Tissue PYQ
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– UPSC Previous Year Question
– SSC Old Papers Hindi
– Railway Exam Memory-Based Questions
– CTET, RPSC, Patwar, REET, Police Old Questions
– TET (Teacher Eligibility Test) Questions
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ऊतक
1. ऊतक है एक-
(1) पेपर का प्रकार
(2) दवा
(3) समान कोशिकाओं का समूह
(4) कपड़े की किस्म
Ans. (3)
व्याख्या :
ऐसी कोशिकाओं के समूह जो संरचना, आकृति, उत्पत्ति एवं कार्य में एक समान होते हैं, उन्हें ‘ऊतक’ कहा जाता है। पादप शरीर कोशिकाओं का बना होता है। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक बनाती हैं। ऊतकों का अध्ययन औतिकी (Histology) कहलाता है। ‘ऊतक’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांसीसी शरीर वैज्ञानिक बिशैट (Bichat) ने 18वीं शताब्दी में शरीर-रचना विज्ञान के प्रसंग में किया था।
2. ऊतक (Tissue) शब्द का सर्वप्रथम उपयोग करने वाला वैज्ञानिक था-
(1) मेयर (Mayer)
(2) मैल्पीघी (Malpighi)
(3) बिशैट (Bichat)
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (3)
3. पादपों में जायलम ऊतक किसके लिए उत्तरदायी है?
[जेल प्रहरी परीक्षा-29.10.2018 (Shift-1)](1) भोजन का वहन
(2) जल का वहन
(3) अमीनो अम्लों का वहन
(4) ऑक्सीजन का वहन
Ans. (2)
व्याख्या –
जाइलम एक ऐसा जटिल स्थाई ऊतक है जो संवहन बंडल के अन्दर पाया जाता है। पौधों में जल का परिवहन जाइलम ऊतक द्वारा होता है। जाइलम अवशोषित जल को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है। रसारोहण की क्रिया जाइलम के भीतर से होती है। खाद्य पदार्थों के परिवहन का कार्य फ्लोएम द्वारा किया जाता है।
4. पौधों में फ्लोएम का कार्य क्या होता है?
[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-15.07.2018(11)](1) पत्तियों से पौधे के अन्य भागों में भोजन का परिवहन
(2) पत्तियों से पौधे के अन्य भागों में पानी का परिवहन
(3) पत्तियों से पौधे के अन्य भागों में रोशनी का परिवहन
(4) पत्तियों से पौधे के अन्य भागों में सोडियम का परिवहन
Ans. (1)
व्याख्या –
फ्लोएम पौधों में पाया जाने वाला एक संवहन ऊतक है। यह एक जटिल स्थाई ऊतक है। यह संवहन वंडल के अन्दर पाया जाता है। फ्लोएम पौधों में पत्तियों से भंडारण अंगों और पौधों के बढ़ते भागों में भोजन और पोषक तत्त्वों का परिवहन करता है।
5. पौधों में जल का परिवहन किसके माध्यम से होता है?
(1) कैम्बियन
(2) फ्लोएम
(3) इपीडर्मिस
(4) जाइलम
Ans. (4)
6. वृक्कीय नली तथा लार ग्रन्थि की नली के अस्तर का निर्माण कौनसा ऊतक करता है?
[ग्राध्यापक (संस्कृत शिक्षा)-14.12.2020](1) घनाकार एपिथीलियम
(2) स्तंभाकार एपिथीलियम
(3) शल्की एपिथीलियम
(4) स्तरित एपिथीलियम
Ans. (1)
व्याख्या –
वृक्कीय नली तथा लार ग्रंथि की नली के अस्तर का निर्माण घनाकार एपिथीलियम (Cuboidal Epthelium) ऊतक करते हैं जो यांत्रिक सहायता प्रदान करते हैं तथा इनकी विभिन्न प्रकार के आघातों से सुरक्षा करते हैं।
7. कैलस (Callus) है?
[ACF & FRO (Forestry) – 25.2-.2021](1) भ्रूण बनाने वाला ऊतक
(2) एक अघुलनशील कार्बोहाइड्रेट
(3) ऊतक जो भ्रूणक बनने के लिए बढ़ता है।
(4) असंगठित सक्रिय रूप से विभाजित कोशिकाओं के द्रव्यमान को कल्चर (Culture) में बनाये रखना।
Ans. (4)
व्याख्या –
ऊतक संवर्धन तकनीक में पौधे के ऊतक अथवा उसकी कोशिकाओं को पौधे के शीर्ष के वर्धमान भाग से पृथक कर नए पौधे उगाए जाते हैं। इन कोशिकाओं को कृत्रिम पोषक माध्यम में रखा जाता है जिसमें कोशिकाएँ विभाजित होकर अनेक कोशिकाओं का छोटा समूह बनाती हैं, जिसे कैलस कहते हैं।
8. निम्न में से एक सरल ऊतक है?
[REET (L-II)-23.7.2022](1) जाइलम
(2) फ्लोएम
(3) स्केलेरेनकाइमा
(4) इनमें से कोई नहीं
Ans. (3)
व्याख्या
:सरल ऊतक (Simple tissues): इन ऊतकों की रचना एक ही प्रकार की कोशिकाओं से होती है। ये समांग (Homogenous) समूह के रूप में पाए जाते हैं। ये ऊतक तीन प्रकार के होते है।
(i) मृदूतक (Parenchyma) : इस ऊतक की कोशिकायें जीवित होती है। इनकी कोशिका भित्ति पतली तथा मुख्य रूप से सैल्यूलोज से बनी होती है। ये कोशिकायें गोल (Spheri-cal), अण्डाकार (Oval), आयताकार (Rectangular), बहुभुजाकार (Polygonal) इत्यादि आकार वाली होती है।
(ii) स्थूलकोण ऊतक (Collenchyma) : इस ऊतक की कोशिकायें जीवित होती हैं। कभी-कभी इनमें हरित लवक भी पाए जाते हैं। अधिकतर इनके बीच में अन्तराकोशिक स्थल नहीं पाए जाते है। ये कोशिकायें बहुभुजीय अथवा गोलाकार होती हैं। इनकी लम्बाई अधिक होती है तथा सिरे गोल अथवा नुकीले होते है। इनकी कोशिका भित्ति अनियमित रूप से स्थूल (Thickened) होती है। भित्ति का स्थूलन विशेषकर कोणों (Angles) में अधिक होता है। भित्ति में कुछ सरल गर्त पाए जाते है।
(iii) दृढ़ोतक (Sclerenchyma) : • इनकी कोशिकायें लम्बी, संकरी तथा दोनों सिरों पर नुकीली होती है। इनकी कोशिका भित्ति समान रूप से मोटी तथा लिग्निनयुक्त (Lignified) होती है। मोटी भित्ति में अनेक सरल गर्त पाए जाते है। परिपक्व कोशिकायें दृढ़, कठोर, जीवद्रव्य रहित व मृत होती है।
2. जटिल ऊतक (Complex tissues) : ये ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बनते हैं। ये कोशिकायें इकाई की तरह कार्य करती हैं तथा किसी एक विशिष्ट कार्य को सामूहिक रूप से क्रियान्वित करती है। जटिल ऊतक के प्रमुख उदाहरण, जाइलम तथा फ्लोएम है।
9. जटिल ऊतक का उदाहरण है-
(1) पैरेन्काइमा
(2) कॉलेन्काइमा
(3) संवहन ऊतक
(4) स्क्लेरेन्काइमा
Ans.(3)
10. निम्नलिखित में से सूक्ष्म पोषक तत्त्वों को पहचानें –
[Nurse-03.02.2024]1. प्रोटीन
2. कैल्शियम
3. लौह तत्व
4. वसा
(1) केवल 1 और 2
(2) केवल 1 और 4
(3) केवल 3 और 4
(4) केवल 2 और 3
Ans. (4)
व्याख्या –
पौधों को आवश्यक मात्रा के आधार पर दो व्यापक श्रेणियों में बाँटा गया है।
(1) वृहत् पोषकः वृहत् पोषकों को सामान्यतः पादप के शुष्क पदार्थ का 1 से 10 मिग्राम/लीटर की सांद्रता से विद्यमान होना चाहिए। इस श्रेणी में आने वाले तत्व हैं-कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस सल्फर, पोटैसिायम, कैल्सियम और मैग्नेसियम । इनमें से कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन मुख्यतया CO, एवं H₂O से प्राप्त होते हैं जबकि दूसरे मृदा से खनिज के रूप में अवशोषित किए जाते हैं।
(2) सूक्ष्म पोषकः सूक्ष्म पोषकों अथवा लेशमात्रिक तत्वों की अनिवार्यता अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में होती है (0.1 मि.ग्राम/लीटर शुष्क भार के बराबर या उससे कम)। इनके अंतर्गत लौह, मैग्नीज, तांबा, मोलिब्डेनम, जिंक, बोरोन, क्लोरीन और निकिल सम्मिलित हैं।
11. एक कार्य प्रदान करने के लिए ऊतकों के संग्रह को ………के नाम से जाना जाता है-
[PSI (मोटर वाहन) – 12.02.2022](1) अंग
(2) ऊतक
(3) कोशिकाएँ
(4) मांसपेशी
Ans. (1)
12. आंत्र श्लेष्मा उपकला की कौनसी कोशिकाएँ श्लेष्मा का स्राव करती है?
[III Grade (L-II) -25.2.2023](1) मुख्य कोशिकाएँ
(2) गोब्लेट कोशिकाएँ
(3) पेप्टिक कोशिकाएँ
(4) आक्सिन्टिक कोशिकाएँ
Ans. (2)
व्याख्या –
गॉब्लेट कोशिकाएँ एक स्रावी उपकला कोशिका वंश हैं जो छोटी और बड़ी दोनों आंतों में पाई जाती हैं। इन कोशिकाओं का प्राथमिक कार्य श्लेष्मा स्रावित करना और एक सुरक्षात्मक बलगम परत बनाना है।
13. ऊतकों में डी.एन.ए. स्थानान्तरण की कणिका बन्दूक विधि का सामान्य नाम है-
[CET – 11.2.2023 (S-II)](1) शॉटगन विधि
(2) शॉटपुट विधि
(3) शॉटब्लास्ट विधि
(4) मिसाइल विधि
Ans. (1)
व्याख्या –
शॉटगन विधि में वांछित डीएनए से आवृत अथवा विलोपित सरवन अथवा टंगस्टन के सूक्ष्म कणों को प्रोजेक्टाइल की सहायता से उच्च वेग से लक्ष्य कोशिकाओं में दाग दिया जाता है। जिससे श्रवण युक्त डीएनए कोशिका के अंदर प्रवेश कर जाता है।
14. सुमेलित कीजिए-
[II Grade Teacher Sans. Dept. – 18.2.2019]A. उपास्थ्यणु 1. तंत्रिका ऊतक
B. वसा कोशिकाएँ 2. ऐच्छिक पेशी तंतु
C. मायोफाइब्रिल 3. उपास्थि
D. तंत्रिकाक्ष 4. अस्थि
E. परिअस्थिका 5. वसा ऊतक
कूट:
ABCDE
(1) 2 3 5 4 1
(2) 4 5 1 2 3
(3) 3 5 2 1 4
(4) 5 1 4 2 3
Ans. (3)
व्याख्या –
उपास्थि में पायी जाने वाली पर्युपास्थि (Peri-chondrium) में उपास्थिकोरक (Chondroblast) कोशिकाओं से बनने वाले अणु उपास्थ्यणु (Chondrocyte) कहलाते हैं। वसा ऊतक, वसा कोशिकाओं व अन्य कोशिकाओं तथा तन्तु द्वारा निर्मित होता है तथा यह देह का खाद्य भण्डार है। ऐच्छिक पेशी तंतु पेशी द्रव्य में पाये जाने वाले सूक्ष्म पेशी तंतुक (Myofibrils) हैं जो कि पुनरावर्तिक क्रम में एक दूसरे के समांतर व्यवस्थित रहते हैं।
तंत्रिकाक्ष (Axon) तंत्रिका कोशिका में पाये जाने वाली प्रवर्ध है जो संवेदनाओं को कोशिकाकाय से दूर ले जाती है। अस्थि जिस रेशेदार योजी ऊतक के द्वारा आवरित रहती है वह परिअस्थिका (Periosteum) कहलाती है।
15. पादप संवर्धन की किस तकनीक से विषाणु रहित पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं?
[महिला पर्यवेक्षक- 6.1.2019](1) रोमिल मूल संवर्धन
(2) विभाज्योतक संवर्धन
(3) आसंधि संवर्धन
(4) अण्डाशय संवर्धन
Ans. (2)
व्याख्या –
पादप ऊत्तक दो प्रमुख प्रकार के होते हैं –
1. विभाज्योतक (Meristematic) तथा
2. स्थाई ऊतक या अविभाज्योतक। विभाज्योतकों में विभाजन क्षमता पाई जाती है। यह ऊत्तक पौधे में वृद्धि और विकास के लिए उत्तरदायी होता है ।
16. कौनसा कथन प्राणियों में स्तम्भ कोशिकाओं के प्रत्यारोपण के संदर्भ में असत्य है?
[RAS Pre. -2007](1) ये प्राणी में जीवन भर स्वयं गुणन करती है।
(2) ये अंगों के क्षतिग्रस्त ऊत्तकों की मरम्मत करती है।
(3) ये एक या अधिक प्रकार की विशिष्ट कोशिकाओं को बनाने की क्षमता रखती है।
(4) ये केवल भ्रूण में पायी जाती है।
Ans. (4)
व्याख्या –
स्तम्भ कोशिका (स्टेम सेल) या मूल कोशिका ऐसी कोशिकाएं होती है, जिसमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है। जीव- वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता हैं जैसे यदि हृदय या आँख की कॉर्निया की कोशिकाएँ खराब हो जाए, तो उन्हें भी स्तम्भ कोशिकाओं द्वारा विकसित कर प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
स्तम्भकोशिकाओं को स्रोत या उनकी अवस्थिति के आधार पर इस प्रकार वर्गीकृत कर सकते हैं- भ्रूणीय स्तम्भ कोशिकाएँ (ये कोशिकाएं भ्रूण में पायी जाती है), भ्रूणीयजन कोशिकाएँ (भ्रूणों के वृषण या अण्डाशय में पायी जाने वाली कोशिकाएं, जिसमें ये विकसित होते हैं), गर्भ स्तम्भ कोशिकाएँ (ये कोशिकाएँ वयस्क भ्रूण, जिनमें नाक-नक्श दिखने लगते हैं, उनमें पायी जाती है, इन्हें फीट्स स्तम्भ कोशिकाएँ भी कहते हैं), वयस्क स्तम्भ कोशिकाएँ (वयस्कों के शरीर में पायी जाने वाली कोशिकाएँ, जो क्षमता के बहुक्षम होती है, यानि विभाजन से अपने जैसी कोशिकाएँ बनाने के अलावा कुछ अन्य प्रकार की कोशिकाएँ भी बना सकती है), कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है, जो प्रायः स्वतः जनन की सामर्थ्य रखती है।
17. एकमात्र प्रकार की आदि अपरिपक्व कोशिकाएँ होती हैं जिनमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होने की असाधारण क्षमता होती है।
[कनिष्ठ लेखाकार-11.02.2024](1) स्टेम कोशिकाएँ
(2) उपकला कोशिकाएँ
(3) अधिचर्म कोशिकाएँ
(4) आदि कोशिकाएँ
Ans. (1)
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