Monsoon System and Climate PYQ
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मानसून तंत्र एवं जलवायु PYQ
- मानसून शब्द किस भाषा के शब्द से बना है?
[II Grade (Urdu) Exam. 2011]
(1) फारसी
(2) जर्मन
(3) अरबी
(4) अंग्रेजी
Ans. (3)
व्याख्या –
‘मानसून’ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के ‘मौसिम’ (Mausim) शब्द से हुई है, जिससे तात्पर्य मौसम (ऋतु) से है। मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन है। पवनों की दिशा का मौसम के अनुसार उलट जाना। भारत की जलवायु उष्ण मानसूनी है, जो दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया में पायी जाती है। स्रोत : N.C.E.R.T. Class IX पृष्ठ संख्या 26
- मानसून हैं-
[II Grade (English) Exam. 2011]
(1) स्थायी हवाएँ
(2) व्यापारिक पवनें
(3) मौसमी हवाएँ
(4) स्थानीय पवनें
Ans. (3)
व्याख्या –
सामयिक या मौसमी पवन (Seasonal Wind) : मौसम या समय के साथ जिन पवनों की दिशा में परिवर्तन पाया जाता है, उन्हें सामयिक या कालिक पवन कहा जाता है। पवनों के इस वर्ग में मानसून पवनें, स्थल एवं सागर समीर तथा पर्वत एवं घाटी समीर को शामिल किया जाता है।
- कौनसी एक ग्रहीय पवन नहीं हैं?
[II Grade GK (संस्कृत शिक्षा) – 19.02.2019]
(1) ध्रुवीय
(2) पछुवा
(3) व्यापारिक
(4) मानसून
Ans. (4)
- भारतीय मानसून के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौनसा सही नहीं है?
[1 Grade (Geography) -16.10.2022]
(1) भारतीय मानसून एक ग्रहीय पवन है।
(2) भारतीय उपमहाद्वीप में हर छः माह में हवाओं का क्रम पूर्णतः उलट जाता है।
(3) तिब्बत का पठार, मानसून के आगमन को प्रभावित करता है।
(4) ‘मोनेक्स’ का सम्बन्ध भारतीय मानसून के अनुसंधान अभियान से है।
Ans. (1)
- कौनसी एक मानसूनी वर्षा की विशेषता नहीं है?
[Ilnd Grade Spe. Edu. 2017]
(1) दक्षिणी पश्चिमी मानसून से होने वाली वर्षा की प्रकृति मौसमी है।
(2) मध्य भारत अधिकांशतः लौटते मानसून से वर्षा प्राप्त करता है।
(3) तटीय क्षेत्र महाद्वीपीय क्षेत्रों से अधिक वर्षा प्राप्त करते हैं।
(4) जब पूर्वी जेट धारा दक्षिण की ओर सिन्धु गंगा के मैदान की ओर स्थानांतरित होती है, तो मानसून में रूकावट हो जाती है।
Ans. (2)
व्याख्या –
लौटता हुआ मानसून है उत्तर-पूर्वी वायुस्स्रोत जो अक्टूबर माह के बाद हिमालय पर्वतमाला के ओर से दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहती है। यह शीतकालीन ऋतु के मानसून है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बहने के कारण जलीय वाष्पीकरण द्वारा मेघमण्डल भारतीय पूर्वी तट के राज्यों में वृष्टि बादल के प्राकृतिक वातावरण सृष्टि करते हैं। विशेषतः तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो शीतकालीन मानसून के प्रभाव से अधिक बारिश प्राप्त करता है।
- कौनसा विद्वान मानसून सिद्धान्त से संबंधित नहीं है-
[Dy. Commandant – 23.08.2020]
(1) फ्लोन
(2) कोनॉर्ड
(3) रामनाथन
(4) कोटेश्वरम्
Ans. (2)
व्याख्या –
- कोटेश्वरम् प्रभृति अन्तरिक्ष विद्वानों की मान्यता है कि – दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के विकास के पूर्व इस क्षेत्र में उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम (TEJ) का विस्तार एशिया एवं अफ्रीका के उष्ण-कटिबन्धीय क्षेत्रों तक रहता है। दूसरे, सूर्य की विकिरण शक्ति के कारण तिब्बत के पठार पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं अतः पूर्वी जेट स्ट्रीम का जन्म होता है। कोटेश्वरम् के अनुसार भारतीय दक्षिणी-पश्चिमी मानसून वास्तव में निम्न धरातल पर लौटाने वाला वह प्रभाव है जो देशान्तरीय संचालन के कारण उत्पन्न होता है।
- रमन तथा रामनाथन ने भी उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी जेट (TEJ) की उत्पत्ति व संरचना पर प्रकाश डाला है।
- फ्लोन ने भी ‘उष्ण कटिबंधीय जेट स्ट्रीम’ के विषय में अध्ययन किया है।
- किसने भारतीय मानसून व तिब्बतीयन पठार के बीच संबंध स्थापित करने का प्रयास किया-
[Head Master-11.10.2021]
[ACF & FRO: 18.02.2021]
(1) एम.टी. यिन
(2) एच. फ्लोह्न
(3) पी. कोटेश्वरम्
(4) सी. न्यूटन
Ans. (3)
- पी. कोटेश्वरम ने आधुनिक सिद्धान्तों में से एक दिया जो सम्बन्धित है-
[RPSC II Grade Exam 26.04.2017]
(1) एल-नीनो
(2) मानसून की उत्पत्ति
(3) टॉरनैडो
(4) पश्चिमी विक्षोभ
Ans. (2)
- उत्तर-पूर्वी शीत वर्षा करती हैं? मानसूनी पवनें किस तट के सहारे
[RPSC II Grade Exam 01.05.2017]
[II Grade (S-II)-29.1.2023]
(1) कोंकण तट
(2) कन्नड़ तट
(3) मालाबार तट
(4) कोरोमण्डल तट
Ans. (4)
व्याख्या –
कोरोमंडल तट पर वृष्टि (छाया) पड़ने के कारण जून-जुलाई में मानसून ऊपर से गुजर जाता है और चार महिने बाद जब निम्न वायुदाब बनने से लौटते मानसून द्वारा बंगाल की खाड़ी से पुनः जल उठा लिया जाता है और क्योंकि अब अरब शाखा की बजाय बंगाल शाखा से बादल लौट रहे हैं अतः कोरोमंडल तट पर बारिश कर जाते हैं ।
- भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून निम्न में से किन महीनों के बीच आता है-
[राज. पुलिस कॉन्स्टेबल-13.05.2022 (1)]
(1) नवम्बर से जनवरी
(2) अगस्त से नवम्बर
(3) दिसम्बर से फरवरी
(4) अक्टूबर से दिसम्बर
Ans. (4)
- मानसूनी पवनें ग्रीष्म ऋतु में बहती है-
[II Grade (Maths) Exam. 2011]
(1) पूर्व से पश्चिम
(2) दक्षिण से पश्चिम
(3) समुद्र से स्थल
(4) स्थल से समुद्र
Ans. (3)
व्याख्या –
भारत में ग्रीष्म कालीन मानसून के प्रवाह की सामान्य दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होती है। शीत काल में इसकी दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर होती है। भारत में अधिकांश वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून (बंगाल की खाड़ी) से ही प्राप्त होती है।
- मानसूनी वर्षा में क्षेत्रीय भिन्नता सहायक है-
[II Grade-30.07.2023 (S-I)]
(1) तापमान बढ़ाने में
(2) भूमि की क्षमता बढ़ाने में
(3) सूखा शमन में
(4) विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने में
Ans. (4)
- ……… राज्य में छत वर्षा-जल संचयन अनिवार्य है-
[CET (S-I)-28.09.2024]
[PSI (Motor Vehicle) -12.02.2022]
(1) तमिलनाडु
(2) हरियाणा
(3) असम
(4) राजस्थान
Ans. (1)
- दक्षिणी पश्चिमी मानसून सबसे पहले पहुँचता है-
[II Grade (Science) Exam. 2011]
[REET Level-II Exam, 2016]
[PTI Exam-23.02.2015]
(1) मुम्बई
(2) केरल तट
(3) कोलकाता
(4) राजस्थान
Ans. (2)
व्याख्या –
भारत में कुल वर्षा का लगभग 92 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम (Southwest) मानसून से प्राप्त होता है। भारत में इसकी सक्रियता जून से सितम्बर तक रहती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रारम्भ भारत के केरल राज्य से शुरू होता है।
- भारत की अधिकांश वर्षा …….. है?
[PSI (Motor Vehicle) -12.02.2022]
(1) संवहनी
(2) पर्वतीय
(3) चक्रवाती
(4) कोई नहीं
Ans. (4)
- भारत में शरदकालीन वर्षा के क्षेत्र है-
[RAS-1999]
(1) उड़ीसा-कर्नाटक
(2) पंजाब-तमिलनाडु
(3) अरुणाचल प्रदेश-बिहार
(4) तमिलनाडु-कर्नाटक
Ans. (4)
व्याख्या:
भारत में सितम्बर महीने से मानूसन का प्रत्यावर्तन शुरू हो जाता है, जिसका कारण सूर्य के दक्षिणायन होने के कारण ITCZ (Inter Tropical Convergence Zone) का दक्षिण की ओर खिसकना है। इस क्रम में उत्तर-पूर्व भारत से चलने वाली मानसून बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर तमिलनाडु विशेषतः चेन्नई में वर्षा करती है। उत्तर-पूर्वी मानसून से तमिलनाडु की कुल वर्षा का 50-60 प्रतिशत प्राप्त होता है।
- तमिलनाडु में शरदकालीन वर्षा अधिकांशतः जिन कारणों से होती है, वे हैं :
[RAS Pre. Exam. 2010]
(1) पश्चिमी विक्षोम
(2) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून
(3) उत्तरी-पूर्वी मानसून
(4) दक्षिणी-पूर्वी मानसून
Ans. (3)
- भारत के कौनसे क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी मानसून से वर्षा प्राप्त करते हैं?
[RAS Pre-01.10.2023]
- तमिलनाडु तट
- गुजरात तट
- दक्षिणी आन्ध्रप्रदेश
- दक्षिण-पूर्व कर्नाटक
(1) 1,2,3 और 4 सही हैं।
(2) 1,3 और 4 सही हैं।
(3) 2, 3 और 4 सही हैं।
(4) 1, 2 और 3 सही हैं।
Ans. (2)
- भारत में किस स्थान पर एक वर्ष में सर्वाधिक वर्षा होती है-
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-08.11.2020 (II)]
(1) मासिनराम
(2) देहरादून
(3) डिब्रूगढ़
(4) कोलकाता
Ans. (1)
व्याख्या-
मासिनराम (Mawsynram) भारत के मेघालय राज्य के पूर्व खासी हिल्स ज़िले में स्थित भारत का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र है। यहाँ वार्षिक रूप से 11,872 मिलिमीटर वर्षा होती है।
- सर्वाधिक वर्षा के लिए प्रसिद्ध स्थान ‘मासिनराम’ किस राज्य में स्थित है ?
[II Grade -21.12.2022]
(1) असम
(2) मणिपुर
(3) मेघालय
(4) त्रिपुरा
Ans.(3)
- भारत में कालवैसाखी वर्षा की सर्वाधिक घटित होने की अवधि है-
[ACF & FRO: 18.02.2021]
(1) मध्य फरवरी-मध्य मार्च
(2) मध्य मार्च- मध्य अप्रैल
(3) मध्य अप्रैल- मध्य मई
(4) मार्च का प्रथम सप्ताह
Ans. (2)
व्याख्या-
काल वैसाखी (बोर्डोइचिल्ला या बारदोली छीड़ा या नार्वेस्टर) असम और पश्चिम बंगाल में वैसाख (मार्च-अप्रैल) में चलने वाली भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें लेकिन ये पवनें चाय, पटसन व चावल की फसल के लिए बहुत लाभदायक होती है।
- काल वैसाखी…….. से सम्बन्धित है-
[II Grade -21.12.2022]
(1) राजस्थान
(2) हरियाणा
(3) पश्चिम बंगाल
(4) पंजाब
Ans.(3)
- पश्चिम बंगाल में होने वाली मानसून – पूर्व वर्षा को कहते हैं?
[Head Master Exam – 02.09.2018]
(1) बोर्डिचिला
(2) कालवैशाखी
(3) चेरी ब्लॉजम
(4) चाय वर्षा
Ans. (2)
- मानसून निम्न में से किससे प्रभावित नहीं होता है?
[II Grade GK (संस्कृत शिक्षा) – 19.02.2019]
(1) ITCZ की विस्थापन
(2) भूमि एवं सागरीय भागों का भिन्न-भिन्न दरों से गर्म होना
(3) पश्चिमी जेट स्ट्रीम का विस्थापन
(4) नार्वेस्टर
Ans. (4)
- कौनसा स्थान दक्षिण-पश्चिम मानसून से सबसे पहले वर्षा प्राप्त करता है?
[II Grade (San. Dept.) 12.2.2023]
(1) कोलकता
(2) मुम्बई
(3) राँची
(4) अगरतला
Ans. (4)
- उत्तरी भारत में शीतकालीन वर्षा का कारण है-
[II Grade-24.12.2022]
[RTET Level-II Exam, 2011]
(1) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून
(2) शीत लहर
(3) पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ
(4) उपर्युक्त सभी
Ans. (3)
व्याख्या-
उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा पश्चिमी विक्षोभके कारण होती है। भारत में पहले से ही प्रति चक्रवाती दशा मौजूद रहती है उसका शीत काल की वर्षा से संबंध नहीं होता है। प्रति चक्रवाती स्थितियाँ शीत ऋतु में तब बनती हैं जब वायुमण्डलीय दाब उच्च होता है और वायु ताप निम्न होता है।
- कौनसा कारक भारत में मानसून के प्रभाव को प्रबल बनाता है?
[II Grade (Sanskrit Dept.) 12.2.2023 (S-1)]
(1) जब मई माह में उत्तरी हिन्द महासागर में अधिक उच्च वायुदाब स्थापित होता है।
(2) मार्च तथा अप्रैल माह में चिली तथा अर्जेण्टीना में सुविकसित उच्च वायुदाब रहता है।
(3) अप्रैल-मई माह में जंजीबार के निकट पूर्वी अफ्रीकी तट पर भारी वर्षा होती है।
(4) मई में उ. हिमालय प्रदेश में भारी हिमपात होता है।
Ans. (2)
- निम्न में से कौनसा स्थान दिसम्बर में अधिकतम सूर्य-प्रकाश प्राप्त करता है-
[पटवार-23.10.2021 (S-II)]
(1) कन्याकुमारी
(2) कोलकाता
(3) लेह
(4) पुणे
Ans. (1)
व्याख्या –
उत्तरी गोलार्द्ध में दिसम्बर माह में अधिकतम सूर्य प्रकाश भारत के दक्षिणी बिन्दु कन्याकुमारी पर होता है।
- निम्नलिखित में से कौनसा मानसून तन्त्र के बारे में सही नहीं है ?
[II Grade (S-I) -29.1.2023]
(1) पूर्वी जेट स्ट्रीम भारतीय मानसून तन्त्र को बहुत प्रभावित करती है।
(2) एल-नीनो की धारा, जो कि मानसून तन्त्र को प्रभावित करती है, प्रशान्त महासागर के दक्षिण पूर्वी भाग में मई-जून में प्रकट होती है ।
(3) पी. कोटेश्वरम् ने मानसून हवाओं के तन्त्र एवं ऊपरी वायु संचरण में सम्बन्ध स्थापित किया।
(4) मानसून तन्त्र को समझाने वाला वायु-राशि सिद्धान्त ITCZ के विस्थापन पर आधारित है।
Ans. (2)
व्याख्या –
एलनीनो प्रभाव (El Nino Effect) : ठंडी पेरू जलधारा के स्थान पर अस्थायी तौर पर गर्म जलधारा के विकास को एलनीनो का नाम दिया गया है अर्थात् सामान्य से अधिक तापमान हो जाने की स्थिति को अल नीनो प्रभाव कहा जाता है। एल नीनो स्पैनिश शब्द है, जिसका अर्थ होता है बच्चा जो कि बेबी क्राइस्ट (Children of Christ) को व्यक्त करता है, क्योंकि यह धारा क्रिसमस के समय बहना शुरू करती है। एलनीनो की उपस्थिति समुद्र की सतह के तापमान को बढ़ा देती है तथा उस क्षेत्र में व्यापारिक पवनों को शिथिल कर देती है। ऐसा माना गया है कि एलनीनो की परिस्थितियाँ विकसित होने पर भारत में मानसून की प्रक्रिया कमजोर हो जाती है। इसके विपरीत ला नीना की परिस्थितियाँ विकसित होने पर भारत में मानसून की सक्रियता बढ़ जाती है।
[स्रोत : NCERT, Class 9, पृष्ठ 33]
- एल-नीनो से भारत में अपेक्षित मानसून में सामान्यतः होती है-
[I Grade (Phy. Edu.) 21.10.20221
(1) शीघ्र आगमन व प्रबलता
(2) विलम्ब व प्रबलता
(3) शीघ्र आगमन व अति प्रबलता
(4) विलम्ब व शिथिलत
Ans. (4)
- निम्नलिखित कथनों में से कौनसा कथन एल-नीनो से सम्बन्धित नहीं है?
[PTI (Grade-II)-30.04.2023]
(1) यह भारतीय मानसून को प्रभावित करती है।
(2) यह एक संकरी गर्म समुद्र जलधारा है।
(3) यह चक्रवाती मौसम को जन्म देती है।
(4) यह कभी-कभी द. अमेरिका के पेरू के तट के पास चलती है।
Ans. (3)
- भारत में निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में निम्न वनस्पति आच्छादन वाली शुष्क जलवायु पाई जाती है?
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-14.05.2022]
(1) तटवर्ती मैदान
(2) द्वीप
(3) प्रायद्वीपीय पठार
(4) भारतीय मरूस्थल
Ans. (4)
- जुलाई में अन्तः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजेड) स्थित होता है-
[II Grade GK (संस्कृत शिक्षा) – 17.02.2019]
(1) 5° उत्तर से 5° दक्षिण अक्षांशों के आसपास
(2) 15° उत्तर से 20° उत्तर अक्षांशों के आसपास
(3) 10° उत्तर से 15° उत्तर अक्षांशों के आसपास
(4) 20° उत्तर से 25° उत्तर अक्षांशों के आसपास
Ans. (4)
व्याख्या –
अन्तःउष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आई.टी.सी.जेड) – विषुवत वृत्त पर स्थित अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र एक निम्न वायुदाब वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में व्यापारिक पवनें मिलती हैं। अतः इस क्षेत्र में वायु ऊपर उठने लगती है। जुलाई के महीने में आई.टी.सी.जेड. 20° से 25° उ. अक्षांशों के आस-पास गंगा के मैदान में स्थित हो जाता है। इसे कभी-कभी मानसूनी गर्त भी कहते हैं। यह मानसूनी गर्त, उत्तर और उत्तर-पश्चिमी भारत पर तापीय निम्न वायुदाब के विकास को प्रोत्साहित करता है। आई.टी.सी.जेड के उत्तर की ओर खिसकने के कारण दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनें 40° और 60° पूर्वी देशांतरों के बीच विषुवत वृत्त को पार कर जाती हैं। कोरियोलिस बल के प्रभाव से विषुवत वृत्त को पार करने वाली इन व्यापारिक पवनों की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर हो जाती है। यही दक्षिण-पश्चिम मानसून है। शीत ऋतु में आई.टी.सी.जेड. दक्षिण की ओर खिसक जाता है। इसी के अनुसार पवनों की दिशा दक्षिण-पश्चिम से बदलकर उत्तर-पूर्व हो जाती है, यही उत्तर-पूर्व मानसून है।
- विशेष रूप से केरल और कर्नाटक में, ग्रीष्म ऋतु के समाप्त होते होते, पूर्व-मानसून वर्षा सामान्य हैं। इसे प्रायः ……… कहा जाता है-
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-13.05.2022 (1)]
(1) केले की वर्षा
(2) नारियल की वर्षा
(3) आम की वर्षा
(4) वेनिला की वर्षा
Ans. (3)
व्याख्या –
आम्र वर्षा (Mango Shower) कर्नाटक एवं केरल में होने वाली मानसून पूर्व वर्षा फुहार है जो आम की फसल के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है। यह वर्षा बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न तूफानों के फलस्वरूप अप्रैल माह में होती है। इस वर्षा से आम की बौरें पेड़ से टूटकर गिरती नहीं है अतः आम की फसल अच्छी होती है।
- आम्र वर्षा (Mango Showers) भारत के किस क्षेत्र/राज्य से सम्बन्धित हैं?
[II Grade -22.12.2022]
(1) दक्षिण भारत
(2) मध्य प्रदेश
(3) गुजरात
(4) उत्तरप्रदेश
Ans. (1)
- फूलों वाली बौछार संबंधित है?
[Lab Assistent (Geography)-30.06.2022]
(1) केरल
(2) तमिलनाडु
(3) ओडिशा
(4) पश्चिम बंगाल
Ans. (1)
व्याख्या-
फूलों वाली बौछार (वर्षा) से केरल व निकटवर्ती कहवा उत्पादक क्षेत्रों में कहवा के फूल खिलने लगते हैं।
- कोपेन के वर्गीकरण में ‘A’ दर्शाता है-
[HM-2011]
(1) उष्ण कटिबन्धीय जलवायु
(2) शुष्क जलवायु
(3) ध्रुवीय जलवायु
(4) भूमध्य सागरीय जलवायु
Ans. (1)
व्याख्या-
कोपेन की योजना के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश- कोपेन ने जलवायु प्रकारों को व्यक्त करने के लिए वर्ण संकेतों का प्रयोग किया है। वर्षा तथा तापमान के वितरण प्रतिरूप में मौसमी भिन्नता के आधार पर प्रत्येक प्रकार को उप-प्रकारों में बाँटा गया है। कोपेन ने अंग्रेजी के बड़े वर्गों ऽ को अर्ध-मरुस्थल के लिए और W को मरुस्थल के लिए प्रयोग किया है। इसी प्रकार उप-विभागों को व्यक्त करने के लिए अंग्रेजी के निम्नलिखित छोटे वर्णों का प्रयोग किया गया है। जैसे f (पर्याप्त वर्षण), m (शुष्क मानसून होते हुए भी वर्षा वन), w (शुष्क शीत ऋतु), h (शुष्क और गर्म), c (चार महीनों से कम अवधि में औसत तापमान 10° सेल्सियस से अधिक) और g (गंगा का मैदान)। इस प्रकार भारत को आठ जलवायु प्रदेशों में बाँटा जा सकता है।
- Amw – लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून प्रकार (क्षेत्र गोवा के दक्षिण में भारत का पश्चिमी तट)
- As – शुष्क ग्रीष्म ऋतु वाला मानसून प्रकार (क्षेत्र -तमिलनाडु का कोरोमंडल तट)
- Aw – उष्ण कटिबंधीय सवाना प्रकार (क्षेत्र – कर्क वृत्त के दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार का अधिकतर भाग)
- BShw अर्ध शुष्क स्टेपी जलवायु (क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी गुजरात, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के कुछ भाग)
- BWhw – गर्म मरुस्थल (क्षेत्र – राजस्थान का सबसे पश्चिमी भाग)
- Cwg – शुष्क शीत ऋतु वाला मानसून प्रकार (क्षेत्र -गंगा का मैदान, पूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्वी भारत का अधिकतर प्रदेश)
- Dfc – लघु ग्रीष्म तथा ठंडी आर्द्र शीत ऋतु वाला जलवायु प्रदेश (क्षेत्र – अरुणाचल प्रदेश)
- E – ध्रुवीय प्रकार (क्षेत्र हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड) जम्मू और कश्मीर,
[स्रोत : NCERT, Class 11, पृष्ठ 57]
- कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार ‘Amw’ जलवायु भारत के निम्नांकित में से किन राज्यों में मिलती है?
[Head Master Exam – 02.09.2018]
(1) ओडिशा व छत्तीसगढ़
(2) गुजरात व पश्चिमी मध्यप्रदेश
(3) महाराष्ट्र व आन्ध्रप्रदेश
(4) गोवा के दक्षिण में भारत का पश्चिमी तट
Ans. (4)
- कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में ‘w’ शब्द प्रदर्शित करता है-
[I Grade (Geography) -16.10.2022]
(1) शुष्क शीत ऋतु
(2) शुष्क गीष्म ऋतु
(3) पतझड़ ऋतु
(4) मानसून जलवायु
Ans. (1)
- सही सुमेलित नहीं है?
[I Grade (Geography) -16.10.2022]
भारतीय तटीय क्षेत्र – जलवायु प्रकार (कोपेन)
(1) मालाबार तट – Amw
(2) कोरोमण्डल तट – As
(3) कोंकण तट – BShw
(4) उत्तकल तट – Aw
Ans. (3)
- शीत ऋतु में पश्चिमी जेट स्ट्रीम की सामान्य स्थिति रहती है-
[I Grade (Geography) – 07.01.2020]
(1) कर्नाटक पठार के साथ
(2) कर्करेखा के ठीक उत्तर में
(3) विन्ध्याचल पर्वत के तलहटी के साथ
(4) हिमाचल के दक्षिणी ढाल के साथ
Ans. (4)
व्याख्या :
जेट प्रवाह और ऊपरी वायु परिसंचरण ये पवनें तिब्बत के पठार के सामानांतर हिमालय के उत्तर में एशिया महाद्वीप पर चलती हैं। इन्हें जेट प्रवाह कहा जाता है। तिब्बत उच्चभूमि इन जेट प्रवाहों के मार्ग में अवरोधक का काम करती है, जिसके परिणामस्वरूप जेट प्रवाह दो भागों में बँट जाता है। इसकी एक शाखा तिब्बत के पठार के उत्तर में बहती है। जेट प्रवाह की दक्षिणी शाखा हिमालय के दक्षिण में पूर्व की ओर बहती है। इस दक्षिणी शाखा की औसत स्थिति फरवरी में लगभग 25° उत्तरी अक्षांश रेखा के ऊपर होती है। तथा इसका दाब स्तर 200 से 300 मिलीबार होता है। ऐसा माना जाता है कि जेट प्रवाह की यही दक्षिणी शाखा भारत में जाड़े के मौसम पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती है।
- मौसम विज्ञान के अनुसार सामान्य वर्षा से 51% व अधिक वर्षा में कमी होने पर ……… सूखा कहते हैं।
[वनपाल (S-1)-06.11.2022]
(1) सामान्य
(2) भयंकर
(3) मध्यम
(4) नहीं
Ans. (2)
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