Round Table Conference Previous Year Questions
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गोलमेज सम्मेलन
1. निम्नलिखित में से किस भारतीय नेता ने लंदन में प्रथम गोलमेज कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था?
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
(a) मौलाना मुहम्मद अली
(b) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(c) महात्मा गांधी
(d) पं. जवाहरलाल नेहरू
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उत्तर – (a) मौलाना मुहम्मद अली
प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवंबर 1930 को लंदन में आयोजित हुआ था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया था क्योंकि उस समय उसके अधिकांश नेता सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारण जेल में थे।
कांग्रेस की अनुपस्थिति में इस सम्मेलन में तेज बहादुर सप्रू, श्रीनिवास शास्त्री, मौलाना मुहम्मद अली, आगा खां, भीमराव अम्बेडकर, मुहम्मद अली जिन्ना आदि नेताओं ने भाग लिया।
महात्मा गांधी और नेहरू जैसे नेता इसमें शामिल नहीं हुए।
अन्य विकल्पों की स्थिति:
महात्मा गांधी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) में भाग लिया।
मौलाना अबुल कलाम आजाद और जवाहरलाल नेहरू ने भी प्रथम सम्मेलन में भाग नहीं लिया।
2. प्रथम गोलमेज सम्मेलन के बारे में निम्नलिखित में से कौन एक सही नहीं है?
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
(a) यह 1930 में आयोजित हुआ
(b) इसे साइमन आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा करनी थी
(c) इसका आयोजन लंदन में हुआ था
(d) इसमें कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभाग किया था
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उत्तर – (d) इसमें कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभाग किया था
प्रथम गोलमेज सम्मेलन, जो 12 नवंबर से 19 जनवरी 1931 तक चला, ब्रिटिश सरकार द्वारा बुलाया गया था ताकि भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा की जा सके।
इसका उद्देश्य था: साइमन आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा, और भारत के लिए एक नया संविधान तय करना।
लंदन में आयोजित इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया, क्योंकि उसके नेता जेल में थे।
अतः विकल्प (d) गलत है, क्योंकि कांग्रेस का कोई प्रतिनिधिमंडल इसमें नहीं था।
3. लंदन में संपन्न हुए गोलमेज सम्मेलन में भारतीय ईसाइयों का प्रतिनिधित्व किसने किया था?
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
(a) राव बहादुर श्रीनिवास
(b) सर अकबर हैदरी
(c) सर ए.पी. पैट्रो
(d) के.टी. पॉल
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उत्तर – (d) के.टी. पॉल
प्रथम गोलमेज सम्मेलन, जो 12 नवम्बर 1930 से लंदन में सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित हुआ, उसमें भारत के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था।
भारतीय ईसाइयों का प्रतिनिधित्व के.टी. पॉल ने किया था।
सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने की थी।
इस सम्मेलन में कांग्रेस अनुपस्थित रही, लेकिन कई अन्य संगठन जैसे मुस्लिम लीग, सिख प्रतिनिधि, दलित नेता, राजे-महाराजे, और वायसराय के नामित प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अन्य विकल्पों में उल्लिखित व्यक्ति अन्य वर्गों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, न कि ईसाई समुदाय का।
4. ब्रिटिश सरकार द्वारा लंदन में भारतीय नेताओं का प्रथम गोलमेज सम्मेलन कब बुलाया गया?
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
(a) 1931
(b) 1929
(c) 1930
(d) 1932
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उत्तर – (c) 1930
प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 12 नवम्बर 1930 से 19 जनवरी 1931 तक लंदन में हुआ था।
इसका उद्देश्य था – भारत में संविधान निर्माण की दिशा में सुझाव प्राप्त करना।
यह सम्मेलन साइमन रिपोर्ट के आधार पर बुलाया गया था।
इसमें कुल 89 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाग नहीं लिया क्योंकि उसके नेता उस समय जेल में थे।
इसलिए विकल्प (c) – 1930, सही उत्तर है।
5. निम्नलिखित में से किन व्यक्तियों ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया?
[U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]
महात्मा गांधी
सरोजिनी नायडू
मदन मोहन मालवीय
मौलाना आजाद
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) 1, 3 और 4
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उत्तर – (c) 1, 2 और 3
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 7 सितंबर से 1 दिसंबर, 1931 तक लंदन में आयोजित हुआ था।
इसमें महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
उनके साथ भारत से अन्य प्रमुख हस्तियाँ जैसे सरोजिनी नायडू और मदन मोहन मालवीय भी सम्मिलित हुईं।
गांधी जी के साथ उनके सहयोगी महादेव देसाई, प्यारेलाल और मीराबेन भी मौजूद थे।
मौलाना आजाद ने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया था।
इसलिए सही उत्तर विकल्प (c) है।
6. इनमें से किसने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग नहीं लिया था?
[M.P. P.C.S. (Pre) 2017]
(a) महादेव देसाई
(b) प्यारेलाल नैय्यर
(c) मदन मोहन मालवीय
(d) जवाहरलाल नेहरू
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उत्तर – (d) जवाहरलाल नेहरू
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) में भाग लेने वालों में शामिल थे:
महात्मा गांधी, जो कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि थे।
उनके साथ गए: महादेव देसाई (निज सचिव), प्यारेलाल नैय्यर, मीराबेन।
मदन मोहन मालवीय और सरोजिनी नायडू जैसे नेता भी इसमें सम्मिलित थे।
जवाहरलाल नेहरू उस समय जेल में बंद थे, इसलिए उन्होंने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया।
7. निम्नलिखित नेताओं में से कौन द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग नहीं लिया था?
[U.P. P.C.S. (Pre) 2020]
(a) एम.के. गांधी
(b) सरोजिनी नायडू
(c) पंडित मदन मोहन मालवीय
(d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
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उत्तर – (d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, जो 7 सितंबर से 1 दिसंबर 1931 तक लंदन में आयोजित हुआ, उसमें कांग्रेस की ओर से महात्मा गांधी ने एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
उनके साथ सरोजिनी नायडू और मदन मोहन मालवीय जैसे अन्य स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक भी उपस्थित थे, हालांकि वे कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद उस समय इस सम्मेलन में सम्मिलित नहीं हुए थे, और उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय वार्ता का कोई भाग नहीं लिया।
8. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किसने किया?
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) मोतीलाल नेहरू
(c) अबुल कलाम आजाद
(d) महात्मा गांधी
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उत्तर – (d) महात्मा गांधी
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से केवल महात्मा गांधी को प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।
यह सम्मेलन ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था।
गांधीजी ने भारत की स्वतंत्रता और दलितों के अधिकारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
वे अस्पृश्यता उन्मूलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारतीयों के लिए आत्मनिर्णय जैसे विषयों पर मुखर थे।
नेहरू पिता-पुत्र दोनों उस समय जेल में थे, इसलिए वे सम्मिलित नहीं हो सके।
9. लंदन में आयोजित निम्नलिखित गोलमेज सम्मेलनों में से किसमें महात्मा गांधी उपस्थित थे?
[U.P. P.C.S. (Pre) 2015]
(a) प्रथम में
(b) द्वितीय में
(c) तृतीय में
(d) उपर्युक्त में से किसी में नहीं
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उत्तर – (b) द्वितीय में
ब्रिटिश सरकार द्वारा तीन गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए गए:
प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930) – कांग्रेस ने भाग नहीं लिया।
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) – गांधीजी ने कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
तृतीय गोलमेज सम्मेलन (1932) – कांग्रेस ने भाग नहीं लिया; गांधीजी भी अनुपस्थित रहे।
इस प्रकार महात्मा गांधी केवल द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए थे।
10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन (A): जवाहरलाल नेहरू ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन (1932) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था।
कारण (R): गांधी-इर्विन समझौते (1931) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दूसरे गोलमेज सम्मेलन (1931) में भाग लेना अंतर्निहित था।
[U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2016]
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, किंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
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उत्तर – (d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
गांधी-इर्विन समझौता (5 मार्च 1931) में कांग्रेस की ओर से महात्मा गांधी ने वादा किया था कि कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेगी।
इसी समझौते के तहत सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया गया था।
परंतु द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (सितंबर-दिसंबर 1931) में जवाहरलाल नेहरू ने हिस्सा नहीं लिया क्योंकि वे उस समय जेल में थे।
कांग्रेस की ओर से गांधीजी ही एकमात्र प्रतिनिधि बनकर गए थे।
इसलिए कथन A गलत है और R सही है।
11. निम्नलिखित में से कौन-से गोलमेज सम्मेलन में गांधीजी ने शिरकत की?
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]
(a) केवल प्रथम
(b) केवल द्वितीय
(c) केवल तृतीय
(d) प्रथम व तृतीय दोनों
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उत्तर – (b) केवल द्वितीय
गांधीजी ने केवल द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) में भाग लिया था।
प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930) में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया क्योंकि उस समय सविनय अवज्ञा आंदोलन जोरों पर था और कांग्रेस के अधिकतर नेता जेल में थे।
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) गांधी-इर्विन समझौते के बाद आयोजित हुआ और गांधीजी कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में इसमें शामिल हुए।
तृतीय गोलमेज सम्मेलन (1932) में कांग्रेस ने फिर से भाग नहीं लिया, और गांधीजी भी अनुपस्थित रहे क्योंकि उस समय वे फिर से जेल में थे।
इसलिए सही उत्तर है — केवल द्वितीय सम्मेलन।
12. महात्मा गांधी, जब द्वितीय गोलमेज सभा में भाग लेने लंदन गए थे, ठहरे थे-
[U.P. P.C.S. (Mains) 2003]
(a) सेंट जेम्स पैलेस में
(b) किंग्सले हॉल में
(c) इंडिया हाउस में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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उत्तर – (b) किंग्सले हॉल में
जब गांधीजी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (सितंबर-दिसंबर 1931) में भाग लेने लंदन पहुंचे, तो वे ‘एस.एस. राजपूताना’ नामक जलपोत से यात्रा करके आए थे।
वे राजकीय आवास या किसी विलासी होटल में न रुककर किंग्सले हॉल (Kingsley Hall) में ठहरे, जो एक सामान्य मजदूर बस्ती थी।
यह गांधीजी की सादगी, समानता, और गरीबों के साथ जुड़ाव का प्रतीक था।
उनके इस निवास स्थान को ब्रिटेन में अत्यधिक सम्मान मिला और लोगों ने उन्हें ‘साधु’ और ‘महात्मा’ की दृष्टि से देखा।
इसलिए सही उत्तर है — किंग्सले हॉल।
13. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस के एक प्रतिनिधि के रूप में भाग लेने के लिए महात्मा गांधी बंबई से लंदन जिस पानी के जहाज में गए थे, उसका नाम था-
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
(a) एस.एस. राजपूताना
(b) एस.एस. वायसराय ऑफ इंडिया
(c) एस.एस. मुल्तान
(d) एस.एस. कांते रोसो
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उत्तर – (a) एस.एस. राजपूताना
महात्मा गांधी ने 5 मार्च 1931 को गांधी-इर्विन समझौते के तहत कांग्रेस की ओर से द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति दी।
इसके बाद वे 12 अगस्त, 1931 को ‘एस.एस. राजपूताना’ नामक जलपोत से बंबई (अब मुंबई) से लंदन के लिए रवाना हुए।
गांधीजी के साथ महादेव देसाई, प्यारेलाल नैय्यर, मीराबेन और अन्य सहयोगी भी गए थे।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
‘एस.एस. वायसराय ऑफ इंडिया’ और ‘एस.एस. मुल्तान’ ब्रिटिश काल के अन्य जलपोत थे, लेकिन गांधीजी की यात्रा इनसे नहीं हुई थी।
14. निम्नलिखित में से किस गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि ने प्रथम बार भाग लिया था?
[U.P. P.C.S. (Mains) 2008]
(a) प्रथम गोलमेज सम्मेलन
(b) द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
(c) तृतीय गोलमेज सम्मेलन
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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उत्तर – (b) द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930) में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया क्योंकि सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान सभी बड़े नेता जेल में थे।
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (सितंबर-दिसंबर 1931) में गांधीजी ने कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
सम्मेलन में कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। गांधीजी ‘कम्युनल अवॉर्ड’ और दलित प्रतिनिधित्व पर असहमति के कारण लंदन से खाली हाथ लौटे।
गांधीजी ने कहा था:
“मैं खाली हाथ लौटा हूं, लेकिन ध्वज झुका नहीं है।”
15. महात्मा गांधी दिसंबर, 1931 में खाली हाथ कहां से भारत लौटे थे?
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
(a) लंदन
(b) मॉस्को
(c) वाशिंगटन
(d) टोक्यो
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उत्तर – (a) लंदन
महात्मा गांधी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए 6 सितंबर, 1931 को ‘एस.एस. राजपूताना’ से लंदन पहुंचे थे।
यह सम्मेलन 1 दिसंबर, 1931 को समाप्त हो गया, जिसमें गांधीजी को किसी भी ठोस परिणाम के बिना ‘खाली हाथ’ लौटना पड़ा।
दलितों के पृथक निर्वाचन के मुद्दे और ब्रिटिश सरकार की अनिच्छा के कारण यह सम्मेलन विफल रहा।
गांधीजी ने वापसी पर कहा था:
“मैं खाली हाथ लौटा हूँ, पर ध्वज को झुकने नहीं दिया।”
16. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन किस प्रश्न पर असफल रहा?
[41st B.P.S.C. (Pre) 1996]
(a) सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व
(b) डोमिनियन स्टेटस प्रदान करना
(c) सत्ता हस्तांतरण की तिथि
(d) सविनय अवज्ञा आंदोलन का स्थगन
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उत्तर – (a) सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व
द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (7 सितंबर – 1 दिसंबर 1931) का मुख्य विषय भारत में संविधान निर्माण और समुदायों का प्रतिनिधित्व था।
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दलितों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की मांग की, जबकि गांधीजी इसके खिलाफ थे।
इस मुद्दे पर गंभीर मतभेद के कारण सम्मेलन सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व के प्रश्न पर असफल रहा।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
डोमिनियन स्टेटस की बात 1930 से चली आ रही थी, पर यह सम्मेलन मुख्यतः प्रतिनिधित्व के विवाद पर विफल हुआ।
17. उस भारतीय का क्या नाम था, जिसने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था?
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006, U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
(a) B.R. Ambedkar
(b) महात्मा गांधी
(c) मुहम्मद अली जिन्ना
(d) तेज बहादुर सप्रू
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उत्तर – (a) B.R. Ambedkar
डॉ. भीमराव अंबेडकर एकमात्र ऐसे भारतीय नेता थे जिन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में भाग लिया।
वे दलित वर्ग के प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में सम्मेलनों में उपस्थित हुए और अछूतों के अधिकारों और पृथक निर्वाचनी व्यवस्था की मांग रखी।
उनके विचारों ने गोलमेज सम्मेलन की चर्चाओं को व्यापक रूप से प्रभावित किया और पूना समझौते (1932) की पृष्ठभूमि तैयार की।
अन्य विकल्प:
महात्मा गांधी केवल द्वितीय सम्मेलन (1931) में गए।
तेज बहादुर सप्रू और जिन्ना केवल एक या दो सम्मेलनों में उपस्थित थे।
18. तीनों गोलमेज सम्मेलनों में किसने भाग लिया?
[67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam), 2021]
(a) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(b) मदन मोहन मालवीय
(c) बी.आर. अम्बेडकर
(d) महात्मा गांधी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
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उत्तर – (c) बी.आर. अम्बेडकर
बी.आर. अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा अछूतों के प्रतिनिधि के रूप में तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया।
उन्होंने दलितों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की जोरदार वकालत की, जिसे गांधीजी ने अस्वीकार किया।
इसी कारण से गांधीजी ने पूना समझौते के लिए आमरण अनशन किया।
अन्य नेता केवल एक या दो सम्मेलनों में ही शामिल हुए:
गांधीजी (द्वितीय),
मौलाना आज़ाद या मदन मोहन मालवीय ने सभी में भाग नहीं लिया था।
19. तीनों गोलमेज सम्मेलनों में किसने भाग लिया?
[U.P.R.O./A.R.O (Mains) 2021]
(a) महात्मा गांधी
(b) बी. एस. मुंजे
(c) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
(d) सी.वाई. चिन्तामणि
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उत्तर – (c) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
डॉ. भीमराव अंबेडकर एकमात्र ऐसे भारतीय नेता थे जिन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में भाग लिया।
वे अछूतों (दलितों) के अधिकारों के प्रमुख पैरोकार थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के सामने पृथक निर्वाचनी व्यवस्था की मांग रखी।
इन सम्मेलनों में अंबेडकर की भूमिका ने बाद में पूना समझौते (1932) को जन्म दिया।
अन्य विकल्पों की जानकारी:
महात्मा गांधी केवल द्वितीय सम्मेलन (1931) में गए।
बी.एस. मुंजे और सी.वाई. चिन्तामणि सम्मेलनों में भागीदार रहे, परंतु तीनों में नहीं।
20. निम्नलिखित में से किसने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था?
[M.P. P.C.S. (Pre) 2012]
(a) वल्लभभाई पटेल
(b) मदन मोहन मालवीय
(c) बी.आर. अम्बेडकर
(d) उपर्युक्त में से किसी ने नहीं
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उत्तर – (c) बी.आर. अम्बेडकर
डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने ही तीनों गोलमेज सम्मेलनों (1930, 1931, 1932) में भाग लेकर दलितों के सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों की मांग रखी।
उनका लक्ष्य था कि अछूतों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सम्मानजनक स्थान मिले।
उन्होंने ब्रिटिश सरकार से पृथक निर्वाचनी मंडलों की मांग की, जिसे गांधीजी ने अस्वीकार कर दिया और इसके विरोध में आमरण अनशन किया।
अन्य नेताओं की भागीदारी:
वल्लभभाई पटेल और मदन मोहन मालवीय ने केवल एक या दो सम्मेलनों में भाग लिया था, तीनों में नहीं।
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