दक्षिण भारत (चोल, चालुक्य, पल्लव एवं संगम युग ) Previous Year Questions
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South India (Chola, Chalukya, Pallava and Sangam era) Previous Year Questions MCQs
1. नवीं शताब्दी ई. में निम्नलिखित में से किसके द्वारा चोल साम्राज्य की नींव डाली गई ?
R.A.S./R.T.S (Pre) 2016
(a) कृष्ण I
(b) राजराज चोल
(c) विजयालय
(d) परांतक
उत्तर-(c)
चोल साम्राज्य की स्थापना विजयालय ने की, जो आरंभ में पल्लवों का एक सामंती सरदार था। उसने 850 ई. में तंजौर को अपने अधिकार में कर लिया। इस समय पल्लवों एवं पाण्ड्यों में निरंतर संघर्ष चल रहा था । पाण्ड्यों की निर्बल स्थिति का लाभ उठाकर विजयालय ने तंजौर पर अधिकार जमा लिया तथा वहां उसने दुर्गा देवी का एक मंदिर बनवाया। विजयालय ने लगभग 871 ई. तक राज किया।
2. निम्नलिखित में से किस मंदिर परिसर में एक भारी-भरकम नंदी की मूर्ति है, जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ति माना जाता है ?
U.P.P.C.S. (Pre) 1999
(a) वृहदीश्वर मंदिर
(b) लिंगराज मंदिर
(c) कंदरिया महादेव मंदिर
(d) लेपाक्षी मंदिर
उत्तर- (a)
चोल स्थापत्य के उत्कृष्ट नमूने तंजौर के शैव मंदिर, जो राजराजेश्वर या वृहदीश्वर नाम से प्रसिद्ध हैं, का निर्माण राजराज प्रथम के काल में हुआ था। भारत के मंदिरों में सबसे बड़ा तथा लंबा यह मंदिर द्रविड़ शैली का सर्वोत्तम नमूना माना जा सकता है। इसका विशाल प्रांगण 500′ x 250′ के आकार का है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर दोनों ओर दो द्वारपालों की मूर्तियां बनी हैं। इस मंदिर के बहिर्भाग में नंदी की एकाश्म विशाल मूर्ति बनी है, जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ति माना जाता है।
3. तंजौर का वृहदीश्वर मंदिर निर्मित हुआ था, शासनकाल में चोल सम्राट-
U.P.P.C.S. (Mains) 2008
(a) परांतक प्रथम के
(b) राजराज प्रथम के
(c) राजेंद्र प्रथम के
(d) राजाधिराज प्रथम के
उत्तर-(b)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें ।
4. चोलों का राज्य किस क्षेत्र में फैला था ?
U.P.P.C.S. (Pre) 1991
(a) विजयनगर क्षेत्र
(b) मालाबार तट
(c) होयसल
(d) कोरोमंडल तट, दक्कन के कुछ भाग
उत्तर- (d)
कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों से लेकर कुमारी अंतरीप तक का विस्तृत भू-भाग प्राचीन काल में तमिल प्रदेश का निर्माण करता था। इसमें कोरोमंडल तट तथा दक्कन के कुछ भाग यथा – उरैयूर, कावेरीपट्टनम्, तंजावुर आदि चोलों के अधिकार में थे।
5. चोलों की राजधानी थी-
U.P. Lower Sub. (Pre) 2009
(a) कावेरीपत्तन
(b) महाबलीपुरम्
(c) कांची
(d) तंजौर
उत्तर- (d)
प्रश्नगत विकल्पों में चोलों की राजधानी तंजौर थी। इसके अतिरिक्त गंगैकोंडचोलपुरम् भी चोलों की राजधानी बनी थी। संगम काल में चोलों की राजधानी उरैयर थी।
6. निम्नलिखित में कौन चोल प्रशासन की विशेषता थी ?
(a) साम्राज्य का मंडलम में विभाजन
(b) ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता
(c) राज्य के मंत्रियों को समस्त अधिकार
(d) कर संग्रह प्रणाली का सस्ता व उचित होना
U.P.P.C.S. (Pre) 1995
उत्तर – (b)
चोल शासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता वह असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित होती है। वस्तुतः इस काल में स्वायत्त शासन पूर्णतया ग्रामों में ही क्रियान्वित किया गया।
7. चोल काल किसके लिए प्रसिद्ध था ?
(a) ग्राम पंचायत ( Village Assembly)
(b) राष्ट्रकूट राजवंश के साथ युद्ध
(c) श्रीलंका के साथ व्यापार
(d) तमिल संस्कृति की उन्नति
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक 63rd B.P.S.C. (Pre) 2017
उत्तर- (a)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
8.
चोल युग प्रसिद्ध था, निम्न के लिए-
(a) धार्मिक विकास
(b) ग्रामीण सभाएं
(c) राष्ट्रकूटों से युद्ध
(d) लंका से व्यापार R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993
उत्तर-(b)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें ।
9. किस दक्षिण भारतीय राज्य में उत्तम ग्राम प्रशासन था ?
(a) चेर
(b) चालुक्य
(c) चोल
(d) वातापी
उत्तर-(c)
U.P.P.C.S. (Pre) 1991
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें ।
10. कुशल ग्रामीण प्रशासन के लिए प्रसिद्ध राजवंश था-
(a) चोल
(c) चालुक्य
(b) राष्ट्रकूट
(d) पल्लव
M.P.P.C.S. (Pre) 2014
उत्तर- (a)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
11. कौन-सा मध्यकालीन भारतीय साम्राज्य व्यापक स्तर पर स्थानीय स्वशासन के लिए प्रसिद्ध था ?
(a) चालुक्य
(b) चोल
(c) सोलंकी
(d) परमार
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
उत्तर-(b)
66th B.P.S.C. (Pre) 2020
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
12. चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन के बहुत से ब्यौरे जिन शिलालेखों में हैं, वे कहां हैं?
(a) तंजावुर
(b) उरैयूर
(c) कांचीपुरम
(d) उत्तर मेरूर
I.A.S. (Pre) 1993
उत्तर- (d)
चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन में ग्राम सभा की कार्यकारिणी समितियों की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण हम उत्तर मेरूर से प्राप्त लेखों के माध्यम से प्राप्त करते हैं। प्रत्येक ग्राम में अपनी सभा होती थी, जो प्राय: केंद्रीय नियंत्रण से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से ग्राम शासन का संचालन करती थी।
13. चोल शासकों के शासनकाल में निम्नलिखित में से कौन-सा वारियम् उद्यान प्रशासन का कार्य देखता था ?
(b) एरि वारियम्
(a) पोन वारियम्
(c) टोट्ट वारियम्
(d) सम्वत्सर वारियम्
U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013
उत्तर-(c)
चोलकालीन गांवों के गतिविधियों की देख-रेख एक कार्यकारिणी समिति करती थी, जिसे ‘वारियम्’ कहा जाता था। उद्यान प्रशासन का कार्य देखने वाली समिति को ‘टोट्ट वारियम्’ कहा जाता है, जबकि सम्वत्सर वारियम् को वार्षिक समिति, एरि वारियम् को तालाब समिति तथा पोन वारियम् को स्वर्ण समिति कहते थे।
14. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. चोलों ने पाण्ड्य तथा चेर शासकों को पराजित कर प्रायद्वीपीय भारत पर प्रारंभिक मध्यकालीन समय में अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
2. चोलों ने दक्षिण-पूर्वी एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीता।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(c) दोनों 1 और 2
(b) केवल 2
(d) दोनों में से कोई भी नहीं I.A.S. (Pre) 2003
उत्तर-(c)
द्रविड़ देश में चोल आधिपत्य की स्थापना वस्तुतः परांतक प्रथम ने की थी। उसने मदुरा के पाण्ड्य राजा को हराकर ‘ मदुरैकोंड उपाधि’ धारण की। राजराज – I तंजोर अभिलेख के अनुसार, सिंहल (श्रीलंका) के राजा महेंद्र पंचम् ने पाण्ड्य, केरल (चेर) के राजाओं का एक संघ बनाया, जो चोल नरेश राजराज प्रथम के विरुद्ध था। इस संघ का भेदन करने के लिए राजराज प्रथम ने सबसे पहले चेर राज्य (केरल) पर आक्रमण किया और कंडलूर के मैदान में परास्त किया। राजराज -1 एवं उसके पुत्र राजेंद्र -1 ने दक्षिणी-पूर्वी एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीत लिया। अतः दोनों कथन सही हैं।
15. चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति प्रायः –
(a) अष्टभुज है
(c) चतुर्भुज है
(b) षड्भुज है
(d) द्विभुज है
I.A.S. (Pre) 1995
उत्तर-(c)
चोल कलाकारों ने तक्षण कला में भी सफलता प्राप्त की है। उन्होंने पत्थर तथा धातु की बहुसंख्यक मूर्तियों का निर्माण किया। पाषाण मूर्तियों से भी अधिक धातु (कांस्य) मूर्तियों का निर्माण हुआ। सर्वाधिक सुंदर मूर्तियां नटराज (शिव) की हैं, जो बड़ी संख्या में मिली हैं। इन्हें विश्व की श्रेष्ठतम प्रतिमा – रचनाओं में शामिल किया जाता है। ये मूर्तियां प्रायः चतुर्भुज हैं।
16. निम्नलिखित में से किसको दक्षिण भारत के विशेषकर चोल युग के स्थापत्यों की विश्व में श्रेष्ठतम प्रतिमा – रचना माना जाता है ?
(a) महिषासुरमर्दिनी
(b) नटराज
(c) राम
(d) सोमस्कंद
उत्तर-(b)
I.A.S. (Pre) 1993
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
17. चोल शासकों के समय में बनी हुई प्रतिमाओं में सबसे अधिक विख्यात हुईं-
(a) पत्थर की प्रतिमाएं
(b) संगमरमर की प्रतिमाएं
(c) विष्णु भगवान की पत्थर की शिलाओं पर अंकित प्रतिमाएं
(d) नटराज शिव की कांसे की प्रतिमाएं
R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994
उत्तर- (d)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें ।
18. नटराज की प्रसिद्ध कांस्य मूर्ति किस कला का उदाहरण है?
(a) चोल कला का
(b) गांधार कला का
(c) गुप्त कला का
(d) मौर्य कला का U.P.P.C.S. (Pre) 2006
उत्तर- (a)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
19. शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें किस रूप में प्रदर्शित करती है ?
(a) शिक्षक
(b) नृत्य करते हुए
(c) विश्राम करते हुए
(d) ध्यानमग्न
U.P. P.C.S. (Pre) 2013
उत्तर- (a)
शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें गुरु (शिक्षक) के रूप में प्रदर्शित करती है। इस रूप में शिव अपने भक्तों को सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते हुए माने गए हैं। इस रूप में शिव की दक्षिण दिशा में मुख किए हुए प्रतिमा स्थापित की गई है।
20. 72 व्यापारी, चीन में किसके कार्यकाल में भेजे गए थे?
(a) कुलोत्तुंग-I
(b) राजेंद्र -1
(c) राजराज – I
(d) राजाधिराज – I
U.P.P.C.S. (Pre) 1992
उत्तर- (a)
चोल शासक कुलोत्तुंग-1 के शासनकाल में 1077 ई. में 72 सौदागरों का एक चोल दूत मंडल चीन भेजा गया था।
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