राष्ट्रीय आय Previous Year Questions
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National Income MCQs
1. पद ‘राष्ट्रीय आय’ निरूपित करता है।
I. A.S. (Pre) 2001
(a) बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, मूल्य ह्रास घटाकर ।
(b) बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, मूल्य ह्रास घटाकर, विदेश से प्राप्त निवल कारक आय जोड़कर।
(c) बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, मूल्य ह्रास और अप्रत्यक्ष करों को घटाकर, सब्सिडी जोड़कर।
(d) बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, विदेश से प्राप्त निवल कारक आय घटाकर ।
उत्तर-(c)
साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद ( NNPC) को राष्ट्रीय आय (NI) कहा जाता है।
राष्ट्रीय उत्पाद के विभिन्न रूपों के बीच संबंध
निवल अप्रत्यक्ष कर (NIT) अप्रत्यक्ष कर Subsidy =
GNP = सकल राष्ट्रीय उत्पाद, NNP = निवल राष्ट्रीय उत्पाद, GDP
= सकल घरेलू उत्पाद, NDP = निवल घरेलू उत्पाद, MP = बाजार कीमत पर FC = साधन लागत पर D= मूल्यह्रास, NIT = निवल अप्रत्यक्ष कर, NFI = विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय ।
2. बाजार मूल्यों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद है –
R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021
(a) बाजार मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद विदेश से शुद्ध आय –
(b) बाजार मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद हस्तांतरण भुगतान
(c) बाजार मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद मूल्यह्रास –
(d) बाजार मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद अनुदान
उत्तर-(c)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
3. ‘राष्ट्रीय आय’ –
I.A.S. (Pre) 1997
(a) बाजार मूल्य पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद है।
(b) साधन लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद है। (c) बाजार मूल्य पर निवल देशीय उत्पाद है।
(d) साधन लागत पर निवल देशीय उत्पाद है।
उत्तर-(b)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
4. निम्नलिखित में से कौन-सी एक सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) गणना करने की विधि नहीं है ?
66th B.P.S.C. Re-Exam. 2020
(a) उत्पादन विधि
(b) ह्रासमान लागत विधि
(c) आय विधि
(d) व्यय विधि
उत्तर-(b)
भारत में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) गणना करने की तीन विधियां अपनाई जाती है।
– उत्पादन विधि
– आय विधि
व्यय विधि
5. निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) एवं सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) हैं-
Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010
(a) राष्ट्रीय उत्पाद का मूल्य मापन
(b) उपज के मूल्य का मूल्यांकन
(c) निर्यात का मूल्य मापन
(d) भिन्न-भिन्न हैं।
उत्तर- (a)
निवल राष्ट्रीय उत्पाद ( NNP Net National Product ) और सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP-Gross National Product) के द्वारा राष्ट्रीय उत्पाद का मूल्य मापन किया जाता है तथापि ये दोनों भिन्न-भिन्न हैं। GNP किसी देश के नागरिकों द्वारा (देश के भीतर या बाहर) एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल मूल्य होता है, जिसमें से पूंजी ह्रास (Depreciation) को घटाने से NNP प्राप्त होता है। अर्थात NNP = GNP – मूल्य ह्रास।
6. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना में एक समस्या है –
63rd B.P.S.C. (Pre) 2017
(a) अल्प- रोजगार
(b) मुद्रास्फीति
(c) बचत का निम्न स्तर
(d) असंगठित क्षेत्र
उत्तर- (d)
असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आय की गणना करने का कोई भी उपकरण, तरीका हमारे पास नहीं है। अतः भारत में राष्ट्रीय आय की गणना में असंगठित क्षेत्र एक समस्या है।
7. निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही विकल्प को चुनिए:
Chhattisgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2020
कथन I : शुद्ध घरेलू उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद + मूल्याहास
कथन II : प्रति व्यक्ति आय = शुद्ध घरेलू उत्पाद / राष्ट्र की कुल जनसंख्या
कथन III : विश्व की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना करने हेतु शुद्ध घरेलू उत्पाद सकल घरेलू उत्पाद की अपेक्षा बेहतर मानक है।
(a) कथन I, II एवं III सभी सही हैं।
(b) केवल कथन I एवं II सहीं हैं।
(c) केवल कथन II एवं III सही हैं।
(d) उपर्युक्त में से कोई भी सही नहीं है।
उत्तर- (d)
शुद्ध घरेलू उत्पाद का अभिप्राय एक वर्ष में एक देश की घरेलू सीमाओं में निवासियों द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य से है, जिसमें से स्थिर पूंजी के उपभोग को घटा दिया जाता है।
शुद्ध घरेलू उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद मूल्याहास –
प्रति व्यक्ति आय एक राष्ट्र या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की औसत आय होती है। प्रति व्यक्ति आय का उपयोग किसी क्षेत्र के लिए औसत प्रति व्यक्ति आय निर्धारित करने और आबादी के जीवन स्तर और गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है। किसी राष्ट्र के लिए प्रति व्यक्ति आय की गणना देश की राष्ट्रीय आय को उसकी जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है।
किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं। यह किसी देश के घरेलू उत्पाद का व्यापक मापक होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है। परंतु विश्व की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना करने हेतु शुद्ध घरेलू उत्पाद सकल घरेलू उत्पाद की अपेक्षा बेहतर मानक है क्योंकि इसमें से घिसावट मूल्य घटा दिया जाता है, जिससे वास्तविक अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य पता चलता है।
8. किसी दी गई अवधि के लिए एक देश की राष्ट्रीय आय-
I.A.S. (Pre) 2013
(a) नागरिकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य के बराबर होगी
(b) कुल उपभोग और निवेश व्यय के योग के बराबर होगी
(c) सभी व्यक्तियों की वैयक्तिक आय के योग के बराबर होगी
(d) उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के बराबर होगी
उत्तर- (d)
राष्ट्रीय आय से आशय किसी अर्थव्यवस्था में एक विशेष समय अवधि (साधारणतया एक वर्ष) में देश के नागरिकों द्वारा उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य से है। भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) [पूर्व में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)] द्वारा की जाती है।
9. एक खुली हुई अर्थव्यवस्था में, अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय आय (Y) है-
U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016
(C, I, G, X, M का क्रमशः अर्थ है उपभोग, निवेश, सरकारी खर्च, कुल निर्यात और कुल आयात)
(a ) Y=C+I+G+X
(b) Y=C+I+G-X+M
(c) Y=C+I+G+ (X-M)
(d) Y=G+I-G+X-M I. A.S. (Pre) 2000
उत्तर- (c)
Y = C+I+G+(X-M)
जहां Y = राष्ट्रीय आय
C = उपभोग व्यय
1 = निवेश व्यय
G = सरकारी खर्च, तथा X-M = निर्यात और आयात का अंतर
10. निम्नलिखित में से कौन-सा समायोजित सकल आय (ए. जी. आर. ) की परिभाषा के अंतर्गत आता / आते है / हैं ?
1. ब्याज आय
2. लाभांश (डिविडेंड)
3. विदेशी मुद्रा लाभ (फोरेक्स गेन) ।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए ।
कूट :
(a) केवल 1
(c) सभी 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 3
(d) केवल 1 और 3
उत्तर-(c)
दूरसंचार ऑपरेटरों को केंद्र को ‘राजस्व हिस्सेदारी’ के रूप में लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान करना होता है। इस राजस्व हिस्सेदारी की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली राजस्व राशि को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के रूप में जाना जाता है। DOT के अनुसार, गणना में एक टेलीकॉम कंपनी द्वारा अर्जित सभी राजस्व शामिल होना चाहिए, जिसमें गैर-दूरसंचार स्रोत जैसे जमा ब्याज और परिसंपत्तियों की बिक्री शामिल है। हालांकि, कंपनियों का मानना है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवाओं से उत्पन्न राजस्व शामिल होना चाहिए और गैर-दूरसंचार राजस्व को इससे बाहर रखा जाना चाहिए।
11. यदि एक दी हुई समयावधि में कीमतें तथा मौद्रिक आय दोनों दोगुनी हो जाएं, तो वास्तविक आय-
U.P.P.C.S. (Mains) 2004
(a) दोगुनी हो जाएगी।
(b) आधी रह जाएगी।
(c) अपरिवर्तित रहेगी।
(d) कीमतें वास्तविक आय को प्रभावित नहीं करती हैं।
उत्तर-(c)
एक दी हुई समयावधि में कीमतें और मौद्रिक आय दोनों दोगुनी होने पर वास्तविक आय अपरिवर्तित रहेगी, क्योंकि बढ़ी हुई कीमतें बढ़ी हुई | मौद्रिक आय को प्रति संतुलित कर देंगी। इससे वास्तविक आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
12. किस सैद्धांतिक रूप से यदि आर्थिक विकास की कल्पना की जाती है, तो इनमें से किस एक को साधारणतः ध्यान में नहीं रखा जाता है ?
Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013
(a) सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि
(b) विश्व बैंक से वित्तीय सहायता में वृद्धि
(c) सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि
(d) प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि
उत्तर-(b)
आर्थिक विकास में सकल घरेलू उत्पाद (GDP), सकल राष्ट्रीय | उत्पाद (GNP) व प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि का ध्यान रखा जाता है।
13. भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अमर्त्य सेन के सुझावों से संबंधित निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए ।
U.P.P.C.S. (Pre) 1999
1. इसे वस्तु-उन्मुख होना चाहिए
2. इसे जन- उन्मुख होना चाहिए
3. सबसे अधिक निर्धन व्यक्ति की आर्थिक सुरक्षा होनी चाहिए
4. विश्व अर्थव्यवस्था में इनके एकीकरण के साथ राष्ट्रीय बचाव होना चाहिए। इनमें से-
(a) 1, 2 तथा 3 सही हैं।
(b) 2,3 तथा 4 सही हैं
(c) 1,3 तथा 4 सही हैं
(d) 1,2 तथा 4 सही हैं
उत्तर-(b)
अमर्त्य सेन कल्याणकारी अर्थशास्त्र से संबंधित हैं। उनके अनुसार, आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य मानवीय विकास है। अपने इसी दृष्टिकोण के कारण अमर्त्य सेन ने भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में प्रश्नगत 2,3 एवं 4 कथनों की सिफारिश की थी।
14. यह विचार कि “भविष्य में भारतीय नियोजन में वस्तुओं से अधिक ध्यान व्यक्तियों पर देना चाहिए” व्यक्त किया गया था-
U.P. Lower (Pre) (Spl.) 2004
(a) अमर्त्य सेन द्वारा
(b) यशवंत सिन्हा द्वारा
(c) अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा
(d) मनमोहन सिंह द्वारा
उत्तर- (a)
यह विचार अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा व्यक्त किया गया था।
15. हिंदू वृद्धि दर किस वृद्धि दर से संबंधित है ?
U.P.P.C.S. (Pre) 1996, 2006
U.P.P.C.S. (Mains) 2004
(a) प्रति व्यक्ति आय
(c) जनसंख्या
(b) राष्ट्रीय आय
(d) साक्षरता
उत्तर-(b)
प्रो. राजकृष्ण ने वर्ष 1981 में अमेरिकन इकोनॉमिक एसोसिएशन में बोलते हुए हिंदू वृद्धि दर का सर्वप्रथम प्रयोग किया था। उनके अनुसार, हिंदू परंपरा जो विकास के अनुकूल नहीं है अथवा जिसमें विकास को प्रश्रय नहीं दिया जाता है, के कारण ही भारतीय अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय आय / GDP की वृद्धि दर 3.5% के आस-पास बनी हुई है। स्पष्ट है कि प्रो. राजकृष्ण द्वारा प्रयुक्त हिंदू वृद्धि दर राष्ट्रीय आय / GDP से संबंधित है।
16. हिंदू वृद्धि दर किससे संबंधित है ?
Bihar P.C.S. (Pre.), 2019
(a) मुद्रा
(c) जनसंख्या
(b) जी.डी.पी.
(d) जी.एन.पी.
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
उत्तर-(b)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
17. आर्थिक विकास सामान्यतया युग्मित होता है-
I.A.S (Pre) 2011
(a) अवस्फीति के साथ
(b) स्फीति के साथ
(c) स्टैगफ्लेशन के साथ
(d) अतिस्फीति के साथ
उत्तर-(b)
आर्थिक विकास के साथ-साथ सामान्यतः वस्तुओं की मांग बढ़ती हैं। और आय में भी वृद्धि होती है। इसी कारण आर्थिक विकास सामान्यतया स्फीति (Inflation) के साथ युग्मित होता जाता है।
18. निम्न कारण से GNP (सकल राष्ट्रीय उत्पाद) में श्रम की भागीदारी कम है-
U.P.P.C.S. (Mains) 2008
(a) मजदूरी की तुलना में कीमतें कम हैं।
(b) कीमत की तुलना में लाभ कम है।
(c) लाभ की तुलना में कीमतें कम हैं।
(d) कीमतों की तुलना में मजदूरी कम है।
उत्तर- (d)
सकल राष्ट्रीय उत्पाद में श्रम की भागीदारी कम होने का कारण, कीमतों की तुलना में मजदूरी का कम होना है। कीमत वृद्धि भारतीय | अर्थव्यवस्था का प्रमुख लक्षण है, जिस कारण मजदूरी में यदि वृद्धि होती भी है, तो भी परिणामी लाभ कम होता है।
19. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए :
U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010
सूची-I सूची-II
1. सकल घरेलू उत्पाद – A. आर्थिक विकास
2. पर्यावरण – B. आर्थिक वृद्धि
3. स्वास्थ्य – C. संपोषित विकास
4. संरचनात्मक परिवर्तन – D. जीवन की गुणवत्ता
कूट :
A B C D
(a) 1234
(b) 4231
(c) 3412
(d) 4123
उत्तर- (d)
सूची I का सूची II से सही सुमेलन इस प्रकार है-
आर्थिक विकास – संरचनात्मक परिवर्तन
आर्थिक वृद्धि – सकल घरेलू उत्पाद
संपोषित विकास – पर्यावरण
जीवन की गुणवत्ता – स्वास्थ्य
20. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I.A.S. (Pre) 2010
1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विगत एक दशक में चार गुना वृद्धि हुई है।
2. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिशत अंश में विगत एक दशक में कमी आई है।
उपर्युक्त में से कौन-सा /से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर-(b)
कथन (1) असत्य है, क्योंकि विगत एक दशक में भारत के GDP में चार गुना वृद्धि नहीं हुई हैं। दूसरी ओर कथन (2) सत्य है, क्योंकि विगत दशक में जीडीपी में सार्वजनिक क्षेत्र का हिस्सा कम हुआ है, जबकि निजी क्षेत्र का बढ़ा है।
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