Speed of Sound and Waves PYQ
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– UPSC Previous Year Question
– SSC Old Question Papers
– Railway Exam Memory-Based Questions
– CTET, RPSC, Patwar, REET, Police Old Questions
– TET (Teacher Eligibility Test) Questions
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ध्वनि एवं तरंग गति
1. निम्नलिखित में से किस माध्यम से ध्वनि की गति उच्चतम होती है?
[P.S.I., 1996, 2002][राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-14.07.2018(1)](1) वायु
(2) धातु की छड़ में (इस्पात)
(3) पानी
(4) निर्वात
Ans. (2)
व्याख्या-
ध्वनि तरंगें यांत्रिक अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं जो ठोस, द्रव तथा गैस तीनों प्रकार के माध्यम में संचारित हो सकती हैं तथा किसी माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंगों की चाल माध्यम की प्रत्यास्थता तथा घनत्व पर निर्भर करती है, तरंग के आयाम अथवा रूप पर नहीं। ध्वनि का वेग सबसे ज्यादा ठोस में फिर द्रव में तथा सबसे कम गैस में होता हैं। इस्पात में ध्वनि का वेग सर्वाधिक होता है। निर्वात में ध्वनि का वेग शून्य होता है।
कुछ माध्यमों में ध्वनि की चाल
माध्यम – ध्वनि की चाल m/s at 0°C
• एल्युमिनियम – 6420
• काँच – 5640
• लोहा – 5130
• समुद्र जल – 1533
• जल – 1483
• पारा – 1450
• हाइड्रोजन – 1269
• एल्कोहल 1213
•भाप 100°C – 406
• वायु – 332
• कार्बन डाई ऑक्साइड- 260
2. ध्वनि तरंगे-
[Headmaster Exam – 02.09.2018](1) निर्वात में चल सकती है
(2) केवल ठोस माध्यम में चल सकती है
(3) केवल गैस माध्यम में चल सकती है
(4) ठोस तथा गैस दोनों माध्यम में चल सकती है
Ans. (4)
3. जल तरंगों की प्रकृति होती है-
(1) केवल अनुप्रस्थ
(2) केवल अनुदैर्ध्य
(3) अनुप्रस्थ व अनुदैर्ध्य
(4) न अनुप्रस्थ और न अनुदैर्ध्य
Ans. (3)
व्याख्या –
•अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)-जब किसी माध्यम में यान्त्रिक तरंग के संचरित होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं तो तरंग को ‘अनुप्रस्थ तरंग’ कहते हैं। उदाहरण-तनी डोरी में तरंगें, जल के पृष्ठ पर उत्पन्न तरंगें आदि।
• अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves)-इस प्रकार की तरंगों में माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के अनुदिश कम्पन करते हैं। अनुदैर्ध्य तरंगें सब माध्यमों ठोस, द्रव तथा गैसों में गमन कर सकती हैं क्योंकि सब में आकार परिवर्तन के विरोध का गुण विद्यमान होता है। अनुदैर्ध्य तरंगें संपीड्न तथा विरलन के रूप में संचरित होती हैं। जैसे-वायु में संचरित ध्वनि तरंगें, छड़ों में रगड़ के कारण उत्पन्न तरंगें आदि।
4. किसी गैस में उत्पन्न ध्वनि तरंग सदैव होती है-
(1) अनुदैर्ध्य
(2) अनुप्रस्थ
(3) अप्रगामी
(4) विद्युत चुम्बकीय तरंगें
Ans. (1)
5. निम्नलिखित में से किसकी ध्वनि का तारत्व (Pitch) अधिक होगा?
(1) पुरुषों की ध्वनि
(2) शेर का दहाड़ना
(3) मच्छर की भिन-भिनाहट
(4) इनमें से कोई नहीं
Ans. (3)
व्याख्या –
ध्वनि का तारत्व (Pitch) उसकी आवृत्ति पर निर्भर करता है। अधिक आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है। मच्छर की भिन-भिनाहट का तारत्व दिए गए अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि इसके भिन-भिनाहट की आवृत्ति अन्य विकल्पों की आवृत्ति से अधिक होती है। तारत्व जितना ज्यादा होता है ध्वनि उतनी ही पतली होती है। पुरुष की आवाज का तारत्व कम होने के कारण मोटी होती है तथा महिला की आवाज का तारत्व अधिक होने के कारण महिला की आवाज तीक्ष्ण होती है। मच्छर की भिन-भिनाहट का तारत्व सर्वाधिक एवं शेर की दहाड़ का तारत्व न्यूनतम होता है।
6. मनुष्यों के लिए मानक ध्वनि स्तर है-
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) 90db
(2) 60 db
(3) 120 db
(4) 100 db
Ans. (2)
व्याख्या – ध्वनि स्तर का मापन :
•1 डेसिबल- सर्वाधिक मन्द-क्षीणतम श्रव्य ध्वनि ।
•10 डेसिबल-सामान्य मनुष्य द्वारा सांस लेने से उत्पन्न ध्वनि तथा पत्तियों की सरसराहट-खरखराहट।
•20 डेसिबल-अति शान्त स्थान की ध्वनि ।
•30 डेसिबल-मनुष्य की फुस्फुसाहट।
•50-55 डेसिबल-नींद में खलल देने वाली ध्वनि ।
•60 डेसिबल-सामान्य बातचीत ।
•90-95 डेसिबल- मनुष्य के शरीर की नाड़ी प्रणाली में पुनः ठीक न किए जाने वाले परिवर्तन होने लगते है।
•150 डेसिबल-हवाई पट्टी से उड़ते समय जेट विमान से उत्पन्न शोर ।
•150-156 डेसिबल – यह ध्वनि प्राणघातक होती है।
•180-195 डेसिबल – रॉकेट इंजन से उत्पन्न शोर।
7. जब दो लोग आपस में बात करते हैं तब कितने डेसिबल ध्वनि उत्पन्न होती है?
[R.A.S. Pre Exam, 2003](1) लगभग 5 डेसिबल
(2) लगभग 10 डेसिबल
(3) लगभग 30 डेसिबल
(4) लगभग 100 डेसिबल
Ans. (3)
8. ………से अधिक प्रबलता का शोर मानव शरीर के लिए कष्टदायक है।
[RTET (L-II), 2012](1) 10 dB
(2) 30 dB
(3) 60 dB
(4) 80 dB
Ans. (4)
व्याख्या –
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 45 डेसीबल ध्वनि मानव के लिए सर्वोत्तम है, 75 डेसीबल से ऊपर की ध्वनि को मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है। अतः विकल्प 4 सही है।
9. ध्वनि के स्त्रोत व परावर्ती सतह के बीच न्यूनतम कितनी दूरी होनी चाहिए जिससे कि प्रतिध्वनि स्पष्ट रूप से सुनाई दे सके?
[RAS Pre. Exam. 2007](1)10 मीटर
(2)17 मीटर
(3) 24 मीटर
(4) 30 मीटर
Ans. (2)
व्याख्या-
ध्वनि का एक माध्यम से चलकर दूसरे माध्यम में बड़े आकार के पृष्ठ (दीवार, पहाड़) से टकराकर वापस पहले माध्यम में लौटना ध्वनि का परावर्तन कहलाता है। यह परावर्तित ध्वनि प्रतिध्वनि (Echo) कहलाती है। इस प्रतिध्वनि को स्पष्ट सुनने के लिए ध्वनि के स्रोत तथा परावर्तन सतह के मध्य कम से कम 17 मीटर की दूरी होनी चाहिए। इससे कम दूरी रहने पर प्रतिध्वनि या तो सुनाई नहीं देगी या कम स्पष्ट सुनाई देगी। इसका कारण यह है कि जब मनुष्य कोई ध्वनि सुनता है तो मानव मस्तिष्क पर उस ध्वनि का प्रभाव 0.1 सैकेण्ड तक रहता है। अतः यदि इस अवधि में कोई अन्य ध्वनि भी आएगी, तो वह पहली के साथ मिल जाएगी। अतः स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए आवश्यक है कि परावर्तक सतह व श्रोता के बीच कम से कम इतनी दूरी हो कि परावर्तित ध्वनि को श्रोता तक पहुँचने में 0.1 सैकण्ड से अधिक समय लगे। वायु में ध्वनि की चाल 344 मीटर/सैकण्ड होती है। अतः ध्वनि द्वारा वायु में 0.1 सैकण्ड में चली गई दूरी = 0.1 × 344 = 34.4 मीटर। अतः यदि हम कोई ध्वनि उत्पन्न करते हैं, तो उसकी स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक सतह की दूरी कम से कम 33.2/2-16.6 मीटर (लगभग 17 मीटर) होनी चाहिए। प्रतिध्वनि का उपयोग समुद्र की गहराई, वायुयान की ऊँचाई, सुदूर स्थित पहाड़ की दूरी इत्यादि मापने के लिए किया जाता है।
10. ध्वनि की तीव्रता ध्वनि के/की…….. द्वारा निर्धारित की जाती है-
[REET L-II, 26.09.2021](1) आयाम
(2) आवृत्ति
(3) तारत्व
(4) आवर्त काल
Ans. (1)
व्याख्या –
किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम विक्षोभ को तरंग का आयाम कहते हैं। इसे साधारणतः अक्षर A से निरूपित किया जाता है। ध्वनि के लिए इसका मात्रक दाब या घनत्व का मात्रक होगा। ध्वनि की प्रबलता अथवा मृदुता मूलतः इसके आयाम से ज्ञात की जाती है। यदि हम किसी मेज़ पर धीरे से चोट मारें, तो हमें एक मृदु ध्वनि सुनाई देगी क्योंकि हम कम ऊर्जा की ध्वनि तरंग उत्पन्न करते हैं। यदि हम मेज़ पर जोर से चोट मारें तो हमें प्रबल ध्वनि सुनाई देगी। इसका कारण है कि उत्पादक स्त्रोत से निकलने के पश्चात् ध्वनि तरंग फैल जाती है। स्त्रोत से दूर जाने पर इसका आयाम तथा प्रबलता दोनों ही कम होते जाते हैं। प्रबल ध्वनि अधिक दूरी तक चल सकती है क्योंकि यह अधिक ऊर्जा से संबद्ध है।
11. ध्वनि का संचरण होता है-
[REET (Level-II), 11.02.2018](1) अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंग रूप में
(2) अनुप्रस्थ प्रगामी तरंग रूप में
(3) अनुदैर्ध्य प्रगामी तरंग रूप में
(4) कण स्वरूप में
Ans. (3)
व्याख्या –
ध्वनि का संचरण सभी माध्यमों में अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में होता है। ये तरंगें संपीड़न और विरलन के रूप में संचरित होती है।
12. वायु में ध्वनि का वेग 332 मीटर प्रति सेकण्ड है। यदि वायु के दाब को दुगुना कर दिया जाये तो ध्वनि का वेग होगा –
[REET (Level-II), 06.02.2016](1) 996 मीटर प्रति सेकण्ड
(2) 664 मीटर प्रति सेकण्ड
(3) 166 मीटर प्रति सेकण्ड
(4) 332 मीटर प्रति सेकण्ड
Ans. (4)
व्याख्या –
ताप समान होने पर गैस की ध्वनि को चाल पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अतः वायु का दाब दोगुना होने पर भी ध्वनि का वेग समान रहेगा।
13. ध्वनि का तारत्व निर्भर करता है-
[RTET (L-II), 2011](1) आवृत्ति पर
(2) तरंगदैर्ध्य पर
(3) वेग पर
(4) तीव्रता पर
Ans. (1)
व्याख्या –
ध्वनि का तारत्व आवृत्ति पर निर्भर करता हैं जैसे-जैसे ध्वनि की आवृत्ति बढ़ती है तारत्व भी बढ़ता है।
14. शेर की दहाड़ में ध्वनि की प्रबलता एवं तारत्व के लिए सही कथन है?
[REET (L-II, S-I)-24.7.2022](1) प्रबलता अधिक, तारत्व अधिक
(2) प्रबलता अधिक, तारत्व कम
(3) प्रबलता कम, तारत्व कम
(4) प्रबलता कम, तारत्व अधिक
Ans. (2)
15. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 50 Hz है। इसके 2s में कम्पनों की संख्या होगी?
[REET (L-II, S-II) -23.07.2022](1) 25
(2) 50
(3) 100
(4) 200
Ans. (3)
16. एक ध्वनि स्रोत का वेग जब एक स्थिर प्रेक्षक को ध्वनि की आवृत्ति दुगुनी महसूस हो, (ध्वनि का overline aT = 330ms-¹ है-
[प्रयोगशाला सहायक – 2018](1) 330ms-¹
(2) 165ms-¹
(3) -330ms-¹
(4) -165ms-¹
Ans. (2)
17. ध्वनि की प्रबलता मापने के लिए इनमें से किस इकाई का प्रयोग किया जाता है?
(1) टेस्ला
(2) सोन
(3) बेबर
(4) लक्स
Ans. (2)
व्याख्या –
ध्वनि की प्रबलता को एक सापेक्षिक इकाई सोन (Sone) के रूप में व्यक्त किया जाता है। एक सोन 40 डेसीबल ध्वनि प्रबलता के बराबर होता है।
18. दो एक समान नलियों A व B में, नली A के दोनों सिरे खुले हैं व नली B का एक सिरा बंद है। नलियों A व B की मूल आवृत्तियों का अनुपात (A : B) होगा-
[प्रयोगशाला सहायक-03 फरवरी 2019](1) 1:2
(2) 1:4
(3) 2:1
(4) 4:1
Ans. (3)
19. स्वस्थ मनुष्य के लिए श्रव्यता सीमा होती है?
[REET (L-II, S-II) -24.07.2022](1) 10 Hz से 20000 Hz
(2) 10 Hz से 2000 Hz
(3) 20 Hz से 20000 Hz
(4) 20 Hz से 200000 Hz
Ans. (3)
व्याख्या –
मानव कान 20 से 20000 Hz तक सुनने के सक्षम हैं। अगर आवृत्ति अधिक या कम है तो श्रव्य आवृत्ति मानव कान इसे महसूस नहीं कर पाएंगे।
20. निम्नलिखित में से किसकी आवाज की आवृत्ति न्यूनतम होने की संभावना है?
[VDO Main’s -9.07.2022](1) औरत
(2) लड़की
(3) पुरुष
(4) लड़का
Ans. (3)
21. विशिष्ट (पृथक) पराध्वनि सुनने के लिए मूल ध्वनि तथा परावर्तित ध्वनि में न्यूनतम समय अंतराल होना चाहिए-
[Protection Officer – 28.01.2023](1) 0.01 s
(2) 0.1s
(3) 1.0 s
(4) 10 s
Ans. (2)
22. नम हवा में ध्वनि का वेग शुष्क हवा की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि नम हवा में होता है-
[वनरक्षक- (S-1)-13.11.2022](1) शुष्क हवा की तुलना में कम दबाव।
(2) शुष्क हवा की तुलना में कम घनत्व।
(3) शुष्क हवा की तुलना में अधिक घनत्व।
(4) शुष्क हवा की तुलना में अधिक दबाव।
Ans. (2)
व्याख्या-
जब नमी हवा से हटा दी जाती है तो इसका घनत्व बढ़ जाता है। एक माध्यम से ध्वनि की गति इसके घनत्व के वर्गमूल के विपरीत आनुपातिक है। घनत्व जितना कम होता है, उतनी ही तेज ध्वनि किसी माध्यम से यात्रा करती है। इसलिए नम हवा में ध्वनि की गति शुष्क हवा से अधिक होती है।
23. एफ. एम. प्रसारण सेवा में प्रयुक्त होने वाले आवृत्ति बैन्ड का परास होता है
[R.A.S. Pre. Exam.-31.10.2015](1) 88 से 108 मेगाहर्ज के मध्य
(2) 109 से 139 मेगाहर्ज के मध्य
(3) 54 से 75 मेगाहर्ज के मध्य
(4) 76 से 87 मेगाहर्ज के मध्य
Ans. (1)
व्याख्या –
आवृत्ति मॉडुलेशन (Frequency Modula-tion/FM) – मॉडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमें वाहक तरंग की आवृति मूल तरंग की आवृत्ति के अनुसार परिवर्तित होती है परन्तु वाहक तरंग का आयाम व कला अपरिवर्तित रहते हैं, आवृत्ति मॉडुलेशन कहलाती है। FM प्रसारण में आवृत्ति बैंड का परास 88 (87.9) से 108 (107.9) मेगाहर्ज के मध्य होता है।
24. FM प्रसारण के लिए आवृत्ति बैंड होता है-
[ACF & FRO Exam – 18.02.2021](1) 540-1600 kHz
(2) 74-216 MHz
(3) 5.925-6.425 GHz
(4) 88-108 MHz
Ans. (4)
25. दूरदर्शन प्रसारण में, चित्र संदेशों का संचरण होता है-
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) आयाम मॉडुलन द्वारा
(2) आवृत्ति मॉडुलन द्वारा
(3) कला मॉडुलन द्वारा
(4) कोण मॉडुलन द्वारा
Ans. (1)
व्याख्या –
आयाम मॉडुलेशन (Amplitude Modula-tion/AM) – मॉडुलेशन की वह प्रक्रिया जिसमें वाहक तरंग का आयाम (Amplitude) मल तरंग के आयाम के अनुसार परिवर्तित होता है परन्तु वाहक तरंग को आवृत्ति व कला अपरिवर्तित रहती है, आयाम मॉडुलेशन कहलाता है। इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल का आयाम सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है। इसका उपयोग व्यापक रूप से मध्यम/लघु रेडियो प्रसारण, टीवी वीडियो प्रसारण इत्यादि में किया जाता है।
26. तन्तु प्रकाशिकी संचार में संकेत किस रूप में प्रवाहित होता है?
[RAS (Pre) Exam. 14 June, 2012](1) प्रकाश तरंग
(2) रेडियो तरंग
(3) सूक्ष्म तरंग
(4) विद्युत तरंग
Ans. (1)
व्याख्या:
प्रकाशिक तंतु पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर आधारित एक ऐसी युक्ति है, जिसके द्वारा प्रकाश तरंगों को, इसकी आवृत्ति में बिना क्षय हुए, एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित किया जा सकता है। यह काँच या प्लास्टिक से निर्मित तंतु होता है, जिसकी लम्बाई की दिशा में प्रकाश का संचरण हो सकता है। प्रकाशिक तंतु विद्युत संकेत को प्रकाश संकेत में बदलकर प्रेषित तथा अभिग्रहण करता है। आजकल संचार में इसका खुब प्रयोग होता हैं क्योंकि इनकी सहायता से अधिक दूरी तक बिना संकेत परिवर्धित किये ले जाया जा सकता हैं इसके अतिरिक्त प्रकाशिक तंतु का उपयोग शरीर के अन्दर लेसर किरणों को भेजने में, मनुष्य के शरीर के आंतरिक भागों के परीक्षण में, सजावट इत्यादि में भी किया जाता है।
27. निम्न में से किसकी तरंग लम्बाई सबसे अधिक होती है-
[R.A.S. Pre Exam, 1996](1) इन्फ्रारेड
(2) एक्स-किरणें
(3) दृष्टिगोचर प्रकाश
(4) रेडियो-तरंगे
Ans. (4)
व्याख्या :
रेडियो तरंगें (Radio Waves) – रेडियो तरंगों की तरंगदैर्ध्य कुछ किलोमीटर से 30 सेमी तक तथा आवृत्ति कुछ हर्ज से 10 हर्ट्ज तक होती है। रेडियो तरंगें पृथ्वी पर बहुत अधिक दूरी तक आयनमण्डल की सहायता से संचरित की जा सकती है। रेडियो संकेतों के प्रसारण में इन्हीं तरंगों का उपयोग किया जाता है। लम्बी दूरी के बेतार संचार के लिए रेडियो तरंगे उपयोग में लायी जाती हैं। इनका उपयोग टेलीविजन, टेलीफोन आदि के प्रसारण में किया जाता है।
28. एक रेडियो स्टेशन से 30 मीटर बैंड पर प्रसारण होता है। इस स्टेशन द्वारा प्रेषित वाहक तरंगों की आवृत्ति है-
[RAS Pre. Exam. 1992](1)10 JHz
(2)100 KHz
(3) 10 MHz
(4)100 MHz
Ans. (3)
29. परा उच्च आवृत्ति (UHF) की तरंगें साधारणतः संचारित की जाती हैं-
[RAS-05.08.2018](1) भू-तरंगों के रूप में
(2) आकाश तरंगों के रूप में
(3) अंतरिक्ष तरंगों के रूप में
(4) पृष्ठ तरंगों के रूप में
Ans. (3)
व्याख्या –
परा उच्च आवृत्ति (Ultra High Frequency-UHF) वे रेडियो तरंगें होती है, जिनकी आवृत्ति 300 मेगाहर्ट्ज से 3000 मेगाहर्ट्ज तक होती है। परा उच्च आवृत्ति रेडियो तरंगों का तरंगदैर्ध्य 1 मीटर से 100 मिलीमीटर तक होता है। ये तरंगें धरातल से लगभग 640 किमी. की ऊँचाई पर ऊपरी वायुमण्डल में पायी जाती है। अंतरिक्ष यान या पृथ्वी आधारित ट्रैकिंग स्टेशनों के बीच रेडियो संचार परा उच्च आवृत्ति संकेतों के माध्यम से ही किया जाता है। इन तरंगों का उपयोग दूरदर्शन के प्रसारण में, आधुनिक मोबाइल फोन में, जहाज व विमान नेविगेशन सिस्टम में भी किया जाता है।
30. रात के समय आवासीय क्षेत्र में शोर का अनुमत स्तर है-
(1) 45 dB
(2) 55 dB
(3) 75 dB
(4) 80 dB
Ans. (1)
व्याख्या –
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार आवासीय क्षेत्रों में सुबह 6 से रात 10 बजे तक शोर की स्वीकार्य सीमा 55dB है जबकि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक शोर की स्वीकार्य सीमा 45dB है।
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