पाषाण काल Previous Year Questions

Improve your exam preparation with Shiksha247’s collection of Stone Age previous year’s question papers. It includes papers from various government job recruitment exams like UPSC, SSC, UPPSC, BPSC, MPSC, RPSC, RSMSSB, CTET, REET, Patwar, Police, LDC, Teacher, etc. and other entrance exams. Here we share with you Stone Age Previous Year Questions. Practicing these papers is a proven strategy to enhance your readiness and increase your chances of success. Start practicing for success today!

 Stone Age Previous MCQs

1. भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है ?
Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006
(a) नीलगिरि पहाड़ियां
(b) शिवालिक पहाड़ियां
(c) नल्लमाला पहाड़ियां
(d) नर्मदा घाटी

उत्तर- (d)
भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा क्षेत्र में अवस्थित ‘हथनौरा’ (होशंगाबाद) नामक पुरास्थल से प्राप्त हुआ । इसकी खोज पुरातत्वविद् अरुण सोनकिया द्वारा 5 दिसंबर, 1982 में किया गया था।

2. रॉबर्ट ब्रूस फुट थे, एक-
U.P. Lower Sub. (Pre) 2015
(a) भूगर्भ-वैज्ञानिक
(b) इतिहासकार
(c) पुरावनस्पतिशास्त्री
(d) इनमे से कोई नहीं

उत्तर- (a)
इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, रॉबर्ट ब्रूस फुट ब्रिटिश भूगर्भ वैज्ञानिक और पुरातत्वविद् थे। जियोलॉजिकल सर्वे से संबद्ध रॉबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में भारत में पाषाणकालीन बस्तियों के अन्वेषण की शुरुआत की।

3. कोपेन हेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था-
U.P. P.C.S. (Pre) 2010
(a) थॉमसन ने
(b) लुब्बाक ने
(c) टेलर
(d) चाइल्ड ने

उत्तर – (a)
डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय में 1818 और 1820 में एक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था। यद्यपि थॉमसन ने 1836 ई. में इसी वर्गीकरण के अनुसार, संग्रहालय की वस्तुओं का विवरण प्रकाशित किया था।

4. उत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था-
U.P.P.C.S. (Mains) 2006
(a) निचले पूर्वपाषाण काल में
(b) मध्य पूर्वपाषाण काल में
(c) ऊपरी एवं पाषाण काल में
(d) मध्यपाषाण काल में

उत्तर- (d)
मध्यपाषाण काल के अंतिम चरण में पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। ऐसे पशुपालन के साक्ष्य भारत में आदमगढ़ (होशंगाबाद, म. प्र. ) तथा बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) से मिले हैं।

5. मध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिले, वह स्थान है-
U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008
(a) लंघनाज
(c) आदमगढ़
(b) बीरभानपुर
(d) चोपनी मांडो

उत्तर-(c)
डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय में 1818 और 1820 में एक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था। यद्यपि थॉमसन ने 1836 ई. में इसी वर्गीकरण के अनुसार, संग्रहालय की वस्तुओं का विवरण प्रकाशित किया था।

6. निम्नलिखित में से किस स्थल से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए हैं?
U.P.P.C.S. (Mains) 2010
(a) ) चोपनी मांडो से
(c) महदहा से
(b) काकोरिया से
(d) इनमे से कोई नहीं

उत्तर- (c)
मध्यपाषाण कालीन महदहा (उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले में स्थित ) से बड़ी मात्रा में हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण प्राप्त हुए हैं। जी. आर. शर्मा महदहा में तीन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं, जो झील क्षेत्र, बूचड़खाना संकुल क्षेत्र एवं कब्रिस्तान निवास क्षेत्र में बंटा था। बूचड़खाना संकुल क्षेत्र से ही हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण एवं आभूषण बड़े पैमाने पर पाए गए हैं। सराय नाहर राय से भी अल्प मात्रा में हड्डी के उपकरण मिले हैं।

7. हड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्यपाषाण काल के संदर्भ में प्राप्त हुए हैं-
U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013
(a) सराय नाहर राय से
(b) चोपनी मांडो से
(c) लेखहिया से
(d) इनमे से कोई नहीं

उत्तर- (a)
मध्यपाषाण कालीन महदहा (उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले में स्थित ) से बड़ी मात्रा में हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण प्राप्त हुए हैं। जी. आर. शर्मा महदहा में तीन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं, जो झील क्षेत्र, बूचड़खाना संकुल क्षेत्र एवं कब्रिस्तान निवास क्षेत्र में बंटा था। बूचड़खाना संकुल क्षेत्र से ही हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण एवं आभूषण बड़े पैमाने पर पाए गए हैं। सराय नाहर राय से भी अल्प मात्रा में हड्डी के उपकरण मिले हैं।

8. एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले हैं-
U.P.P.C.S. (Pre) 2016.
(a) सराय नाहर राय से
(b) दमदमा से
(c) महदहा से
(d) लंघनाज से

उत्तर-(b)
मध्य गंगा घाटी के प्रतापगढ़ जिले में स्थित सराय नाहर राय, महदहा तथा दमदमा का उत्खनन हुआ है। दमदमा में लगातार पांच वर्षों तक किए गए उत्खनन के फलस्वरूप पश्चिमी तथा मध्यवर्ती क्षेत्रों से कुल मिलाकर 41 मानव शवाधान ज्ञात हुए हैं। इन शवाधानों में से 5 शवाधान युग्म शवाधान हैं और एक शवाधान में 3 मानव कंकाल एक साथ दफनाए हुए मिले हैं। शेष शवाधानों में एक-एक कंकाल मिले हैं।

9. खाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी –
U.P.P.C.S. (Mains) 2005
(a) नवपाषाण काल में
(c) पुरापाषाण काल में
(b) मध्यपाषाण काल में
(d) प्रोटोऐतिहासिक काल में

उत्तर- (a)
खाद्यान्नों का उत्पादन सर्वप्रथम नवपाषाण काल में हुआ। यही वह समय है, जब मनुष्य कृषि कर्म से परिचित हुआ।

10. प्रथम मानव जीवाश्म भारत की किस नदी घाटी से प्राप्त हुआ था ?
66th B.P.S.C. Re-Exam 2020
(a) गंगा नदी
(b) यमुना घाटी
(c) नर्मदा घाटी
(d) ताप्ती घाटी

उत्तर- (c)
भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा क्षेत्र में अवस्थित ‘हथनौरा’ (होशंगाबाद) नामक पुरास्थल से प्राप्त हुआ । इसकी खोज पुरातत्वविद् अरुण सोनकिया द्वारा 5 दिसंबर, 1982 में किया गया था।WhatsApp Button

11. मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था-
U.P.P.C.S. (Pre) 1997
(a) गेहूं
(b) चावल
(c) जौ
(d) बाजरा

उत्तर-(c)
आधुनिक मानव समाज द्वारा मुख्य रूप से 8 खाद्य अनाजों का उपभोग किया गया है-जौ, गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, सोरघम, राई एवं जई। अनाजों के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में जंगली घास के रूप में विद्यमान थे, जिन्हें बीजों के रूप में अलग-अलग क्षेत्र में, अलग-अलग समय पर मानव ने उगाया। वैश्विक दृष्टि से देखा जाए तो सर्वप्रथम जौ (Bar- ley) 8000 ई.पू. के आस-पास भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देश में मानव द्वारा उगाया गया। बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई.पू. के आस-पास ही गेहूं (Wheat) भी उगाया जाने लगा।

12 भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
U.P. Lower Sub. (Pre) 2004, U.P. Lower Sub. (Pre) 2008
(a) कोलडिहवा से
(b) लहुरादेव से
(c) मेहरगढ़ से
(d) टोकवा से

उत्तर-(b)
नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ ( पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।

13. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
U.P.P.C.S. (Mains) 2010
(a) ब्रह्मगिरि से
(b) बुर्जहोम से
(c) कोलडिहवा से
(d) मेहरगढ़ से

उत्तर- (d)
नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ ( पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।

14. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं ?
U.P.P.C.S. (Mains) 2007
(a) लोथल
(c) मेहरगढ़
(b) हड़प्पा
(d) मुंडिगाक

उत्तर-(c)
नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ ( पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।

15. नवपाषाण युग में भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में निम्नलिखित में से किस स्थान पर कृषि के अभ्युदय के प्रारंभिक प्रमाण प्राप्त हुए हैं?
Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2017
(a) मुंडिगाक
(b) मेहरगढ़
(c) दम्ब सादत
(d) बालाकोट
(e) अमरी

उत्तर-(b)
नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ ( पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।

Join us on Telegram

16. भारत में पशुपालन एवं कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
64th B.P.S.C. (Pre) 2018
(a) अंजिरा से
(b) दम्ब सदात से
(c) किली गुल मोहम्मद से
(d) मेहरगढ़ से
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक

उत्तर- (d)
नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ ( पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (इलाहाबाद जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर पूर्व की भांति होगा।

17. उस स्थल का नाम बताइए, जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण मिले हैं ?
U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008
(a) धौलावीरा
(c) कालीबंगा
(b) किली गुल मोहम्मद
(d) मेहरगढ़

उत्तर- (d)
दिए गए विकल्पों में प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण सर्वप्रथम बलूचिस्तान के कच्छी मैदान स्थित मेहरगढ़ से मिले हैं। जिसकी प्रामाणिक तिथि सातवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व (7000 ई.पू.) है। जबकि किली गुल मोहम्मद एवं कालीबंगा की प्राचीनतम तिथि क्रमश: 4000 ई.पू. एवं 3500 ई.पू. है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

18. निम्नलिखित में से किन स्थानों से मध्यपाषाण काल में पशुपालन के प्रमाण मिलते हैं?
U.P.P.C.S. (Pre) 2018
(a) औदे
(b) बोरी
(c) बागोर
(d) लखनियां

उत्तर-(c)
मध्यपाषाण काल से पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। पशुपालन के प्रारंभिक साक्ष्य मध्य प्रदेश में होशंगाबाद के निकट आदमगढ़ पुरास्थल और राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित बागोर से मिलते हैं।

19. आहड़ सभ्यता के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
R.AS./R.T.S. (Pre) 2021
1. आहड़वासी तांबा गलाना जानते थे।
2. ये लोग चावल से परिचित नहीं
3. धातु का काम आहड़वासियों की अर्थव्यवस्था का एक साधन था।
4. यहां से काले-लाल रंग के मृद्भांड मिले हैं, जिन पर सामान्यतः सफेद रंग से ज्यामितीय आकृतियां उकेरी गईं हैं।

सही विकल्प का चयन कीजिए-
(a) 1, 3 एवं 4 सही हैं।
(c) 1, 2 एवं 3 सही हैं।
(b) 1 एवं 2 सही हैं।
(d) 3 एवं 4 सही हैं।

उत्तर- (a)
अहाड़ दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में स्थित एक प्रमुख ताम्र पाषाणिक संस्कृति का स्थल है। अहाड़ संस्कृति के लोग मूलतः कृषक एवं पशुपालक थे। वे गेहूं, जौ तथा चावल से परिचित थे। अहाड़ का एक अन्य नाम ‘तांबवती’ (तांबा वाला स्थान) भी मिलता है, जिससे सूचित होता है कि यहां तांबा बहुतायत में उपलब्ध था। यहां के निवासी तांबे को गलाकर मनचाही वस्तुएं तैयार करते थे। धातु का काम अहाड़वासियों की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख साधन था। यहां से काले-लाल रंग के मृद्भांड की प्राप्ति हुई है, जिन पर सामान्यत: सफेद रंग से ज्यामितीय आकृतियां उकेरी गई हैं।

20. निम्न में से किस एक पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं ?
U.P.P.C.S. (Pre) 2008
(a) आम्री
(b) मेहरगढ़
(c) कोटदीजी
(d) कालीबंगा

उत्तर-(b)
बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में स्थित पुरास्थल मेहरगढ़ से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।

21. निम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है ?
44th B.P.S.C. (Pre) 2000
(a) पुरापाषाण युग
(b) नवपाषाण युग
(c) ताम्रपाषाण युग
(d) लौह युग

उत्तर-(c)
ताम्रपाषाण युग को चालकोलिथिक (कैल्कोलिथिक) युग भी कहा जाता है।

Note : पाषाण काल के इन Questions  को तैयार करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है। फिर भी अगर कोई गलती मिलती है, तो कमेंट बॉक्स में हमें इससे अवगत कराएं। हमारी टीम जल्द से जल्द उसे ठीक कर देगी।

For more QuestionsClick Here
download button

Offer

🔥Great Deals on Smartphone🔥 

  📱 Shop Now or Never Offer
📣 Great deals on Smartphones

👉  Shop Now

⚡️Breaking News
📱  Samsung Galaxy M34 5G

⚡️At Rs 2,499/month
-50 MP no shake camera at lowest price

 👉  Shop Now

  📱 Samsung Galaxy S24 Ultra
⚡️Rs 1,44,999 Rs 1,39,999
⚡️Effective Price Rs 1,24,999*

-Live Translate & Circle to Search
-*Including bank offer

 👉  Shop Now

 

amazon Prime Video

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Your score is

The average score is 33%

0%

  Exams

  Subjects

Offer

🔥Great Deals on Smartphone🔥 

  📱 Shop Now or Never Offer
📣 Great deals on Smartphones

👉  Shop Now

⚡️Breaking News
📱  Samsung Galaxy M34 5G

⚡️At Rs 2,499/month
-50 MP no shake camera at lowest price

 👉  Shop Now

  📱 Samsung Galaxy S24 Ultra
⚡️Rs 1,44,999 Rs 1,39,999
⚡️Effective Price Rs 1,24,999*

-Live Translate & Circle to Search
-*Including bank offer

 👉  Shop Now

 

amazon Prime Video

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Reasoning Questions

Your score is

The average score is 33%

0%

Job, Recruitment, Naukri

सरकारी नौकरी

Get Job Alert, Admit Card, Answer Key, Result etc.

2 thoughts on “Stone Age Previous Year Question”

  1. सुनिधि

    बहुत ही उपयोगी जानकारी, बहुत आभार जानकारी बांटने के लिए।
    धन्यवाद…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 4

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Scroll to Top