आंकड़ों के भंडारण (स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम | डेटा) के संबध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 6 अप्रैल, 2018 को जारी निदेश, भुगतान प्रणाली प्रदाताओं को समादेशित करता है कि उनके द्वारा परिचालित भुगतान प्रणालियों से संबंधित समस्त आंकड़े केवल भारत में ही एक प्रणाली में संग्रहीत किए जाएं। इन आंकड़ों में मैसेज / भुगतान निर्देश के हिस्से के रूप में शुरुआत से लेकर अंत तक के समस्त लेन-देन संबंधी विवरण / संग्रह की गई / लाई गई / संसाधित की गई सूचना शामिल होनी चाहिए। इस कार्य के पूर्ण होने के पश्चात प्रणाली प्रदाता प्रणालीगत लेखा परीक्षा रिपोर्ट (System Audit Report : SAR) प्रस्तुत करेंगे। यह लेखापरीक्षा ‘CERT-IN’ (Indian | Computer Emergency Response Team) सूचीबद्ध लेखापरीक्षकों द्वारा की जाएगी। इस प्रकार कथन 3 असत्य है।
संबंधित निदेश में कथन 2 संबंधी बाध्यता नहीं दी गई है। अतः कथन 2 भी असत्य है।Join us on Telegram

16. भारत में अर्थशोधन निवारण अधिनियम कब से लागू हुआ ?
63rd B.P.S.C. (Pre) Exam. 2017
(a) 1998
(b) 1999
(c) 2001
(d) 2005
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक

उत्तर- (d)
✔ अर्थशोधन निवारण अधिनियम, 2002, 1 जुलाई, 2005 को लागू हुआ है।

17. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) से चिह्नित किया गया है।
U.P.R.O/A.R.O. ( Re-Exam) (Pre) 2016

अभिकथन (A) : ऑपरेशन ट्विस्ट के अंतर्गत आर.बी.आई. एक ही समय में अल्पकालीन प्रतिभूतियों को बेचकर दीर्घकालीन प्रतिभूतियों को खरीदता है।
कारण (R) : इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालीन निवेश को बढ़ाना है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए ।
कूट :
(a) दोनों (A) तथा (R) सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) दोनों (A) तथा (R) सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सत्य है, किंतु (R) असत्य है।
(d) (A) असत्य है, किंतु (R) सत्य है।

उत्तर – (a)
✔ जुलाई, 2020 में घरेलू मांग में तेजी लाने, निवेशकों को लुभाने तथा सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ (Operation Twist) शुरू किया है। इसके तहत रिजर्व बैंक सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये का दीर्घकालीन सरकारी बॉण्ड की खरीद की तथा उतनी ही रकम के अल्पकालीन ट्रेजरी बिलों की बिक्री की। इससे अर्थव्यवस्था में दीर्घकालीन निवेश को बढ़ावा मिला है।

✔ वर्ष 2019 में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 135 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की, लेकिन बैंकों ने इसका अत्यधिक लाभ लोगों तक नहीं पहुंचाया। यही कारण है कि आरबीआई ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ की मदद से आर्थिक सुस्ती दूर करने की कोशिश में लगा है।

✔ ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ एक मौद्रिक नीति है, जिसे पहली बार अमेरिका फेडरल रिजर्व ने प्रयोग किया था।

18. कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा किस समिति का गठन किया गया है ?
B.P.S.C. (Pre) 2016.

(a) नचिकेत मोर समिति
(b) शांताकुमार समिति
(c) एच. आर. खान समिति
(d) नीरज कुमार गुप्ता समिति
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं / उपरोक्त में से एक से अधिक

उत्तर- (d)
वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक ने मई, 2016 में नकदी रहित लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नीरज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसमें 7 सदस्य थे। इसी क्रम में 8 नवंबर, 2016 को लिए गए विमुद्रीकरण के निर्णय के बाद 25 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा सरकार नागरिक के मध्य डिजिटल लेन- देन को बढ़ावा देने हेतु नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में भी एक समिति का गठन किया गया।

19. निम्न में से कौन-से बॉण्ड द्वारा भारतीय संस्थान विदेशी बाजारों से विदेशी मुद्रा के बजाय रुपये में पैसा जुटा सकते हैं?
B.P.S.C. (Pre) 2016
(a) कॉर्पोरेट बॉण्ड
(b) मसाला बॉण्ड
(c) नगरीय ( म्यूनिसिपल) बॉण्ड
(d) शून्य – कूपन बॉण्ड
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं / उपरोक्त में से एक से अधिक

उत्तर-(b)
✔ मसाला बॉण्ड के द्वारा भारतीय संस्थान विदेशी बाजारों से विदेशी मुद्रा के बजाय रुपये में पैसा जुटा सकते हैं। जुलाई, 2016 में HDFC पहली ऐसी भारतीय कंपनी बनी, जिसने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में ‘मसाला बॉण्ड्स’ जारी किए।

✔ सरल शब्दों में विदेशी पूंजी बाजार में निवेश के लिए भारतीय रुपये में जारी किया जाने वाला बॉण्ड, मसाला बॉण्ड है। इस सुविधा के पूर्व अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेश के लिए बॉण्ड डॉलर में जारी करना होता था।

20. भारत में राष्ट्रीय न्यादर्श सर्वेक्षण 2011-12 के अनुसार, चालू दैनिक स्थिति बेरोजगारी दर क्या थी?
Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016
(a) 2.2 प्रतिशत
(b) 5.6 प्रतिशत
(c) 8.0 प्रतिशत
(d) 7.1 प्रतिशत
(e) 7.3 प्रतिशत

उत्तर-(b)
भारत में राष्ट्रीय न्यादर्श सर्वेक्षण 2011-12 के अनुसार, चालू दैनिक स्थिति (CDS) बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य स्तर (PS + SS; जिसमें मुख्य और गौण क्रियाकलाप दोनों शामिल) बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत ही थी। 23 जुलाई, 2021 को एनएसएसओ द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) पर वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 (जुलाई-जून) में भारत में सामान्य स्तर (PS+SS) बेरोजगारी दर 4.8 प्रतिशत के स्तर पर है। जबकि इससे पूर्व के PLFS ( 2018-19 एवं 2017-18) में यह दर क्रमश: 5.8 प्रतिशत एवं 6.1 प्रतिशत थी।

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Note : इन Questions  को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।

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