Plant Physiology PYQ
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पादप शरीर क्रिया विज्ञान
1. सर्वप्रथम कोशिकाओं की खोज की –
[HM-2.9.2018][वनरक्षक- (S-II)-11.12.2022](1) रॉबर्ट हुक द्वारा
(2) श्लाइडेन और श्वान द्वारा
(3) पुर्किन्जे द्वारा
(4) रॉबर्ट ब्राउन द्वारा
Ans. (1)
व्याख्या :
सर्वप्रथम कोशिकाओं की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक द्वारा की गई थी।
2. किसी कोशिका की कौन सी कोशिकांग को कोशिका के ‘पावर हाउस’ के रूप में जाना जाता है?
[पुलिस कॉन्स्टेबल-14.07.2018(II)]
[RTET (L-II), 2011](1) रिक्तिकाएँ
(2) माइटोकॉन्ड्रिया
(3) नाभिक
(4) गॉल्जी कॉम्प्लेक्स
Ans. (2)
व्याख्या –
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज अल्टमैन ने 1886 ई. में की थी। माइटोकॉन्ड्रिया दोहरी झिल्ली से घिरा होता है। बाह्य झिल्ली चिकनी होती है और भीतरी अंगुलीनुमा संरचना बनाती है। इसमें उपस्थित एंजाइम द्वारा कोशिकीय श्वसन होता है जिससे ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए इसको ‘कोशिका का शक्ति गृह’ (Power House of Cell) भी कहा जाता है।
3. किसकी उपस्थिति के कारण किसी पादप कोशिका और पशु कोशिका में अन्तर पाया जाता है?
(1) क्लोरोप्लास्ट्स
(2) कोशिका-भित्ति
(3) कोशिका कला
(4) केन्द्रक (नाभिक)
Ans. (2)
व्याख्या-
पादप कोशिका तथा जन्तु कोशिका में कोशिका भित्ति के आधार पर अन्तर किया जाता है क्योंकि पादप कोशिका में कोशिका भित्ति (Cell Wall) उपस्थित होती है, जबकि जन्तु कोशिका में यह नहीं होती है।
4. संरचनाओं के कौन से युग्म प्रायः पादप और जन्तु दोनों कोशिकाओं में पाए जाते हैं?
(1) कोशिका भित्ति और न्यूक्लिअस
(2) न्यूक्लिअस और क्लोरोप्लास्ट
(3) अंतर्द्रव्यी जालिका और कोशिका कला
(4) कोशिका कला और कोशिका भित्ति
Ans. (3)
व्याख्या-
पौधों में विकसित त्रिस्तरीय कोशिका भित्ति पाई जाती है, जबकि जन्तु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है। जन्तुओं में पर्णहरित का भी अभाव होता है। अंतर्द्रव्यी जालिका और कोशिका कला दोनों में पाई जाती है।
5. कोशिका में कौन पाचन थैली (Digestive Bag) या ‘आत्महत्या की थैली’ कहलाता है?
(1) गॉल्जीकाय
(2) माइटोकॉन्ड्रिया
(3) राइबोसोम
(4) लाइसोसोम
Ans. (4)
व्याख्या –
लाइसोसोम की खोज क्रिश्चियन रेने डी ड्यूवे ने 1955 में की थी तथा इन्हें इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार वर्ष 1974 में मिला था। लाइसोसोम (Lysosome) को ‘आत्महत्या की थैली’ (Suicide Bag) कहा जाता है। इसका कार्य कोशिकाओं के अन्दर अनावश्यक पदार्थों का विघटन करना है। लाइसोसोम का निर्माण गॉल्जीकाय में होता है। जन्तु कोशिका के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले आवरण युक्त गोल-गोल थैलीनुमा अंगाणुओं को लाइसोसोम कहते हैं। यह झिल्ली पुटिका संरचना होती है जो संवेष्टन विधि द्वारा गॉल्जीकाय में बनते हैं। पृथकीकृत लयनकाय पुटिकाओं में सभी प्रकार की जल-अपघटकीय एंजाइम (जैसे-हाइड्रोलेजेज लाइपेसेज, प्रोटोएसेज व कार्बोडाइड्रेजेज) मिलते हैं जो अम्लीय परिस्थितियों में सर्वाधिक सक्रिय होते हैं। ये एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, न्यूक्लिक अम्ल आदि के पाचन में सक्षम हैं। यह अंततः कोशिकीय पाचन में मदद करता है।
6. किसी कोशिका का कौनसा कोशिकांग अपशिष्ट निपटान में मदद करता है?
[राज. कॉन्स्टेबल-15.7.2018(I)](1) लाइसोसोम
(2) माइटोकॉन्ड्रिया
(3) अंतः प्रद्रव्यी जालिका
(4) गॉल्जी कॉम्प्लेक्स
Ans. (1)
7. कोशिका के निम्नलिखित में से किस अणुकाय में दोहरी झिल्ली अनुपस्थित है?
[Headmaster – 02.09.2018](1) केन्द्रक
(2) माइटोकान्ड्रीया
(3) लाइसोसोम
(4) हरितलवक
Ans. (3)
8. निम्न में से कौन से कोशिकांग में संरूपण तल तथा परिपक्वन तल पाये जाते हैं-
[REET L-II, 26.09.2021](1) माइटोकोन्ड्रिया
(2) गॉल्जीकाय
(3) लाइसोसोम
(4) लवक
Ans. (2)
व्याख्या –
केमिलो गॉल्जी (1898) ने पहली बार केंद्रक के पास घनी रंजित जालिकावत संरचना तंत्रिका कोशिका में देखी। जिन्हें बाद में उनके नाम पर गॉल्जीकाय कहा गया। गॉल्जीकुंड केंद्रक के पास सकेंद्रित व्यवस्थित होते हैं, जिनमें निर्माणकारी सतह (उन्नतोदर सिस) व परिपक्व सतह (उत्तलावतल ट्रांस) होती है। अंगक सिस व ट्रांस सतह पूर्णतया अलग होते हैं लेकिन आपस में जुड़े रहते हैं। गॉल्जीकाय का मुख्य कार्य द्रव्य को संवेष्टित कर अंतर-कोशिकी लक्ष्य तक पहुँचाना या कोशिका के बाहर स्रवण करना है।
9. सर्वप्रथम गॉल्जी उपकरण को किसने वर्णित किया?
[REET (L-II, S-II) -24.07.2022](1) रॉबर्टहुक
(2) रॉबर्टब्राउन
(3) केमिलो गॉल्जी
(4) ल्यूवेनहॉक
Ans. (3)
10. किस कोशिकांग में क्रिस्टी पाई जाती है-
[REET (Level-II), 11.02.2018](1) गॉल्जीकाय
(2) माइटोकॉण्ड्यिा
(3) अन्तःप्रद्रव्यी जालिका
(4) हरितलवक
Ans. (2)
व्याख्या – क्रिस्टी माइटोकॉण्ड्रिया में पाई जाती है। माइटोकॉण्ड्यिा की दोनो झिल्लियों के बीच का स्थान माइटोकॉण्ड्रिया गुहा कहा जाता है। इसकी आंतरिक झिल्ली के भीतर अंगुली जैसी संरचनाएँ निकली होती है, जिन्हें वलय या क्रिस्टी कहते हैं। यह प्रायः जन्तु कोशिका में अधिक पाए जाते हैं।
11. जन्तु कोशिका, पादप कोशिका से भिन्न होती है, क्योंकि उसमें –
1. कोशिका भित्ति नहीं होती
2. हरित लवक नहीं होते
3. तारकेन्द्रक होते हैं
4. हीमोग्लोबिन होते हैं
(1) 1 एवं 2
(2) 1 एवं 3
(3) 1, 2 और 4
(4) उपर्युक्त सभी
Ans. (4)
12. राइबोसोम का मुख्य कार्य है-
(1) कोशिका विभाजन का नियंत्रण
(2) कोशिका के कार्यों का नियंत्रण
(3) प्रोटीन संश्लेषण
(4) हार्मोन का स्रावण
Ans. (3)
व्याख्या –
राइबोसोम (Ribosome) RNA तथा प्रोटीन का बना होता हैं। कोशिका में यह प्रोटीन संश्लेषण का स्थान होता है। यह या तो कोशिका में मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं या अंतःप्रद्रव्यीय जालिका अथवा नाभिक कला के साथ संयुक्त होते हैं इसकी खोज जन्तु कोशिका में जार्ज पैलेडे ने की थी।
13. यूकैरियोटिक व प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में पाया जाने वाला झिल्ली रहित अंगक है-
[III Grade (L-II) -25.2.2023](1) माइक्रोबॉडी
(2) लायसोसोम
(3) राइबोसोम
(4) गोल्गी कॉम्प्लेक्स
Ans. (3)
व्याख्या –
राइबोसोम राइबोन्यूक्लिक अम्ल व प्रोटीन के बने और किसी भी झिल्ली से घिरे नहीं रहते। यूकैरियोटिक राइबोसोम 80S व प्रोकैरियोटिक राइबोसोम 70S प्रकार के होते हैं।
14. एक क्षैतिज विकसित मोटा गूदेदार जिसमें शुष्क छिलकेदार पत्तियाँ, शीर्षस्थ कलिका, अपस्थानिक मूल हो, कहलाता है-
[LDC-12.08.2018](1) बल्ब
(2) कार्म
(3) ट्यूबर
(4) राइजोम
Ans. (4)
व्याख्या –
राइजोम एक मोटी मांसल है जो पृथ्वी की सतह में क्षैतिज रूप से बढ़ती है। इसमें पत्ते, कली, जड़, प्रकन्द आदि निकले होते हैं।
15. मैग्नीशियम का उपयोग होता है-
[Stenographer-30.5.2013](1) क्लोरोफिल के निर्माण में
(2) मीलेनिन के निर्माण में
(3) रोडोप्सिन के निर्माण में
(4) कोई नहीं
Ans. (1)
व्याख्या-
क्लोरोफिल (पर्णहरित, हरित लवक) हरे रंग के होते हैं जो पौधे की पत्तियाँ तथा तनों में पाये जाते हैं। इसका गठन कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन एवं मैग्नीशियम e तत्त्वों से होता है। हरित लवक (क्लोरोफिल) में पर्णहरित (Chlorophyll) नामक प्रकाश अवशोषक वर्णक पाया जाता है। इसके अलावा कैरोटीन एवं जैथोफिल नामक सहायक वर्णक पाए जाते हैं। हरित लवक का मुख्य काम प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करना है।
16. वह जैविक क्रिया जिसमें O_{2} मुक्त होती है-
[Head Master Exam 2012](1) प्रकाश संश्लेषण
(2) श्वसन तथा उत्सर्जन
(3) श्वसन
(4) श्वसन तथा प्रकाश संश्लेषण
Ans. (1)
व्याख्या –
प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसमें पौधे स्वयं में उपस्थित क्लोरोफिल एवं सूर्य के प्रकाश की सहायता से अपने भोजन (कार्बोहाइड्रेट) का निर्माण करते हैं तथा ऑक्सीजन (O_{2}) को वातावरण में मुक्त करते हैं। पौधे वातावरण से C*O_{2} तथा मृदा से जल (H_{2}*O) लेकर यह क्रिया सम्पन्न करते हैं।
17. हरे प्रौधे किसकी उपस्थिति में भोजन बनाते है?
[P.S.I. Exam, 2011](1) सूर्य का प्रकाश
(2) अंधेरा
(3) उष्णता
(4) खनिज लवण
Ans. (1)
18. पर्णहरित सहायक होता है-
[Head Master Exam 2012](1) श्वसन क्रिया में
(2) प्रकाश संश्लेषण में
(3) उत्सर्जन में
(4) दोनों (1) व (2) में
Ans. (2)
19. प्रकाश संश्लेषण निम्नलिखित में से कौनसा प्रक्रम होता है-
[AEN Exam-16.12.2018](1) कार्बोहाइड्रेट का कार्बन डाइऑक्साइड में अपचयन
(2) प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण
(3) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का उत्सर्जन
(4) हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का जल में रूपान्तरण
Ans. (2)
20. पौधों द्वारा ली गई विकिरण ऊर्जा निम्न परिणाम देती है-
[R.A.S. Pre Exam. (Cancelled 1999](1) जल का प्रकाश अपघटन
(2) क्लोरोफिल का ऑक्सीकरण
(3) ऑक्सीजन का अपचयन
(4) कार्बन-डाई-ऑक्साइड का ऑक्सीकरण
Ans. (1)
21. प्रकाश संश्लेषण के लिए क्या आवश्यक नहीं हैं?
[REET (L-II, S-II) -24.07.2022](1) सूर्य का प्रकाश
(2) कार्बन डाईऑक्साइड
(3) क्लोरोफिल
(4) ऑक्सीजन
Ans. (4)
22. विपुंसन प्रक्रिया में-
[LDC – 19.08.2018](1) पराग कोष हटाते है
(2) बाह्य दल को हटाते है
(3) दल को हटाते है
(4) वर्तिका को हटाते है
Ans. (1)
व्याख्या :
द्विलिगी पुष्पों में पराग स्फुटन से पूर्व परागकोष को पृथक करना विपुसंन कहलाता है।
23. कोशिका में जैविक क्रियाओं के लिये ऊर्जा प्राप्त की जाती है-
[RPSC LDC-17.02.2012](1) ATP से
(2) ADP से
(3) AMP से
(4) विटामिनों से
Ans. (1)
व्याख्या –
•पौधों में ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण क्रिया ही ATP निर्माण की एकमात्र क्रिया है तथा CO, के स्वांगीकरण के लिए आवश्यक ऊर्जा ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण एवं NADPH, के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। प्रकाश की उपस्थिति में हरितलवक ADP से ATP का निर्माण कर सकते हैं। ADP + अकार्बनिक फॉस्फेट ATP + जल
•ATP जनन के लिए इलेक्ट्रॉन परिवहन प्रणाली की आवश्यकता होती है। इस क्रिया में सौर ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरित होती है। इसके लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में प्रकाश की आवश्यकता होती हैं, 0, की आवश्यकता नहीं होती। प्रकाश संश्लेषण में ATP दो पदों में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्रथम यह NADPH, द्वारा CO₂ के अपचयन के लिए ऊर्जा प्रदान करता है जो प्रकाश अभिक्रिया का अन्तिम उत्पाद होता है।
24. प्रकाश संश्लेषण के दौरान CO₂ का कार्बोहाइड्रेट 2 में परिवर्तन किस प्रकार की अभिक्रिया है?
[वनरक्षक- (S-II)-11.12.2022](1) अपचयन
(2) ऑक्सीकरण
(3) जल-अपघटनी
(4) विस्थापन
Ans. (1)
25. निम्नलिखित में से कौन सा प्रक्रम वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त नहीं करता?
[RPSC LDC-23.10.2016](1) उत्पादकों की श्वसन प्रक्रियाएँ
(2) उपभोक्ताओं की श्वसन प्रक्रियाएँ
(3) कार्बनिक अपशिष्टों का जलना
(4) प्रकाश-संश्लेषण
Ans. (4)
26. हरे पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में होता है-
[RAS Pre. Exam. 1992](1) नाइट्रोजन लेना व ऑक्सीजन छोड़ना
(2) कार्बन-डाई-ऑक्साइड लेना व ऑक्सीजन छोड़ना
(3) ऑक्सीजन लेना व कार्बन-डाई-ऑक्साइड छोड़ना
(4) ऑक्सीजन लेना व नाइट्रोजन छोड़ना
Ans. (2)
27. प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश अभिक्रिया होती है-
[कर सहायक परीक्षा- 14.10.2018](1) स्ट्रोमा में
(2) ग्रेना में
(3) कोशिका द्रव्य में
(4) प्लाज्मा झिल्ली में
Ans. (2)
व्याख्या:
क्लोरोप्लास्ट में एक झिल्ली तंत्र होता है जिसमें ग्रैना, स्ट्रोमा लैमेले और स्ट्रोमा तरल होता है। क्लोरोप्लास्ट में सुस्पष्ट श्रम विभाजन होता है। झिल्ली तंत्र प्रकाश-ऊर्जा को ग्रहण करता है और एटीपी एवं एनएडीपीएच का संश्लेषण करता है। लवक के ग्रेना में प्रकाशीय अभिक्रिया तथा पीठिका (स्ट्रोमा) में अप्रकाशीय अभिक्रिया संपन्न होती है। स्ट्रोमा में एंजाइमैटिक प्रतिक्रिया होती है जो शर्करा का संश्लेषण करता है जो बाद में स्टार्च में परिवर्तित हो जाता है।
28. 24 घंटों के दौरान ऐसा भी एक समय होता है जब पौधे ना तो 0, छोड़ते हैं ना ही CO₂ । यह समय होता है-
[पटवार-23.10.2021 (Shift-1)](1) सांध्य प्रकाश
(2) मध्याह्न
(3) इनमें से कोई नहीं
(4) दिवस प्रकाश
Ans. (1)
व्याख्या –
सांध्य प्रकाश के समय पर्याप्त धूप नहीं होने के कारण प्रकाश संश्लेषण धीमा हो सकता है या बंद भी हो सकता है, श्वसन भी। अतः इस समय पौधे कोई भी गैस नहीं छोड़ते।
29. पौधों की प्रकाशसंश्लेषी क्रिया मनुष्यों सहित पृथ्वी पर सभी प्राणियों को जीवित रखने का काम करती है। निम्नलिखित वैज्ञानिकों में से किसने इस क्षेत्र में अपने योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार जीता?
(1) हैंस. ए. क्रेब्स
(2) साइनस पॉलिन
(3) मेल्विन कैल्विन
(4) पीटर मिशेल
Ans. (3)
व्याख्या:
मेल्विन कैल्विन ने प्रकाश-संश्लेषण से सम्बन्धित कार्बन स्थिरीकरण क्रिया को समझाया। इन्होंने कैल्विन चक्र का प्रतिपादन किया। इस खोज के लिए इन्हें वर्ष 1961 में नोबेल पुरस्कार मिला।
30. निम्नलिखित में से हरगोविन्द खुराना को किस आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया ?
(1) जीन संश्लेषण
(2) प्रोटीन संश्लेषण
(3) नाइट्रोजन क्षारों का संश्लेषण
(4) आर. एन.ए. संश्लेषण
Ans. (1)
व्याख्या –
हरगोविन्द खुराना भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक है, जिन्हें आनुवांशिक कोड की व्याख्या करने तथा प्रोटीन संश्लेषण में जीनों के कार्य निर्धारित करने हेतुं (जेनेटिक कोड की खोज के लिए) वर्ष 1968 में एम. डब्ल्यू. निरेनबर्ग तथा आर. डब्ल्यू हौली के साथ संयुक्त रूप से चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
31. श्वसन की प्रक्रिया है-
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.10.2016](1) ऊष्माक्षेपी ऑक्सीकरण अभिक्रिया
(2) ऊष्माशोषी ऑक्सीकरण अभिक्रिया
(3) ऊष्माक्षेपी अपचयन अभिक्रिया
(4) ऊष्माशोषी अपचयन अभिक्रिया
Ans. (1)
32. पौधे श्वसन में
[PSI Exam. 2007](1) कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते है।
(2) कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं, लेकिन ऑक्सीजन नहीं छोड़ते है।
(3) ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते है।
(4) ऑक्सीजन लेते हैं, लेकिन CO, नहीं छोड़ते है।
Ans. (3)
व्याख्या-
पेड़-पौधों की पत्तियों में गैसीय आदान-प्रदान की दो क्रियाएँ लगातार चलती रहती हैं। पहली श्वसन क्रिया तो अन्य सब जीव-जन्तुओं की भांति श्वसन जो चौबीसों घंटे जारी रहता है और जिसमें पौधे ऑक्सीजन इस्तेमाल करते हैं व कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं। दूसरी क्रिया भोजन बनाने अर्थात प्रकाश संश्लेषण की है जिसमें कार्बन डाईऑक्साइड इस्तेमाल होती है व ऑक्सीजन छोड़ी जाती है।
33. रात के समय पेड़ के नीचे सोना उचित नहीं है क्योंकि पेड़ ……… छोड़ता है।
(1) कार्बन डाइऑक्साइड
(2) ऑक्सीजन
(3) कार्बन मोनोऑक्साइड
(4) सल्फर डाइऑक्साइड
Ans. (1)
व्याख्या –
रात के समय पेड़ के नीचे सोना उचित नहीं होता, क्योंकि रात में पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO) तथा दिन में ऑक्सीजन छोड़ता है। पीपल का वृक्ष रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है।
34. पादप विज्ञान की कौनसी शाखा, उन्नत पादप किस्मों के विकास से संबंधित है?
[LDC Exam-16.09.2018](1) पादप भ्रूणविज्ञान
(2) पादप प्रजनन
(3) पादप जीवरसायन
(4) पादप शरीर रचना विज्ञान
Ans. (2)
व्याख्या –
पादप प्रजनन पादप प्रजातियों का एक उद्देश्यपूर्ण परिचालन है ताकि वांछित पादप किस्में तैयार हो सकें। यह किस्में खेती के लिए अधिक उपयोगी, अच्छा उत्पादन करने वाली एवं रोग प्रतिरोधी होती हैं।
35. पर्णाभ वृन्त होता है-
[कर सहायक परीक्षा- 14.10.2018](1) पत्ति रूपान्तरण
(2) कंटक रूपान्तरण
(3) पर्णवृन्त हरी व चपटी
(4) शल्क पत्र
Ans. (3)
व्याख्या –
पर्णाभ वृत – हरा, चपटा अथवा बेलनाकार, गूदेदार स्तंभ है, जिसमें अनेक पर्व, पर्वसंधियाँ तथा शूल या कंटिकाएँ वाष्पोत्सर्जन कम करने हेतु (रूपांतरित पत्तियाँ) पाई जाती हैं। यह प्रकाश संश्लेषण तथा जल संग्रह करता है। तथा उन पौधों में पाया जाता है जो शुष्क क्षेत्रों में उगते हैं। उदाहरण – ओपुन्शिया नागफनी।
36. ग्लाइकोलाइसिस का अन्य नाम है-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-29.11.2015 (Non-TSP)](1) ई.एम.पी.पथ
(2) साइट्रिक अम्ल चक्र
(3) किण्वन
(4) ट्राइकार्वोक्जिलिंग अम्ल चक्र
Ans. (1)
व्याख्या –
अनॉक्सी श्वसन (Anaerobic Respiration) जो श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, उसे अनॉक्सी श्वसन कहते हैं। इसके अन्तर्गत होने वाले सम्पूर्ण प्रक्रम को ग्लाइकोलिसिस (ग्लूकोज के पाइरूविक अम्ल में विखण्डन) कहते हैं। इसका अध्ययन सर्वप्रथम एम्बडेन मेयरहॉफ, पारसन ने किया था। उपनाम 1. EMP पथ, 2. शर्करा किण्वन (Sugar Fermentaion)
37. पौधों के श्वसन के दौरान ग्लूकोज का पाइरुविक अम्ल में विघटन कहलाता है?
[REET (L-II) -24.07.2022](1) क्रेब्स चक्र
(2) केल्विन चक्र
(3) ग्लाइकोलायसिस
(4) किण्वन
Ans. (3)
38. कोशिका के किस भाग में क्रेब्स चक्र संचालित होता है-
[महिला पर्यवेक्षक परीक्षा-20.12.2015 (TSP)](1) कोशिका द्रव्य में
(2) क्लोरोप्लास्ट में
(3) माइट्रोकोन्ड्रिया में
(4) केन्द्रक में
Ans. (3)
व्याख्या:
क्रेब्स चक्र : ग्लाइकोलाइसिस के बाद ग्लूकोज अणु दो पाइरूविक अणुओं में टूट जाता है जिनका ऑक्सीकरण एक चक्रीय पथ के रूप में मैट्रिक्स में उपस्थित विभिन्न श्वसन एंजाइमों के द्वारा होता है जिसे क्रेब्स चक्र कहते हैं।
39. कोशिका चक्र की कौनसी प्रावस्था में हिस्टोन प्रोटीन का संश्लेषण होता है?
[REET (L-II) -23.7.2022](1) G, – प्रावस्था
(2) S – प्रावस्था
(3) G₂- प्रावस्था
(4) M- प्रावस्था
Ans. (2)
व्याख्या :
•कोशिका चक्र (cell cycle) – किसी कोशिका के निर्माण से लेकर उसके पुनः विभाजन द्वारा संतति कोशिका बनने तक होने वाली प्रक्रियाओं को कोशिका चक्र कहते है।
•अन्तरावस्था (Interphase)- कोशिका विभाजन से पूर्व केन्द्रक उपापचयी क्रियाओं की दृष्टि से अधिक सक्रिय रहता है। इस अवस्था में अन्तरावस्था कहते है। होवाड एवं पेल्क (Howard & Pelc, 1953) ने अन्तरावस्था को (G, S, G₂ एवं M अवस्था में बाँटा। दूसरा चरण या S-अवस्था (Syn-thetic phase) में हिस्टोन प्रोटीन का संश्लेषण होता है।
40. कोशिका भोजन में सिनेप्टोनिमल सम्मिश्र का निर्माण कौनसी अवस्था होता है?
[REET (L-II, S-1)-24.7.2022](1) पूर्वावस्था-1
(2) पूर्वावस्था-II
(3) पूर्वावस्था
(4) इनमें से कोई नहीं
Ans. (1)
व्याख्या –
पूर्वावस्था -1 : यह अर्धसूत्री विभाजन की सबसे बड़ी अवस्था है। यह सूत्रयुग्मन (Synapsis) होती है। इस अवस्था में अनेक महत्त्वपूर्ण एवं जटिल घटनायें होती हैं। सुविधा के लिए प्रथम पूर्वावस्था को पाँच उपअवस्थाओं में बांटा गया है – लैप्टोटीन (Leptotene), जाइगोटीन (Zygo-tene), पैकाइटीन (Pachytene), डिप्लोटीन (Diplotene) और डायाकाइनैसिस (Diakinesis) ।
41. कोशिका विभाजन की कौनसी प्रावस्था में सिनेप्सिस की प्रक्रिया होती है?
[REET (L-II, S-1)-24.7.2022](1) पेकाइटिन
(2) जाइगोटिन
(3) डिप्लोटिन
(4) डायकाइनेसिस
Ans. (2)
42. कोशिका भित्ति की उपस्थिति पौधों, कवक और जीवाणुओं की कोशिकाओं को बिना फटे किस माध्यम में मौजूद रहने में सक्षम बनाती हैं?
[VDO Main’s -9.07.2022](1) आइसोटोनिक
(2) हाइपरटोनिक
(3) हाइपोटोनिक
(4) उपर्युक्त सभी
Ans. (3)
43. निम्न में से पौधे का कौन सा भाग अगुणित होता है?
[REET (Level-II), 06.02.2016](1) युग्मक
(2) पुष्प
(3) अण्डाशय
(4) परागकोष
Ans. (1)
44. एक प्रारूपी पादप कोशिका में केन्द्रक की स्थिति होती है-
[RTET (L-II), 2011](1) केन्द्रीय
(2) परिधीय
(3) आधारीय
(4) कहीं भी
Ans. (2)
व्याख्या –
एक प्रारुपी पादप कोशिका में केन्द्रक की स्थिति परिधीय होती है। इसके केन्द्रक स्पष्ट रूप में नहीं पाये जाते।
45. शैवाल की कोशिका भित्ति बनी होती है-
[III Grade (L-II)-25.2.2023](1) सेलुलोज, गैलेक्टेन्स व मैनान्स से
(2) सेलुलोज, हेमीसेलुलोज व प्रोटीन से
(3) सेलुलोज, पेक्टीन व प्रोटीन से
(4) सेलुलोज, पेप्टाइडोग्लाइकन व पेक्टीन से
Ans. (1)
व्याख्या –
शैवाल की कोशिका भित्ति सेलुलोज, गैलेक्टेन्स, मैनान्स व खनिज जैसे कैल्सियम कार्बोनेट की बनी होती है, जबकि दूसरे पौधों में यह सेलुलोज, हेमीसेलुलोज, पेक्टीन व प्रोटीन की बनी होती है।
46. एक वैज्ञानिक विषाणु रोग ग्रसित पादप के वायरस का अध्ययन करना चाहता है। इसके लिए उसे निम्नलिखित में से कौन से पादप भाग का चयन नहीं करना चाहिए?
[कनिष्ठ लेखाकार- 04.10.2016](1) मज्जा
(2) प्ररोह अग्रक
(3) पोषवाह
(4) बल्कुट
Ans. (2)
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