राजस्थान की मृदा Previous Year Questions
Improve your exam preparation by using our big collection of Previous year’s question papers. Shiksha247 has a bunch of old exam papers from different government job exams in Rajasthan like RPSC, RSMSSB, REET, Patwar, Police, LDC, Teacher and other entrance exams. Solving these old question papers is a good way to get ready for your exams and increase your chances of doing well.
Soil of Rajasthan MCQs
1.राजस्थान की बांका – पट्टी किस समस्या से ग्रसित है?
[CET(Gradution)8 Jan, 2023 Shift-2]
(A) सूखा और अकाल की
(B) फ्लोराइड की
(C) बाढ
(D) सेम
उत्तर- (B) राजस्थान की बांका पट्टी पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधि कता होने के कारण ग्रसित।
2. स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग (सेम) किस स्थिति से संबंधित है?
[Junior Instructor (Workshop)-10 Sept. 2022](A) रेत / रेत के टीलों का निर्माण
(B) पारिस्थितिकी में परिवर्तन
(C) मिट्टी/मिट्टी का कटाव / क्षरण
(D) वन कटाव
उत्तर- (B) स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग (सेम) पारिस्थितिकी परिवर्तन से संबंधित है। सेम से दलदली भूमि का निर्माण (सिचिंत क्षेत्र में) वर्तमान में हनुमानगढ़ तथा गंगानगर सर्वाधिक प्रभावित है।
3. राजस्थान में मध्यम काली मिट्टी का विस्तार किस प्रदेश में है?
[Lecturer (Ayurveda) GK 11 Nov., 2021]
[Rajasthan Police Cons. 08 Nov., 2020 (1)](A) अरावली
(B) हाड़ौती
(C) अर्द्ध-शुष्क मरुस्थल
(D) पूर्वी-मैदान
उत्तर- (B)
4. निम्नलिखित में से राजस्थान के किन जिलों के समूह मुख्यतः कच्छारी मृदा पाई जाती है?
[CET (Graduation) 07/Jan. 2023, Shift-1](A) बीकानेर – जैसलमेर
(B) भरतपुर-धोलपूर
(C) कोटा – बूंदी
(D) बांसवाड़ा डूंगरपुर
उत्तर- (B) कछारी/जलोढ / दोमट – सर्वाधिक उपजाऊ इसमें नाइट्रोजन की अधिकता होती है। जिले- जयपुर, अलवर, टोंक, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, सवाई माधौपुर।
6.राजस्थान के निम्नलिखित में से किन जिलों में ‘इन्सेप्टीसोल्स मृदा’ पायी जाती है?
[CET (Graduation) 07 Jan. 2023, Shift-1](A) जयपुर, दौसा और अलवर
(B) कोटा, बूंदी और बारा
(C) जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर
(D) पाली, भीलवाड़ा और सिरोही
उत्तर- (D) इन्सेप्टीसोल्स / लाल मृदा का विस्तार | इसका विस्तार सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा तथा तीय प्रदेश में है ।।
7. पीने के पानी में फ्लोराइड की सांद्रता से जिलों का कौनसा समूह सर्वाधिक प्रभावित है?
[ARO (Plant Pathology) 29 Aug, 2022](A) अजमेर, अलवर, भीलवाड बीकानेर
(B) जालौर, बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा
(C) बूंदी, पाली, समन्द, उदयपुर
(D) बाराँकोटा, सवाई माधोपुर
उत्तर- (A) कुबड़/ बाकां/हंच/हम्प बेल्ट (पट्टी) पीने के
पानी अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर प्रभावित है।
8.निम्नलिखित को मिलाएं-
सूची-1 (मृदा राजस्थान ) सूची-2 (जिले)
(a) लाल रेतीली मिट्टी 1. पाली, सिरोही, सीकर, झुंझुनूं
(b) पीली, भूरी रेतीली मिट्टी 2. नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर
(c) लवणीय मिट्टी 3. नागौर, पाली
(d) भूरी रेतीली मिट्टी 4. नागौर, जोधपुर, पाली, जालौर, चुरू और झुंझुनूं
[Librarian Grade-III, 11 Sept. 2022]कूट
(A) a-1, b-2, c-3, d-4
(B) a-4, b-3, c-2, d-1
(C) a-4, b-3, c-1, d-2
(D) a-3, b-4, c-1, d-2
उत्तर -(B)
9.राजस्थान के किन जिलों में मध्यम काली मिट्टी पाई जाती है?
[Librarian Grade-III, 11 Sept. 2022 ](A) कोटा-बूंदी-झालावाड़
(B) उदयपुर-डूंगरपुर-बांसवाड़ा
(C) टोंक-अजमेर- पाली
(D) चूरू-झुंझुनू-सीकर
उत्तर- (A)
10. नई प्रणाली के तहत, राजस्थान की अधिकांश मिट्टी क्रम से संबंधित है।
[Rajasthan Police Cons. 08 Nov, 2020 (1)](A) 5
(B) 10
(C) 2
(D) 9
उत्तर- (A) USA कृषि विभाग वैज्ञानिको द्वारा विकसित नयी मृदा वर्गीकरण में मृदा, उप मृदाकण है। नई व्यवस्था के तहत् राजस्थान की अधिकांश मृदा 5 अनुक्रम से संबंधित-
(i) एरिडीसोल
(ii) अल्फीसोल्स
(iii) एंटीसोल
(iv) इन्सेप्टी सोल
(v) वर्टीसोल
11. निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा एक सुमेलित नहीं है?
[J.En. (Civil) (Diploma)-2020](मृदा प्रकार) – (क्षेत्र)
(A) एरिडीसोल्स – अर्द्ध शुष्क
(B) अल्फीसोल्स – आर्द्र
(C) इन्सेप्टीसोल्स – अर्द्ध आर्द्र / उपआर्द्र
(D) वर्टीसोल्स – शुष्क
उत्तर- (D) वर्टीसोल्स- झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी में प्रधानता
सवाई माधोपुर, भरतपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा में सीमित मात्रा में प्राप्त। होती है।
12. निम्नलिखित में से कौनसा सही सुमेलित हैं?
[J.S.A.(Toxicology)14 Sep.,2019](मृदा के प्रकार) – (जिले)
(A) एरिडीसोल्स – अजमेर, उदयपुर
(B) अल्फीसोल्स – बीकानेर, गंगानगर
(C) इनसेप्टीसोल्स – भीलवाड़ा, पाली
(D) वर्टीसोल्स – जोधपुर, बाड़मेर
उत्तर- (C) इन्सेप्टीसोल्स/लाल मृदा का विस्तार पर्वतीय प्रदेश में है।
इसका विस्तार सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा तथा पाली में है। इस मृदा में लाल रंग होने का प्रमुख कारण लौह ऑक्साइड की प्रधानता है।
इसमें हृयूमस तथा नाइट्रोजन की अधिकता रहती है। यह मृदा मक्का के लिए उपयोगी है।
51. अम्लीय मृदाओं ने किसके प्रयोग से सुधार किया जाता है?
[Superintendent Garden- 28 July 2021](A) यूरिया
(B) चूना
(C) जिप्सम
(D) गंधक
उत्तर- (B) क्षारीय भूमि के उपचार हेतु जिप्सम का प्रयोग। लवणीय भूमि के उपचार हेतु रॉक फॉस्फेट का प्रयोग। अम्लीय भूमि के उपचार हेतु का चूना (लाइम) तथा डोलोमाइट का प्रयोग।
52. निम्न में से कौन सा खनिज मृदाओं में लवणीयता एवं के समाधान हेतु उपयुक्त है?
[J.S.A. (Inscripe) Nov., 2019](A) सोडियम
(B) जिप्सम
(C) टंगस्टन
(D) मैग्नीशियम
उत्तर- (B) जिप्सम का उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट बनाने, रासायनिक उर्वरक बनाने व उद्योगों में होता है। इसे सेलखड़ी खड़िया या सैलेनाइट भी कहते है।
53. राजस्थान में मृदा पायी जाती है?
[J.S.A. (Physics) 21 Nov., 2019]
(A) पाली
(B) उदयपुर
(C) राजसमंद वणीयता व क्षारीयता की समस्या कहां
(D) डूंगरपुर
उत्तर- (A) राजस्थान में मृदा में लवणीयता व क्षारीयता की समस्या पाली जिले में पाई जाती है। क्षारीय मृदा- इसका निर्माण मृदा में लवणीय पदार्थो की अधिकता के कारण होता है। इस मृदा का विस्तार खारे पानी की झीलों के आस-पास होता है। क्षारीय मृदा के अन्य नाम- लवणीय मृदा, रेह, ऊसर, कल्लर, चॉपेन।
54. ऊसर मृदा किसे कहते है?
[Junior Instructor Ele. Mec. 23 Dec., 2019](A) खारी एवं लवणीय मृदा को
(B) सागर के किनारे की मृदा
(C) नदियों के किनारे पर स्थित मृदा
(D) पर्वतपदीय प्रदेशों पर स्थित मृदा
उत्तर- (A) ऊसर मृदा- इसका निर्माण मृदा में लवणीय पदार्थों की अधि कता के कारण होता है। इसका विस्तार खारे पानी की झीलों के आस-पास होता है। यह सर्वाधिक अनुपजाऊ मृदा होती है। . ऊसर मृदा के अन्य नाम- क्षारीय मृदा, लवणीय मृदा, रेह, कल्लर, चॉपेन।
55. निम्नलिखित में से PH परास क्षारीय मृदा सूचक है?
[Economic Investigation (23 Dec., 2019] ](A) 2.3 से 3.6
(B) 7
(C) 4.2 से 4.8
(D) 8से उपर
उत्तर- (D) सामान्य मृदा का PH मान 7.5 होता है। जिस मृदा का PH मान 7 से कम होता है यानि की मात्रा कम हो उसे अम्लीय मृदा कहते हैं। जिस मृदा, 1 मान 7 से अधिक होता है उसे क्षारीय लवणीय मृदा कहते
56. मिट्टी की लव एवं क्षारीयता का ठोस उपचार क्या है ?
[Live Stock Assistant (TSP) 16.10.2016] (A) रॉक फॉस्फेट शोधन
(B) यूरिया शोधन
(C) जिप्सम शोधन
(D) बेन्टोमाइट शोधन
उत्तर- (C) मिट्टी की लवणता/ क्षारीयता का दीर्घकालीन/ ठोस हल जिप्सम शोधन है। जिप्सम मुख्यतः नागौर में पाया जाता है। सोडियम. कार्बोनेट, सोडियम क्लोराइड के लवण मिट्टी की ऊपरी सतह पर परत रुप में इकट्टे हो जाते हैं। इसे ऊसर/नमकीन/रेह कल्लर/ अल्कलाइन कहा जाता है। बाड़मेर, जालोर, गंगानगर, भरतपुर, कोटा मिट्टी की अम्लीयता दूर करने हेतु रॉक फास्फेट का उपयोग होता है।
57. पश्चिमी राजस्थान की मिट्टी अम्लीय और क्षारीय तत्वों से संसिक्त कैसे हो जाती है?
[Lab Assistant 13 Nov. 2016](A)जल के प्रवाह (flow of water) से
(B) मिट्टी की निचली सतह से ऊपर की ओर कोशिकाओं द्वारा जल रिसाव (capillary action of water through cells) से
(C) मिट्टी के अपक्षालन (leaching) में
(D) मिट्टी के ऊपरी सतह से नीचे की ओर जल रिसाव (water percolation) से
उत्तर- (B) अपलक्षन ( दलदली आच्छादन), उच्च तापक्रम, उच्च वाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन लवणीयता/ क्षारीयता हेतु उत्तरदायी है। लवणीयता की समस्या समाधान हेतु रॉक फास्फेट का प्रयोग क्षारीयता की समस्या हेतु जिप्सम का प्रयोग। सोडियम कार्बोनेट/सोडियम क्लोराइड के लवण केशाकर्षण द्वारा (निचे से ऊपर की ओर) ऊपरी सतह पर परत रूप में इकट्ठे हो जाते है। ऊसर/ नमकीन/रेह/कल्लर कहलाती है।
58. राजस्थान में मिट्टी के ऊपर सफेद लवणीय बालू जम जाती है, उसे क्या कहते है?
[Junior Instructor (M.R. & A. C. ) 24 Dec., 2019](A) कल्लर
(B) रेह
(C) सफेद मिट्टी
(D) बजरी
उत्तर- (*) पुरातन जलोढ़ मिट्टी नदियों में आने वाली बाढ़ का पानी ऊंचाई के कारण नहीं पहुंच पाता, वह मिट्टी असर हो जाती है। उसे पुरातन जलोढ़ मिट्टी / रेह / कल्लर कहलाती है। उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार कल्लर भूमि 3 प्रकार की होती है। (1) लवणीय भूमि (रेही) (2) क्षारीय भूमि (ऊसर) (3) लवणीय + क्षारीय खारी / लवणीय भूमि उसर भूमि कहलाती है। ये मुख्यतः श्री गंगानगर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालौर, चुरू जिले में पाई जाती है। भीलवाड़ा, जयपुर, अजमेर, भरतपुर, टोंक जिलो में भी रेह मिट्टी पाई जाती है। राजस्थान में लगभग 72 लाख हैक्टेयर भूमि क्षारीय (लवणीय) है।
59. राजस्थान में कौनसा जिला फ्लोरोसिस से सर्वाधिक प्रभावित है जो पानी में फ्लोराइड के कारण होता है?
[Librarian Grade-II, 02 Aug 2020](A) नागौर
(B) बीकानेर
(C) सिरोही
(D) झालावाड़
उत्तर- (A) कुबड़ / पट्टी/बांका पट्टी/हंच बेल्ट / फ्लोरोसिस ग्रस्ति पट्टी । नागौर- अजमेर। सर्वाधिक- रामसिया (नागौर), पानी में फ्लोराइड की मात्रा 99 PPM फ्लोराइड की अधिक मात्रा से फ्लोरोसिस रोग हो । जाता है। दाँतों में/ हड्डीयों में टेढ़ापन आ जाता है, वे कमजोर हो जाती है। उपचार नालगुंडा प्रणाली अपनाई जाती है।
60. में फ्ल्यूरोसिस-ग्रस्त पट्टी कहाँ स्थित है?
[JEN (Mechanical) Diploma – 21 Aug, 2016]
(A) भरतपुर- अलवर
(B) कोटा-बूंदी
(C) बांसवाड़ा-डूंगरपुर
(D) नागौर-अजमेर
उत्तर- (D) बाकां/ कूबड़ /हंच/हम्प बेल्ट (पट्टी)- फ्लूरोसिस ग्रस्त पेटी नागौर-अजमेर। राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम (NPPCF) 33 जिलों में क्रियान्वित। राजस्थान में न्यूनतम फ्लोराइड 1.55 PPM (झालावाड़), अधिकतम रामसिया (नागौर) 99 PPM
61. राजस्थान में किस जिले में कैल्सीओरथिड पायी जाती है?
[Junior Instructor (Welder) 26 March, 2019](A) उदयपुर
(B) सीकर
(C) जयपुर
(D) सिरोही
उत्तर- (B) लाल लोमी मृदा का विस्तार उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा तथा प्रतापगढ़ में है। भूरी रेतीली मृदा का विस्तार नागौर, जोधपुर, सीकर, तथा झुंझुनु में है। जलोढ़ मृदा का विस्तार भरतपुर, अलवर, दौसा, जयपुर, करौली तथा धौलपुर में है। भूरी दोमट मृदा का विस्तार पाली, सिरोही तथा जालौर में है। एरिडी सोइल्स्- शुष्क जलवायु का मृदा है। उप विभाग- केम्बो, सेलोरथिड्स, पेलिआरथिड्स राजस्थान में पाये जाते है। पश्चिम राजस्थान में मृदा प्रधानता है।
62. राजस्थन की ‘कुबड़ पट्टी’ कहां स्थित है?
[Tax Assistant 14 Oct. 2018]
[JEN (Mechanical), 21 Aug, 2016][Lab Assistant 13 Nov., 2016](A) उदयपुर-राजसमंद
(B) अलवर-भरतपुर
(C) झालावाड़-बूंदी
(D) नागौर-अजमेर
उत्तर- (D) बाकापट्टी- कूबड़ पट्टी/हंच/हम्प बेल्ट। पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने पर “फ्लूरोसिस’ रोग हो जाता है।
63. निम्न में से राजस्थान के किस जिले में “बांका पट्टी” पेटी फैली हुई है?
[2nd Grade 01 May, 2017](A) चुरू
(B) सीकर
(C) नागौर
(D) भीलवाड़ा
उत्तर- (C) कुबड़ पट्टी/ बांका पट्टी/ हंच बेल्ट- अजमेर, नागौर।
64. जिप्सीफेरस मिट्टी राजस्थान के किस जिले मिलती है?
[CET (Gradution) 8 Jan, 2023 Shift-2][Senior Computer Instructor- 19 June 2022][हेडमास्टर प्रवेशिका (संस्कृत शिक्षा ) 11 Oct. 2021](A) बीकानेर
(B) भीलवाड़ा
(C) हनुमानगढ़
(D) सवाई माधोपुर
उत्तर- (A) जिप्सीफेरस – बीकानेर। 25% से अधिक जिप्सम वाली मिट्टी जो पौधों की वृद्धि में बाधा उत्पन्न करती है। कार्बनिक पदार्थ तथा नाइट्रोजन के निम्न स्तर पर उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक है। * खाद डालने से पौधे की वृद्धि में सुधार होता है।
65. नई जलोढ़ मृदा का वर्णन करने के लिए किस शब्द का उपयोग किया जाता है?
[Constable Exam – 7 Nov, 2020 (II)](A) भांगर
(B) खादर
(C) धरण
(D) खरीफ
उत्तर- (B) खादर- नई जलोढ़ मृदा यानि वह भू भाग जहां प्रति वर्ष नदियों की बाढ़ का पानी पहुंचता है। भांगर (बांगर) – पुरानी जलोढ़ मृदा यानि जहां प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी नहीं पहुंचता है। के संदर्भ में मिट्टी की सबसे परत जो ह्यूमस कहलाती है। धरण- कृषि
66. जहां प्रतिवर्ष प्राकृतिक रूप से मिट्टीयों का नवीनीकरण होता है, वह क्षेत्र है-
[Information Assistant 12 May 2018](A) भाबर प्रदेश
(B) तराई प्रदेश
(C) बांगर
(D) खादर प्रदेश
उत्तर- (D) खादर प्रदेश- प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी पहुंचता है, मिट्टी का नवीनीकरण होता है। बांगर प्रदेश- भूमि का उच्च भाग जहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाता है। खादर तथा बांगर का संबंध राज से भी है। तराई प्रदेश- नमभूमि, दलदली भूमि यमुना से ब्रह्मपुत्र तक विस्तृत प्रायः बाढ़ आ जाती है। भाबर प्रदेश जलोढ़ क्षेत्र निम्न हिमालय से शिवालिक तक विस्तृत है।
67. राजस्थान में फ्लोरोसिस समस्या से सम्बन्धित गलत कथन को छांटिए-
[JEN (Civil) (TSP)- 16 2016]
(A) राज्य के सभी 33 जिले फ्लोरोसिस से प्रभावित हैं।
(B) राज्य के पश्चिमी एवं दक्षिणी जिले फ्लोरोसिस से अधिक पीड़ित है
(C) शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोरोसिस का प्रकोप अधिक है
(D) राज्य में 72 प्रतिशत से अधिक गांव फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं।
उत्तर- (*) समस्या- राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण रोकथाम कार्यक्रम NPPCF 33 जिलो में क्रियान्वित 7670 आवासीय क्षेत्र राज. में है। 40 लाख आबादी प्रभावित सम्पूर्ण देश में सर्वाधिक प्रभावित कूबड़ पट्टी/बांका पट्टी नागौर, अजमेर नालगुड़ा पद्धति से उपचार रामसिया (नागौर) सर्वाधिक प्रभावित 99 PPM फ्लोराइड की मात्रा ।
68. निम्न में से किस मृदा की कुल रन्ध्रावकाश सबसे अधिक होता है?
[AAO-28 May, 2022](A) बलुई मृदा
(B) बलुई दोमट मृदा
(C) क्ले-दोमट मृदा
(D) दोमट मृदा
उत्तर- (C) क्ले-दोमट (जलोढ़ मिट्टी- नदियों द्वारा लायी गई मृदा ।। पोटाश की बहुलता। फॉस्फोरस, ह्यूमस की कमी। कूल स्थावकाश सबसे अधिक उत्पादकता दृष्टि से उत्तम पुरानी जलोढ़ बांगर, नयी जलोढ़ खादर। अलवर, जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर, धौलपुर, कोटा ।
69. राजस्थान के किस जिले में जलोढ़ मृदा पायी जाती है?
[Stenographer 2018, 21 March, 2021 Shift I](A) नागौर
(B) भरतपुर
(C) बाड़मेर
(D) जैसलमेर
उत्तर- (B) जलोढ़ मृदा :- अलुवियल मृदा/कच्छारी/अल्फी जलोढ़ मृदा फास्फेट तथा कैल्शियम लवणों की कमी होती है। नाइट्रोजन तत्वों की बहुलता जल धारण की पर्याप्त क्षमता अत्यधिक उपजाऊ अत्यधिक सिंचाई से लवणीयता की समस्या होती है। मुख्यत: पूर्वी राजस्थान में पायी जाती है। अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी गेहूं, चावल, कपास, जौ, तम्बाकों के लिए मिट्टी है।
69. राजस्थान के किस जिले में जलोढ़ मृदा पायी जाती है?
[Stenographer 2018, 21 March, 2021 Shift I](A) नागौर
(B) भरतपुर
(C) बाड़मेर
(D) जैसलमेर
उत्तर- (B) जलोढ़ मृदा :- अलुवियल मृदा/कच्छारी/अल्फी सोइल्स/नवीन जलोढ़ मृदा फास्फेट तथा कैल्शियम लवणों की कमी होती है। नाइट्रोजन तत्वों की बहुलता जल धारण की पर्याप्त क्षमता अत्यधिक उपजाऊ अत्यधिक सिंचाई से लवणीयता की समस्या होती है। मुख्यत: पूर्वी राजस्थान में पायी जाती है। अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी गेहूं, चावल, कपास, जौ, तम्बाकू, सरसों के लिए उपयुक्त मिट्टी है।
70. राजस्थान जमींदारी और बिस्वेदारी उन्मूलन अधिनियम किस वर्ष में पारित किया गया?
[Constable Exam 6 Nov, 2020 (1)](A) में
(B) 1955 में
(C) 1953 में
(D) 1959 में
उत्तर- (D) राजस्थान जमींदारी और बिस्बेदारी उन्मूलन अधिनियम- 1959- 27 फरवरी 1959 राष्ट्रपति की मंजूरी, नवम्बर 1959 से लागू। जमींदारी- बिस्वेदारी अधिकार समाप्त किये गये। जमींदारों- बिस्वेदारों को मुआवजे के भुगतान की व्यवस्था के साथ ही खातेदारी व खुद काश्त भूमि आवंटन प्रक्रिया निर्धारित की गई। धारा-55 काश्ताकारों को खातेदारी के अधिकार दिए गए।
71. राजस्थान में, निम्न में से कौन सा मृदा का सर्वाधिक उपजाऊ प्रकार माना जाता है?
[Junior Assitant Elect. 2020]
(A) बालू मृदा
(B) पीली मृदा
(C) लाल एवं पीली मिश्रित मृदा
(D) जलोढ़ मृदा
उत्तर- (D) जलोढ़ मृदा को एल्फीसोल भी कहते है जो राजस्थान के पूर्वी मैदानी प्रदेश में पाई जाती है।
72. निम्न में से कौनसा एक उपाय मृदा संरक्षण का नहीं है?
[Lecturer (tech.edu.) – 12 March, 2021](A) वृक्षारोपण
(B) फसलों की हेराफेरी
(C) अत्यधिक जलापूर्ति
(D) ऐनिकट का निर्माण
उत्तर- (C) मृदा संरक्षण- वृक्षारोपण (वनारोपण/अफोरस्टेशन), फसल चक्र में बदलाव / फसलों की हेराफेरी, एनिकट निर्माण, जैविक खाद का प्रयोग बाढ़ नियंत्रण, नियोजित चराई, सीढ़ीदार खेत (स्टेप फार्मिंग), समोच्चरेखीय (कंटूर फार्मिंग), शस्यावर्तन ।
73. नये मूल की जलोढ़ मृदा नहीं पायी जाती है-
[JE (Mech.-Diploma), 2020](A) भरतपुर में
(B) कोटा में
(C) जयपुर में
(D) अलवर में
उत्तर- (B) नये मूल की जलोढ़ मृदा (नवीन जलोढ मृदा)- अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर आधुनिक मृदा वैज्ञानिकों के विश्वव्यापी वर्गीकरण में इसे “अल्फी सोल्स” के अंतर्गत रखा जाता है।
74. मृदा के नवीन वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान में ‘अल्फीसोल्स’ मृदा पायी जाती है-
[CET (Graduation)- 07.01.2023, Shift-II][VDO Main Eaxm- 9 July 2022][J. E. N (Electric) Diploma 2020] [Handloom Inspector 2018, 22 Dec., 2019] (A) जयपुर, अलवर और कोटा में
(B) चुरू, झुंझुनू और सीकर में
(C) जैसलमेर और बाड़मेर में
(D) प्रतापगढ़ और सिरोही में
उत्तर- (A) जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ बांसवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, डूगंरपुर, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़। उपमृदाकरण हेप्लुस्तालफस प्रोफाइल- मध्यम से पूर्ण विकसित, संस्तर- ऑरजिलिक।
75. राजस्थान में ‘अल्फीसोल’ कहां नहीं पायी जाती हैं।
[Jr. Scientific Asst. ( Ballistic) – 21 Sep 2019](A) कोटा
(B) बारां
(C) झालावाड़
(D) बूंदी
उत्तर- (*) अल्फीसोल- जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, हाड़ौती क्षेत्र (कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़) में पायी जाती है।
76. राजस्थान के सिरोही और पाली जिलों में कौनसे प्रकार की प्रधान मृदा मिलती है?
[Librarian Grade-II, 02 Aug 2020](A) इनसेप्टीसोल्स
(B) वर्टीसोल्स
(C) अल्फीसोल्स
(D) एण्टीसोल्स
उत्तर- (A) इनसेप्टीसोल्स- अर्द्ध शुष्क से आर्द्र जलवायु प्रदेशों में मिलती है। सिरोही, पाली, राजसमंद, उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ में प्रधानता तथा जयपुर, सवाई माधोपुर, झालावाड़ में कहीं-कहीं मिलती है।।
77. राजस्थान में निम्न में से किस स्थान पर इनसेप्टीसोल्स मृदा नहीं पायी जाती है?
[Jr. Instruct. (Mec. diesel) 23 Dec., 2019](A) सिरोही
(B) राजसमन्द
(C) भीलवाड़ा
(D) बूंदी
उत्तर- (D) इन्सेप्टीसोल/लाल मृदा अरावली पर्वतीय प्रदेश में पाई जाती है। इस मृदा का विस्तार सिरोही, राजसमंद तथा भीलवाड़ा में है इस मृदा का लाल रंग का प्रमुख कारण लौह ऑक्साइड की प्रधानता है। इसमें हृयूमस तथा नाइट्रोजन की अधिकता होती है। मक्का के लिए उपयोगी मृदा ।
78. क्लेयी मिट्टी को आमतौर पर सरंध्रता होती है?
[J.Eng. (Non TSP Agri.) 25 May, 2016]
(A) 30 से 35 प्रतिशत
(B) 35 से 50 प्रतिशत
(C) 40 से 60 प्रतिशत
(D) 50 से 60 प्रतिशत
उत्तर- (C) चिकनी मिट्टी- सरंध्रता- 40-60 प्रतिशत। चिका/दोमट मिट्टी। इसमें चूना, लोहा, क्ले (चीका) की प्रधानता होती है। उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ पोटाश लौह तत्व की अधिकता। बारीक कण, नमी धारण की अद्भूत क्षमता। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्सियम लवणों की अल्पता। मक्का, चावल, गन्ना हेतु उपयुक्त।
79. सरकार ने राजस्थान जागीर उन्मूलन अधिनियम किस वर्ष पारित किया था?
[Raj. Police Cons. 08 Nov., 2020 (11)](A) 1952 में
(B) 1925 में
(C) 1962 में
(D) 1972 में
उत्तर- (A) राजस्थान भूमि सुधार एवं जागीर उन्मूलन (पुनर्भरण) अधि नियम 1952- 13/02/1953 राष्ट्रपति से अनुमति सरकार द्वारा जागीरदारों की भूमि अवाप्त की। उद्देश्य जिला कलेक्टर- जागीर आयुक्त के माध्यम से अवाप्त भूमि का मुआवजा तथा खुद कास्त भूमि का आवंटन प्रावधान। वर्तमान जागीर आयुक्त- अम्बरीश कुमार
80. निम्नलिखित में से किस प्रकार की मृदाएं लिथोसोल्स भी कहलाती है ?
[Economic Investigation (Industry Department) 2018](A) दोमट मृदाएं
(B) मरुस्थलीय मृदाएं
(C) पर्वतीय मृदाएं
(D) लाल मृदाएं
उत्तर- (C) लिथोसोल्स- पर्वतीय/पथरीली मिट्टी ये मिट्टी अरावली पर्वतमाला के ढालों पर सिरोही, उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, तथा कोटा के पर्वतीय भागों में पायी जाती है। मिट्टी की गहराई कम होने के कारण यह कृषि के लिए अनुपयुक्त मानी जाती है।
81. पहाड़ी मृदा राजस्थान में पायी जाती है?
[J.E.N. (Mechanical) Degree 13 Dec., 2020](A) कोटा व सिरोही में
(B) उदयपुर व सिरोही में
(C) सिरोही व अजमेर में
(D) उदयपुर व कोटा में
उत्तर- (D) राजस्थान कृषि विभाग ने राजस्थान की मृदा का वर्गीकरण 14 प्रकार से की है। पर्वतीय मृदा (hilly soils) उदयपुर, कोटा।
82. मृदा अपरदन का निम्नलिखित में से कौनसा एक कारण नहीं है?
[Constable Exam 6 Nov, 2020 (1)](A) अतिचारण (ओवरग्रेजींग)
(B) बाढ़ (फ्लड्स)
(C) भूस्खलन (लैंड स्लाइड्स)
(D) वन-रोपण (अफोरेस्टेशन)
उत्तर- (D) राजस्थान में मृदा अपरदन के कारण- वायु अपरदन, जल अपरदन, जगंल काटना (वनोन्मूलन), अनियंत्रित (अतिचारण) पशु चारण। प्राकृतिक कारणों में बाढ़, भूस्खलन, हिमानी क्रिया (राजस्थान से संबंधित नहीं)।
83. निम्न से कौन-सा एक कारण राजस्थान में मृदा अपरदन से सम्बन्धित नहीं है ?
[Industy Extention Officer 22 July 2018 ](A) जंगल कटना
(B) हिमानी क्रिया
(C) वायु
(D) जलीय अपरदन
(B) राजस्थान में मिट्टी अपरदन के प्रमुख कारण कृषि प्रणाली द्वारा एवं वनों की कटाई अन्धाधुन्ध पशुचारण ग्रीष्म काल में चलने वाली आंधिया फसल चक्र को नहीं अपनाना। झूमिंग
84. मृदा कटाव अधिक होता है?
[Junior Engineer (Non TSP Agriculture) 25 May, 2020](A) रेतीली मिट्टी में
(B) सिल्टी मिट्टी में 2016](C) क्ले दोमट में
(D) क्ले मिट्टी में
उत्तर- (A) मृदा अपरदन- राजस्थान में सर्वाधिक मृदा अपरदन वायु (44.42 प्रतिशत), जल (11.20 प्रतिशत), वनस्पति कटाव (6.25 प्रतिशत), लवणीकरण (1 प्रतिशत)। सर्वाधिक मृदा अपरदन रेतीली मिट्टी से होता है। कारण- जलवायु कठोरता, वनोन्मूलन, जनसंख्या वृद्धि, अनियंत्रित पशुचारण, , संसाधनों का अत्यधिक दोहन, निरंतर सूखा, भू-क्षरण।
85. राजस्थान में उत्पादन क्षमता के आधार पर भूमि के प्रकार हकत- बहत का अर्थ है-
[Patwar-23 Oct., 2021 ( Shift-II)](A) संपूर्ण वर्ष खेत को बिना खेती के छोड़ना
(B) नहर द्वारा सिंचित भूमि
(C) सिंचाई एवं कृषि के लिए उपयुक्त भूमि
(D) गांव के समीप चक भूमि (संलग्न)
उत्तर- (C) बीड़ भूमि – चारागाह हेतु भूमि डीमडू भूमि- कुएं के पास की भूमि पीवल भूमि- कुओं-तालाब द्वारा सिंचित बरानी भूमि- जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध न हो। जो पूर्णतः वर्षा पर निर्भर भूमि- ऐसी भूमि जिस पर कभी खेती नहीं की जाती थी। हकत- बहत- सिंचाई कृषि के लिए उपयुक्त भूमि ।
86. राजस्थान में मृदा और जल संरक्षण के लिए पारंपरिक प्रथा है?
[J. Eng. (Non TSP Agri.) 25 May, 2016](A) खेत तालाब
(B) खडीन
(C) चैक डैम
(D) गली प्लब
उत्तर- (B) खड़ीन- परम्परागत जल-संग्रह तकनीकी। खेत के किनारे सिद्ध-पाल बनाकर वर्षा जल को कृषि भूमि पर संग्रह करने तथा सूखने पर फसल उत्पादन करना। मुख्यतः जैसलमेर पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा विकसित।
87. अपक्षय एवं अपरदन की संयुक्त क्रिया को कहते है-
[RTET 2012](A) जलीकरण
(B) कार्बोनेशन
(C) अपघटन
(D) अनाच्छादन
उत्तर- (D) अपक्षय एक स्थैतिक प्रक्रिया जिसमें चट्टानों में टूट-फूट है। प्रकार भौतिक, जैविक, रासायनिक अपरदन :- वह प्राकृतिक प्रक्रिया जिसमें चट्टानों, मिट्टी का विखंडन होता है। जल, पवन प्रक्रमों द्वारा स्थानांतरण होता है। अनाच्छानः- अपक्षय और अपरदन की संयुक्त क्रिया । –
88. मरुस्थलीय क्षेत्र में मिट्टी के अपरदन को रोकने के लिये क्या किया जाना चाहिये?
[Forester 06 Nov. 2022, Shift-1][Lab Assistant (Science)- 29 June 2022, Shift-II](A) फसलों के हेर-फेर को अपनाना
(B) वृक्षों की पट्टी लगाना
(C) खेतों में मेड़बन्दी करना
(D) चरागाहों को विकसित करना
उत्तर- (B) वृक्षारोपण, फसल चक्र में परिवर्तन, ढलवां भूमि पर प्रतिबंध लगाना, जल प्रवाह को नियंत्रित करना, नियंत्रित पशुचारण।
89. निम्न में से कौनसी पर्यावरणीय समस्या ‘रेंगती मृत्यु’ कहलाती है?
[Lab Assistant (Science)- 28 June 2022, Shift-1](A) मृदा अपरदन
(B) निर्वनीकरण
(C) जनसंख्या वृद्धि
(D) जल प्रदूषण
उत्तर- (A) मृदा अपरदन- इसे ‘रेंगती मृत्यु’ कहा जाता है। (Creeping death) कारण- प. राज. में तीव्र गति से चलने वाली वायु घर्षण, पर्वतीय ढालो पर तीव्र जल प्रवाह, नदियो-नालो द्वारा भूमि का कटाव, अवैज्ञानिक भूमि उपयोग (कृषि हेतु), अनियंत्रित पशु चारण, वनो का कटाव ।
90. कौनसा सुमेलित नहीं है?
[Compiler-21 Aug, 2016]मृदा का प्रकार जिला
(A) लाल लोम डूंगरपुर
(B) पर्वतीय मृदा उदयपुर
(C) पीली-भुरी बीकानेर
(D) गहरी मध्यम काली कोटा
उत्तर- (C) पीली-भूरी मिट्टी- जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर। पीली-भूरी रेतीली- नागौर, पाली।
91. राजस्थान में निम्नाकिंत में से जिलों का कौनसा समूह अवनालिका (gully) मृदा अपरदन से गम्भीर रूप से ग्रसित है?
[JEN (Mechanical), 21 Aug, 2016](A) कोटा, बूंदी, झालावाड़ एवं टोंक
(B) सवाईमाधोपुर, भरतपुर, धौलपुर एवं अलवर
(C) धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर एवं कोटा
(D) कोटा, बूंदी, बारां एवं बांसवाड़ा
उत्तर- (C) 1. चम्बल बेसिन, पूर्वी मैदान का भाग। चम्बल तथा उसकी सहायक नदियो का अपवाह तंत्र है। उत्खात स्थलाकृति (bad land topography)। नवीन कांपीय जमाव मिट्टी के भारी कटाव से “बीहड़ पाये जाते है। अवनालिका (Gully) अपरदन से गंभीर ग्रस्त । बे सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली, कोटा ।
92. कौनसा कथन सही नहीं है?
[REET-2015](A) मृदा निर्माण के मुख्य कारण जनक शैल का स्वरूप और जलवायुविक कारक है।
(B) ह्यूमस मृदा के सबसे गहराई वाले भाग में पायी जाती है।
(C) उच्चावच तुंगता और ढाल मृदा के संचय को निर्मित करती है।
(D) खनिज एवं जैविक पदार्थों का सही मिश्रण मृदा को उपजाऊ बनाता है।
उत्तर- (B) मृदा निर्माण- अपक्षय- अपरदन। ह्यूमस मृदा के ऊपरी भाग में पाया जाता है। उपजाऊ ) । उच्चावच तुंगता धरातल की ऊँचाई -निचाई से बनने वाला प्रतिरूप यानि समुद्र तल से ऊँचाई (/)
93. निम्नलिखित में से कौन-सा मृदाओं के द्वितीयक पोषण तत्वों का उदाहरण नहीं है?
[Junior Instructor (Fitter ) 23 March 2019](A) बोरोन
(B) पोटाश
(C) मैंगनीज
(D) कॉपर
उत्तर- (B) मृदा के प्राथमिक पोषक तत्व- वे तत्व जिनकी आवश्यकता पौधो को बीजों के अकुंरण से होती है। नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश द्वितीयक तत्व- वे तत्व जिनकी आवश्यकता पौधो के बढ़ने के समय होती है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर सूक्ष्म पोषक तत्व- वे तत्व जिनकी पौधों को 1000PPM से कम आवश्यकता होती है। लौह, कॉपर, मैंगनीज. बोरॉन, निकिल, क्लोरीन ।
94. राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और नागौर जिलो में मुख्य रूप से कौन-सी मृदा जायी जाती है?
[Junior Instructor (Wireman) 24 Dec., 2019](A) लाल मृदा
(B) काली मृदा
(C) पीली मृदा
(D) मरुस्थलीय मृदा
उत्तर- (D) मरुस्थलीय मृदा- राजस्थान के मरुस्थलीय भाग में पाई जाती है। ये पानी को शीघ्र सोख लेती है। इसमें नमी अधिक समय तक ठहर नहीं पाती है। मिट्टी के कण मोटे होने के कारण पानी नीचे चला जाता है या उड़ जाता है। ये कम उपजाऊ है। जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर, चुरु, झुंझुनूं नागौर, सीकर में पायी जाती है। आधुनिक मृदा वर्गीकरण में एरिडी सोइल्स मृदा के अंतर्गत इसे शामिल किया जाता है।
For more Questions | Click Here |
Note : इन Questions को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।